भूल जाओ बनारस के घाट, अब नया सुपर घाट जुड़ा सीधा आसमान से
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Namo Ghat Varanasi : शिव की नगरी काशी जो घाटों के नगर के नाम से विख्यात है, इस वाराणसी को अति शीघ्र एक किलोमीटर लंबे नवीन घाट की सौगात शीघ्र ही मिलने वाली है। जो केवल नावों से ही नहीं अपितु रोड व रेल के अतिरिक्त वायु मार्ग से भी जुड़ा होगा।
Namo Ghat Varanasi : मित्रों हम सभी जानते हैं कि काशी विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर है, भगवान शिव की प्रयतम नगरी है। इस नगर को घाटों का नगर, मंदिरों का नगर, गलीयों का नगर आदि भी कहा जाता है। इसी नगर में मां गंगा उत्तर वाहिनी हुईं। भगवान बुद्ध ने प्रथम उपदेश दिया। महाभारत महाकाव्य का आरंभ भी काशी से हुआ तथा अनेक ग्रंथों एवं रचनाओं को भी इसी काशी में लिखा गया। और अब आधुनिक युग की गाथा भला कैसे ना लिखि जाए। तो लीजिए वाराणसी के सांसद श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, वाराणसी को अत्याधुनिक घाट कि सौगात तो पहले ही मिल चुकी थी परंतु अब सुपर घाट की सौगात मिलने वाली है।
वाराणसी में लगभग 84 घाट हैं और दक्षिण से उत्तर की ओर चलते हुए जो अंतिम घाट है। उसका नाम है आदि केशव घाट (Adikeshav Ghat)। परंतु वाराणसी नगरवासियों के लिए राज घाट ही अंतिम घाट के रूप में उपस्थित था क्योंकि राजघाट के पश्चात आदि केशव घाट तक पहले कच्चा हुआ करता था। जिसका बड़ा भाग खिड़कियां घाट पर पड़ता था और यह भी कच्चा हुआ करता था। जिसको रीडेवलप्ड कर के अत्याधुनिक घाट के रूप में, काशी वासियों को पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन करके सौंपा था।
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आपको हम पहले ड्रोन व्यू प्रदर्शित करते हुए बता दें कि इस खिड़किया घाट (Khirkiya Ghat) का नाम परिवर्तित कर के नमो घाट कर दिया गया था और इस नमो घाट पर नमस्ते के स्वरुप में तीन सकल्चर भी स्थापित किए गए जो इस घाट के पहचान तथा घाट ही नहीं अपितु काशी का पहचान भी बन चुके हैं। परंतु विकास का क्रम यहीं थमने वाला नहीं। इस नमो घाट परियोजना का जो द्वितीय व तृतीय चरण है वह और भी भव्य है क्योंकि इसमें कई सारी ऐसे सुविधाएं मिलने वाली है। जो कि घाट पर होने का कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। और इसलिए हम इस द्वितीय व तृतीय चरण के अंतर्गत बनने वाले घाट को सुपर घाट की संज्ञा दे रहे हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमो (खिड़किया) घाट के द्वितीय व तृतीय चरण का कार्य तीव्र गति से संचालित है। इसमें नमो घाट से आदिकेशव घाट तक पुनर्विकास का कार्य हो रहा है।
बता दें कि काशी के उत्तरी छोर पर आकार पा रहे नमो घाट का आदिकेशव घाट तक विस्तार किया जा रहा है। इसमें सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा रहा है। इस दृष्टि से जीटी रोड से आदिकेशव घाट तक चौड़ा रोड बनाया जाएगा। यह लगभग एक किलोमीटर लंबा और 30 से 40 फीट तक चौड़ा होगा।
नमो घाट के दूसरे चरण का कार्य एक माह में पूरा होने की आशा है। घाट पर पार्क और रेस्टोरेंट बनाए जाएंगे। वहीं तीसरे चरण में घाट वायु मार्ग से जुड़ जाएगा। फेज दो के अंतर्गत घाट पर पार्क, गंगा विसर्जन कुंड, गेस्ट हाउस, फूड कोर्ट के साथ रेस्टोरेंट का निर्माण कराया जा रहा है। जो लगभग पूर्ण हो चुका है।
