ऐसी होगी PM मोदी की नई काशी, गंगा रिवर फ्रंट की तैयारी जोरों पर

Getting your Trinity Audio player ready...

भगवान भोलेनाथ की प्रिय नगरी काशी (Kashi) में ऋषिकेश की तर्ज पर लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula) बनाने की तैयारियां आरंभ हो गई हैं। तथा यह झूला बाबा विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Dham) के नव्य, भव्य एवं दिव्य धाम को गंगा पार रेती पर बनने वाले गंगा दर्शन पथ से भी जोड़ेगा।

मित्रों जैसा की हम जानते हैं कि वाराणसी में भगवान भोलेनाथ का द्वादश ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ मंदिर है जो की अब नव्य व भव्य स्वरूप में जनता को समर्पित है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन करने व वाराणसी (Varanasi) नगर को अधिक जानने तथा यहाँ के जीवन का अनुभव लेने हेतु प्रतिदिन यहाँ लाखों की संख्या में यात्री व दर्शनार्थी आते हैं और इन आने वाले लोगों की मुख्यतः काशी के घाट पर जाने की इच्छा होती है जिसके कारण से वाराणसी के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर भीड़ भी हो जाती है, जिसे सुनियोजित करने के उद्देश्य से गंगा नदी के उस पार भी पर्यटन से जुड़े विकल्पों पर विचार हो रहा है। इसी क्रम में अब वाराणसी में गंगा पार रेती को गुलजार करने के लिए अब इस क्षेत्र को सीधे जीटी रोड से जोड़ने की तैयारी हो गई है। आपको हमने इस विषय पर पहले भी जानकारी दिए थे तथा आज हम इस (Ganga RIver Front) परियोजना पर नवीन जानकारी लेकर के आए हैं।

Lakshman Jhula

आइए सबसे पहले आपको हम इस परियोजना की जानकारी देते हैं। बता दें की वाराणसी में गंगा नदी के उसपार रेती के पश्चात एक फोरलेन सड़क बननी है जो सीधे पड़ाव को रामनगर (Ramnagar Padao) से जोड़ेगा।

इस परियोजना की प्रस्तावित योजना को दर्शाते हुए आपको बता दें कि गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर ही वाराणसी में गंगा पार रेती पर पर्यटन का नया केंद्र विकसित करने की तैयारी है। रामनगर से राजघाट तक गंगा के समानांतर लगभग 7 किमी लंबी फोरलेन सड़क पर कैबिनेट की मुहर के पश्चात अब 26 सौ करोड़ रुपये की प्रस्तावित योजना पर काम आरंभ हो गया है।

इस सड़क का गंगा पार रेती से सीधा जुड़ाव होने के कारण चंदौली, मिर्जापुर, बिहार और मध्यप्रदेश सहित अन्य नगरों के यात्री व श्रद्धालु बिना नगर में प्रवेश किए सीधे गंगा घाटों पर पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही यहां लगभग 10 हजार वाहनों की पार्किंग, पार्क, सौंदर्यीकरण सहित अन्य कार्य भी कराए जाएंगे।

Domri

बता दें कि विश्व भर को रिझाने वाली गंगा की लहरों के समानांतर ही रेती के पास से गुजरने वाली सड़क बाढ़ के उच्चतम बिंदु के निकट से गुजरेगी। पड़ाव से रामनगर के बीच बनने वाली 6.8 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण गंगा के तल से 100 फीट की ऊंचाई से होगा। इसके सर्वे का काम पूरा होने के पश्चात इस रिवर फ्रंट परियोजना की लागत 2600 करोड़ रुपये आंकी गई है।

इस पूरी परियोजना में अधिकतर सरकारी भूमि का ही उपयोग किया जाएगा, परंतु लगभग 20 प्रतिशत निजी भूमि को अधिग्रहित करने के लिए चिन्हांकन कर लिया गया है। रामनगर से पड़ाव के बीच बनने वाली फोरलेन सड़क (Ramnagar Padao Fourlane Road) गंगा के किनारे बांध की प्रकार से ऊंचाई से गुजरेगी।

