चकरा देगा यूपी का विकास, प्रदेश को मिलेगी प्रगति की रफ़्तार – Gorakhpur Link Expressway
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Gorakhpur Link Expressway : किसी भी देश को विकसित होने के लिए वहां की आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। और इसकी महत्ता को समझते हुए देश की वर्तमान सरकार भारत के विभिन्न आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व विकास कर रही है। इस समय संपूर्ण भारत में हर ओर कोई ना कोई विकास कार्य संचालित है जिसका अनुभव आप स्वयं भी अपने क्षेत्र में रहकर कर रहे होंगे। इसी क्रम में आज हम आपको भारत के एक और विकास कार्य की जानकारी देने जा रहे हैं जो उत्तर प्रदेश को और बल देगा।
सबसे पहले, जानते हैं इस पूरे परियोजना के बारे में। बता दें कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश सरकार का एक महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। यह एक्सप्रेसवे, गोरखपुर को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसकी लंबाई करीब 91 किलोमीटर होगी और यह गोरखपुर जिले के जैतपुर NH-27 से आरंभ होकर आज़मगढ़ जिले के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर समाप्त हो रहा है।
आपको हम इस गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के एक्सक्लूसिव ड्रोन व्यू दर्शाते हुए पहले हम आपको इस परियोजना की काल चक्र की जानकारी देने हेतु बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की घोषणा की और 2019 में भूमि अधिग्रहण आरंभ हुआ था।
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तत्पश्चात फरवरी 2020 से कार्य आरंभ हुआ और परियोजना विकास हेतु पैकेज-1 के लिए मेसर्स ऐपको इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड तथा पैकेज-2 के लिए मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन को चुना गया है। वहीं इस परियोजना के लिए आवश्यक कुल भूमि में से 99.10% भूमि 04.07.2022 तक अधिग्रहित कर ली गई।
बता दें कि यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के चार जिलों को जोड़ता है जिनके नाम हैं
1.गोरखपुर
2-आजमगढ़
3-अम्बेडकरनगर, और
4-संत कबीर नगर
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के लागत की जानकारी देने हेतु बता दें कि इस स्वीकृत ग्रीनफील्ड परियोजना की लागत 5,876.67 करोड़ रुपये होने की आशा थी, जिसमें भूमि की लागत भी सम्मिलित है। हालांकि, परियोजना की अब अनुमानित लागत बढ़कर 7,283 करोड़ रुपये है। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर योगी सरकार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बना रही है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की विशेषताओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि इसकी ROW (राइट ऑफ वे) अर्थात मार्ग की चौड़ाई है 110 मीटर। और यह फोरलेन का मार्ग है। इसका निर्माण 1,095 हेक्टेयर अर्थात (2,710 एकड़) भूमि पर हुआ है। इस परियोजना में निर्माण संरचनाओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि इसमें 2 टोल प्लाजा, 3 रैंप प्लाजा, 7 फ्लाईओवर, 7 बड़े पुल, 27 छोटे पुल, 16 वीयूपी (वाहन अंडरपास), 50 लाइट अंडरपास और 7 महत्वपूर्ण पुल सम्मिलित हैं। तथा सबसे महत्वपूर्ण की सभी संरचनाओं का निर्माण 6 लेन के अनुसार किया गया है ताकि भविष्य में इस मार्ग को आवश्यकतानुसार फोरलेन से बढ़ाकर सिक्स लेन भी किया जा सके।
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बता दें कि इस परियोजना की नोडल एजेंसी है यूपीडा अर्थात (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) तथा इस संपूर्ण परियोजना का निर्माण ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मॉडल पर किया गया है। एक्सप्रेसवे से सटे गांवों के निवासियों को एक्सप्रेसवे तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक्सप्रेसवे के किनारों पर सर्विस रोड बनाई गई है। तथा अनधिकृत प्रवेश व पशुओं से मार्ग को संरक्षित करने हेतु दो स्तरीय फेंसिंग भी किया गया है।
