PM Narendra Modi सबसे ऊँची प्रतिमा व Ravidas Corridor का उद्घाटन
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Ravidas Statue Corridor : गलियों का नगर, घाटों का नगर, मंदिरों का नगर आदी के रूप में विश्व विख्यात काशी अथवा वाराणसी उत्तर प्रदेश की ही नहीं अपितु संपूर्ण भारतवर्ष की धर्म नगरी मानी जाती है। इसी नगर में भगवान शिव का द्वादश ज्योतिर्लिंग व भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली भी है। तथा यह नगर कबीरदास व रविदास की जन्मस्थली भी है।
Ravidas Statue Corridor : काशी के कण-कण में जहां भगवान विश्वनाथ बसते हैं उसी धर्म नगरी काशी में एक संत रविदास का ऐसा मंदिर है जिसे काशी के दूसरे गोल्डेन टेंपल के नाम से जाना जाता है। यह इसलिए भी है कि इसके सीर गोवर्धन अर्थात संत शिरोमणि रविदास जी का जन्म स्थल यहां पर निर्मित इनका भव्य मंदिर भी अब गोल्डेन टेंपल के नाम से जाना जाता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए आध्यात्मिक नगरी काशी के रत्नों की चमक बढ़ाने हेतु वाराणसी में ऐतिहासिक महत्व के स्थलों का विकास व श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने का कार्य भी संचालित है।
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बता दें कि सीर गोवर्धन स्थित संत शिरोमणि की जन्मस्थली पर तैयारीयां अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविदास जंयती कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। पीएम के आगमन को ध्यान में रखते हुए रविदास जयंती की तैयारी परखने सीएम योगी आदित्यनाथ भी निरीक्षण कर रहे हैं। ऐसे में प्रशासनिक अमला कार्यक्रम स्थल को चमकाने में जुटा हुआ है।
सीर गोवर्धनपुर स्थित संत रविदास मंदिर परिसर में बीते रविवार को संत रविदास की 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा 9 फीट चौड़े और 10 फुट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित कर दी गई है। 3000 किलोग्राम वजनी इस कांस्य प्रतिमा का निर्माण ललित कला अकादमी ने कराया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस माह रविदास जयंती के अवसर पर प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि प्रधानमंत्री ने संत रविदास जयंती पर वर्ष 2019 में संत रविदास मंदिर के सुंदरीकरण के लिए 50 करोड़ रुपये देने की घोषणा करते हुए प्रतिमा की आधारशिला रखी थी। वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने एक करोड़ रुपये की लागत से मंदिर परिसर की बाउंड्री कराई है। जिसकी हम आपको एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट दर्शा रहे हैं। इस प्रतिमा को स्थापित करने के लिए 10 फीट ऊंचा चबूतरा 50 लाख रुपये में बनवाया गया है। मंदिर का 3.6 एकड़ भूमि में विस्तार होना है। सत्संग हाल बनकर तैयार हो गया है। मंदिर पहुंचने में संत अनुयायियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए हाईवे से सीधी सड़क बनाने, पार्क, लाइब्रेरी समेत अन्य विकास कार्य तेजी से चल रहा है। जिसकी छवि आपके स्क्रीन पर उपलब्ध है।
संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर में संत रविदास की देश की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित होने से यहां आने वाले उनके अनुयायियों को अलग अनुभूति होगी। रविदास मंदिर में दर्शन पूजन करने वालों में हर्ष का वातावरण है।
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बता दें कि रविदास मंदिर कॉरिडोर के बाउंड्रीवाल के भीतर रंगरोगन और पौधारोपण का काम पूरा हो चुका है। कॉरिडोर में ही एक ओर वीवीआइपी पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। इसके अतिरिक्त मिट्टी पटवाकर घास उगाई जा रही है। इसका दायित्व उद्यान विभाग को सौंपा गया है। कॉरिडोर से हाईवे को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य भी 90 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है।
