विंध्याचल के माता विंध्यवासिनी धाम को नई सौगात
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) की ही प्रकार से उतर प्रदेश सरकार द्वारा विंध्याचल के विंध्यवासिनी धाम कॉरिडोर (Vindhyavasini Dham Corridor) का निर्माण तो आरंभ हो ही गया है। परंतु इसी के साथ माता के भक्त द्वारा एक विशेष कार्य हुआ है जो माता के धाम की सुंदरता और भी बढ़ा देगा।
भारतवर्ष की धर्म नगरी काशी अर्थात वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम काॅरिडोर के प्रथम चरण के उद्घाटन के पश्चात द्वितीय चरण का निर्माण कार्य तीव्र गति से संचालित है जो कि पूर्ण भी होने वाला है एवं अब काशी के तर्ज पर ही प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट अर्थात विंध्याचल मंदिर पर विंध्य काॅरिडोर का निर्माण भी हो रहा है।

बता दें की विंध्याचल पर्वत भारत के प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है तथा यहाँ स्थित विंध्यवासिनी माता मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। इस स्थान की महत्ता इसी से समझ लीजिए कि मार्कंडेय पुराण के अनुसार राक्षस महिषासुर का वध जहाँ हुआ तथा जिस नगर से होकर गंगा नदी ही नहीं बहती अपितु भारतीय मानक समय अर्थात IST भी होकर के गुजरती है। उस पावन धाम का कायाकल्प भी अब हो रहा है।
जानकारी हेतु बता दें कि विंध्याचल में स्थित प्रसिद्ध मां विंध्यवासनी मंदिर (Vindhyavasini Mandir) में एक भक्त ने मनोकामना पूरी होने पर 101 किलो चांदी से बना द्वार दान किया है। इस द्वार की कीमत 80 लाख रुपये आंकी गई है।
अधिक जानकारी के लिए बता दें कि यह द्वार सवा पांच फीट लंबा और दो फीट चौड़ा है। और इसे राजस्थान से बनवाया गया है। यही नहीं चांदी के द्वार को लगाने के लिए राजस्थान के ही झुंझुनू जिले से पांच कारीगर भी लाए गए थे। मंदिर में जहां चांदी का दरवाजा लगाया गया, वहां पहले पीतल का गेट लगा था।
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इस रजत द्वार को भेंट करने वाले व्यक्ति की अधिक जानकारी दें तो आपको बता दें कियह रजत द्वार दान करने वाले भक्त रांची के रहने वाले हैं। इस अवसर पर माता विंध्यवासिनी के धाम में विशेष पूजन अर्चन एवं भंडारे का आयोजन किया गया। भक्त संजय चौधरी ने बताया कि वह लगभग 25 वर्षों से रांची से विंध्याचल आ रहे हैं। संजय दोनों नवरात्रि में सपरिवार माता विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के लिए आते हैं।
नवरात्रि के समयावधि में ही उन्होंने मन में संकल्प लिया कि एक दिन माता के गर्भ गृह में चांदी का द्वार लगवाएंगे। संजय ने कहा कि मां के आशीर्वाद से चांदी का द्वार लगवाने का संकल्प पूरा हुआ।

यह भी बता दें, पिछले वर्ष अगस्त महीने में बिहार के एक मंत्री ने मां विध्यवासिनी को एक किलो के सोने का मुकुट और चरण दान किया था। इसकी कीमत 50 लाख रुपये आंकी गई थी। विध्यवासिनी धाम लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां आम दिनों में भी हजारों की संख्या में दर्शन-पूजन के लिए भक्त पहुंचते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना करते हैं।
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वहीं दूसरी ओर इस पूरे परिसर के जीर्णोद्धार के लिए कॉरिडोर का निर्माण भी हो रहा है जिसकी जानकारी हम आपको समय समय पर प्रदान करते रहते हैं। और शीघ्र ही नवीन जानकारी के साथ प्रस्तुत होंगे।
मित्रों आपके विचार इस संदर्भ में क्या हैं वह हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर अवश्य बताएं। और आपको उपरोक्त दी हुई विंध्यवासिनी धाम के नवीन रजत द्वार की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय मां विंध्यवासिनी अवश्य लिखें।
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