बता दें कि पूरे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को दो पैकेज में बांटा गया है। 47.5 किमी के पैकेज 1 को APCO इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड बना रही है। इस पैकेज के मुख्य कैरिजवे का काम पूरी तरह से तैयार है। हालांकि, इसके चारों इंटरचेंज पर अभी काम चल रहा है, जो शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।
वहीं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के पैकेज-2 को दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड बना रहा है और गोरखपुर की ओर से आने पर घाघरा नदी पार करने के पश्चात पूर्वांचल एक्सप्रेस की ओर चलने पर किलोमीटर 47.5 से पैकज 2 की आरंभ होता है। जहां एक्सप्रेसवे के दोनों ओर टॉयलेट ब्लॉक बनकर तैयार हैं। पैकेज-2 का पहला इंटरचेंज राजेसुल्तानपुर- टांडा रोड के ऊपर बनाया गया है। तथा पैकेज-2 का दूसरा इंटरचेंज आजमगढ़-टांडा रोड पर नेशनल हाईवे नंबर 233 के ऊपर बनाया गया है। यह इंटरचेंज भी बनकर पूरी तरह से तैयार है।
इसके अतिरिक्त पैकेज-2 का तीसरा इंटरचेंज अंबेडकर नगर जिले में बनाया गया है। इस इंटरचेंज को भी डायमंड स्टाइल में ही बनाया गया है। इससे पहले किलोमीटर 82 पर टोल प्लाजा भी पूरी तरह से बनकर तैयार है। तथा आजमगढ़ जिले के सलारपुर गांव के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर यह लिंक एक्सप्रेसवे समाप्त होता है। यहां पर ट्रंपेट इंटरचेंज बनाया गया है। जिसकी आप एक्सक्लूसिव दृश्य अवलोकन कर रहे हैं।
अब बात करते हैं परियोजना पर हो रहे निर्माण कार्यों की वर्तमान परिस्थिति की तो आपको हम बता दें कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अबतक लगभग 99% समग्र रूप से कार्य इस गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का पूर्ण किया जा चुका है। यदि विस्तार में बताएं तो Earth work का 100% , तथा सबसे महत्वपूर्ण 343 में से 337 संरचनाओं का निर्माण भी पूर्ण हो चुका है। शेष जानकारी आपके स्क्रीन पर उपलब्ध हैं।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर संभावित टोल टैक्स की जानकारी देने हेतु बता दें कि दोपहिया और तीन पहिया वाहन – 140 रुपये। तथा कार, जीप,वैन आदि -280 रुपये। हल्के वाणिज्यिक वाहन, मिनी बस -435 रुपये, और ट्रक व बस आदि -830 रुपये। इसके अतिरिक्त मल्टी एक्सल व भारी वाहन -1325 रुपये व ओवरसाइज वाहन -1725 रुपये टोल टैक्स होने की संभावना है।
महत्वपूर्ण है कि लखनऊ से गोरखपुर तक इस गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के विकास के परिणामस्वरूप, यात्री 5 घंटे से भी कम समय में यात्रा पूरी कर सकते हैं। एक्सप्रेसवे लखनऊ, दिल्ली और आगरा से वाहनों की परेशानी मुक्त यातायात प्रदान करेगा। तथा गोरखपुर से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की दूरी 2 घंटे तक कम हो जाएगी। और यह प्रोजेक्ट गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगा। एवं किसानों को अपनी उपज को बड़े बाजारों तक पहुंचाने में सरलता होगी। यही नहीं गोरखपुर, कुशीनगर और वाराणसी जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंचना तेज और सरल होगी।
महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर लगातार काम कर रही योगी सरकार गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर आवागमन की पूर्ण सुविधा आरंभ करने की तैयारी में है। तथा अगले माह तक इसका उद्घाटन भी संभावित है। जिसके पश्चात गागोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल के एक बड़े क्षेत्र के लोगों को लखनऊ पहुंचने में मात्र साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा। इसके अतिरिक्त दिल्ली से लेकर आगरा तक के शानदार यात्रा का आनंद लोग ले सकेंगे।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:-