अयोध्या के भव्य को बढाने को नव्या अयोध्या परियोजना ने पकड़ी रफ़्तार
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Navya Ayodhya Development Project : भगवान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही साथ अयोध्या जी को पुनः अपने पुरातन वैभव प्रदान करने हेतु विभिन्न नगर विकास तथा जन सुविध की परियोजनाओं के अतिरिक्त अब नव्य अयोध्या के स्थापना ने भी पकड़ी रफ्तार।

Navya Ayodhya Development Project : जैसा की हम सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में अयोध्याजी की पावन धरा पर भगवान श्री राम चंद्र के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य हो रहा है जोकी केवल अयोध्या ही नहीं अपितु समस्त विश्व के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक विकास कार्य है, परंतु इस वीडियो में आज हम आपको श्री राम मंदिर का नहीं अपितु अयोध्या में होने वाले एक विशेष विकास परियोजना की जानकारी दे रहे हैं।
बता दें की अयोध्याजी की पावनता, पवित्रता व भव्यता को दुनिया देखे, इसके लिए भी केंद्र की मोदी सरकार तथा यूपी की योगी सरकार कई कार्य कर रही है। अयोध्या का संपूर्ण विकास कैसी हो इसके लिए विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया गया है। यही नहीं अयोध्या के विकास के लिए अयोध्या के साथ-साथ गोंडा व बस्ती जिले के कुछ क्षेत्रों को भी इस योजना में समाहित किया जा रहा है।
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जानकारी के लिए बता दें की अयोध्या में आवास विकास परिषद ने नई योजना बनाई है और इस योजना के अंतर्गत नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट को हाईटेक सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए गुजरात के गिफ्ट सिटी की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन किया गया है। गिफ्ट सिटी की तर्ज पर ही वैदिक सटी को बसाने की तैयारी है।
इस योजना में 80 देशों के गेस्ट हाउस, राज्यों के अतिथि निवास सहित मठ-मंदिर व आश्रम भी बनेंगे। कई धार्मिक संस्थानों की भी ओर से भूमि के लिए आवेदन आ रहे हैं। इनमें तिरुपति बालाजी ट्रस्ट भी सम्मिलित है। अन्य देशों को किस प्रक्रिया से भूमि दी जाएगी, यह सरकार को तय करना है।

बता दें कि अयोध्या की नई आवासीय योजना में लगभग पांच फाइव स्टार व 15 अन्य होटलों का प्रस्ताव है। कुछ शॉपिंग माॅल भी बनेंगे। इनकी भूमि को नीलामी से बेचा जाएगा। नव्य अयोध्या से सीधे रामजन्मभूमि पहुंच सकेंगे। यहां से रामजन्मभूमि की दूरी मात्र तीन किलोमीटर होगी।
राष्ट्रीय राज्यमार्ग के दोनों ओर आकार लेने वाली इस योजना को आपस में जोड़ने के लिए हाईवे को एलीवेट कर अंडरपास बनाया जाएगा। ग्रीन सिटी नव्य अयोध्या के ऊपर से एनएच-27 गोरखपुर-लखनऊ हाईवे जाएगा।
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इस हाईवे के नीचे दोनों ओर वैदिक सिटी बसेगी। एनएचएआई की इंजीनियरिंग टीम ने इस क्षेत्र में हाईवे की सड़क को ऊंचाई पर लिफ्ट करने की डिजाइन तैयार कर रही है।
बता दें कि वैदिक सिटी के रूप में आकार लेने वाली ग्रीनफील्ड टाउनशिप नव्य अयोध्या में पड़ोसी देशों नेपाल, श्रीलंका व दक्षिण कोरिया ने भी भूमि की मांग की है। तीनों देशों ने पांच-पांच एकड़ भूमि की आवश्यकता बताई है। टाउनशिप में 15 राज्य पहले ही भूमि मांग चुके हैं। तथा सबसे पहले गुजरात को भूखंड आवंटित किया भी जा चुका है।

परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि नव्य अयोध्या योजना कुल 1852 एकड़ में आकार लेगी। योजना को दो चरणों व छह क्षेत्रों में बांटा गया है। पहले चरण में 539 एकड़ भूमि की आवश्यकता पड़ेगी। पूरी योजना के लिए 1407 एकड़ भूमि में से 90 प्रतिशत से अधिक क्रय कर ली गई है। विस्तारित क्षेत्र 248 एकड़ के लिए 21 अक्तूबर तक आपत्तियां ली गई हैं।
और अब सुनवाई होगी। आवास विकास के अधिशासी अभियंता के अनुसार पहले चरण का काम दीपोत्सव के पश्चात से आरंभ होगा। भूमि अयोध्या के मांझा, मांझा तिहुरा, मांझा बरेहटा और शाहनेवाजपुर के गांवों में क्रय की गई है। इस पर नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट को हाईटेक सिटी के तौर पर विकसित करने का प्लान बनाया गया है।
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यह भी बता दें कि ग्रीन सिटी नव्य अयोध्या के आवासीय और व्यावसायिक मठ मंदिरों आदि की बिक्री दरें तय कर दी गई है। आवासीय प्लाटों की दर 35870 रुपये प्रति वर्ग मीटर, व्यावसायिक भूखंडों की बेस दर 71740 रुपये प्रति वर्ग मीटर और मठ-मंदिरों आदि की 53805 रुपये प्रति वर्ग मीटर तय कर दी गई है, परंतु आवासीय 400 भूखंडों की बिक्री सबसे बाद में की जाएगी।
परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि यह नव्य अयोध्या वैदिक सिटी प्रोजेक्ट की डिजाइन का कार्य आईआईटी रुड़की की टीम कर रही है। इसके बीच में राम की पैड़ी के ही प्रकार से नहर बनाकर उसमें सरयू नदी का जल प्रवाहित किया जाएगा। नव्य अयोध्या के प्रोजेक्ट प्रभारी और आवास विकास परिषद के इग्जिक्यूटिव इंजीनियर ओपी पांडे के अनुसार आईआईटी रुड़की की टीम सीवर और पानी की लाइन, सड़कें, पार्क आदि का डिजाइन तैयार कर रही है।

इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि राम मंदिर के पास 963 करोड़ रुपए की लागत से 4 महत्वपूर्ण मार्ग बन रहे हैं। 500 मी. का जन्मभूमि पथ 39 करोड़ रूपए की लागत से, 750 मी. का भक्ति पथ 62 करोड़ रूपए की लागत से, 2 किमी के धर्म पथ की 65 करोड़ रूपए की लागत से और 13 किमी के राम पथ की 797 करोड़ है। ये सभी पथ दिसंबर 23 तक बनकर तैयार होंगे। इनके दोनों ओर के बाजारों में एक जैसे रंग और पत्थर का प्रयोग होगा। ताकि समरूपता बनी रहे और अयोध्या आने की अनुभूति हो।
महत्वपूर्ण है कि दीपोत्सव में सीएम योगी आदित्यनाथ इस योजना को लॉन्च करेंगे तब तक इसका चयन केंद्र सरकार की नाइन सिटी योजना में हो जाएगा।
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केंद्र सरकार की नाइन सिटी योजना में चयन होने से केंद्र सरकार से 1000 करोड़ का आर्थिक पैकेज ग्रीन सिटी नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट को मिलेगा। और इस फंड के मिलने के पश्चात चैलेंज सिटी योजना के मानक के अनुसार, नव्य अयोध्या के सुंदरता के विस्तार में सहायता मिलेगी।
यह भी महत्वपूर्ण है कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं उपस्थित रहेंगे। तथा नव्य मंदिर के श्रद्धालुओं के लिए खुलने के पश्चात अयोध्या आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होगी जिसमें अयोध्या का विकास भी समाहित है।

तथा इस नव्य अयोध्या के निर्माण के साथ-साथ अयोध्या के विकास के लिए गोंडा और बस्ती जिले के अयोध्या से सटे कुछ क्षेत्रों पर भी परियोजना का प्रभाव होगा। है। अर्थात अयोध्या ही नहीं अपितु निकट के जिलों को भी अयोध्या के विकास परियोजनाओं का लाभ मिल रहा है।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई नव्य अयोध्या की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-