फिर शुरू हुई वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम में खुदाई
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पीएम नरेंद्र मोदी ने काशीवासियों को विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Dham Corridor) की बड़ी सौगात दी है। यह सनातन धर्म का एक ऐसा स्थान बन गया है, जिसकी भव्यता पर पूरा देश गर्व कर रहा है। अब वह समय आगया जब विश्वनाथ धाम के द्वितीय चरण का भी उद्घाटन होने वाला है।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) के प्रथम चरण के पश्चात द्वितीय चरण के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्य भी पूर्ण होने जा रहा है। तथा अगले माह स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी (Varanasi) आगमन इसका उद्घाटन संभव है।
भव्य, दिव्य, नव्य काशी विश्वनाथ धाम गंगा घाट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक 50 हजार वर्गमीटर से अधिक में विकसित हो चुके विश्वनाथ धाम की द्वितीय चरण के उद्घाटन हेतु कार्य संचालित है।
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इसके अतिरिक्त बता दें की श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परियोजना के कुल 23 भवनों का उद्घाटन किया गया है। इनकी सहायता से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें यात्री सुविधा केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, सिटी म्यूजियम, व्यूइंग गैलरी और फूड कोर्ट सम्मिलित हैं।
यही नहीं जैसा की आप देख सकते हैं कि इन भवनों का नामकरण भी हो चुका है तथा इन भवनों के नामों में सभी ज्योतिर्लिंगों के नाम भी सम्मिलित किए गए हैं जैसे कि मल्लिकार्जुन भवन, रामेश्वर भवन, सोमनाथ भवन, अमरनाथ भवन, त्रियंबकेश्वर भवन इत्यादि। यही नहीं इनमें कार्तिकेय चौक, व्यास भवन, पशुपति संकुल अमृत भवन आदि जैसे भी नाम रखे गए हैं। इन भवनों के माध्यम से दर्शनार्थियों को सुविधा प्रदान करी जानी है।
आपको बता दें कि वाराणसी के लोगों व समस्त शिव भक्तों को ये बात सुनकर अत्यंत गर्व की अनुभूति होगी कि जहां पहले मंदिर परिसर लगभग 3000 वर्ग फुट तक ही सीमित था, अब इस प्रोजेक्ट की सहायता से विश्वनाथ धाम को लगभग 5 लाख वर्ग फुट से अधिक विशाल क्षेत्र में परिवर्तित कर दिया गया है।
यह भी बता दें की इस प्रोजेक्ट में मुख्य मंदिर के आसपास की 300 से अधिक संपत्तियों की खरीद और अधिग्रहण सम्मिलित है। तथा पीएम कार्यालय के अनुसार, लगभग 1,400 दुकानदारों, किरायदारों और मकान मालिकों को सौहार्दपूर्ण ढंग से स्थानांतरित किया गया है। जिसके पश्चात श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का वर्तमान स्वरूप दिख रहा है।
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बता दें की 5 लाख वर्ग फुट के एक बड़े परिसर में बनाए गए इस कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है। इसमें 4 बड़े गेट हैं और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं, जिसमें काशी की महिमा के बारे में बताया गया है। तथा गंगा की ओर देखा जाए तो इस कॉरिडोर का मुख की ओर सभी व्यवस्थाएं व भवन स्थित हैं।
यहीं पर चुनार के गुलाबी पत्थरों की आभा से दमक रहा नवीन गंगा द्वार बाबा धाम अब नए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। गुलाबी पत्थरों से निर्मित संपूर्ण परिसर आपके आंखों से लेकर हृदय तक को सम्मोहित कर लेगा। गंगा छोर पर निर्मित गंगा द्वार के गुलाबी पत्थरों पर नक्काशी कर इसे पूरी भव्यता से आकार दिया गया है।
बता दें की धाम के दूसरे चरण का कार्य तेजी से चल रहा है और अधिकांश ढांचे बनकर तैयार हो चुके हैं। गंगा घाट पर गेटवे ऑफ कॉरिडोर के बाहर रैंप भवन का कार्य भी अधिकांश पूरा हो चुका है। इसके साथ ही अंडरग्राउंड सीवेज पंपिंग स्टेशन भी अपने निर्माण के अंतिम चरण में है।
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इसपर अधिक जानकारी हेतु बता दें कि काशी विश्वनाथ धाम में अंडरग्राउंड सीवेज पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) का काम अंतिम चरण में है। इसमें अब पंप लगाने का काम चल रहा है। अति शीघ्र इसका ट्रायल आरंभ होगा। ट्रायल के पश्चात ऑपरेशन किया जाएगा। विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत जलासेन घाट के तीन एमएलडी क्षमता के सीवेज पंप स्टेशन को मणिकर्णिका घाट के पास स्थानांतरित कर दिया गया है।
