Ram Mandir के साथ रामलला के दर्शन को सुगम बनाएगा Ayodhya International Airport
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Ayodhya International Airport : भगवान श्री रामचंद्र के भव्य मंदिर के उद्घाटन से पहले अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का भी हो रहा है उद्घाटन और अब शीघ्र ही भगवान राम का दर्शन करने हेतु भक्त अयोध्या वायु मार्ग से अर्थात सीधा एयरपोर्ट से भी आ सकेंगे।
Ayodhya International Airport : इस समय यूपी समेत पूरे देश में अयोध्या के राम मंदिर के शुभारंभ की चर्चा है। आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी भी सम्मिलित होंगे। इस समयावधि में अयोध्या में बहुत कुछ नया है और बहुत कुछ परिवर्तित हो रहा है। इसी का प्रत्यक्ष प्रमाण है राम मंदिर से आठ किमी दूर अयोध्या में नया तैयार हुआ एयरपोर्ट। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एरपोर्ट इसका नाम है और अब ये कदाचित आपने अंतिम स्पर्श अर्थात फिनिशिंग टच पर है।
शीघ्र ही यहां से आपको उड़ान भी दिखाई देंगी। अयोध्या का यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्वयं में एक धर्म नगरी और एक मंदिर का अनुभूति दे रहा है। यहां आने वाले यात्री उतरते ही समझ जाएंगे कि वह किसी धर्म नगरी में आए हैं। इसमें मार्बल का सुंदर कार्य है। पत्थर और मेहराब के साथ खंभों पर जबर्दस्त नक्काशियां है। इसका रनवे भी बनकर तैयार है। इसका उद्घाटन 15 दिसंबर को हो सकता है, पहली फ्लाइट उतर सकती है।
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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अयोध्या में पहले मात्र 178 एकड़ में बहुत छोटी सी हवाई पट्टी थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में तैयार किया गया है। 821 एकड़ भूमि राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराने के पश्चात भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा नये हवाई अड्डे का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
बता दें कि अयोध्या में श्री राम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है। एयरपोर्ट को कोड AYJ जारी हो चुका है। शीघ्र ही एयरलाइन के लिए टिकट बुकिंग आरंभ हो जाएगी। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन की टीम के सामने आईं कमियां दूर की जा चुकी हैं। इसकी रिपोर्ट दिल्ली एविएशन सेंटर भेज दी गई है।
बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माणाधीन एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। उनके साथ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह भी उपस्थित रहे। इस समयावधि में मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों ने एयरपोर्ट के निर्माण से जुड़े प्रेजेंटेशन को भी देखा और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने बताया कि अयोध्या में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रथम चरण का निर्माण कार्य 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
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परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें कि पहले चरण में 65 हजार वर्ग फुट का हवाईतल बन रहा है। इसकी क्षमता प्रतिघंटे 2 से 3 फ्लाइट की होगी। यहां 2200 मीटर के रनवे का क्रियान्वयन होने जा रहा है, जिस पर छोटे विमानों के साथ ही बोइंग 737, एयरबस 319 और एयरबस 320 जैसे बड़े विमान भी लैंड कर सकेंगे। आरंभ में यहां 8 एप्रन बनाए गये हैं। वहीं पहले फेज के समीप ही दूसरे फेज के विमानतल को तैयार किया जाएगा, जोकि 5 लाख स्क्वाएर फुट का होगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी की योजना द्वितीय चरण में 3,125 मीटर व तृतीय चरण में 3,750 मीटर लंबा रन-वे बनाने की है, जिस पर बड़े जहाज भी उतर सकेंगे।
