अद्भुत हो रहा है अयोध्या में श्री राम कुञ्ज का निर्माण
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श्री राम की नगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण (Ram Mandir Nirman) एक ऐतिहासिक कार्य है परंतु अयोध्या में केवल राम मंदिर ही नहीं बन रहा अपितु उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राम भक्तों के लिए संपूर्ण अयोध्या का करवा रही है कायाकल्प।
मित्रों जैसा कि हम सभी जानते हैं, की अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर (Ram Mandir Nirman) के निर्माण कार्य तीव्र गति से संचालित है तथा अब तक यह 40 प्रतिशत से अधिक पूर्ण भी हो चुका है। जिसकी की जानकारी हम आपको समय समय पर देते रहते हैं परंतु राम मंदिर के अतिरिक्त और भी बहुत कार्य हो रहे हैं जिसमें से कुछ आज हम आपको बता रहे हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Ram Janmabhoomi temple) निर्माण के लिए पत्थर तराशने का कार्य आरंभ हुए तो काफी समय हो गया और इसकी तस्वीरें भी आये दिन आपकी आंखों के सामने से गुजरती होंगी परंतु पहली बार अयोध्या में बनने वाले श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में लगने वाली मूर्तियों की तस्वीरें भी सामने आईं हैं।
जैसा कि मंदिर ट्रस्ट की ओर से बताया गया है कि मंदिर 2024 में जनवरी तक दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा। तो उसमें ये मूर्तियां श्री रामचंद्र के जीवनकाल के आरंभ से लेकर उनके राज्याभिषेक तक सबकुछ आपको बताएंगी।
बता दें कि अयोध्या से राम भक्तों के लिए सबसे अच्छा समाचार यह है कि गर्भगृह में बनने वाले श्री राम मंदिर के राम कुंज (Ram Kunj) में लगने वाली मूर्तियों के निर्माण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि आज से लगभग 8 वर्ष पूर्व इन मूर्तियों के निर्माण का कार्य अयोध्या के श्री राम कारसेवक पुरम में आरंभ हुआ था। यह मूर्तियां सीमेंट सरिया और कंक्रीट के मिश्रण से बनाई जा रही हैं। इन मूर्तियों को इस प्रकार से बनाया जा रहा है कि यह श्रीराम के जीवनकाल के आरंभ से लेकर सरयू में गुप्त होने तक के सभी प्रमुख पहलुओं का अनुभव कराएं और उसको जीवंत बनायें।
आपको हम बता दें कि इसमें महाराज दशरथ के पुत्रेष्ठी यज्ञ से लेकर श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुध्न के जन्म, शिक्षा, वन गमन, सुपर्णखा संवाद, श्री राम रावण युद्ध समेत सारे पहलुओं को मूर्तिकला के माध्यम से दर्शाया गया है।
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वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि अभी तक श्री राम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के दृश्य पर आधारित मूर्तियां तैयार हो चुकी हैं। परंतु स्थिति यह है कि एक किनारे टीन शेड में हो रहे निर्माण की कोई खास चर्चा तक नहीं है।
बता दें कि यह मूर्तियां जब महाराज दशरथ के पुत्र नहीं हो रहे थे और जब ब्रह्मा जी ने खीर दी थी जिसे पीने के बाद 4 पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न हुए इसके पश्चात से ही कहानी आरंभ होती है।
इसपर अधिक जानकारी हेतु बता दें कि हालांकि श्री राम मंदिर परिसर में स्थापित होने के लिए मूर्ति बनाने का कार्य 2014 में ही आरंभ कर दिया गया था। परंतु आरंभिक काल में यहां आधारभूत ढांचा तैयार कराने वाले अशोक सिंघल और उनके करीबी त्रिलोकी नाथ पांडे थें। त्रिलोकी नाथ पांडे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के रामसखा के तौर पर मुख्य पक्षकार भी थे। अशोक सिंघल के साथ त्रिलोकी नाथ पांडे भी अब इस धरा पर नहीं हैं परंतु उनकी सोच और संरचना दोनों को श्री राम मंदिर ट्रस्ट साकार करने में जुटी है।
बता दें कि इन मूर्तियों को स्थापित करने के पश्चात इसके पीछे इससे संबंधित पेंटिंग की जाएगी और रामचरितमानस में इसके संदर्भ में लिखी चौपाइयों को अंकित किया जाएगा। मूर्तियां लंबे समय तक सुरक्षित रहें इसके लिए इसे ग्लास से कवर किया जाएगा और चारों ओर सुसज्जित प्रकाश व्यवस्था रहेगी।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि राम जन्मभूमि परिसर में बनाए जाने वाले म्यूजियम, रामायण भवन और फैसिलिटी सेंटर को राम जन्मभूमि परिसर के बाहर स्थापित करने की योजना तैयार हो गई है। बीते दिनों राम जन्मभूमि निर्माण समिति की बैठक में अयोध्या विकास प्राधिकरण ने इसकी योजना प्रस्तुत किया था।
राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है तो वहीं राम जन्मभूमि परिसर के विकास की योजना को लेकर मंथन आरंभ कर दिया गया है। ट्रस्ट के अनुसार, परिसर के विकास में सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हालांकि योजना को लेकर पूर्व में निर्माण समिति की बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा की गई थी। मंदिर निर्माण योजना को अब परिसर के बाहर समाहित करने की तैयारी है।
बता दें कि भवन निर्माण समिति और ट्रस्ट के पदाधिकारियों की तथा अयोध्या के अधिकारियों की यह योजना है कि कोई भी योजना परिसर के भीतर और परिसर के बाहर ना हो सके, डुप्लीकेसी से बचा जाए और श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को भी ध्यान रखा जाए जिसको लेकर बैठक में मंथन हो चुका है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार परिसर के विकास को लेकर मानचित्र तैयार किया जा रहा है। यह मानचित्र तब तक तैयार नहीं माना जा सकता है, जब तक अयोध्या विकास प्राधिकरण में पेश न किया जा सके अभी उसमे नई चीजें जुड़ती रहती है। भगवान श्री रामलला का मंदिर शताब्दियों के पश्चात लोगों को मिल रहा है। इसलिए सुरक्षा से कोई समझौता न करते हुए भक्तों की ईच्छाओं का ध्यान रखते हुए पूरा करने का कार्य किया जाएगा।
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विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के अनुसार बीते दिनों भवन निर्माण समिति की बैठक में यह तय किया गया था की ऐसी कौन सी व्यवस्थाएं हैं जो अन्य विभागों के द्वारा नगर में विकसित की जा रही हैं जिनकी आवश्यकता पर्यटकों को पड़ेगी। ऐसी कौन सी सुविधाएं हैं जो नगर में सरकारी विभागों के द्वारा किया जा रहा है। यदि कोई कमी रह जाए तो उसका विकास राम जन्मभूमि परिसर में किया जाए, ताकि डुप्लीकेसी ना हो जो सुविधाएं बनाई जाए। उनका पूर्ण रूप से प्रयोग किया जाए।
बता दें कि ऑडिटोरियम, म्यूजियम, टूरिस्ट फेस्टिवेशन सेंटर, ऑडियो विजुअल गाइड सिस्टम, रामायण कालीन प्रसंग व कन्वेंशन सेंटर इन सभी चीजों को बाहर विकसित किया जाना है। सरकार की परियोजना से जनता को परिचित भी कराना है। ताकि राम जन्मभूमि परिसर के अंदर इनको विकसित करने की आवश्यकता ना पड़े।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई अयोध्या की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें।
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