पहले यह भूमि से ऊपर था, अब इसे मणिकर्णिका घाट पर भूमिगत बनाया जा रहा है। इसकी एमएलडी क्षमता को भी बढ़ाया गया है। इससे ललिता घाट, लाहौरी टोला, मनमंदिर और नीलकंठ आदि सीवरों को एसटीपी में पंप किया जाएगा। अगले सप्ताह ट्रायल के पश्चात एसपीएस आरंभ कर दिया जाएगा। और पूराने गंगा घाट पर बने पंपिंग स्टेशन को हटा दिया जाएगा। बता दें कि पुराने पंपिंग स्टेशन के निकट ही कार्य शेष दिख रहा है बाकी स्थानों पर पत्थर लगभग लग चुका है।
पत्थरों की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस गुलाबी पत्थरों को घाट की सीढ़ियों पर लगाने का कार्य भी अब अंतिम छोर पर है गंगा नदी के किनारे की तलहटी के पास कार्य संचालित है जो कि शीघ्र ही पूर्ण होने वाला है तथा इस कार्य को कई श्रमिकों व मशीनों की सहायता से किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त हम आपको भीतर में हो रहे कुछ निर्माण कार्यों को दिखाने का प्रयास करते हैं। आप देख सकते हैं कि यहाँ कार्तिकेय चौक के पास में लोहे की कटिंग आदि का कार्य भी चल रहा है तथा बता दें कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के दूसरे चरण का 85 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। केवल एसपीएस अर्थात पंपिंग स्टेशन और रैंप भवन का निर्माण होना शेष है। कुछ भागों में फिनिशिंग का काम चल रहा है जिसे की हम आपको दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। इसे माह के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। वही सीढ़ियों और प्लेटफॉर्म की दीवारों के सामने का कार्य भी शीघ्र आरंभ होगा।
परंतु इसी बीच में कॉरिडोर के गंगा द्वार के मार्ग पर बीचोबीच में एक बार फिर से कुछ गड़बड़ी के कारण से मार्बल को निकालने का कार्य चल रहा है जिसके लिए ड्रिल मशीन व कई श्रमिक लगे हुए हैं एवं हम आपको यह निकटतम दृष्य विस्तार से दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बता दें कि विश्वनाथ धाम के 11 भवनों को काशी विश्वनाथ मंदिर विशेष क्षेत्र विकास परिषद अर्थात ट्रस्ट को सौंप दिया गया है। तथा जून माह तक पूरा धाम ही सौंप दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि पूरे धाम को चार भागों में बांटकर सुरक्षा एजेंसी को दायित्व सौंपा जाएगा। एयरपोर्ट की तर्ज पर काशी आने वाले पर्यटक अपने पूरे सामान के साथ काशी विश्वनाथ धाम परिसर में प्रवेश करेंगे। इसमें अगले चरण में बैगेज स्कैनर के माध्यम से सामान जमा कराया जाएगा।
इसी क्रम में काशी विश्वनाथ धाम में अब निजी सुरक्षा गार्डों की तैनाती होगी। ये गार्ड मंदिर की संपत्ति की सुरक्षा के साथ ही साथ भक्तों को सुलभ दर्शन भी कराएंगे। कमिश्नर दीपक अग्रवाल के अनुसार दिल्ली की Mi2c Security & Facilities Pvt Ltd कंपनी को यह दायित्व दिया गया है। इस सुरक्षा कम्पनी के गार्ड गर्भगृह में भक्तों को सुगम दर्शन-पूजन कराने के साथ पूरी सम्पत्ति की देखभाल भी करेंगे। इसके साथ ही इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सिस्टम के लगभग 400 कैमरे गंगा घाट से सड़क तक निगरानी भी करेंगे।
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कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि दर्शन-पूजन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए विश्वनाथ धाम में दो अलग-अलग व्यवस्थाएं काम कर रही हैं। दर्शन-पूजन की दायित्व काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास तो सुरक्षा की दायित्व सीआरपीएफ और पुलिस के पास है। विशेष आयोजनों पर दर्शन-पूजन कराने को लेकर दोनों में कई बार तनातनी की स्थिति आ जाती है।
इसलिए लोकार्पण के पश्चात से विश्वनाथ धाम के रखरखाव व सुरक्षा की व्यवस्था भी निर्धारित होना था। चूंकि पुलिस के पास केवल ज्ञानवापी और गर्भगृह की सुरक्षा की कमान है। इसलिए, शासन के निर्देश पर मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा एजेंसी का चयन किया है।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
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