काशी विश्वनाथ धाम में इस शिवरात्रि से मिलने वाली है शिव भक्तों को बहुत बड़ी सौगात
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटित श्री काशी विश्वनाथ धाम के प्रथम चरण के पश्चात बाबा धाम से गंगधार को एकाकार कर रहे गंगा छोर पर बन रहे द्वार गेटवे ऑफ कॉरिडोर को महाशिवरात्रि से पहले श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम (Shri Kashi Vishswanath Dham) के प्रथम चरण के पश्चात द्वितीय चरण के अंतर्गत अब गंगा द्वार से प्रवेश की प्रतीक्षा भी समाप्त होने जा रहा है। महाशिवरात्रि पर इसे श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। बता दें की इसके खुलने के साथ ही जल मार्ग से आवागमन भी आरंभ हो जाएगा। जो की वर्तमान समय तक नहीं है। कारण यह कि जलासेन से लेकर ललिताघाट तक जेटी व प्रवेश मार्ग का निर्माण संचालित है जो कि अब लगभग पूर्ण होने को है।
यहाँ पर बनाई गई जेटी भी नाव-बजड़ों के ठहराव के लिए शीघ्र ही तैयार हो जाएगी। गंगा द्वार पूरी तरह आकार पा चुका है और इस पर घाट तक सीढिय़ां बनाई जा रही हैैं तो जेटी की फर्श पर केवल पत्थर व रेलिंग लगाई जानी शेष है। इसे इसी महीने पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है ताकि एक मार्च को बाबा के विवाहोत्सव पर्व पर जब श्रद्धालु आएं तो गंगा मार्ग से होते सीधे बाबा धाम पहुँचें।
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जानकारी के लिए बता दें की विश्वनाथ धाम के नव्य-भव्य परिसर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 दिसंबर को किया था। इसके पश्चात गोदौलिया गेट, ढूंढिराज गणेश द्वार व सरस्वती फाटक से मंदिर चौक तक श्रद्धालुओं को प्रवेश भी दिया जाने लगा। इसके साथ ही गंगा गेट, सीढ़ी, रैैंप भवन समेत विस्तारित कार्यों में गति आई। गंगा गेट को चुनार के नक्काशीदार गुलाबी पत्थरों से पूरी भव्यता से आकार दे दिया गया है। लोकार्पण के समय इसका ढांचा ही तैयार हो पाया था। गंगा का जल स्तर बढ़ा होने से सीढ़ी-जेटी में विलंब हुआ। परंतु अब सीढ़ी भी ऊपर से नीचे की ओर बनाई जाने लगी है। वहीं 55 मीटर लंबी जेटी भी लगभग तैयार है।
बता दें की मणिकर्णिका से ललिता घाट तक 20 से 10 मीटर तक गंगा में चौड़ाई पहले ही बढ़ा ली गई है। इस पर अभी पत्थर लगाया जाना शेष है। कार्यदायी एजेंसी लोकनिर्माण विभाग के अनुसार विस्तारित कार्यों में चहारदीवारी, ब्लाक फोर, कैफे भवन आदि का स्ट्रक्चर तैयार हो गया है। इन्हें फाइनल टच दिया जाना है। सीढ़ी और जेटी भी फरवरी में पूरी तरह तैयार कर ली जाएगी। वहीं 45 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़े रैैंप भवन के लिए डायाफ्राम वाल बन गई है। ढलाई के साथ ही इसमें भी तेजी आ जाएगी। हालांकि रैैंप भवन व सीवेज पंपिंग स्टेशन पूरा करने में पूरा मार्च लग जाएगा। अर्थात गंगा द्वार में बाधा स्वरूप दिख रहे पंपिंग स्टेशन को हटने में अभी एक माह और शेष है।
सबसे बड़ी बात यह है की महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु गंगा द्वार से काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश पा सकेंगे। इसके लिए पहले ही अन्य कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें की श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सेल्फी लेने की अधूरी कामना भी अब पूरी हो सकेगी। धाम के लोकार्पण के पश्चात धाम में आने वाले श्रद्धालु यहां की सुंदरता को अपने कैमरे में कैद करने से वंचित थे परंतु गंगा द्वार से प्रवेश मिलने के पश्चात अब श्रद्धालु मंदिर चौक तक मोबाइल लेकर जा सकेंगे।
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मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को मंदिर चौक तक मोबाइल ले जाने की छूट दे दी है और 16 फरवरी से श्रद्धालु गंगा द्वार से मोबाइल लेकर मंदिर चौक तक जा सकेंगे।