Also Read
PM मोदी की वाराणसी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की बड़ी सौगात

CM योगी की काशी को टेंट सिटी की नई सौगात

आप सोच रहे होंगे कि यह परियोजना कब धरातल पर उतरेगी तो आपको बता दें कि वर्तमान समय में विभागों से अनापत्ति (एनओसी) आवेदन करने के पश्चात अब आगे की कार्यवाही चल रही है।

अधिक जानकारी हेतु बता दें कि नव्य, भव्य और दिव्य काशी विश्वनाथ धाम तक पहुंचने के लिए सुलभ मार्ग प्रशस्त करने की रिवर फ्रंट योजना साकार होने की ओर अग्रसर है। कैबिनेट से स्वीकृत 26 सौ करोड़ की रिवर फ्रंट योजना को धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित किया है।

सरकार ने बजट में गंगा और काशी विश्वनाथ के आसपास विकास के साथ सुविधाओं पर पूरा फोकस किया है। बाढ़ के उच्चतम बिंदु के ऊपर से गुजरने वाली 6.8 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए बजट में 500 करोड़ रुपये का आवंटन कर परियोजना की गति तीव्र कर दी गई है।

माना जा रहा है कि जुलाई तक मंत्रालयों से एनओसी मिलने के पश्चात निविदा जारी कर दी जाएगी। सर्वे का काम पूरा होने के पश्चात परियोजना की लागत 2600 करोड़ रुपये आंकी गई है।

Ganga RIver Front

इस बनने वाली सड़क की विशेषताओं की जानकारी हेतु बता दें कि फोरलेन के मध्य पांच फीट चौड़ा डिवाइडर और दोनों किनारों पर 30 फीट चौड़ी सर्विस लेन बनाई जाएगी। सड़क के बाद 8-8 फीट की पटरी बनेगी, इसके बाद 3-3 फीट के नाले का निर्माण होना है। इस प्रकार से अब यह सड़क कुल 86 मीटर चौड़ी बनेगी, ताकि आने जाने वाले यात्रियों को सुविधा मिले। साथ ही इस सड़क को बाईपास के चौड़ीकरण के साथ मिलाया जाएगा। तीन स्थानों से कनेक्ट करती हुई जेटी भी बनाई जाएगी। कई स्थानों पर पार्किंग भी प्रस्तावित है। ताकि पूर्वांचल सहित उस पार आने वाले श्रद्धालु नाव से काशी विश्वनाथ और नगर तक पहुंच सकें।

Also Read
अयोध्या श्री राम मंदिर का निर्माण अब तक के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ पर

काशीवासियों को खुशखबरी, वाराणसी रोपवे परियोजना ने पकड़ी रफ़्तार

यही नहीं इस परियोजना का सबसे प्रमुख आकर्षण गंगा पार रेती से काशी विश्वनाथ धाम की संपर्क सुदृढ़ करने के लिए लक्ष्मण झूला की तर्ज पर प्रस्तावित पुल निर्माण को भी बजट में स्वीकृति मिल गई है। तथा इस परियोजना के लिए बजट में 77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। डोमरी पहुंचने वाले श्रद्धालु पुल से ललिता घाट पर काशी विश्वनाथ धाम के प्रवेश द्वार तक पैदल पहुंच सकेंगे।

बता दें कि वाराणसी के गंगा घाटों पर पर्यटकों के दबाव को कम करने और लोगों को वैकल्पिक मार्ग देने के लिए प्रस्तावित रामनगर से पड़ाव तक फोरलेन सड़क बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कुछ माह पहले कैबिनेट से परियोजना की स्वीकृति मिली थी और अब 500 करोड़ रुपये बजट का भी प्रावधान कर दिया गया।

