अयोध्या के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण ने पकड़ी रफ़्तार

भगवान श्री राम लला के दर्शन के लिए अब आप अयोध्या हवाई मार्ग से भी जा सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य 2023 में पूरा होने के समय तक नगर का हवाईअड्डा भी आरंभ करने का लक्ष्य तय किया है।

Proposed look

अयोध्या का संपूर्ण कायाकल्प करने के लिए श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के साथ ही साथ नगर में ढ़ेरों परियोजनाओं पर कार्य संचालित है जिसमें की सबसे महत्वपूर्ण व अति महत्वाकांक्षी अयोध्या हवाई अड्डे का निर्माण भी आरंभ हो चुका है।

आपको हम ग्राउंड व्यू दिखाते हुए बता दें की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाई अड्डा को अयोध्या के राजकीय हवाई पट्टी से अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (Ayodhya International Airport) में परिवर्तित किया जा रहा है। एवं इसको करने के लिए लगभग 600 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी।

अयोध्या हवाई अड्डे के निर्माण में पहले चरण के लिए जिनती भूमि की आवश्यकता है, उतनी भूमि उपलब्ध हो गई है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए मात्र 86 एकड़ भूमि शेष है, यह भी कुछ महीने में उपलब्ध हो जाएगा। अयोध्या में एयरपोटर् निर्माण के लिए भूमि के लिए धनराशि जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दी गई है।

जानकारी हेतु बता दें कि अयोध्‍या (Ayodhya) के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण तीन चरणों में होना है और इसके प्रथम चरण के विकास के लिए 317.855 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airports Authority of India) को सौंप दी गई है। यह भूमि राज्‍य सरकार ने क्रय की थी। भूमि का यह हस्तांतरण सीएम योगी आदित्‍यनाथ की उपस्थिति में सीएम आवास पर हुआ। इसके लिए प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के मध्य एक लीज एग्रीमेंट किया गया।

Runway

अधिक जानकारी के लिए बता दें कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, अयोध्या के विकास हेतु 821 एकड़ भूमि चिन्हित की गयी है। प्रथम चरण के विकास हेतु 317.8 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को लीज पर दी गई है।

बता दें कि अयोध्या के राजकीय हवाई पट्टी की पुरानी लंबाई 1500 मीटर की है जिसे की प्रथम चरण में वायुयानों हेतु 2200 मीटर x 45 मीटर रनवे सहित अन्य सुविधाओं का निर्माण होगा। अर्थात 2 किलोमीटर से अधिक लंबे रनवे का निर्माण प्रथम चरण में होगा। तथा भविष्य में अगले चरण के अंतर्गत 3 किलोमीटर तक किया जाना है। जिसके लिए आरंभिक स्तर पर बालू गिट्टी मोरंग आदि बड़ी संख्या में यहां पर लाए जा रहे हैं तथा इसके लिए ट्रक ट्रैक्टर पोकलेन आदि कई सारे मशीनों का प्रयोग भी हो रहा है।

बता दें कि इस एयरपोर्ट का काम इन दिनों अत्यधिक तीव्रता के साथ चल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित हो रहे इस एयरपोर्ट पर पहले चरण में A321 अर्थात लगभग 200 यात्रीयों की क्षमता वाले प्लेन तथा दूसरे चरण में बोइंग के बी777.300 अर्थात 550 यात्रीयों की क्षमता वाले श्रेणी के विमानों का संचालन आरंभ किया जाएगा।

जानकारी हेतु बता दें कि देश के भीतर लगभग पांच वर्ष में उत्कृष्टम वायुसेवा की कनेक्टिविटी के लिए किसी राज्य ने अच्छी प्रगति की है तो उसमें उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने विकास के लिए एयर कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण माना है। प्रधानमंत्री जी का कहना है कि वायुसेवा हवाई चप्पल पहने वाले के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। इसी का परिणाम है कि 2017 में केवल दो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स लखनऊ और काशी ही क्रियाशील थे, परंतु आज वर्तमान में 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं।

Under Construction

जानकारी के लिए बता दें कि उप्र में 10 नए एयरपोर्ट बनाने के लिए कारर्वाई चल रही है। प्रदेश में अभी तीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर में एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने का काम युद्धस्तर पर प्रारम्भ हो चुका है। साथ ही जब अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जाएगा तब उत्तर प्रदेश 05 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा और जब 10 नए एयरपोर्ट आरंभ होंगे तो 19 एयरपोर्ट वाला उत्तर प्रदेश देश एकमात्र राज्य होगा।

