बदल जायेगा दर्शन अनुभव – Vaishno Devi Bhawan Ropeway Project
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Vaishno Devi Ropeway : किसी भी देश को विकसित होने के लिए वहां की आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। और इसकी महत्ता को समझते हुए देश की वर्तमान सरकार भारत के विभिन्न आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व विकास कर रही है। इस समय संपूर्ण भारत में हर ओर कोई ना कोई विकास कार्य संचालित है जिसका अनुभव आप स्वयं भी अपने क्षेत्र में रहकर कर रहे होंगे।
परंतु जब बात आती है धार्मिक स्थलों की तो आपने नोटिस किया होगा, वर्तमान सरकार देश के सभी प्रमुख मंदिरों का जीर्णोद्धार व तीर्थयात्रा को सुगम बनाने पर भी कार्य कर रही है। फिर चाहे वो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर हो राम मंदिर हो अथवा केदारनाथ बद्रीनाथ धाम का पुनर्विकास। इसी क्रम में अब माता वैष्णोदेवी की यात्रा को सुगम बनाने की योजना का भी शुभारंभ हो गया है। और हम आपतक ऐसी सभी जानकारी अपने वीडियोज़ के माध्यम से लाते रहते हैं।
वैष्णोदेवी मंदिर प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन करने को आते हैं। परंतु सभी के लिए चढ़ाई सरल नहीं होती। खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए। इसी को ध्यान में रखते हुए वैष्णोदेवी रोपवे प्रोजेक्ट की आरंभ की गई है। यह प्रोजेक्ट कटरा से भवन तक का सफर बहुत ही सरल और सुविधाजनक बना देगा।
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बता दें कि माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या प्रत्येक वर्ष बढ़ रही है। पिछले वर्ष, यात्रा ने 95 लाख का नया रिकॉर्ड स्थापित किया, जो 2023 में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। जिस कारण से इस रोपवे परियोजना पर कई वर्षो से चर्चा हो रही थी और अब बोर्ड ने इसे आगे बढ़ाने का निर्णय किया है, ताकि श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
परियोजना की जानकारी देने हेतु बता दें कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा को और सुगम बनाने के लिए बहुप्रतीक्षित रोपवे प्रोजेक्ट का आरंभ कर दिया है। यह परियोजना ताराकोट से सांझीछत तक संचालित होगी और 14 किमी के पैदल मार्ग को मात्र 6 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इस रोपवे की कुल लंबाई: 3.85 किलोमीटर होगी और इसके निर्माण की अनुमानित लागत ₹250 करोड़ है।
इस प्रोजेक्ट से विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों को लाभ होगा, जो वर्तमान में कठिन पैदल यात्रा के कारण दरबार तक नहीं पहुंच पाते हैं। यह रोपवे न केवल समय बचाएगा अपितु यात्रियों की थकान को भी कम करेगा।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा कि रोपवे प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य आरंभ किया जा रहा है। यह परियोजना माता वैष्णो देवी यात्रा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी और देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को सुगम बनाएगी। इससे समय की बचत होगी और मात्र 5 से 6 मिनट में आप कटरा स्थित बेस कैंप तारकोट से सांझी छत पहुंच जाएंगे। इस रोपवे में गंडोला केबल कार सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। सरकार के इस प्रोजेक्ट से पर्यटन को बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी।
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बता दें कि श्री माता वैष्णो देवी यात्रा विश्व प्रसिद्ध है, जहां प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। रोपवे प्रोजेक्ट से यात्रा में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा और यह विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगा जो शारीरिक या अन्य कारणों से यात्रा करने में कठिनाई का अनुभव करते हैं।
यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टि से अपितु आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। रोपवे की सहायता से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे स्थानीय रोजगार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। श्राइन बोर्ड ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है, जो आने वाले वर्षों में यात्रा को अधिक सुविधाजनक और आकर्षक बना देगा। श्रद्धालु बेसब्री से इस परियोजना के पूरा होने का प्रतीक्षा कर रहे हैं। रोपवे प्रोजेक्ट माता वैष्णो देवी यात्रा को नई दिशा देने वाला कदम है। यह श्रद्धालुओं के लिए आस्था के साथ-साथ आरामदायक यात्रा का भी प्रतीक बनेगा।
बता दें कि पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भी खास ध्यान रखा गया है। निर्माण के समयावधि में पहाड़ियों और जंगलों को हानि ना पहुंचे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त, रोपवे में एडवांस सेफ्टी फीचर्स होंगे, जैसे कि हाई-विंड अलर्ट सिस्टम और इमरजेंसी ब्रेक सिस्टम आदि।
जहां तक इस रोपवे के किराए की बात करें तो रोपवे के आरंभ होने के पश्चात भक्त ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट बुक कर सकेंगे। अनुमान है कि एक ओर का किराया ₹500 से ₹600 के मध्य हो सकता है।
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यह प्रोजेक्ट केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, अपितु यह लाखों भक्तों की भक्ति और श्रद्धा को सरल बनाने का एक प्रयास है। बुजुर्ग, दिव्यांग, और बच्चों के लिए यह एक वरदान सिद्ध होगा। तथा वैष्णो माता के दरबार तक पहुंचने का अनुभव और भी स्मरणीय हो जाएगा।
महत्वपूर्ण है कि, श्राइन बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना के समयावधि में क्षेत्रीय लोगों की चिंताओं पर भी विचार किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि निर्णय को अंतिम रूप दिए जाने के पश्चात बोर्ड का लक्ष्य शीघ्र ही जमीनी कार्य आरंभ किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार रोपवे तारकोट मार्ग को भवन अर्थात मुख्य मंदिर क्षेत्र से जोड़ेगा। पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाई जाएगी और श्रद्धालुओं को त्रिकुटा पहाड़ियों का शानदार दृश्य मिलेगा जो यात्रा के आध्यात्मिक और प्राकृतिक अनुभव को और बेहतर बनाएगा। इस रोपवे से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को यात्रा करने में सहायता मिलेगी जिससे पारंपरिक ट्रैकिंग मार्ग पर होने वाली भीड़-भाड़ में भी कमी आएगी। अधिकारियों का कहना है कि यात्रा का समय घंटों के बजाय कुछ मिनटों में सिमट जाएगा।
मित्रों यदि दी हुई वैष्णोदेवी रोपवे प्रोजेक्ट निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिले का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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