उत्तर प्रदेश को मिली 15 वर्षों पश्चात् बहुत बड़ी सौगात

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भारत में सबसे तीव्र गति से विकास करने वाला एक्सप्रेस प्रदेश बन रहा है उत्तर प्रदेश और इस कड़ी में एक और हीरा जुड़ने वाला है। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर गाड़ीयाँ ही नहीं अपितु लड़ाकू विमानों को भी दौड़ाने वाला ऐसा ही एक और एक्सप्रेसवे का शिलान्यास हो रहा है।

देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक तथा उत्तर प्रदेश की अति प्रतीक्षित परियोजना का शिलान्यास अंततः 15 वर्षों पश्चात अब सुनिश्चित हो गया है। तथा इस प्रवेश नियंत्रित मार्ग गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर कार्य ने गति पकड़ ली है।

उत्तर प्रदेश को एक और एक्सप्रेस-वे का उपहार मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 दिसंबर को शाहजहांपुर जिले में गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का शिलान्यास कर रहे हैं। इस समयावधि में वह रेलवे ग्राउंड पर जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

बता दें की उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 36,230 करोड़ रुपये की लागत से 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की स्वीकृति पिछले साल 26 नवंबर को दी थी। इस एक्सप्रेस-वे पर भी वायुसेना के विमानों के आपातकालीन टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जाएगी। यह हवाई पट्टी शाहजहांपुर जिले में बनाई जानी है।

गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में मील का पत्थर साबित होने वाला है। पूर्वी उत्तर प्रदेश से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक सूत्र में पिरोने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे सीधे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से जुड़ेगा। महत्वपूर्ण यह है कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जब भूमि क्रय की जा रही थी, उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर पीक पर थी। इसके पश्चात भी मात्र एक वर्ष में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 83 हजार किसानों से 94 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण हो चुकी है।

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अब तक कुल 82,750 किसानों से भूमि अधिग्रहण हुई है। यही नहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए एक्सप्रेस वे के किनारे लगभग 18,55,000 पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही परियोजना में अधिग्रहित भूमि पर सोलर पावर के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन भी होगा, जिससे परियोजना के संचालन के लिए आवश्यक ऊर्जा की पूर्ति होगी।

परियोजना के निर्माण कार्य की जानकारी के लिए बता दें की मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण अडानी इंटरप्राइजेज और आइआरबी इन्फ्राट्रक्चर डेवलपर्स करेंगे। बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से चयनित हुईं इन कंपनियों के चयन पर बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भी मुहर लग गई।

मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का दायित्व अडानी समूह और आईआरबी को दिया गया है। इस प्रक्रिया में कुल तीन कंपनियों ने बोली लगाई थी। जिसमें कि पहले चरण में मेरठ से अमरोहा तक का काम आईआरबी को मिला है। अमरोहा से प्रयागराज तक तीन चरणों का काम अडानी समूह करेगा। उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने पूरे प्रोजेक्ट को 12 पैकेज और चार ग्रुप में बांटा है। तथा इसका निर्माण चार चरणों में होगा जो है :
ग्रुप 1 – मेरठ से अमरोहा, 129 किमी (आईआरबी)बोली – 1782 करोड़ रुपये
ग्रुप 2 – बदायूं से हरदोई, 151 किमी (अडानी इंटरप्राइजेज)बोली – 1950 करोड़ रुपये
ग्रुप 3 – हरदोई से उन्नाव, 155 किमी (अडानी इंटरप्राइजेज)बोली – 2197 करोड़ रुपये
ग्रुप 4 – उन्नाव से प्रयागराज, 156 किमी (अडानी इंटरप्राइजेज)बोली – 2099 करोड़ रुपये

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गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आधे से अधिक एक्सप्रेस-वे पश्चिम यूपी के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर जिले से गुजर रहा है। गंगा एक्सप्रेस वे यूपी से पूर्वांचल को कनेक्ट करेगा। यह एक्सप्रेस-वे यूपी के 12 जिलों मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं , शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और रायबरेली से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेस-वे 519 गांवों को भी जोड़ेगा।

