महाकुंभ का महापुल – Prayagraj 6 Lane Ganga Bridge
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Prayagraj 6 Lane Ganga Bridge : किसी भी देश को विकसित होने के लिए वहां की आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। और इसकी महत्ता को समझते हुए देश की वर्तमान सरकार भारत के विभिन्न आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व विकास कर रही है। इस समय संपूर्ण भारत में हर ओर कोई ना कोई विकास कार्य संचालित है जिसका अनुभव आप स्वयं भी अपने क्षेत्र में रहकर कर रहे होंगे। इसी क्रम में आज हम आपको भारत के एक और विकास कार्य की जानकारी देने जा रहे हैं जो उत्तर प्रदेश व प्रयागराज को और बल देगा।
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प्रयागराज 6 लेन रोड व गंगा पुल परियोजना की शुरुआत से जानकारी देने हेतु बता दें कि प्रयागराज के मलाका में 26 नवंबर 2020 से 10 किमी लंबा, देश का दूसरा सबसे बड़ा 6 लेन ब्रिज बनाने का कार्य आरंभ हुआ। इसमें लगभग 4 किमी का पुल गंगा नदी पर बनना था। महाकुंभ-2025 के लिए यह पुल बहुत आवश्यक था। कारण- गंगा नदी पर बने 50 वर्ष पुराने पुल का जर्जर होना। दूसरा यह कि एक रास्ते से करोड़ों श्रद्धालुओं का संगम तक पहुंचना भी सरल नहीं है।
मलाका में इस पुल का निर्माण फरवरी-2024 तक हो जाना चाहिए था। परंतु, यह अभी तक बनकर तैयार नहीं हो सका है। यही कारण है कि विकल्प में एक अस्थाई ब्रिज बनाया गया है। जिसकी जानकारी हम आपको आगे देते हैं।
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बता दें कि 26 नवंबर 2020 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका शिलान्यास किया। 9.9 किमी लंबे पुल के लिए 1948 करोड़ रुपए का बजट रखा। इस पुल को बनाने के लिए एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दायित्व दी गई। कंपनी ने कार्य भी आरंभ कर दिया।
जर्मन टेक्नोलॉजी से बन रहा सिक्स लेन पुल इस पुल को केबल और बॉक्स के जरिए, जर्मन टेक्नोलॉजी से बनाया जा रहा है। लगभग 3840 मीटर का भाग गंगा नदी और कछार एरिया पर बन रहा है। इसके लिए 67 पिलर तैयार किए गए। पुल के ऊपर ही रेस्टोरेंट बनाने की भी प्लानिंग है। ऐसा प्रपोजल था कि फरवरी 2024 तक पुल निर्माण पूरा हो जाएगा। परंतु, ऐसा नहीं हुआ। फिर इसकी डेट- जून 2024, जुलाई 2024, अगस्त 2024 दी गई।
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पुल के ड्रोन व्यू दर्शाते हुए अधिक जानकारी हेतु बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय प्रयागराज में गंगा पर उत्तर प्रदेश (यूपी) का पहला छह लेन का एक्सट्राडोज्ड पुल बनवा रहा है। जो कि एक्सट्राडोज्ड पुल में ऐसी संरचना का प्रयोग किया जाता है जिसमें बॉक्स गर्डर ब्रिज और केबल-स्टेड ब्रिज दोनों के मुख्य तत्व सम्मिलित होते हैं।
3.84 किलोमीटर के भाग में 67 खंभे बने है। इसके अतिरिक्त, इस 3.84 किलोमीटर में से 860 मीटर का विस्तार एक्सट्राडोज्ड ब्रिज होगा और शेष भाग प्रीकास्ट सेगमेंटल ब्रिज होगा, जिसका विस्तार 50 मीटर होगा। इस 860 मीटर में से 200 मीटर के तीन विस्तार होंगे, जबकि 130 मीटर के दो विस्तार पुल के दोनों ओर बैलेंसिंग स्पैन होंगे। इसके अतिरिक्त, खिंचाव के दोनों ओर 50 मीटर के दो विस्तार भी होंगे।
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यह पुल प्रतापगढ़ रोड (मलक हरहर तिराहे से लगभग 500 मीटर) से आरंभ होगा, वर्तमान में वाई-जंक्शन (लखनऊ की ओर जाने वाला) को पार करने के लिए ऊंचाई प्राप्त करेगा और फिर स्टेनली रोड पर समाप्त होने से पहले बेली गांव से गुजरते हुए कछार क्षेत्र से गंगा को पार करेगा। लखनऊ की ओर जाने के इच्छुक यात्रियों के लिए एक स्लिप रोड होगी, जिसका उपयोग करके वे लखनऊ की ओर मुड़ सकते हैं, जबकि प्रतापगढ़ या फैजाबाद की ओर जाने वाले लोग पुल पर ही रहेंगे और मौजूदा प्रयागराज-प्रतापगढ़ राजमार्ग पर उतरेंगे।
