यूपी का ऐसा विकास जो आपके होश उड़ा देगा – Kanpur Metro
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Kanpur Metro : किसी भी देश को विकसित होने के लिए वहां की आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। और इसकी महत्ता को समझते हुए देश की वर्तमान सरकार भारत के विभिन्न आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व विकास कर रही है। फिर चाहे वो रेल व रोड नेटवर्क हो अथवा विकास की दौड़ में गति बनाने के लिए बुलेट ट्रेन व एक्सप्रेसवे आदि का निर्माण, या फिर एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण। इस समय संपूर्ण भारत में हर ओर कोई ना कोई विकास कार्य संचालित है जिसका अनुभव आप स्वयं भी अपने क्षेत्र में रहकर कर रहे होंगे।
Kanpur Metro : इसी क्रम में आज हम आपको उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कानपुर नगर में निर्माणाधीन कानपुर मेट्रो परियोजना की विशेष जानकारी देने हेतु बता दें कि कानपुर मेट्रो एक नगरी मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है, जो उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसीएल) द्वारा उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर में 2 लाइनों और 30 स्टेशनों के साथ निर्माणाधीन है।
परियोजना की जानकारी हेतु बता दें कि 32.385 किमी मार्गों के साथ कानपुर मेट्रो की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) RITES द्वारा तैयार की गई थी, जिसे मार्च 2016 में राज्य कैबिनेट द्वारा और फरवरी 2019 में केंद्र सरकार की कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था। परियोजना की आधारशिला 8 मार्च 2019 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी।
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परियोजना पर निर्माण दो चरणों में होना है और प्रथम चरण के कानपुर मेट्रो के 8.7 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर (आईआईटी कानपुर – मोती झील) का उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 दिसंबर, 2021 को कर किया था। कानपुर मेट्रो के शेष चरण 1 के दिसंबर 2024 में पूरा होने और खुलने की आशा है।
निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की छवि दर्शाते हुए बता दें कि कानपुर की चरण 1 परियोजना को मुख्य रूप से 50:50 के आधार पर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की इक्विटी के माध्यम से और यूरोपीय निवेश बैंक (ईआईबी) से 650 मिलियन यूरो के ऋण के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा, जिसे 15 जुलाई 2020 को स्वीकृति दी गई थी।
बता दें कि निर्माण कर्ता कंपनी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने बीते दिसंबर के अंत में कानपुर मेट्रो के भूमिगत पैकेज केएनपीसीसी-06 (नयागंज स्टेशन – ट्रांसपोर्ट नगर रैंप) के निर्माण के लिए अपनी दूसरी टनल बोरिंग मशीन, टीबीएम विद्यार्थी (एस-639बी) को चुपचाप चालू कर दिया है।
यह हेरेनकेनचैट अर्थ प्रेशर बैलेंस मशीन 32.38 किमी लंबी कानपुर मेट्रो चरण 1 परियोजना की चौथी टीबीएम है जिसे आईआईटी कानपुर और नौबस्ता के बीच 23.785 किमी लाइन -1 के निर्माण के लिए अब तक तैनात किया गया है।
एफ़कॉन्स की टीम ने सितंबर 2023 में टीबीएम विद्यार्थी के हिस्सों को कानपुर सेंट्रल स्टेशन के शाफ्ट में उतारना आरंभ कर दिया था। यह विद्यार्थी कानपुर सेंट्रल स्टेशन से नयागंज स्टेशन की ओर डाउन-लाइन के लिए लगभग 1250 मीटर लंबी भूमिगत सुरंग का निर्माण कर रहा है।
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उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने मार्च 2022 में 36 महीने की समय सीमा और ₹1087.67 करोड़
के मूल्य के साथ एफकॉन्स – एसएएम जेवी को 4.65 किमी केएनपीसीसी-06 का अनुबंध दिया था। यह खंड कानपुर सेंट्रल, झकरकट्टी और ट्रांसपोर्ट नगर में 3 भूमिगत स्टेशनों के माध्यम से नयागंज स्टेशन और ट्रांसपोर्ट नगर रैंप को जोड़ता है।