इसके साथ ही यूपी सरकार के बजट में वाराणसी को इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की भी सौगात मिली है जिसकी जानकारी हमने आपको अपनी पिछली वीडियो में दिया था।
बता दें कि प्रदेश सरकार के बजट में इसके लिए प्रस्ताव पारित होने के पश्चात अब सर्वे की तैयारियां आरंभ हो गई हैं। डोमरी से ललिता घाट के मध्य बनने वाला लक्ष्मण झूला पुल भी रिवर फ्रंट योजना का भाग होगा।

इसके बनने से गंगा के घाट की खूबसूरती बढ़ने के साथ ही धाम आने वाले भक्तों का मार्ग भी सरल हो जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम को गंगा पार से जोड़ने के लिए ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला की तर्ज पर बनने वाला यह पुल भक्तों को सीधे काशी विश्वनाथ धाम पहुंचाएगा। इसके लिए प्रशासन शीघ्र ही डीपीआर तैयार कराएगा।

Food Court

इस पुल की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि लक्ष्मण झूला तैयार होने के पश्चात यह जल परिवहन में किसी प्रकार से की बाधा नहीं बनेगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि काशी में बनने वाले इस लक्ष्मण झूले में पिलर की संख्या कम रखी जाएगी।

इससे जहां बाबा विश्वनाथ के धाम आने वाले यात्रियों को सुविधा होगी, वहीं उनका समय भी बचेगा। लक्ष्मण झूला पुल के साथ ही डोमरी में दो हजार वाहनों की पार्किंग भी बनाई जाएगी। बिहार, झारखंड, कोलकाता, चंदौली और रामनगर से आने वाले श्रद्धालु सड़क मार्ग की बजाय सीधे लक्ष्मण झूला के माध्यम से बाबा के धाम पहुंच सकेंगे।

इसके साथ ही आपको यह भी बता दें की इस परियोजना के क्रियान्वयन में पांच लाख मानव कार्य दिवस के कारण रोजगार का सृजन भी होगा। इससे नाविकों को रोजगार मिलेगा। सावन व भादो में आने वाले कांवरियों को भी सुविधा होगी। फूड प्लाजा, किड्स प्ले जोन आदि के विकसित होने से रोजगार तथा राजस्व में वृद्धि भी होगी।

इस परियोजना की शिलान्यास की जानकारी देते हुए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जुलाई में दो दिवसीय यात्रा पर काशी आ सकते हैं। प्रधानमंत्री के आगमन की चर्चा के साथ प्रशासन लोकार्पण व शिलान्यास होने वाली परियोजनाओं की सूची फाइनल करने में जुट गया है। 

Also Read
अयोध्या के राम मंदिर मार्ग चौड़ीकरण परियोजना ने पकड़ी रफ़्तार

श्री राम की प्रतिमा ही नहीं यूपी में अब लक्ष्मण की प्रतिमा का निर्माण भी शुरू

इनमें जिन प्रमुख परियोजनाओं का लोकार्पण होना है वह है- नमो घाट के पहले चरण की परियोजना- चौकाघाट लहरतारा फ्लाईओवर के नीचे नाइट बाजार- दशाश्वमेध घाट पर बनकर तैयार प्लाजा- ग्रामीण इलाके में बने दमकल स्टेशन इनके अतिरिक्त जिन परियोजनाओं का शिलान्यास होना है वह है- कैंट से गोदौलिया के बीच प्रस्तावित रोपवे- रामनगर से पड़ाव के बीच रिवर फ्रंट परियोजना- काशी विश्वनाथ धाम को जोड़ने वाला पैडस्ट्रियन ब्रिज – सिगरा स्टेडियम में मल्टीपल इंडोर स्टेडियम- 250 करोड़ की लागत से एकीकृत कमिश्नरी कार्यालय-पिंडरा में फिल्म सिटी और सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण

मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई वाराणसी के रामनगर पड़ाव मार्ग की जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

वीडियो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *