होश उड़ाने आ रही वन्दे भारत मेट्रो सबसे पहले PM मोदी की वाराणसी में
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सनातन युग के नवीन स्वर्णकाल स्वरूप समग्र विश्व में विकास की नव्य धारा बह रही है। तथा भारत की वर्तमान सरकार देश की सांस्कृतिक धरोहरों के पुनरुद्धार के क्रम में अब श्रद्धालुओं के सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान द रही है।
Vande Bharat Train वंदे भारत ट्रेन भारतीय रेलवे के नवीन युग सबसे उज्जवल छवि है। और धीरे धीरे लगभग सभी ट्रेनों को वंदे भारत ट्रेन के रूप में परिवर्तित करने की योजना है सरकार की। जिसकी जानकारी हमनें आपको अपनी पिछली वीडियो में दिया था। परंतु आज हम आपको वंदे भारत ट्रेन के उस स्वरूप की जानकारी देने वाले हैं जो अभी संचालित नहीं हुई है। और जिसके आने से यात्रियों व श्रद्धालुओं को अपार सुविधाएं मिलने लगेंगी।
जी हां हम बात कर रहे हैं वंदे भारत मेट्रो ट्रेन की जिसको की इस बार के बजट से नवीन पंख लग गए हैं। तथा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस सुविधा को सबसे पहले काशी अयोध्या व प्रयागराज (Kashi Ayodhya Prayagraj) के श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
बता दें कि वंदे मेट्रो के माध्यम से उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा। जिसके अंतर्गत वाराणसी व प्रयागराज के साथ ही अयोध्या तक वंदे मेट्रो चलाने का खाका तैयार किया गया है। इन नगरों के लिए हेलिकॉप्टर चलाने की योजना पहले से है। नमो घाट पर हेलीपोर्ट भी बनाया जा रहा है, जहां से दो हेलिकॉप्टर चलाने की योजना है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन (टीडब्ल्यूए) के अनुसार काशी, प्रयागराज और अयोध्या के मध्य वंदे मेट्रो के परिचालन की मांग की गई है। इसका प्रस्ताव बनाकर शीघ्र ही रेलवे बोर्ड को भेजने तैयारी है। इसी क्रम में स्थानीय रेल अधिकारियों के साथ ही रेलमंत्री से भी मुलाकात की जाएगी।
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बता दें कि यह ट्रेन दो नगरों को जोड़ने वाले कम दूरी के रेलवे स्टेशनों के बीच संचालित होगी। वंदे मेट्रो ट्रेन इस वर्ष अर्थात 2023-24 का ड्रीम प्रोजेक्ट है। विशेष यह है कि वंदे मेट्रो ट्रेन कुंभ नगरी प्रयाग से धार्मिक नगरी काशी के मध्य में चलेगी। प्रयागराज से वाराणसी के अतिरिक्त प्रयागराज से प्रतापगढ़, मीरजापुर और कानपुर के लिए भी इसके संचालन की तैयारी है।
बीते दिनों रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संभी मंडलों के डीआरएम को संबोधित किया। रेलमंत्री ने रेलवे अफसरों से कहा कि अगले वित्तीय वर्ष से वंदे मेट्रो ट्रेनें ट्रैक पर होंगी। मंडलों में इसे लेकर तैयारी सज्ज करें। कई नगरों में चलने वाली मेमो ट्रेनों, इंटरसिटी ट्रेनों को अलग कर अब हाईस्पीड वंदे मेट्रो ट्रेन दौड़ेंगी।
इंटरसिटी ट्रेनों की प्रकार से ही इसमें आठ से दस कोच ही रहेंगे। वंदे मेट्रो ट्रेन (Vande Bharat Metro) की स्पीड 120 से 130 की होगी। कम समय में आसपास के स्टेशन होते हुए यह पड़ोसी जिलों तक पहुंच जाएगी। मेट्रो की प्रकार से ही इसमें दरवाजे ऑटोमेटिक, एलईडी स्क्रीन होगी।