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार फेज दो का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। घाट आम लोगों के खुला हुआ है। विशेष तौर से छुट्टी के दिन अथवा संध्या काल भीड़ अच्छी-खासी हो जाती है। ऐसे में घाट पर फूड कोर्ट आरंभ करने की योजना है। परियोजना के अंतर्गत जल मार्ग की व्यवस्था भी कराई जाएगी। घाट पर फ्लोटिंग जेटी बनाई गई है।
नमो घाट की दीवारों पर काशी की कला और संस्कृति की झलक दिखेगी। यहां सेल्फी प्वाइंट भी बना है। यह काशी का एकमात्र घाट है तो जल, थल और वायु मार्ग से जुड़ेगा। तीसरे चरण में घाट पर हेलीपैड का निर्माण कराया जा रहा है। जिसकी वर्तमान परिस्थिति आपको हम ड्रोन के माध्यम से दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं।
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बता दें कि वाराणसी नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बीते दिनों नमो घाट का निरीक्षण किया। इस समयावधि में उनके साथ नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारी उपस्थित थे। नगर आयुक्त ने नमो घाट पर बन रहे हेलिपैड, गेल के फ्लोडिंग सीएनजी पंप और घाट की साफ सफाई की समीक्षा की और निगम के कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देशन दिया।
नमो घाट परियोजना के लागत विशेषता व वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि स्मार्ट सिटी (Smart City) की ओर से इस सबसे बड़े घाट के निर्माण पर लगभग 90 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लगभग 60,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले घाट पर हेलीपैड की भी सुविधा होगी।
प्रथम चरण में घाट का निर्माण, सूर्य नमस्कार स्टेचू, जेटी, ओपन एयर थियेटर, शौचालय, फूट कोर्ट, स्मारिका प्लाजा आदि बनाया गया है। द्वितीय व तृतीय चरण मे विसर्जन कुंड, हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए मल्टीपरपज ग्राउंड, किड्स प्ले एरिया, ओपन थियेटर, वाटर स्पोर्ट्स, रैंप, कैफेटेरिया, शौचालय आदि का निर्माण प्रगति पर है।
मल्टीपरपज ग्राउंड पर तीन-तीन हेलीकॉप्टरों की एक साथ लैंडिंग हो सकती है। इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड ने द्वितीय व तृतीय चरण का कार्य लगभग 75 प्रतिशत पूरा कर लिया है। शेष 25 प्रतिशत कार्य कुछ माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी स्मार्ट सिटी के नमो घाट पर हेलीपैड बाढ़ रेखा के उच्चतम स्थान पर बहुउद्देश्यीय कार्यों के लिए बनाया जा रहा है। काशी में हेली टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही आपदा और आपातकाल में भी इसका उपयोग किया जाएगा।
देव दीपावली(Dev Deepawali) पर पर्यटकों के काशी आने वालों का आंकड़ा इस बार पिछले बार के तीन लाख को पार कर 4 लाख पहुंच सकता है। अभी से होटलों में 80 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है। देव दीपावली पर्यटन विभाग की ओर से नमो घाट पर लेजर लाइट शो कराने पर विचार हो रहा है। यहां बने मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी। नमो घाट पर बने नमस्ते के बीच लेजर लाइट के माध्यम से शिव स्तुति का प्रदर्शन होगा।
आपको समझने में सरलता हो इसलिए हम नंबर संख्या में बताएं तो आप देख सकते हैं यह प्रथम चरण है जो लगभग 250 मीटर में विकसित हो चुका है। वर्तमान द्वितीय चरण लगभग 650 मीटर का है। इसके पश्चात तीसरा चरण लगभग 400 मीटर का होगा।