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हवाई अड्डा रोजगार सृजन और विकास की संभावनाओं को तेजी से बढ़ाने का माध्यम है, साथ ही लोगों की यात्रा को सरल, सुलभ और सहज बनाने का कार्य भी करता है।

इसी क्रम में अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण की प्रक्रिया की आरंभ हो चुकी है। इसके लिए बीते 7 अप्रैल को राज्य सरकार और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के बीच भूमि एग्रीमेंट होना एक महत्पूर्ण पहल है।

इस प्रोजेक्ट की अधिक जानकारी के लिए बता दें की अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हवाई अड्डे की लागत 525 करोड़ रुपए है तथा इसके निर्माण कार्य की संधि 242 करोड़ रुपये में की है। अर्थात भूमि अधिग्रहण को छोड़कर एयरपोर्ट का निर्माण 242 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है। सरल शब्दों में कहें तो अयोध्या एयरपोर्ट के लिए भूमि राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी तथा निर्माण एयरपोर्ट आथोरिटी आॅफ इण्डिया करेगी।

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आपको इसके लोकेशन की जानकारी दें तो बता दें की यह एयरपोर्ट एनएच-27 और एनच-330 के मध्य सुल्तानपुर नाका के पास स्थित है तथा अयोध्या श्री राम के मुख्य मंदिर से लगभग 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इसी राजकीय हवाई पट्टी को आधुनिक एयरपोर्ट का रूप दिया जा रहा है।

जानकारी हेतु बता दें कि निर्माण कार्य के लिए बोलियों को बहुत पहले अंतिम रूप दिया गया था और बेंगलुरू स्थित विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर, जिसे रनवे के निर्माण के लिए बोली मिली थी, ने एएआई की देखरेख में अपना कार्य आरंभ कर दिया है।

एएआई के अधिकारियों के अनुसार, परियोजना का पहला चरण लगभग डेढ़ से दो वर्ष में पूरा हो जाएगा। परियोजना के पहले चरण में एटीआर-72 श्रेणी के विमानों के लिए 2250 मीटर रनवे का निर्माण किया जा रहा है।

अयोध्या हवाई अड्डे के निर्माण के लिए केंद्र द्वारा ₹ 250 करोड़ की स्वीकृति के पश्चात, उत्तर प्रदेश सरकार ने हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 555.66 एकड़ अतिरिक्त भूमि खरीदने के लिए कुल ₹ 1001.77 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।

Airport Highway site

बता दें कि यह परियोजना अति अपेक्षित इसलिए भी है क्योंकि 6 नवंबर, 2018 को, सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़े विमानों के लिए अयोध्या में हवाई पट्टी के विकास और एक उपयुक्त रनवे और टर्मिनल भवन के निर्माण की घोषणा की थी। परंतु विभिन्न कारणों से इसमें विलम्ब हो रहा।

अधिक जानकारी हेतु बता दें कि राज्य सरकार द्वारा हवाईअड्डा परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया गया है, और अब राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने भी पिछले अक्टूबर में अपनी 23 एकड़ भूमि सौंपने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

जानकारी के लिए बता दें की 5 अप्रैल 2020 को दोबारा प्री-फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी एवं इसके अनुसार भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के पश्चात देश विदेश से भविष्य में रामनगरी में लगभग 5 लाख श्रद्धालुओं के प्रतिवर्ष आने की संभावना है।

जिस प्रकार से श्री राम मंदिर के गर्भ गृह का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूर्ण करके उद्घाटन कर दिया जाएगा एवं इसके पश्चात मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया जारी रहेगी, जो 2025 में पूरी होगी। ठीक उसी प्रकार से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एयरपोर्ट का संचालन भी दिसंबर 2023 तक आरंभ हो जाएगा। इसके विस्तार के दूसरे चरण पर कार्य होता रहेगा। पहले चरण में हल्के विमानों का ही संचालन आरंभ होगा।

महत्वपूर्ण है कि सीएम योगी ने सत्ता में आने के पश्चात ही अयोध्या के चहुंमुखी विकास के लिए रणनीति बनाना आरंभ कर दिया था। जिसमें की अयोध्या का श्री राम मंदिर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, राम मंदिर मार्ग निर्माण, नगर की आधारभूत संरचना को संवारने व विश्वस्तरीय सड़कों के अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण करावाय जा रहा है।

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महत्वपूर्ण है कि प्रदेश के इस पाँचवें अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बन जाने से अयोध्या के साथ इसके आस-पास के पर्यटन स्थलों के विकास को भी पंख लगेंगे। तथा अयोध्या में देश-विदेश के यात्रीयों की सुविधाजनक पहुंच सुनिश्चित होगी।

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मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एयरपोर्ट की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

video

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