वंदे मेट्रो ट्रेन 100 किलोमीटर के सीमा इससे अधिक की दूरी तय करेगी। इसका संचालन प्रयागराज से वाराणसी, कानपुर से लखनऊ एवं इसी प्रकार से मंडल में अन्य कम दूरी वाले नगरों के लिए किया जा सकता है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस के पश्चात अब वाराणसी में वंदे मेट्रो ट्रेन भी दौड़ेगी। आने वाले दिनों में छोटी दूरी के लिए वंदे मेट्रो का संचालन किया जाएगा। जैसे डेमू और मेमू का संचालन होता है। उदाहरण के तौर पर वाराणसी कैंट से पीडीडीयूनगर रेलवे स्टेशन, वाराणसी-प्रतापगढ़ और वाराणसी- प्रयागराज रेलवे स्टेशन के मध्य वंदे मेट्रो का संचालन किया जाएगा। इसमें एसी, स्लीपर के साथ ही अनारक्षित बोगी भी होगी।
रेल अधिकारियों के अनुसार रेलवे बजट में कई निर्णय लिए गए हैं। वंदे भारत ट्रेन से छोटी यह वंदे मेट्रो ट्रेन होगी। 50 से 120 किमी से कम दूरी वाले दो नगरों के मध्य में चलाया जाएगा। जिसका लाभ प्रतिदिन और दो नगरों के मध्य यात्रा करने वाले लोगों को होगा। क्योंकि इसके चलते लोग कम समय में अपने घर अथवा कार्यालय यातायात कर सकेंगे।
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इसके साथ ही इस ट्रेन के चलने से यातायात की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी और लोगों की यात्रा भी सुरक्षित व सुहाना होगा। रेल अधिकारियों के अनुसार यह ट्रेन नवीनतम तकनीक और सुविधाओं से लैस है, जो इसे विश्व की सबसे उन्नत ट्रेनों में से एक बनाती है।
माना जा रहा है कि यह ट्रेन पूरी तरह से वाईफाई और अन्य सुविधाओं से लैस होगी। नए डिजाइन के टॉयलेट भी होंगे। एडवांस ब्रेक सिस्टम से लेकर फायर सेंसर, जीपीएस, एलईडी स्क्रीन, सेफ्टी सिस्टम, ऑटोमैटिक दरवाजे जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी।
रेलवे स्टेशनों पर बिकेंगे घरेलू सामानएक जिला एक उत्पाद के साथ ही अब रेलवे स्टेशनों पर जन सुविधा केंद्र भी खुलेंगे। यहां रेल यात्रियों को उनकी दैनिक आवश्यकता के घरेलू सामान भी उपलब्ध होंगे। जन सुविधा केंद्र में जन औषधि केंद्र भी सम्मिलित होगा। उत्तर रेलवे के कैंट स्टेशन, पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस और वाराणसी सिटी पर जन सुविधा केंद्र खोलने की तैयारी है। रेल अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में स्टेशनों पर ओडीओपी के स्टॉल पहले से संचालित हैं। उनका अब विस्तार किया जाएगा।
यह भी बता दें कि इस वंदे मेट्र की नवीन योजना का प्रस्ताव शीघ्र ही रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। रेल अधिकारियों ने प्रस्ताव पर मुहर लगने की आशा जताई है। छोटे नगरों के मध्य चलने वाली वंदे मेट्रो को लेकर लोगों में उत्साह भी है। पर्यटकों के साथ ही एमएसटी धारकों के लिए ट्रेन उपयुक्त सिद्ध होगी।
यही नहीं रेल अधिकारियों का कहना है कि इन रूटों पर यात्रियों व पर्यटकों का आवागमन अधिक होता है। वेतनभोगी व विद्यार्थी भी यात्रा करते हैं। इसलिए रेलवे को भी लाभ होगा।
वैसे हमने भी रेलमंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दिल्ली RRTS जैसी एक सुविधा काशी अयोध्या प्रयागराज चित्रकूट विंध्याचल व काशी के लिए एक सर्कल चलाने का अनुरोध किया था। जिससे श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर से विंध्य कॉरिडोर, अयोध्या राम मंदिर आदि जुड़ जाए तो अच्छा रहेगा। बाहर से आने वाले पर्यटक एक बार में ही दर्शन-पूजन कर सकेंगे। इसपर आपके क्या विचार हैं वह हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताएं।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको वंदे मेट्रो की जानकारी पसंद आई होगी, तो वीडियो को लाइक कर कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिले का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-