भारत पाकिस्तान युद्ध के बीच CM योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा एक्शन – Ganga Expressway Update
Getting your Trinity Audio player ready...
|
Ganga Expressway Update : देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक तथा उत्तर प्रदेश की अति प्रतीक्षित परियोजना प्रवेश नियंत्रित मार्ग गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य ने तीव्रतम गति पकड़ रखी है।

बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश (यूपी) राज्य में एक महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना है। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रथम चरण में मेरठ जिले के बिजौली गांव को प्रयागराज जिले के जुदापुर दांडू गांव से जोड़ता है।
इस मार्ग को छह लेन का बनाया जा रहा है तथा इसे इस प्रकार से बनाया जाएगा की इसे आवश्यकता पड़ने पर 8 लेन तक बढ़ाया जा सके। परियोजना की कुल लंबाई 594 किमी है। Ganga Expressway (गंगा एक्सप्रेस वे) पर अधिकतम गति 120 किमी/घंटा तय की गई है।
Read Also
हो रहा है जीवनरेखा का निर्माण, जुड़ेगा एअरपोर्ट से भी – Kanpur Ring Road
कानपूर के भविष्य का निर्माण, Kanpur Metro Inauguration & Extension
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति के दृश्य प्रदर्शित करते हुए आपको हम बता दें कि मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है। अभी तक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 81 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो गया है। तथा 2025 तक बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
निर्माण कार्य से जुड़ी जानकारी देने हेतु बता दें कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) गंगा एक्सप्रेसवे को विश्वस्तरीय बनाने के लिए एआइ और सेंसर आधारित तकनीकी का प्रयोग कर रहा है। इस तकनीकी के प्रयोग से एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता व समतल सतह के निर्माण में सहायता मिल रही है।

अधिक जानकारी हेतु बता दें कि यह तकनीक निर्माण के समयावधि में ही कमियों को पकड़ने में सक्षम है। इसके लिए सरकार ने स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख की ईटीएच यूनिवर्सिटी और आरटीडीटी लैबोरेट्रीज एजी के साथ समझौता किया है।
यूपीडा के अनुसार 594 किलोमीटर का गंगा एक्सप्रेसवे देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे में से एक है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों को जोड़ेगा। भविष्य में इसे बलिया तक विस्तारित किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता और वाहन चलाने में आराम को सुनिश्चित करने के लिए स्विस तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
Read Also
वाराणसी बुलेट ट्रेन पर आई बड़ी खुशखबरी – Varanasi Howrah Bullet Train Update
फिर बदलेगा काशी का भूगोल – Dalmandi Road Widening Varanasi
इसके अंतर्गत वायब्रेशन तकनीकी और सात एक्सेलेरोमीटर सेंसर युक्त इनोवा कार से सभी छह लेन की जांच की जा रही है। इसकी सहायता से एक्सप्रेसवे की सतह, ड्राईविंग में सुविधा और उतार-चढ़ाव का डाटा एकत्र किया जाता है, जिसे आनलाइन ग्राफ के रूप में देखा जा सकता है। इससे तुरंत यह पता चल जाता है कि एक्सप्रेसवे का कौन सा भाग मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है।
गंगा एक्सप्रेसवे पर इस तकनीकी के प्रयोग के पश्चात इसे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर भी प्रयोग किए जाने की तैयारी की जा रही है। 91.35 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। जिसकी जानकारी हमारे चैनल पर उपलब्ध है।

यह भी बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का चौथा एक्सप्रेसवे है। यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है, जिसकी हवाई पट्टी पर वायुसेना के लड़ाकू विमान रात में भी उतर सकते हैं। आपात लैंडिंग के लिए बीते दिनों वायुसेना अभ्यास किया। 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी पर राफेल, जगुआर, मिराज जैसे लड़ाकू विमानों की लैंडिंग हुई। नाइट लैंडिंग के दौरान कटरा-जलालाबाद हाईवे तीन घंटे तक पूरी तरह से बंद रहा। इस समयावधि में वैकल्पिक मार्गों से वाहन गुजारे। सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस के साथ एटीएस कमांडो भी तैनात रहे। हवाई पट्टी के पांच किमी क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था में चार एडिशनल एसपी, 14 सीओ, 30 इंस्पेक्टर, छह सौ से अधिक सिपाही, 360 होमगार्ड, सात कंपनी पीएसी के साथ ही एटीएस कमांडो तैनात किए गए। पूरा क्षेत्र नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया।

बता दें कि देश में पहली बार किसी एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी पर रात में लड़ाकू विमान उतरे। इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि युद्ध की स्थिति में यदि दुश्मन देश बमबारी कर एयरबेस की हवाई पट्टी को नष्ट कर दे तो विकल्प के रूप में एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी का प्रयोग किया जा सके। आपात स्थिति में तत्काल सैन्य कार्रवाई के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। हाईवे को सफर के साथ ही देश की सुरक्षा में भी प्रयोग किया जा सकेगा। वर्तमान परिस्थितियों में पाकिस्तान और चीन भारत की सीमा पर हरकतें कर रहे हैं। त्रिशूल एयरबेस भारत-चीन सीमा की निगरानी करता है। इसकी क्षमता बढ़ने से देश की सुरक्षा पुख्ता होगी।
उन्नाव के पास से गुजर रहे गंगा एक्सप्रेसवे के ड्रोन व्यू दर्शाते हुए बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे की मेरठ से प्रयागराज के बीच कुल लंबाई 594 किमी की है। एक्सप्रेसवे का उन्नाव जनपद में सबसे लंबा 104.8 किमी का है। जिले से ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और कानपुर-लखनऊ राजमार्ग भी निकला है। वहीं, एलीवेटेड कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे अलग रूट से निकल रहा है।
Read Also
मुंबई से दुबई अब ट्रेन से – Mumbai Dubai UnderSea Train Project
अयोध्या राम मंदिर निर्माण की बदली तारीख – Ayodhya Ram Mandir Nirman
गंगा एक्सप्रेस-वे तीनों को क्रास करेगा। हरदोई और उन्नाव की सीमा के बीच में आगरा एक्सप्रेस-वे पड़ता है। इस कारण एक जंक्शन वहीं पर बन रहा है, जिसका लगभग 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। कानपुर-लखनऊ हाईवे पर सोनिक के पास जंक्शन बनकर तैयार हो चुका है। वहीं एलीवेटेड एक्सप्रेसवे पर नेवरना में एक जंक्शन बन रहा है। इन जंक्शन से गंगा एक्सप्रेस-वे के वाहन अथवा इन मार्गों का यातायात संबंधित मार्गों पर चढ़-उतर सकेंगे।
बता दें कि सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना आवश्यक भी है। इसी के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रयागराज से मेरठ तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को मुज़फ्फरनगर को कवर करते हुए हरिद्वार से जोड़ने की मांग की गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने सर्वे कराए जाने की सहमति दे दी है।

पहले चरण में गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जा रहा है। यह दूरी 594 किलोमीटर है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज तक जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 518 गांवों से होकर गुजर रहा है। इसके बनने से मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा 6 घंटे में पूरा होगा।
दूसरे चरण में गंगा एक्सप्रेसवे के एक्सटेंशन पर काम किया जाएगा। इसमें 5 और जिलों को जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण में 350 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। दूसरे चरण के निर्माण का काम पूरा होने के पश्चात यह सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। अभी पहले चरण का काम चल रहा है। इस रूट पर कई जिलों में इंटरचेंजिंग और ओवरब्रिज का काम चल रहा है।
Read Also
अब 25 मिनट में होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन – Amarnath Ropeway को मिली स्वीकृति
बदल जायेगा दर्शन अनुभव – Vaishno Devi Bhawan Ropeway Project
दूसरा चरण पूरा होने के पश्चात यह एक्सप्रेसवे 900 किलोमीटर से अधिक लंबाई का हो जाएगा। इसके बनने के पश्चात एनसीआर के इलाके सीधे बिहार से जुड़ जाएंगे।
अब यह देखना होगा कि यह स्वीकृति हमें धरा पर स्वरूप लेते हुए कब दिखेगी तथा कब तक गंगा एक्सप्रेसवे के द्वितीय चरण के अंतर्गत टेंडर व निर्माण कार्य आदि आरंभ होता है। हमारी दृष्टि इस पर बनी रहेगी और कोई भी नवीन जानकारी आते ही हम आपको अवगत कराएंगे।

मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:-