अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण ने पकड़ी तूफ़ानी रफ़्तार
Getting your Trinity Audio player ready...
|
Ayodhya : मित्रों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि देश के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर का निर्माण हो रहा है। जो भारत व हिंदुत्व के मान व सम्मान से भी जुड़ा है। इन्हीं महत्ता को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला के दिव्य भव्य मंदिर (Ram Mandir Nirman Ayodhya) का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है।
श्री राम मंदिर के निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी हेतु बता दें कि निर्माणाधीन गर्भगृह में महापीठ का 14 फिट ऊंचाई तक निर्माण पूरा हो चुका है। इसी महापीठ पर भगवान की प्रतिष्ठा होनी है। अब रामलला के दर्शन को जाते समय बैरीकेडिंग से ही मंदिर की प्रगति देख भक्त अभिभूत हो रहे हैं।
Read Also
सोच से परे है CM योगी का विकास मॉडल, बनेगा Prayagraj Ropeway व London Wheel भी
वाराणसी कोलकाता बुलेट ट्रेन पर बिहार को मिली दोहरी खुशखबरी
जानकारी हेतु बता दें कि निर्माण स्थल पर सबसे पहले गर्भगृह स्थल के चारों ओर 350 गुणा चार सौ फिट गुणा 50 फिट लंबे-चौड़े व गहरे गड्ढे की खुदाई कर डेढ़ लाख घनफिट मलबा निकाला गया। पुनः विशेष विधि से परत दर परत गड्ढे की पटाई की गई। इसके पश्चात दक्षिण भारत के ग्रेनाइट से 21 फिट ऊंचे प्लिंथ फाउंडेशन का निर्माण कराया गया। और अब इसके ऊपर 20 फिट ऊंचाई में सुपर स्ट्रक्चर (मुख्य मंदिर का निर्माण होना है। इस मुख्य मंदिर के कई भाग हैं। जिसमें गर्भगृह, गूढ़ मंडप, नृत्य मंडप व रंगमंडप एवं अग्र भाग सहित सिंहद्वार (प्रवेशद्वार) सम्मिलित हैं। इसी कड़ी में गर्भगृह में महापीठ का निर्माण 14 फिट पूरा हो गया है।
Ayodhya अयोध्या का श्री राम जन्मभूमि मंदिर शिल्प कला का भी अद्भुत उदाहरण होगा। इसके निर्माण के पहले देश के बड़े प्रमुख मंदिरों के निर्माण की शैली को समझा गया और उसके पश्चात निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों और इंजीनियरों ने पूरा खाका तैयार किया है। मंदिर के निर्माण में ईंट और लोहे का प्रयोग नहीं हो रहा है। पूरा मंदिर पत्थरों से सज्ज किया जा रहा है। जो एक के ऊपर एक खांचों में फिक्स हो रहे हैं। इसके लिए 475000 घनफिट पत्थरों का प्रयोग किया जाएगा। इतने पत्थर केवल श्री राम मंदिर के निर्माण में लगेंगे इसके अतिरिक्त रिटेनिंग वॉल और परकोटे में लगने वाले पत्थर अतरिक्त होंगे।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंदिर के भूतल में 161 पिलर लगने हैं और अब पिंक सैंड स्टोन से तैयार मंदिर के पिलर को खड़ा करने का कार्य भी आरंभ हो गया है, जो आगे के दिनों में पूरी मंदिर के फर्श पर खड़े दिखाई देगें। वहीं, गर्भगृह में लगने वाले पिलर संगमरमर के हैं। चूंकि गर्भगृह अष्टकोणीय है, इसलिए इसमें 8 संगमरमर के पिलर लगेंगे।
Read Also
बन रहा है माता का नया धाम, CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट Vindhya Corridor सुपर स्पीड में
अयोध्या में Bhakti Marg Nirman कार्य ने पकड़ी रफ्तार, जानें क्यों हुआ Ayodhya में विरोध
इसके अतिरिक्त परकोटा में भी पिक सैंड स्टोन लगेंगे। परकोटा में बनने वाले परिक्रमा मार्ग की चौड़ाई 14 फुट और लंबाई 800 मीटर की है। परकोटा का निर्माण दिसंबर में ही आरंभ होना है। इसके अतिरिक्त एक ओर परकोटा निर्माण के लिए पश्चिम दिशा में मिट्टी पटाई का कार्य चल रहा है तो दूसरी ओर यात्री सुविधा केंद्र के लिए भूमि समतलीकरण भी चल रहा है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि राम मंदिर निर्माण के साथ राम मंदिर समेत 70 एकड़ अधिग्रहीत परिसर एवं विस्तारित क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर डबल बेरीकेडिंग का काम भी समानांतर चल रहा है। बैरीकेडिंग को डबल लेयर बनाने के लिए राम मंदिर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में शांति भवन से लेकर गोकुल भवन के पहले तक 50 मीटर लंबाई में गहरी नींव खोदी गयी। अब नींव भराई के पश्चात इस पर लोहे की बैरीकेडिंग लगाई जा रही है।
ज्ञातव्य है कि छह दिसम्बर 1992 की शौर्य गाथा के पश्चात सात जनवरी 1993 को सरकार ने अयोध्या विशेष एक्यूजीशन एक्ट के अन्तर्गत 2.77 एकड़ विवादित परिसर सहित निकटवर्ती 70 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिया था। इसके साथ अधिग्रहीत परिसर की परिधि के बाहर बैरीकेडिंग भी कराई गई थी।
Read Also
देखिये अयोध्या में विकास से पहले का विनाश – Ram Path Marg Ayodhya
खुशखबरी, वाराणसी टेंट सिटी की शुरू हुई बुकिंग – अभी जानें
