सोच से परे है CM योगी का विकास मॉडल, बनेगा Prayagraj Ropeway व London Wheel भी
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इस पृथ्वी के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ मेले की छटा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में आसमान तक पहुंच गई है। और अब योगी राज में इस अद्भुत महाकुंभ मेले का अनुभव सीधा आकाश से मिलने वाला है (Prayagraj Ropeway).
संगम नगरी प्रयागराज में इस बार महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संगम का दृश्य कुछ विशेष प्रतीत देगा। प्रदेश की योगी सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। जो महाकुंभ दर्शन का अनुभव ही पूरा परिवर्तित कर देगी।
प्रयागराज में आयोजित होने वाला वर्ष 2025 का महाकुंभ अद्भुत एवं ऐतिहासिक होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से उन्होंने प्रयागराज में प्रदेश के शीर्ष अफसरों के साथ बैठक की और दिव्य और भव्य कुंभ का खाका खींचा। जिसमें उन्होंने मेले के लिए सरकारी खजाना खोल दिया है।
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बता दें कि महाकुंभ को सफल बनाने के लिए योगी ने 7800 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव बनाने को कहा है। महाकुंभ में कई नई व्यवस्थाओं का आरंभ होगा। इसमें रोपवे से संगम की सैर करने व मेट्रो जैसी सुविधाओं के आरंभ होने के संभावना भी हैं। महाकुंभ के पहले नगर प्रयागराज अपने नव्य स्वरूप में दिखेगा। यहां 2 से 3 फाइव स्टार होटल बनाने के लिए भी मंथन किया गया है।
यही नहीं मुख्यमंत्री ने 1000 इलेक्ट्रिक बसों के लगाए जाने की कार्य योजना बनाने को कहा है, ताकि यह नगर प्रदूषण मुक्त के रूप में आयोजित किया जा सके। इसके साथ ही साथ उन्होंने ई-रिक्शा संचालन की व्यवस्था किए जाने हेतु भी प्रस्ताव बनाये जाने के लिए कहा है। साथ ही लंदन व्हील की तर्ज पर संगम व्हील बनाने पर भी सहमति बनी। इससे महाकुंभ की भव्यता और बढ़ जाएगी।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को दिव्य, भव्य, स्वच्छ एवं ग्रीन रूप में आयोजित करने के लिए 2 लाख शौचालय की कार्ययोजना बनाए जाने के लिए कहा है। तथा 54 पार्किंग के लिए 2500 हेक्टेयऱ भूमि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त नगर में 300 से अधिक सड़कों का निर्माण होगा। तथा जाम की समस्या से बचने के लिए 9 फ्लाई ओवर व आरओबी बनेंगी।
महाकुंभ को यूनिक, अविस्मरणीय, ग्रीन, दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए हम हाई टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। आपको हम बता दें कि पीडब्ल्यूडी एवं एनएच को प्रयागराज से जोड़ने वाली सभी सड़कों को फोर लेन के रूप में बनाए जाने हेतु कहा गया है। जिसमें रायबरेली से प्रयागराज एवं अयोध्या से प्रयागराज आने वाली सड़क को फोर लेन के रूप में बनाने का निर्देश दिया। तथा पीडब्ल्यूडी एवं सेतु विभाग को आधे-अधूरे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने का निर्देश दिया।
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इन सब में जो सबसे रोमांचक है और जिसकी विशेष जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं उस रोपवे परियोजना की जानकारी हेतु बता दें कि प्रयागराज में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि, साधु संतों सहित श्रद्धालुओं व पर्यटकों को रोपवे की सेवा मिलेगी।