आपको हम ग्राउंड जीरो से निर्माण कार्य कि वर्तमान परिस्थिति दर्शाते हुए आपको यहां पर बनने वाली सुविधाओं की सभी जानकारी देते हैं। बता दें कि यहां पर वाक वे, योगा स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफ़ेटेरिया के अतिरिक्त अन्य सुविधाएं भी होंगी। यहां मल्टी यूटिलिटी एरिया बन रहा है, जहां पर चौपर अर्थात हेलिकॉप्टर भी उतर सकता है। घाट के किनारे हरियाली तथा मिट्टी का कटान न हो इसके लिए पौधरोपण होगा। श्रद्धालुओं को आस्था की डुबकी लगाने की लिए अन्य घाटों की प्रकार से पक्का घाट बना है जहां सीढ़ियों के साथ ही रैंप भी बनाया गया है जिसमें बाथिंग कुंड भी है। इससे वृद्ध और दिव्यांगजन भी गंगा स्नान सरलता से कर सकते हैं।
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अधिक जानकारी हेतु बता दें नमो घाट के द्वितीय चरण के निर्माण में 18 मीटर लम्बा और 35 मीटर चौड़ा, 630 वर्गमीटर का लगभग 2.5 मीटर गहरा विसर्जन कुंड बन चुका है, जिसमें लोग पूजन सामग्री माला फूल, मूर्ति आदि विसर्जन कर सकेंगे।
यह पर 140×60 मीटर के आकार का हेलिपैड(Helipad) है ओर इसका मल्टीपरपज प्लेटफॉर्म के रूप में निर्माण किया जा रहा है। इसका उपयोग हैलीपैड के रूप में किया जा सकता है और अन्य आयोजनों में भी। सबसे महत्वपूर्ण है कि द्वितीय चरण के अंतर्गत निर्माणाधीन अधिकांश कार्यों को पूरा कर लिया गया है।
और इन सब में सबसे महत्वपूर्ण अब इस घाट के सबसे बड़े व प्रमुख आकर्षण की बात करें तो बता दें कि वो है वाराणसी के नमों घाट पर नमस्ते के आकार के तीन स्कल्पचर। बड़ी संख्या में लोग इस घाट पर यहां सेल्फी लेते भी दिखाई देते हैं। यह स्कल्पचर सूर्य का अभिवादन तथा माँ गंगा को प्रणाम करता हुआ है, जो कि इस घाट को हिंदूत्व से जोड़कर समग्र विश्व में सनातन आस्था व संस्कृति को बढ़ावा देगा।
वर्तमान में जो नमस्ते आकार का तीन स्कल्प्चर स्थापित किया गया है उसमें दो की ऊंचाई 25-25 फीट है जबकि एक थोड़ा कम 15 फिट ऊंचा है। तीन स्कल्प्चर जो स्थापित हुए हैं वे मोल्डेड एलाय धातु से बने हैं।
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आपको हम इस पूरे परिक्षेत्र की ड्रोन व्यू दिखाते हुए बता दें कि दशाश्वमेध व अस्सी घाट के पश्चात विकास का केंद्र खिड़किया घाट है।
इस नामो घाट पर नमस्ते प्रणाम मुद्रा का प्रतीक ही आकर्षण का केंद्र नहीं है अपितु फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, फ्लोटिंग जेटी, ओपन एयर थियेटर, फूड कोर्ट पार्किंग आदि भी है तथा इन अनके सुविधाओं के चलते पर्यटकों की संख्या लगतार बढ़ती जा रही है। पहले चरण के पश्चात अब दूसरे चरण में भी नमो घाट को आकर्षक और पर्यटकों के लिए अनुकूल बनाया जा रहा है।
तथा सबसे महत्वपूर्ण है यहां एक ओर नगर के मुख्य घाट जैसे कि दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat), राजेंद्र प्रसाद घाट, मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) इत्यादि पर पर्यटकों को पहुंचने में अत्यधिक कष्ट का सामना करना पड़ता है। तो वही दूसरी ओर इस खिड़कियां घाट अर्थात नमो घाट पर आप अपनी कार अथवा दो पहिए से ही सरलता से सीधा नीचे तक अर्थात घाट तक पहुंच सकते हैं। जिससे की समय व धन की बचत होगी तथा इस इको टूरिज्म से पर्यावरण को भी लाभ होगा।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको नामो घाट की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-