अब हम आपको मंदिर निर्माण की और अधिक जानकारी हेतु बता दें कि रामलला के मंदिर का पहला मंजिल 20 फिट का है और फिर उसके ऊपर बीम रखे जाएंगे। प्रथम तल में लगने वाले पत्थरों की ऊंचाई 14 फीट तक आकार ले चुकी है।
यह भी बता दें कि बीते 17-18 दिसंबर को मंदिर निर्माण की समीक्षा बैठक हुई। और इसमें कई महत्वपूर्ण जानकारी निकल कर सामने आई है। और एक शुभ समाचार भी है।
बैठक के पश्चात ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि शीघ्र ही परकोटे का निर्माण आरंभ करा दिया जाएगा। इसके लिए परकोटा निर्माण स्थल पर खोदाई एवं जमीन समतलीकरण का कार्य आरंभ हो चुका है। बताया कि परकोटे के भीतर और परिक्रमा मार्ग पर चित्रावली बननी है। चित्रावली बनाने के लिए आइकनोग्राफी तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, इस पर सहमति बन गई है।
मंदिर के ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर के द्वार, चौखट, बाजू के निर्माण पर चर्चा हुई। राम मंदिर के निर्माण में कुल 12 दरवाजे लगने हैं। इसको लेकर सहमति बन गई है जिसके अनुसार महाराष्ट्र के टीक वुड अर्थात सौगान की लकड़ियों से मंदिर के द्वार आदि बनाए जाएंगे। फारेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट द्वारा सागौन की लकड़ी का सुझाव दिया गया था। महाराष्ट्र के फॉरेस्ट आफिसर द्वारा लकड़ी का सर्वे भी किया जा चुका है। विचार हो रहा है कि दरवाजे सीधे महाराष्ट्र से ही बनकर आएं।
इसके अतिरिक्त तीर्थयात्री सुविधा केंद्र का भी निर्माण शीघ्र ही आरंभ हो जाएगा। यही नहीं मंदिर में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। जिसमें की प्रकाश व्यवस्था विशेष होगी। तथा मंदिर में 24 घंटे रामधुन भी गूंजती रहेगी। मंदिर परिसर से एक बूंद पानी भी बाहर नहीं जाए, इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य भी आरंभ हो चुका है।
इसके अतिरिक्त गर्भगृह की फर्श मकराना के संगमरमर से सजेगी। मकराना के संगमरमर की आपूर्ति भी तीव्रता से संचालित है। इसमें मकराना का संगमरमर 35 मिमी मोटा होगा। इसमें नक्काशी भी की जाएगी जो 15 मिमी गहराई में होगी। और अप्रैल से फर्श में मकराना संगमरमर बिछाने व संगमरमर पर नक्काशी का कार्य आरंभ हो जाने की संभावना है।
अब हम आपको सबसे बड़ा शुभ समाचार बताएं तो वो यह है कि मंदिर के भूतल का निर्माण कार्य पूर्ण होने की निर्धारित तिथि दिसंबर 2023 तक नहीं अपितु श्री राम मंदिर निर्माण समिति ने विराजमान रामलला स्थल पर निर्मित हो रहे भव्य और दिव्य मंदिर को प्राण प्रतिष्ठा लायक बनाने की स्थिति में पहुंचाने का समय अब अक्टूबर 2023 निर्धारित कर दिया है। यह जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी है।
जी हां अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के भूतल का निर्माण समय से पहले होगा पूरापहले दिसंबर 2023 तक भूतल के बनकर तैयार होने की आशा थी। परंतु अब ट्रस्ट की ओर से बताया गया है कि दो महीने पूर्व अक्टूबर 2023 में ही हो जाएगा निर्माण।
Read Also
ऐसा है नव्य अयोध्या का पहला परिवर्तन – Common Building Code Ayodhya
भारत का नया एक्सप्रेसवे यात्रा समय को आधा से भी कम कर देगा
महत्वपूर्ण है कि वर्तमान समय में अब तक गर्भ गृह में 14 फीट ऊंचाई तक का निर्माण हो चुका है। यदि आप कितना हुआ मंदिर का निर्माण कार्य यह जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि राममंदिर के निर्माण का अब तक कुल 62 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी माह परकोटे का भी निर्माण आरंभ हो जाएगा।
इस अनुसार हमें यह लगता है कि चुकी दिसंबर 2023 के बजाए अक्टूबर 2023 तक मंदिर के भूतल का निर्माण कार्य पूर्ण हो रहा है। जिसमें की भगवान श्री राम लला को विराजमान किया जाएगा। तो उस प्रकार से पुनर्निर्धारित जनवरी 2024 से पहले ही नवंबर दिसंबर 2023 के मध्य में ही रामलला मंदिर में विराजमान होने की संभावना है। आपके इसपर क्या विचार हैं वह हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताएं।
हालांकि अभी इसके लिए तारीख और दिन का चयन नही हुआ है, परंतु मंदिर ट्रस्ट के सूत्रों की माने तो जनवरी के तीसरे सप्ताह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। क्योंकि मकर संक्रांति के पहले तक सूर्य दक्षिणायन में होंगे। जिस समय कोई शुभ कार्य नहीं हो सकता इसलिए मकर संक्रांति के पश्चात जब सूर्य उत्तरायण में हो जाएंगे, तो वैदिक ब्राह्मणों और धार्मिक विद्वानों से मंत्रणा के पश्चात उचित मुहूर्त निकाला जाएगा। इसी विशेष मुहूर्त पर रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें :-