काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के द्वितीय चरण के निर्माण कार्य ने पकड़ी रफ़्तार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नव्य-दिव्य स्वरूप के भव्य लोकार्पण के पश्चात अति शीघ्र काशीवासियों तथा समस्त शिव भक्तों को अब गंगा द्वार और बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम घाट की सौगात मिलने वाली है।

काशी में भगवान विश्‍वनाथ का भव्‍य धाम बनकर तैयार हो गया है। अब बाबा धाम में आस्‍था का सागर नियमित उमड़ रहा है। जितनी संख्या कभी शिवरात्रि अथवा सावन माह में हुआ करती थी अब वह प्रतिदिन देखने को मिलती है।

बता दें की श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पश्चात बाबा धाम में मत्था टेकने और धाम के नव्य-भव्य स्वरूप की नयनाभिराम छवि आंखों में संजोने के लिए प्रतिदिन देशभर से लगभग 60 से 70 हजार आस्थावान उमड़ रहे हैैं। आते-जाते राहगीरों के बीच भक्तों की कतार लग रही है।

Lalita Ghat

जानकारी के लिए बता दें की श्रीकाशी विश्वनाथ धाम विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना में समस्त गेट समेत 24 निर्माण किए जाने थे। इन्हें 31 दिसंबर, 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य था। इस बीच चार माह पहले एक भवन रद्द करते हुए छोटे-बड़े नौ कार्य और जुड़ गए। इसमें गंगा गेट, रैैंप भवन, कैफे भवन, गंगा दर्शन गैलरी, ब्लाक फोर अर्थात दुकानें, चहारदीवारी आदि सम्मिलित किए गए। इनके लिए दो माह पहले ही 55 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। सुविधा को देखते हुए पहले के साथ ही दूसरे चरण के भी कुछ कार्य पूरे कर लिए गए हैैं। अब इन्हें पूरा कर हैैंडओवर करने की तैयारी की जा रही है।

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पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि गोदौलिया-दशाश्वमेध मार्ग पर दबाव कम करने के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के द्वितीय चरण का कार्य पूरा होते ही अधिकाधिक भक्तों को गंगा द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। लोकार्पण के पश्चात परियोजना के दूसरे चरण का काम पुन: गति पकड़ चुका है। इसे पूरा होने में लगभग दो माह लगेंगे। ऐसे में गंगा द्वार से बाबा धाम में प्रवेश करने के लिए श्रद्धालुओं को फिलहाल दो माह तक प्रतीक्षा करना होगा।

परंतु श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की दिव्यता व भव्यता तो अब ही लोगों को आकर्षित कर रही है, विभिन्न भवनों का संचालन आरंभ होते ही इनका रंग और भी चटख हो जाएगा।
बता दें की एंपोरियम, वाराणसी गैलरी, सिटी म्यूजियम, मुमुक्षु भवन व आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र संचालन के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट विकास क्षेत्र परिषद की ओर से कंपनी चयन की प्रक्रिया चल रही है।

इसके अतिरिक्त आपको बता दें की दिव्‍य और भव्‍य काशी विश्‍वनाथ धाम में आने के लिए बने भव्‍य द्वारों को देखकर अब लोगों के सामने दिव्‍य बाबा धाम का कलेवर भी प्रदर्शित होगा। भव्‍य द्वार भी बाबा धाम में चार चांद लगाते हैं।

निर्माणाधीन कॉरिडोर

जानकारी के लिए बता दें की बाबा धाम में लगने वाले सभी दरवाजे सीड़ लकड़ी से राजस्थान में तैयार किए गए हैं। वाराणसी में इनको लाकर सफाई और पाॅलिश धाम में ही किया गया है। इन दरवाजों की कीमत लाखों में आंकी गई है। वाराणसी में बाबा धाम के सभी द्वारों के नाम भी अब प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें दो द्वार प्रमुख प्रवेश द्वार होगा, इन्हीं द्वार से होते हुए श्रद्धालु मंदिर प्रांगण में पहुचेंगे। गलियों से होते हुए जो भी भक्त सरस्वती फाटक पहुचेंगे उनके लिए भी प्रवेश सुगम होगा। मंदिर प्रांगण में चार द्वार हैं, अब प्रवेश और निकास पर मंथन हो रहा है।
घाट से आने वाले श्रद्धालु गंगा द्वार से मंदिर प्रांगण में जाएंगे। वहीं सड़क मार्ग से दर्शनार्थी ढुंढिराज द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे और दशाश्वमेध त्रिपुरभैरवी गलियों से होते हुए दर्शनार्थी सरस्वती द्वार से मंदिर प्रांगण पहुचेंगे।

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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के चौथे प्रवेश द्वार का नाम होगा नंदी द्वार जिसे वीआइपी लोगों के लिए आरक्षित किया गया है। हालांकि, बाबा के विशेष आयोजनों के अवसर पर मंदिर प्रबंधन आवश्यकता अनुसार इस द्वार का प्रयोग करेगा। वहीं परिसर में बने सभी सुरक्षा प्वाइंटों का नाम भी पास के उस सुरक्षा प्वाइंट से सटे भवन के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही प्रशासन रिपोर्ट जारी करेगा।

श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के दूसरे चरण के प्रोजेक्ट का काम 60 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। पीएसपी के इंजीनियरों की मानें तो एक माह में इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके पश्चात श्रद्धालु काशी की पंरपरानुसार गंगा स्नान के पश्चात सीधे बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे।

अब यदि काशी विश्वनाथ धाम के घाट निर्माण कार्य बात करें तो सीढ़ियां बनाने के लिए स्लैब बनाया जा चुका है। बस सीढ़ियों का स्टेप बनाना बाकी जो कि अब संचालित है तथा ललिता घाट की ओर गंगा नदी में सीढ़ीयों का निर्माण तीव्र गति से संचालित है लाल पत्थर के चौक लग चुके हैं तथा सीढ़ी के स्टेप के लिए मोटे मोटे पत्थरों को लगाया जा रहा है। जैसे ही यह स्टेप बनकर पूरा होगा उसके पश्चात गंगा के रास्ते 80 सीढ़ियों को पार कर श्रद्धालु सीधे बाबा धाम में पहुंचेंगे। संभावित है कि इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

घाट प्रवेश द्वार

वर्तमान में गंगा द्वार के रास्ते अभी श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के लिए गंगा से गंगा द्वार तक अस्थाई रास्ता बनाया गया था जिस पर अभी काम चल रहा है। सुरक्षा कारणों को देखते हुए अभी प्रशासन ने इस रास्ते से प्रवेश बंद कर दिया है। गंगा द्वार पर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
बता दें की धाम के लोकार्पण से पहले दिन-रात शिफ्टों में काम रहे श्रमिकों को कंपनी ने एक सप्ताह की छुट्टी दी थी। तथा अब पुनः तीव्र गति के साथ कार्य संचालित है।

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बता दें की सन् 1669 में औरंगजेब के आदेश के पश्चात मुगल सेना ने हमला कर आदि विशेश्वर का मंदिर ध्वस्त किया था। मुगल हमले के पश्चात पुजारियों ने ज्ञानवापी परिसर के बगल में दोबारा शिवलिंग की स्थापना कर पूजा पाठ आरंभ किया। तथा वर्तमान के काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होलकर ने सन् 1780 में कराया था। एवं आज भगवान श्री काशी विश्वनाथ धाम में पुनः अपने भव्यतम स्वरूप में विश्व के समक्ष प्रस्तुत हैं जो की माननीय प्रधानमंत्री के परिकल्पना का निर्माण है।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

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