तीन राज्यों व चार एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला है Super Chambal Expressway
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कभी कहा जाता था कि अमेरिकन रोडस् आर द बेस्ट। अर्थात अच्छे रोड ही देश को समृद्ध बनाते हैं। इसी मूल मंत्र को समझकर, भारत अब विश्व का सबसे बड़ा रोड नेटवर्क तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। जिससे भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
Chambal Expressway : जैसा कि हम सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश भारत का एक्सप्रेसवे स्टेट बनकर उभार रहा है। तथा इसी उत्तर प्रदेश से आरंभ होने वाला एक ऐसा एक्सप्रेसवे भी बनने जा रहा है जो एक साथ तीन राज्यों व चार अन्य एक्सप्रेसवे को भी जोड़ेगा।
जी हां हम बात कर रहे हैं चंबल एक्सप्रेस वे की जिसको कि अटल प्रोग्रेसवे में भी कहा जाता है। भारत सरकार देश की हर क्षेत्र में प्रत्येक कोने में विकास का सागर बहाने का पूरा प्रयास कर रही है। इसी क्रम में भारत सरकार की भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनने वाली चंबल एक्सप्रेसवे भी है। जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व राजस्थान के अति पिछड़े क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ेगा।
आइए आपको अब हम इस चंबल एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी देते हैं। बता दें कि अटल प्रोग्रेसवे अर्थात चंबल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश इटावा और राजस्थान कोटा को चंबल नदी के सामानांतर होते हुए जोड़ेगा। चंबल एक्सप्रेसवे एक ग्रीनफील्ड अर्थात नवीन मार्ग होगा जो 6 लेन व पहुंच-नियंत्रित राजमार्ग होगा।
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चंबल एक्सप्रेसवे परियोजना की विशेषताओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि यह ग्रीनफील्ड 6 लेन मार्ग होगा तथा इसकी ROW अर्थात Right of way कहें मार्ग की चौड़ाई लगभग 60 से 100 मीटर की होगी। तथा इस चंबल एक्सप्रेसवे को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है ताकि इसपर वाहनों की गति 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रह सके।
चंबल एक्सप्रेसवे परियोजना की विशेषताओं की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इसकी नोडल एजेंसी है नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया तथा इस परियोजना पर निर्माण कार्य हाइब्रिड एन्यूइटी मॉडल (एचएएम) के आधार पर होना है।
इस चंबल एक्सप्रेसवे पर बनने वाली संरचनाओं की जानकारी हेतु बता दें कि इसपर 18 बड़े पुल, 171 छोटे पुल, 4 रेलवे ओवरब्रिज, लगभग 200 अंडरपास, व लगभग 600 पुलियाओं आदि का निर्माण होना है।
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अधिक जानकारी हेतु बता दें कि लगभग 415 किलोमीटर लंबी इस चंबल एक्सप्रेसवे का पूर्वी भाग उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के नानवा गांव होगा तथा इसका पश्चिमी छोर राजस्थान के कोटा जिले के पास सीमाल्या गांव में NH-27 पर होगा एवं इस बीच में यह चंबल एक्सप्रेसवे यूपी में 18 किमी, एमपी में 303 किमी तथा राजस्थान में लगभग 77 किमी क्षेत्र से होकर के गुजरेगा।
इसमें महत्वपूर्ण है कि यह चंबल एक्सप्रेसवे इटावा से आरंभ हो रहा है अर्थात यह स्थान उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे व आगरा यमुना एक्सप्रेसवे के जंक्शन प्वाइंट को कनेक्ट करेगा यही नहीं आगे चलकर यह चंबल एक्सप्रेसवे 88 किलोमीटर लंबे आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के लिए ग्वालियर के पास एक इंटरचेंज बनाया जाएगा। तथा अंतिम छोर पर यह चंबल एक्सप्रेसवे कोटा में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को भी जोड़ेगा। इसके लिए निर्माणाधीन 1350 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कोटा के पास एक इंटरचेंज बनाया जाएगा। अर्थात लखनऊ हो अथवा दिल्ली, आगरा हो अथवा मुंबई सभी को यह चंबल एक्सप्रेसवे सुलभ संपर्क प्रदान करने वाला है।
चंबल एक्सप्रेसवे परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि लगभग 23,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से बनने वाली चंबल एक्सप्रेसवे परियोजना पर वर्तमान समय में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया संचालित है।
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यही भी बता दें कि जून 2022 में एनएचएआई ने परियोजना पर पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन किया था। परंतु एनजीटी ने चंबल एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को अस्वीकृति प्रदान करी जिसके कारण से इस परियोजना के संरेखण में परिवर्तन किया गया जिसके कारण से परियोजना में भी विलम्ब हुआ। तथा चंबल घाटी में इको सेंसिटिव जोन बनने से रोकने के लिए चंबल एक्सप्रेसवे परियोजना के संरेखण में परिवर्तन के पश्चात अब यह मार्ग 8 के बजाय 10 नदियों से होकर गुजरेगा। इस संरेखण पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में अधिक समय भी लगेगा क्योंकि पहले लगभग 75 प्रतिशत भूमि सरकार के पास थी, परंतु अब लगभग 90 प्रतिशत भूमि निजी कृषि भूमि है।
परंतु निराशा की बात नहीं है क्योंकि इसपर कार्य अब तीव्र गति से संचालित है। एवं एनएचएआई ने दिसंबर 2022 में अटल प्रोग्रेसवे के निर्माण कार्य के लिए टेंडर नोटिस प्रकाशित करना आरंभ कर दिया है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि NHAI ने अब तक मध्य प्रदेश में 219 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रेसवे के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। इनमें श्योपुर जिले में 60.9 किलोमीटर (पैकेज III), श्योपुर और मुरैना जिलों में 50.6 किलोमीटर (पैकेज IV), मुरैना जिले में 59 किलोमीटर (पैकेज V), और मुरैना जिले में 47.95 किलोमीटर (पैकेज VI) सम्मिलित हैं। तथा एक्सप्रेसवे की शेष लंबाई के लिए निविदाएं प्रगति पर हैं और अगले कुछ महीनों में निर्गत होने की आशा है। एवं निर्माण आरंभ होने के पश्चात दो वर्ष में इसके पूरा होने की आशा है।
महत्वपूर्ण है कि अभी तक चंबल को डाकुओं और अपराध के लिए जाना जाता था। अपहरण और हत्या इस स्थान की पहचान थी। परंतु इस एक्सप्रेसवे के बनने से ये छवी परिवर्तित हो जाएगी। लोगों को रोजगार मिलेगा और आजीविका के साधन मिलेंगे। इस बात को केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी कह चुके हैं। अब यह चंबल एक्सप्रेसवे औद्योगीकरण, पर्यटन, वाणिज्यिक विकास और परिणामी रोजगार के माध्यम से क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ाएगा। तथा जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों से होकर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे विकास की गाथा लिख रही है उसी प्रकार से चंबल एक्सप्रेसवे भी मध्य प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों को संबल प्रदान करेगा।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको चंबल एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिले का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-