पूर्वांचल एक्सप्रेसवे नहीं पूर्वांचल की तरक्की का “गेटवे”, देखें उद्घाटन से पहले Exclusive Ground Report

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उदघाटन करेंगे. इस समयावधि में वह वायु‌सेना के सी-130जे सुपर हरक्युलिस एयरक्राफ्ट से एक्सप्रेसवे पर ही बनी विशेष एयर-स्ट्रीप पर उतरेंगे। बताया जा रहा है कि उद्घाटन समारोह में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर वायुसेना का एक एयर-शो भी होगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के समयावधि में  भारतीय वायु‌सेना के दो सी-130जे मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सप्रेसवे पर बनी विशेष हवाआ पट्टी पर उतरेंगे। एक सी-130जे पर पीएम मोदी वायुसेना के अधिकारियों के साथ होंगे। पीएम मोदी की उपस्थिति में भारतीय वायुसेना के छह फाइटर जेट्स भी लैंडिंग, टेकऑफ और टक डाउन ऑपरेशन्स करेंगे। इन लड़ाकू विमानों में दो सुखोई, दो मिराज और दो जगुआर सम्मिलित होंगे।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की जानकारी के लिए बता दें की पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों अर्थात (पश्चिम से पूर्व की ओर) लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की आधारशिला 14 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ही रखी गई थी। इस एक्सप्रेसवे के अंतगर्ज मेन कैरिज-वे पर कुल 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 बड़े पुल, 118 छोटे पुल, 6 टोल प्लाजा, 5 रैंप प्लाजा, 271 अंडरपास निर्मित किए गए हैं। लड़ाकू विमानों के उतरने और उड़ान के लिए सुल्तानपुर में 3.2 किमी लंबी हवाई पट्टी का निर्माण भी किया गया है।

drone shot

जानकारी के लिए बता दें की पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को पास के कई महत्वपूर्ण जिलों से भी जोड़ा गया है जैसे की वाराणसी को आजमगढ़ हाईवे से, गोरखपुर से जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से जोड़ा जाना है। जिसका निर्माण भी UPEIDA ही कर रही है, जो गोरखपुर जिले के जैतपुर गांव को आजमगढ़ जिले के सलारपुर गांव में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को बिहार से जोड़ने के लिए 17 किमी लंबी, 4-लेन चौड़ी बक्सर-गाजीपुर एलिवेटेड रोड (बक्सर में भरौली से गाजीपुर में हैदरिया तक) के पूरा होने पर उत्तर प्रदेश में लखनऊ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और NH-922 द्वारा बिहार के आरा और पटना से सीधे जुड़ जाएगा। यही नहीं बलिया जिले से भी जोड़ने के लिए लगभग 30 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनना है जिसका निर्माण NHAI कराएगी।

Also Read
अयोध्या का अद्भुत अनदेखा मंदिर जो राम मंदिर से पहले होगा उद्घाटित

PM मोदी ने वाराणसी को दी भारत की पहली सांस्कृतिक लाउन्ज की सौगात

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का भी आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की तरह भारतीय वायु सेना के विमानों के लिए एक आपातकालीन रनवे के रूप में उपयोग किया जाएगा। यह भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों को आपात स्थितियों के लिए हवाई पट्टी के रूप में उपयोग करने की अनुमति देगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उपयोग करने वाले यात्रियों को आरंभिक समय में कोई टोल शुल्क नहीं देना होगा। परंतु भविष्य में सरकार को आशा है कि इस एक्सप्रेसवे से टोल के रूप में उसे वार्षिक 202 करोड़ रुपये मिलेंगे। टोल टैक्स वसूलने का काम निजी कंपनी को दिया गया है।
जानकारी के लिए बता दें की पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का कुल परियोजना मूल्य 22,494 करोड़ रुपये है, जिसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी सम्मिलित है। तथा इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है।

Purvanchal expressway

सबसे महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश में 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से पहले भारतीय वायुसेना ने सुलतानपुर के कूरेभार क्षेत्र में बनी एयरस्ट्रिप को अपने कब्जे में ले लिया है।  पिछले गुरुवार को भारतीय वायुसेना के 3 जगुआर विमानों ने एक्सप्रेसवे के एयरस्ट्रिप के ऊपर उड़ान भी भरी। ये तीनों विमान 16 नवंबर को एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के समय यहां पर टच डाउन करेंगे। वहीं शुक्रवार को सीएम योगी ने स्वयं सुलतानपुर पहुंचकर यहां पर कार्यक्रम के व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
एक्सप्रेस-वे के रनवे एयरस्ट्रिप पर एयरफोर्स ने रडार और नैविगेशन सिस्टम को इंस्टॉल कर दिया है, जिसका ट्रायल भी पूरा कर लिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का महीनों विलंब के पश्चात अब उद्घाटन की अति प्रतीक्षित समय आ गया है इस एक्सप्रेसवे के रूप में पूर्वांचल के लोगों को तरक्की का “गेटवे” भी मिल जाएगा। पूर्वांचल के लोगों के लिए दिल्ली अब दूर नहीं होगी, गाजीपुर से मात्र 10 घण्टे में देश की राजधानी पहुंचा जा सकेगा। पहले इसका दोगुना या इससे भी अधिक समय लगता था। योगी सरकार ने यूपी में रोड कनेक्टिविटी को अर्थव्यवस्था के मजबूत प्लेटफार्म के रूप में तैयार किया है।
यह एक्सप्रेसवे केवल आमजन की आवागमन सुगमता का ही मार्ग नहीं है अपितु निवेश व औद्योगिक विकास से रोजगार का भी नया द्वार खोलने वाला है।
बता दें की पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की सीमा में आने वाले जनपदों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार तो मिलेगा ही, एक्सप्रेसवे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थानीय श्रम शक्ति को सेवायोजित भी करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समीप पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से नौ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि चिन्हित भी कर ली गई है। चूंकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की सीमा में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले हैं, इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स पर है।

purvanchanl expressway


इसके अतिरिक्त टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी। इन फैक्ट्रियों में स्थानीय श्रम शक्ति को रोजगार मिल सके, इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
बता दें कि अब देश में ऐसे हाईवे और एक्सप्रेस वे बनाए जा रहे हैं, जिनपर वायुसेना के ऑपरेशन्स को अंजाम दिया जा सके. क्योंकि युद्ध के समय में दुश्मन देश सबसे पहले रनवे और हवाई पट्टियों को निशाना बनाती है. ऐसे में हाईवे और एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान और मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट लैंडिंग और टेकऑफ कर सकते हैं. सितंबर के महीने में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पाकिस्तानी सीमा से सटे बाडमेर में भी एक नेशनल हाईवे पर एक ही ऐसा ही हवाई पट्टी का उदघाटन किया था. इस दौरान दोनों मंत्रियों ने सी-130जे एयरक्राफ्ट से हाईवे पर लैंडिंग की थी।

बता दें की लखनऊ से गाजीपुर तक का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 16 नवंबर से जनता के लिए खुल जाएगा। इसके माध्यम से 341 किमी की यात्रा लगभग 3.50 घंटे में पूरा हो जाएगी।
इस नवनिर्मित एक्सप्रेसवे पर वर्तमान समय में लगभग 15 से 20 हजार वाहन गुजरेंगे। यह संख्या धीमे-धीमे और बढ़ेगी। यूपीडा का प्रयास है कि पूर्वी यूपी व बिहार से आने वाले लोग दिल्ली नोएडा जाने के लिए इस एक्सप्रेसवे के अतिरिक्त लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे व यमुना एक्सप्रेसवे का भी प्रयोग करें। इससे इस एक्सप्रेस वे का अधिकतम उपयोग हो सकेगा। इसके साथ ही टोल के माध्यम से यूपीडा का आय भी बढ़ेगा।
जानकारी के लिए बता दें की इस एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। हादसे का सबब बनने वाले पशुओं को रोकने के लिए दोनों ओर फेंसिंग की गई है। इसके अतिरिक्त इन आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए कई टीमें एक्सप्रेस पर तैनात की गई हैं। दुर्घटना की स्थिति में हर पैकेज में लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त दो-दो एंबुलेंस तैनात की गई हैं। सैनिक कल्याण बोर्ड ने यहां सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं। 20 पेट्रोलिंग वाहन तैनात किए गए हैं। क्रैश बैरियर भी लगाए गए हैं।
पूर्वांचल की सबसे महत्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना का सीधा लाभ वाराणसी में रहने वालों को भी मिलेगा। रिंग रोड के माध्यम से वाराणसी भी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुड़ चुका है और यहां से लखनऊ पहुंचना और सरल हो गया है। इसके साथ ही अब वाराणसी से दिल्ली की दूरी को पूरा करने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा। इसको देखते हुए काशीवासी भी अब इसके उद्घाटन का बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। बता दें की काशीवासी बाबतपुर रोड से शाहगंज तक यात्रा कर इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर पहुंच सकते हैं।
महत्वपूर्ण है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का लाभ उत्तरप्रदेश के पिछड़े माने जाने वाले लगभग सभी जिलों को प्रदेश व देश की राजधानी से जोड़कर अग्रणी श्रेणी में लाकर खड़ा कर देगा तथा एक्सप्रेसवे पर बनने वाले 5 औद्योगिक कॉरिडोरस से रोजगार में बढ़ोतरी होगी तथा यूपी के साथ बिहारवासीयों को बड़ा लाभ मिलेगा तथा इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से बिहार की राजधानी पटना से लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ व देश की राजधानी दिल्ली सभी एक सूत्र मे बंध जाएंगे, जो देश में मिलकर तीव्र गति से विकास की नई गाथा लिखेंगे।

अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:

Video

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *