पटना मेट्रो प्रोजेक्ट ने पकड़ी रफ़्तार, जानें किन्हें मिलेगी भूमि की क्षतिपूर्ति

दिल्ली मेट्रो की ही तरह से पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) द्वारा बिहार की राजधानी और सबसे बड़े नगर पटना में 2 लाइनों और 24 स्टेशनों की एक नगरीय जन रैपिड ट्रांजिट सिस्टम अर्थात (MRTS) एक यातायात की आधुनिक सुविधा है जो की निर्माणाधीन है।

पटना मेट्रो मानचित्र

पटना मेट्रो परियोजना की काल चक्र की जानकारी देने के लिए आपको बता दें की पटना मेट्रो के फेज़ 1 परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट अर्थात DPR,  राइट्स द्वारा तैयार की गई थी जिसे की 9 फरवरी 2016 को बिहार की राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किया था। तथा 25 सितंबर 2018 को, बिहार सरकार ने पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) के गठन को स्वीकृति दी। पटना मेट्रो को दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा कार्यावन व तकनीकी सहयोग प्राप्त है।

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बता दें की पटना मेट्रो परियोजना को 6 फरवरी, 2019 को केंद्र सरकार की स्वीकृति मिली और पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 फरवरी 2019 को इसकी आधारशिला रखी थी। इसके पश्चात नवंबर 2019 में, डीएमआरसी ने परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और दोनों लाइनों के संरेखण में परिवर्तन का अनावरण किया, जिसमें की खेमनी चौक पर दूसरा इंटरचेंज बनाने, ऐतवरपुर में लाइन -1 के डिपो को समाप्त करने और रामकृष्ण नगर और जगनपुरा में 2 नए स्टेशनों को जोड़ने का परिवर्तन हुआ।

बता दें की पटना मेट्रो के फेज 1 का ग्राउंड वर्क नवंबर 2020 में एनसीसी द्वारा आरंभ किया गया था और दिसंबर 2020 में पाइलिंग का  कार्य आरंभ हुआ था। अर्थात अभी से लगभग 13 माह पूर्व पटना मेट्रो का निर्माण कार्य आरंभ हुआ था।

निर्माण कार्य संचालित

पटना मेट्रो के लागत आदि की जानकारी के लिए बता दें की पटना मेट्रो रेल परियोजना 13 हजार 365 करोड़ से अधिक के लागत की परियोजना है। तथा इस परियोजना में 20 प्रतिशत बिहार, 20 प्रतिशत केंद्र और शेष 60 प्रतिशत जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी अर्थात (JICA) से आधिकारिक विकास सहायता के माध्यम से वित्तपोषित है।

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बता दें की पटना में अंडरग्राउंड मेट्रो के लिए रूट निर्धारित कर लिया गया है और इसके अंतर्गत राजेंद्र नगर, मोइनुलहक स्टेडियम, पटना विश्वविद्यालय, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी में अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाने हैं। यहां यह बता दें पटना मेंट्रो परियोजना नगर के मध्य से होकर गुजर रही है और इसे पूरा करने के लिए 42 महीने अर्थात साढ़े तीन वर्ष का समय दिया गया है। परंतु 5 वर्ष लगने का अनुमान है।

पटना मेट्रो परियोजना में निर्माणकर्ता कंपनी आदि की जानकारी के लिए बता दें की इसमें कई पैकेज व कई प्रकार के निर्माण कार्य हैं तथा इनमें से प्रमुख कार्यों का दायित्व देश की दिग्गज कंपनी एलएंडटी कंस्ट्रक्शन के हैवी सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस ने लिया है।

बता दें की पटना एमआरटीएस के पहले चरण के अधीन अंडरग्राउंड मेट्रो बनाने के लिए एलएंडटी ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड से ऑर्डर ले लिया है। इसके अंतर्गत एलएंडटी को छह किलोमीटर की टीबीएम शील्ड से जोड़वा सुरंग बनाना है। जहां से मेट्रो अप और डाउन करेगी। इसके अतिरिक्त पटना एमआरटीएस के पहले चरण के कॉरिडोर दो के पटना स्टेशन के लिए नए आईएसबीटी पर आर्किटेक्चरल फिनिशिंग, वाटर सप्लाई, सेनेटरी मशीन इंस्टॉलेशन, ड्रेनेज वर्कस जैसे काम होंगे।

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पटना मेट्रो परियोजना के दोनों कॉरिडोर के रूट स्टेशन व लंबाई आदि की जानकारी दें तो वो कुछ इस प्रकार से हैं।
कॉरिडोर 1 की लंबाई: 16.86 किमी
इसमें एलिवेटेड स्टेशनों की संख्या 8 है तथा यह 9.36 किमी लंबी है। एवं इसमें भूमिगत स्टेशनों की संख्या है 6 तथा इनकी लंबाई है 7.5 किमी। इस प्रकार से इस कॉरिडोर में कुल 14 स्टेशन होंगे जो दानापुर से लेकर खेमनीचक तक हैं
जिनके नाम हैं-

निर्माणाधीन पटना मेट्रो कार्य

स्टेशन का नाम:
1. दानापुर छावनी
2. सगुना मोड़
3. आरपीएस मोरे
4. पाटलिपुत्र (पूर्व में आईएएस कॉलोनी)
5. रुकनपुरा
6. राजा बाजार
7. पटना चिड़ियाघर (पूर्व में जेडी महिला कॉलेज)
8. विकास भवन (पूर्व में राजभवन)
9. विद्युत भवन
10. पटना जंक्शन (इंटरचेंज)
11. मीठापुर
12. रामकृष्ण नगर
13. और जगनपुर
14. और खेमनी चक (इंटरचेंज)

इसी प्रकार से कॉरिडोर 2 की बात करें तो इसकी लंबाई 14.05 किमी है तथा इसमें एलिवेटेड स्टेशनों की संख्या 5 है जिनकी लंबाई 6 किमी है। एवं इसमें भूमिगत स्टेशनों की संख्या 7 है जिनकी कुल लंबाई 8 किमी है।
इस कॉरिडोर में कुल स्टेशनों की संख्या 12 है जो पटना जंक्शन से लेकर ISBT तक होंगे, जिनके नाम हैं-

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स्टेशन के नाम:
1. पटना जंक्शन (इंटरचेंज)
2. आकाशवाणी (पूर्व में डाक बंगला)
3. गांधी मैदान
4. पीएमसीएच
5. पटना विश्वविद्यालय
6. मोइन उल हक स्टेडियम
7. राजेंद्र नगर
8. मलाही पकरी
9. खेमनी चक (इंटरचेंज)
10. भूतनाथ
11. जीरो माइल
12. न्यू आईएसबीटी

शिलान्यास

बता दें की दोनों कोरिडोर की लंबाई 32.49 किलोमीटर है। इसमें दानापुर-मीठापुर तक ईस्ट-वेस्ट कारिडोर 17.93 किमी जबकि पटना स्टेशन-आइएसबीटी तक नार्थ-साउथ कारिडोर 14.56 किमी लंबा है।

पटना मेट्रो परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी के लिए बता दें की पटना मेट्रो रेल के पाटलिपुत्र आइएसबीटी डिपो की लगभग 76 एकड़ भूमि के लिए फरवरी के पहले सप्ताह से क्षतिपूर्ति राशि देने की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। इसमें 50.59 एकड़ भूमि पहाड़ी जबकि 25.35 एकड़ भूमि रानीपुर मौजा की है। आशा है कि मार्च-अप्रैल तक सभी प्रक्रिया पूरी कर पटना मेट्रो को भूमि मिल जाएगी। इसके साथ ही मेट्रो के पास अपनी संपत्ति होने से वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिलने का मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा। मेट्रो डिपो में इंजन और कोच के रखरखाव तथा मरम्मत का काम होता है। इसके अतिरिक्त ट्रायल आदि का काम भी किया जाता है। जिसके लिए यह भूमि आवश्यक है।

बता दें की कि मेट्रो की भूमि के लिए दावा-आपत्ति का निराकरण कर दिया गया है। अब आगे की प्रक्रिया आरंभ होगी। इसके लिए प्रशासन के स्तर से सूची तैयार की जाएगी कि अंतिम तौर पर किन-किन लोगों को भूमि की क्षतिपूर्ति देना है। किन लोगों की कितनी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है और इसके लिए कितनी राशि का भुगतान करना है। यह जानकारी एकत्रित कर भूस्वामीयों को जिला प्रशासन के स्तर से नोटिस जारी की जाएगी कि भूमि का कागज जमा करके क्षतिपूर्ति राशि ले ली जाए। अगले एक सप्ताह में नोटिस देने की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। तथा फरवरी के पहले सप्ताह से भूमि की क्षतिपूर्ति राशि मिलनी आरंभ हो जाएगी।

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यह भी बता दें की 13365 करोड़ रुपये में भूमि अधिग्रहण की लागत समाहित नहीं है इसपर अलग से 700 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है। मेट्रो के भू-अर्जन के लिए राज्य सरकार के स्तर से ही राशि वहन की जानी है, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये भू-अर्जन मद में खर्च करने की स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त 200 करोड़ रुपये निवेश मद में भी खर्च करने की स्वीकृति दी गई है।

नितीश कुमार

सबसे बड़ी बात यह है कि मेट्रो रेल परियोजना ने गति पकड़ ली है और इसका निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिसमें कि मलाही पकड़ी से बैरिया स्थित आईएसबीटी बस स्टैंड तक निर्माण जारी है। इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि पटना मेट्रो परियोजना के तहत पटना विश्वविद्यालय के साइंस कॉलेज कैंपस में मेट्रो स्टेशन बनाया जाएगा। यह पटना के उन छह अंडरग्राउंड स्टेशन रूट में सम्मिलित होगा जिसके अंतर्गत भूमि के भीतर स्टेशन बनाए जाने हैं।

बता दें की पटना मेट्रो का दानापुर रूट में निर्माण कार्य आरंभ हो रहा है। फिलहाल दानापुर से रुकनपुरा तक एलिवेटेड मेट्रो के लिए यूटिलिटी शिफ्टिंग का काम चल रहा है। यह काम पूरा हो जाने के पश्चात पिलरों को बनाने का कार्य आरंभ होगा।

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वर्तमान में आईएसबीटी से मलाही पकड़ी तक एलिवेटेड मेट्रो का निर्माण कार्य चल रहा है। आईएसबीटी से मलाही पकड़ी तक 6.60 किलोमीटर में निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें 250 पिलर बनाए जाने हैं। यह भी बता दें की इनका निर्माण पिछले एक वर्ष साल से चल रहा है। इन 250 पिलरों में एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन के निर्माण के साथ-साथ एलिवेटेड लाइन भी सम्मिलित हैं।

बता दें की आकाशवाणी से राजेंद्र नगर तक 7.9 किलोमीटर लंबे छह अंडरग्राउंड स्टेशन, अंडरग्राउंड रैंप और ट्विन टनल का निर्माण 1,989 करोड़ रुपये से किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट एलएंडटी कंस्ट्रक्शन को दिया गया है।

इसके अतिरिक्त एक अन्य कंपनी, YFC-MCL JV, को मीठापुर, पाटलिपुत्र और सात स्टेशनों पर एलिवेटेड वायडक्ट, एलिवेटेड रैंप का डिजाइन और निर्माण करना होगा। 7.39 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की लागत 553 करोड़ रुपये है।

बता दें की पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने देरी से बचने के लिए विभिन्न फर्मों को काम आवंटित करके एक साथ कई स्थानों पर कार्य आरंभ करने की योजना बनाई है। वह पहले मलाही पकड़ी और पाटलिपुत्र बस स्टैंड के बीच प्रायोरिटी कॉरिडोर पर परिचालन आरंभ करना चाहती है। इसमें मलाही पकरी, खेमनीचक (विनिमेय स्टेशन), भूतनाथ रोड, जीरो माइल और पाटलिपुत्र बस स्टैंड पर छह स्टेशन सम्मिलित हैं।

निर्माणाधीन कार्य

कितना हुआ अबतक काम यदि यह जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें की अधिकारियों के अनुसार, मलाही पकरी से भूतनाथ रोड तक 112 पिलर बनाए गए हैं, जबकि कॉरिडोर 2 के लिए एलिवेटेड नेटवर्क के लिए कुल 210 पिलर बनाए जाने हैं। जीरो माइल से आईएसबीटी तक पाइलिंग का काम भी आरंभ हो गया है।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट पटना मेट्रो की कुछ विशेषताओं की जानकारी दें तो आपको बता दें की संचालन के समयावधि में इसकी
अधिकतम गति: 80 किमी प्रति घंटे
औसत गति: 34 किमी प्रति घंटा
ट्रैक गेज: मानक गेज – 1435 मिमी
विद्युतीकरण: 25 केवी, 50 हर्ट्ज एसी ओएचई होगी। तथा अनुमान के अनुसार इस पटना मेट्रो से प्रतिदिन 2.10 लाख लोग 2026 से यातायात करेंगे।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त पटना कॉरिडोर के निर्माण कार्य की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकरी के लिए वीडियो देखें:

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