बता दें कि एफ़कॉन्स की पहली मशीन ने समानांतर अप-लाइन सुरंग पर काम करना अक्टूबर में आरंभ किया था, और इसने लगभग 800 रिंगों के कुल सीमा से अब तक 200 रिंग्स का निर्माण कर लिया है।
इसके अतिरिक्त आपको हम कानपुर मेट्रो परियोजना के द्वितीय कॉरिडोर की जानकारी देने हेतु बता दें कि कानपुर में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) मार्च में कॉरिडोर-2 का निर्माण रावतपुर से आरंभ करेगा। यहां सबसे पहले भूमिगत मेट्रो स्टेशन के लिए डी-वॉल (दीवार) बनाई जाएगी। यहां से काकादेव क्षेत्र में डबलपुलिया तक दो अन्य भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और चार किलोमीटर लंबे भूमिगत ट्रैक निर्माण के लिए दो वर्ष के लिए ट्रैफिक डायवर्जन किया जाएगा। डायवर्जन लागू करने के लिए पुलिस उपायुक्त (यातायात) को पत्र भी लिखा गया है।
सीएसए से बर्रा-8 तक आठ किलोमीटर लंबे इस मेट्रो रूट का निर्माण ढाई वर्ष में होना है। सीएसए से रावतपुर, काकादेव होते हुए डबल पुलिया तक चार किलोमीटर लंबे भूमिगत सेक्शन के निर्माण का ठेका केपीआईएल-गुलेरमैक को दिया है। कंपनी रावतपुर गुटैया क्रासिंग से डबलपुलिया के बीच कई बैरिकेडिंग लगाकर मिट्टी परीक्षण कर रही है, जो अंतिम चरण में है। इस बीच निर्माण की तैयारियां भी आरंभ कर दी हैं।
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मेट्रो के एक अधिकारी के अनुसार निर्माण का आरंभ रावतपुर एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन के बगल में स्थित रोडवेज कार्यशाला से किया जाएगा। इसके लिए वहां निर्माण तोड़ने के साथ ही मलबा हटाया जा रहा है। यह काम इसी माह पूरा हो जाएगा। अगले महीने इसी स्थान पर बनने वाले रावतपुर भूमिगत मेट्रो स्टेशन के लिए खोदाई और डी-वॉल का निर्माण आरंभ कराया जाएगा। लगभग 18 मीटर गहराई तक खोदाई और डी-वॉल बनाने के बाद टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के पुर्जे वहां पहुंचाए जाएंगे और उन्हें जोड़कर काकादेव की तरफ सुरंग की खोदाई आरंभ कराई जाएगी। रावतपुर भूमिगत स्टेशन के निर्माण की आरंभ के पश्चात काकादेव और डबलपुलिया भूमिगत मेट्रो स्टेशनों का कार्य भी आरंभ होगा।
23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर-1 के अंतर्गत आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो ट्रेनों के संचालन और उसके आगे से चुन्नीगंज, माल रोड, कानपुर सेंट्रल, झकरकटी, ट्रांसपोर्टनगर, बारादेवी होते हुए नौबस्ता हमीरपुर रोड में गल्लामंडी के पास तक कार्य तेजी से चल रहा है। इसे पूरा करने की डेडलाइन दिसंबर 2024 है।
बता दें कि कॉरिडोर-2 के अंतर्गत बनने वाला रावतपुर भूमिगत स्टेशन इंटरसेप्टिंग स्टेशन होगा। इस स्टेशन को कॉरिडोर-1 के अंतर्गत बने रावतपुर एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा।
यही नहीं कॉरिडोर-2 के अंतर्गत एलिवेटेड सेक्शन दो भागों (उत्तरी, दक्षिणी) में बनेगा। उत्तरी भाग में सीएसए मेट्रो स्टेशन और एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक बनेगा। इसकी लंबाई 600 मीटर है। दूसरी ओर डबल पुलिया से विजयनगर की ओर लगभग 700 मीटर दूर से बर्रा-8 तक दक्षिणी एलिवेटेड सेक्शन बनेगा। इसकी लंबाई 3.75 किलोमीटर है।
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महत्वपूर्ण है कि कानपुर मेट्रो के अंडरग्राउंड सेक्शन का कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। सेंट्रल स्टेशन से नयागंज तक मेट्रो की टनल बनाने का कार्य संचालित है। बीते अगस्त से इसके लिए टनल बोरिंग मशीन (TBM) के फ्रंटशील्ड को सेंट्रल स्टेशन से नीचे उतारा गया है। कानपुर सेंट्रल से नयागंज तक लगभग 1250 मीटर तक टनल का निर्माण किया जा रहा है।
दो टीबीएम पहले से ही कार्य कर रहे हैं। तथा अब लगभग 4.65 किमी लंबे कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन में दो नए टीबीएम के लॉन्च होने के साथ, कॉरिडोर -1 (आईआईटी-नौबस्ता) में टनल निर्माण में लगे टीबीएम की कुल संख्या 4 हो गई है।
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