महत्वपूर्ण है कि प्रयागराज में बन रहा सबसे बड़ा गंगा पुल जो की सिक्स लेन का होगा और 10 किलोमीटर लंबा है। उत्तर दिशा से नगर में प्रवेश हेतु एकमात्र चंद्रशेखर आजाद सेतु सड़क मार्ग पर लगने वाले जाम से लोगों को राहत दिलाएगा यह ब्रिज मलका हरिहर से आरंभ होकर स्टेनली रोड पर एक बड़े से चौराहे के पास से गुजरते हुए मंफोर्डगंज में दूरदर्शन कार्यालय तक होगा स्टेनली रोड पर एक गोल चौराहा होगा यह बिल्कुल नया गोल चौराहा होगा।
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परियोजना लागत की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि पुल के निर्माण के लिए 1448 करोड़ और भूमि अधिग्रहण के लिए 450 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। तथा अन्य कार्यों में खर्च के लिए लगभग 50 करोड़ रुपये का धन आवंटित किया गया है। यह नया सिक्स लेन पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-27 और राष्ट्रीय राजमार्ग-76 के माध्यम से नैनी पुल से होकर मध्य प्रदेश, बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र से आने वाले और लखनऊ व फैजाबाद जाने वाले यातायात के लिए सुविधाजनक होगा।
यही नहीं फाफामऊ में मलाक हरहर तिराहा, जहां से गंगा सेतु का आरंभ है, वहां लगभग 840 मीटर लंबाई का एक फ्लाई ओवर भी बनेगा। इस फ्लाई ओवर के माध्यम से फैजाबाद और प्रतापगढ़ की ओर से आने वाले वाहन सीधे गंगा सेतु पर पहुंच जाएंगे। इससे फाफामऊ बाजार और चंद्रशेखर आजाद सेतु पर लगने वाले जाम से बचा जा सकेगा।
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परंतु वर्तमान कार्य की प्रोसेसिंग को देखते हुए कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर लिए, और कहा- कुंभ से पहले हम इस ब्रिज को नहीं बना पाएंगे। तब, सरकार और स्थानीय प्रशासन के सामने समस्या खड़ी हुई कि अगर भीड़ को कुंभ के पुराने रास्ते से गुजारा गया, तो कैसे मैनेज किया जा सकेगा? क्योंकि मेला प्रशासन ने जिन 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना जताई, उसमें 15 करोड़ लोग तो फाफामऊ पुल के माध्यम से ही गुजरने वाले होंगे।
आनन-फानन में घोषणा हुआ कि जो नया ब्रिज बन रहा है, उसके ठीक बगल से एक अस्थाई स्टील ब्रिज बनाया जाएगा। जो सिर्फ मेले के लिए होगा। तत्पश्चात इसे उखाड़ दिया जाएगा। अगर नहीं उखाड़ा जाएगा, तो वह बाढ़ के समयावधि में गंगा में डूब जाएगा।
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इस स्टील ब्रिज तक पहुंचने के लिए लगभग 3 किलोमीटर एक्स्ट्रा सड़क तैयार की गई है। गंगा नदी पर कुल 426 मीटर स्टील ब्रिज बना है। इसमें 4500 टन लोहा लगा हुआ है। और कुंभ खत्म होने के पश्चात इस पुल को तोड़ा जाएगा। फिर सरकार और निर्माणकर्ता कंपनी की सहमति से यह तय किया जाएगा कि इस लोहे का क्या होगा। इसको बनाने के पीछे यह भी है कि मेला प्रशासन को बड़ी पार्किंग मिल जाएगी। इस स्टील ब्रिज के लिए 60 करोड़ रुपए का बजट है।
महत्वपूर्ण है कि संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के साथ साथ विकास की वो परिभाषा लिखी जा रही है जो संभवतः आज से पहले कभी नहीं थी। ऐसे ही विकास को और गति मिलने की अपेक्षा है जो कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने के साथ ही नगर का मान भी बढ़ाएगा।
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मित्रों यदि आपको दी हुई प्रयागराज 6 लेन रोड व पुल निर्माण की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो आपने गाँव नगर अथवा जिले का नाम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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