बता दें की गंगा एक्सप्रेस-वे पर आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर जिले में एक हवाई पट्टी भी बनाई जानी है। साथ ही लोगों की सुविधाओं के लिए इस एक्सप्रेसवे पर नौ जनसुविधा केंद्र, सात रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु और 381 अंडरपास बनाया जाएगा। एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश और निकासी के लिए 17 स्थानों पर इंटरचेंज सुविधा भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त परियोजना के आस-पास के गांवों के निवासियों की सुविधा के लिए सर्विस रोड भी बनाया जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि गंगा एक्सप्रेस-वे से विभिन्न औद्योगिक इकाइयों और यूपी के किसानों द्वारा किए गए उत्‍पादन को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए एक कॉरिडोर का भी विकास होगा। यह खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडार गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना की राह आसान करेगा।

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यदि इस एक्सप्रेसवे पर यातायात की गति की जानकारी दें वह होगी 120 किलोमीटर प्रतिघंटा जिसके अनुसार इसे डिजाइन किया गया है। अर्थात 120 की गति से इस 6 लेन के एक्सप्रेसवे पर गाड़ीयाँ दौड़ सकेंगी। तथा इस एक्सप्रेसवे का निर्माण इस प्रकार से किया जाएगा कि भविष्य में 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा।

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के मेरठ के बिजौली गांव के पास से आरंभ होकर प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव में समाप्त होगा। तथा सबसे महत्वपूर्ण की उत्तर प्रदेश को पूर्वांचल एक्सप्रेस के उद्घाटन के पश्चात कुछ ही दिनों में एक और नये एक्सप्रेसवे की सौगात मिल रही है। बता दें की गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए शिलान्यास 18 दिसंबर में प्रधानमंत्री द्वारा हो रहा है। तथा आरंभ होने के अगले 36 महीनों के भीतर इसके पूरा होने की आशा है।

जानकारी के लिए बता दें की गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों तथा 519 गांवों से जुड़ेंगी। और यदि इन सभी 12 जिलों में गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई की इस प्रकार से है।
1. मेरठ में 15 किलोमीटर
2. हापुड़ में 33 किमी
3. बुलंदशहर में 11 किमी
4. अमरोहा में 26 किमी
5. संभल में 39 किमी
6. बदायूं में 92 किमी
7. शाहजहांपुर में 40 किमी
8. हरदोई में 99 किमी
9. उन्नाव 105 किमी
10. रायबरेली में 77 किमी
11. प्रतापगढ़ में 41 किमी और
12. प्रयागराज में 16 किलोमीटर

तथा गंगा एक्सप्रेसवे पर यदि 120 किमी प्रति घंटे गति से यात्रा करी जाए तो भविष्य में दिल्ली और प्रयागराज के मध्य यात्रा के समय को 10 से 11 घंटे से घटाकर मात्र 6 से 7 घंटे में ही कर लिया जा सकेगा।

तथा वर्तमान भारत की एक महत्वपूर्ण समस्या का भी कुछ हद तक समाधान होगा और वह है रोजगार। बता दें की इस गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के अंतर्गत लगभग 140 नदी, धारा, नहर और नाला सम्मिलित हैं। तथा जो आरओबी, पुल, फ्लाईओवर आदि का निर्माण होना है। उन निर्माण से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। एक अनुमान है कि परियोजना के निर्माण के समयावधि में लगभग 12000 व्यक्तियों को अस्थाई रूप से काम मिलेगा। तथा टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 1000 व्यक्तियों को स्थाई आधार पर भी रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त गंगा एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक कॉरिडोर बनेंगे जहाँ पर उद्योग लगेंगे। इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।

आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे व गंगा एक्सप्रेसवे की सौगात मिलेगी जिसे की यूपीडा तैयार कर रही है तथा बलिया लिंक एक्सप्रेसवे, कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे, दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे तथा मेरठ दिल्ली एक्सप्रेसवे की भी सौगात मिलेगी जिसपर की NHAI काम कर रही है। इन सभी एक्सप्रेसवे के निर्माण के पश्चात उत्तर प्रदेश में परिवहन अत्यंत सरल हो जाएगा। तथा आने वाले दो से तीन वर्षों के भीतर यह सभी एक्सप्रेसवेज़ उत्तर प्रदेश को मिल जाएंगे।

मित्रों यदि आपको वीडियो में दी हुई गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी पसंद आई हो तो वीडियो को लाईक कर हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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