यदि आप यह सोच रहे हैं कि इसे और पहले क्यों नहीं आरंभ किया गया। तो आपको हम बता दें कि एयरपोर्ट के प्लान में कई परिवर्तन और एक्सटेंशन के कारण नए सिरे से कई निर्माण और संशोधन करने पड़ रहे हैं। इसके चलते अब निर्माण कार्य प्रत्येक अवस्था में दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी सभी काम चल रहे हैं। और सभी अंतिम चरण में हैं। एयरपोर्ट में पहले 4 हवाई जहाजो के रखने के लिए एप्रेन का निर्माण किया गया था जिनकी संख्या बढ़ा कर 8 कर दी गई है। ऐसे मे एक और एप्रेन का निर्माण किया जा रहा है।
इसी के साथ ही कूलिंग पिट का निर्माण तोड़ कर दूसरी स्थान पर इसका निर्माण किया जा रहा है। कूलिंग पिट एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए रहता है जिसमें बम, विस्फोटक और अन्य संदिग्ध वस्तु की जांच के लिए 24 घंटों तक रखा जाता है। हालांकि रन-वे का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, परंतु इसमें भी तकनीकी कार्य चल रहा है। टर्मिनल का निर्माण सिविल इंजीनियरिंग की टीम कर रही है। इसके पश्चात इलेक्ट्रिकल टीम अपना निर्माण आरंभ करेगी। टर्मिनल का निर्माण 80% पूरा हो चुका है।
श्रीरामजन्मभूमि पर एक ओर दिव्य-भव्य और चिरस्थायी मंदिर का पूर्णता की ओर है, तो दूसरी ओर भगवान के नाम से निर्माणाधीन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का टर्मिनल (मुख्य भवन) भी मंदिर की ही भांति आकार ले लिया है। एयरपोर्ट के टर्मिनल में सामने छह खंभे लगाए गए हैं।
बता दें कि 6200 वर्ग मीटर में निर्मित टर्मिनल में एक वृहद और 12 छोटे शिखर निर्मित किए गए हैं। एयरपोर्ट टर्मिनल में छह प्रवेशद्वार बनाए गए हैं। सभी गेट स्लाइडिंग (आटोमेटेड) होंगे। पूरा परिसर वातानुकूलित होगा। इसके साथ ही दो कनवेयर बेल्ट लगाई जा रही है, जिसमें एक पर एक्स-रे मशीन भी होगी। इन्हीं कनवेयर बेल्ट से यात्रियों का सामान एयरपोर्ट पर ले जाया जाएगा। एक्स-रे मशीन से सामान की जांच होगी।
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भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के एयरक्राफ्ट द्वारा एयरपोर्ट के परिचालन से पूर्व एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) में सम्मिलित विभिन्न घटकों तथा लोकलाइजर, ग्लाइड पथ, मार्कर, डी.एम.ई. आदि का कैलिब्रेशन भी किया जा चुका है। एक एप्रेन चार एयरक्राफ्टों के पार्किंग की सुविधा का शत प्रतिशत कार्य पूर्ण है तथा दूसरे एप्रेन चार एयरक्राफ्ट पार्किंग की सुविधा के कार्य भी अंतिम चरण में है।
पहले चरण में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद के लिए उड़ान आरंभ करने की योजना है। तत्पश्चात यात्रियों की संख्या और मांग को देखते हुए अन्य बड़े नगरों के लिए उड़ानें आरंभ की जाएंगी। प्रथम चरण के संचालन के साथ ही यहां पर नाइट लैंडिंग की सुविधा के साथ कोहरे में भी विमानों के लैंडिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि प्रथम चरण में 2200 मिटर लंबा व 45 मीटर चौड़ा रन-वे बनकर तैयार है। तथा नवीन हवाई अड्डे पर निर्माणाधीन टर्मिनल 6200 वर्ग मीटर का है। परंतु तीसरे चरण के रनवे के निर्माण के पश्चात यहां उड़ानों की संख्या अत्यधिक बढ़ जाएगी। इसीलिए एक और टर्मिनल बनाने का निर्णय लिया गया है। अति व्यस्त रहने वाले हवाई अड्डों पर दो-दो, तीन-तीन टर्मिनल बने हैं। इसीलिए भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर 30 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में एक और टर्मिनल को बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे यात्रियों को आने-जाने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो और किसी एक पर लोड भी अधिक नहीं बढ़े। इसके निर्माण के लिए भूमि की जांच आदि भी की जाएगी, जिससे भूमि की धारण क्षमता को भी जाना जा सके।
बता दें कि टर्मिनल की वार्षिक क्षमता 600,000 से अधिक यात्रियों को संभालने की होगी। टर्मिनल बिल्डिंग का डिज़ाइन अयोध्या राम मंदिर से प्रेरित है। इसमें शिखर और सजावटी स्तंभ होंगे जो रामायण की महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रदर्शित करेंगे।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई अयोध्या हवाई अड्डे की जानकारी पसंद आई हो तो जय श्री राम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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