महाकुंभ-2025 में संगम दर्शन अलग हटकर हो सकेगा। इसके लिए केबल कार चलाई जाएगी। संगम पर रोपवे की महात्वाकांक्षी परियोजना को महाकुंभ से पहले पूरा किया जाना है। और इसे पीपीपी मॉडल पर चलाने की योजना बनाई गई है। महाकुंभ की परियोजनाओं में संगम पर रोपवे को सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है।
प्रयागराज रोपवे परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इसके लिए झूंसी से अरैल के मध्य तीन रोपवे स्टेशन बनाए जाएंगे। और इस योजना पर 60 करोड़ रुपये से अधिक खर्च आने का अनुमान है।
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पर्यटन विभाग की ओर से इसका खाका प्रस्तुत किया गया है। इसके अनुसार झूंसी में उल्टा किला, अरैल में त्रिवेणी पुष्प परिसर के अतिरिक्त सोमेश्वर महादेव के पास रोपवे स्टेशन बनाए जाएंगे।
सोमेश्वर महादेव के पास स्टेशन बनाने के लिए सर्वे कर लिया गया है। योजना के अनुसार सरकार इसके लिए भूमि उपलब्ध कराएगी। शेष कार्य ठेका लेने वाली कंपनी को करना होगा। किराया निर्धारण और केबल कार के संचालन की भी व्यवस्था कंपनी के जिम्मे ही होगी।पर्यटन विभाग की इस योजना के अंतर्गत केबल कार से एक बार में 20-25 यात्री संगम दर्शन कर सकेंगे।
इन स्टेशनों से मात्र 10 से 15 मिनट के भीतर पर्यटक संगम दर्शन कर सकेंगे। पीपीपी मॉडल पर तैयार होने वाली इस योजना के संचालन के लिए चुनिंदा और अनुभवी रोपवे संचालक कंपनियों से संपर्क किया गया है।
परियोजना से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इसे सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जा रहा है। पर्यटन विभाग की ओर से इसका पूरा खाका तैयार किया गया है। इस बार प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु अब केबल कार के जरिए संगम, अक्षयवट व सरस्वती कूप सहित माघ मेला और कुंभ मेला का दर्शन कर सकेंगे।
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इस परियोजना की विशेषता ये है कि, महाकुंभ से पहले रोपवे की योजना पर कार्य आरंभ हो गया है। जिसमें झूंसी से अरैल के बीच तीन रोपवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिन पर 60 करोड़ रुपये से अधिक खर्च आने का अनुमान लगाया जा रहा है। तथा यह रोपवे अनुमान के अनुसार लगभग 5 किलोमीटर लंबा होगा।
जानकारी हेतु बता दें कि बीते कुंभ में 113 देशों से श्रद्धालु यहां आए थे। और मुख्यमंत्री ने वर्ष 2025 के महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई है। इसलिए जो भी व्यवस्थाएं की जाएंगी वह 40 करोड़ श्रद्धालुओं काे दृष्टिगत रखते हुए की जाएगी। और इसमें महत्वपूर्ण यह है कि यह तैयारियां दीपावली-2024 को लक्ष्य बनाकर पूर्ण करने की तैयारी करें। इस अनुसार प्रयागराज रोपवे का निर्माण भी दीपावली 2024 तक पूर्ण हो जाने की संभावना है।
महत्वपूर्ण है कि महाकुंभ का धार्मिक आयोजन जिसे कि हम महाकुंभ मेले नाम से भी जानते हैं। इसकी मान्यता बहुत ही अधिक है और महाकुंभ मेले के अवसर पर प्रत्येक सनातनी प्रयागराज पहुंचकर संगम में स्नान करना चाहता है। तथा महाकुंभ आयोजन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दृष्टि सदैव बनी रहती है और वे इसके भव्य व सुविधाजनक आयोजन के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। इसी कारण से योगी राज में यह धार्मिक आयोजन प्रत्येक वर्ष अपने विराट व भव्य स्वरूप में सभी अभिलाषीयों के आस्था का निर्वाहन करने में सक्षम होता है।
मित्रों यदि उपरोक्त में दी हुई प्रयागराज रोपवे परियोजना की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
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