नगर निगम द्वारा लंका से सीर गोवर्धनपुर जाने वाले मार्ग पर लटक रहे पेड़ के डालियों की छंटाई की गई। नगर निगम की टीम ने सड़क किनारे दोनों तरफ अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया गया। ठेला-चौकी सहित अन्य सामानों को जब्त कर लिया गया। पीएम संत रविदास की प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे। प्रतिमा के चारों तरफ राजस्थान से मंगाकर मरकाना मार्बल लगवाया जा रहा है। कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए सेवादारों और संगत का पहला जत्था बुधवार को पहुंच रहा है।
बता दें कि संत रविदास जन्मस्थान के विकास और सुंदरीकरण परियोजना की प्रधानमंत्री ने फरवरी 2019 में आधारशिला रखी थी। पहले फेज में 50 करोड़ की लागत से विस्तारीकरण और सुंदरीकरण की योजना बनाई गई है। इसमें बाइपास से मंदिर और सत्संग हाल की सड़क 40 फीट, संत रविदास की कांस्य प्रतिमा और पार्क समेत सुंदरीकरण किया जाना है। इसका अगस्त 2019 में ही रविदासिया धर्म के उपाध्यक्ष संत सुरेन्द्र दास ने भूमिपूजन किया था। प्रोजेक्ट पूरा होने से संत रविदास जन्मस्थली की खूबसूरती काफी बढ़ जाएगी और जयंती पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल जाएंगी।
श्रद्धालुओं के लिए लगभग सभी टेंट और लंगर हाल के ढांचे बनकर तैयार हैं। अब उन्हें अंतिम रूप देना बाकी है। ट्रस्टी के अनुसार इस बार तीन से चार लाख लोग संत शिरोमणि गुरु रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर पहुंचेंगे। संत निरंजन दास स्पेशल बेगमपुरा एक्सप्रेस से आएंगे। उनके साथ लगभग लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे। तीन दिनों तक सीर गोवर्धनपुर मिनी पंजाब के रूप में परिवर्तित रहेगा। यहां पर रहने खाने सहित अन्य सुविधाएं श्रद्धालुओं को निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि रविदास मंदिर के आसपास सभी विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं इस समयावधि में इस बार गुरु रविदास जी की 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का भी अनावरण होगा, जिसकी तैयारी हो रही है।
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वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा सीर गोवर्धन क्षेत्र में संत शिरोमणि रविदास की जन्मसथली पर पार्क विकसित कर रहा है। जहां 25 फीट ऊँची संत रविदास की प्रतिमा स्थापित की गई है। तथा संत शिरोमणि रविदास जी की जन्मस्थली सीर गोवर्धन क्षेत्र में पर्यटन विभाग के वित्त पोषण से पार्क विकसित किया गया है।
बता दें कि पार्क के लिए लगभग 1.2 करोड़ की लागत से कंसर्टीना वायरयुक्त एस्थेटिक बाउंड्री वाल, गार्ड रूम, 50 चार पहिया वाहनों के लिए ओपेन पार्किंग, पाथ-वे, फाउंटेन, किड्स प्ले एरिया, ओपेन जिम, 2 टॉइलेट ब्लाक, स्कल्पचर कोर्ट, आकर्षक लैंडस्केप व स्प्रिंकलर युक्त लान व हार्टिकल्चर व पार्क में स्थापित की जाने वाली 25 फीट की संत शिरोमणि रविदास की 3000 किग्रा वजन की प्रतिमा के लिए पेडेस्टल निर्माण कार्य किया गया है।
रविदास जयंती को ध्यान में रखते हुए वाराणसी प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। जयंती को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने में जुट गया है। इसी बीच रविदास मंदिर तक जाने के लिए सड़क चौड़ीकरण भी हो रहा है। जिसका कार्य काफी तेजी से चल रहा है। जिलाधिकारी ने रविदास जयंती से पूर्व सड़क को ठीक कराने के निर्देश दिए।
बता दें कि रविदास जयंती पर सीर गोवर्धनपुर मिनी पंजाब में बदल जाता है। यहां देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु गुरु रविदास के जन्मदिन पर शीश नवाने पहुंचते हैं।
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