जलासेन घाट पर बनी सीढ़ियों के माध्यम से भक्त बाबा धाम में पहुंचेंगे। वहां से मंदिर चौक से होते हुए सरस्वती फाटक के पास से बाबा के गर्भगृह परिसर में प्रवेश करेंगे। इस समयावधि में मंदिर चौक तक लोग मोबाइल फोन और अन्य सामान लेकर आ सकते हैं।
लोकार्पण के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ललिता घाट पर स्नान करने के पश्चात गेटवे ऑफ कॉरिडोर से ही धाम में प्रवेश किया था। पीएम मोदी ने लोकार्पण के पश्चात लोगों को संबोधित किया था। श्रमिकों पर फूलों की वर्षा की थी और उनके साथ सेल्फी ली थी।
बता दें की गंगा द्वार से धाम में प्रवेश के समयावधि में पड़ने वाले आसपास के अन्य सभी भवनों में अभी प्रवेश नहीं होगा। वाराणसी गैलरी, म्यूजियम, कैफे, वैदिक केंद्र सहित अन्य सभी भवनों का आवंटन आचार संहिता लगने के कारण से अभी नहीं हो सका है।
चुनार के गुलाबी पत्थरों की आभा से दमक रहे बाबा के धाम में प्रवेश के लिए तैयार गंगा द्वार घाट अब नए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। गुलाबी पत्थरों पर नक्काशी कर इसे पूरी भव्यता से आकार दिया गया है। धाम के लोकार्पण के समय में द्वार का केवल ढांचा तैयार हो पाया था, जो की अब जाकर पूर्ण हो सका है।
बता दें की धाम के दूसरे चरण का कार्य तेजी से चल रहा है और अधिकांश ढांचे बनकर तैयार हो चुके हैं। गंगा घाट पर गेटवे ऑफ कॉरिडोर के बाहर रैंप भवन का आधा कार्य पूरा हो चुका है। इसके साथ ही अंडरग्राउंड सीवेज पंपिंग स्टेशन में भी मार्च तक का समय लग जाएगा।
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इसके अतिरिक्त हम आपको ज्ञानवापी गेट के समीप हो रहे कुछ निर्माण कार्यों की जानकारी देते हैं। यहाँ पर वर्तमान समय में मार्बल कटिंग आदि का कार्य संचालित है जिसमें कि कई श्रमिक संलग्न हैं। बता दें की यह स्थान ज्ञानवापी के मूल विश्वेश्वर मंदिर के अत्यंत निकट का क्षेत्र है अर्थात जिस काशी विश्वेश्वर के मूल मंदिर को मुस्लिम आक्रांता औरंगजेब ने तोड़वाया था जिसके ऊपर आज भी विवादित ढाँचा खड़ा है। इसके अतिरिक्त बता दें की धाम के प्रवेश द्वार के दूसरी ओर भी छोटे छोटे मंदिरों का निर्माण कार्य संचालित है। जिसमें कि उत्खनन में प्राप्त मंदिरों के विग्रहों को स्थापित किया जाएगा।
शिव भक्तों के लिए गंगधार से गंगाधर के धाम तक का मार्ग सुगम होगा। माघ पूर्णिमा से श्रद्धालु अब श्री काशी विश्वनाथ धाम में गंगा द्वार से प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर प्रशासन और कार्यदायी संस्था ने गेटवे ऑफ कॉरिडोर को 16 फरवरी से खोलने की तैयारियां तेज कर दी है।
इसके साथ ही गंगा की धारा से बाबा के धाम का सीधा मार्ग भी खुल जाएगा। श्रद्धालु जलासेन घाट पर बनी सीढ़ियों के माध्यम से धाम में प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर चौक से होते हुए सरस्वती फाटक पर सुरक्षा जांच के पश्चात श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति होगी।
वर्तमान में गंगा तट से मंदिर चौक तक अभी केवल आने जाने के लिए ही खोला जाएगा। श्रद्धालु आसपास के भवनों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। घाट से मंदिर चौक तक श्रद्धालु अपना सामान, मोबाइल व कैमरा ले जा सकेंगे। मोबाइल व कैमरा रखने के लिए गंगा द्वार से चौक तक अलग-अलग स्थानों पर व्यवस्था किया जाएगा।
मंदिर चौक से भक्त सरस्वती फाटक पर जांच कराने के पश्चात मंदिर में प्रवेश करेंगे और दर्शन के पश्चात मंदिर परिसर के पूर्वी गेट से बाहर निकलेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पश्चात से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। मंदिर के बाहर ही मोबाइल फोन जमा करा लेने के कारण यहां की सुंदरता को कैद करने और सेल्फी की कामना पूरी नहीं हो पा रही थी।
इस कारण से अब प्रशासन ने मंदिर चौक तक मोबाइल फोन ले जाने की छूट दे दी है। 16 फरवरी से गंगा द्वार से श्रद्धालुओं का प्रवेश आरंभ हो जाएगा।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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