PM मोदी की वाराणसी को मिली अब तक की सबसे बड़ी सौगात
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आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भारत को पेट्रोलियम से निर्भरता कम कराने के उद्देश्य से सरकार देश में संचालित वाहनों को ईवी अर्थात इलेक्ट्रिक वेहिकल में परिवर्तित करने की योजना बनाई है। इस योजना को सफल बनाने में उत्तर प्रदेश व वाराणसी की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कई ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है जो आने वाले दिनों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने में सहायता करेगा। यह योजना देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ देश के प्रमुख नगरों के विकास में भी भागीदारी निभाएंगे।
बता दें की राष्ट्रीय राजमार्गों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने से भी देश में इलेक्ट्रिक वाहन संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद मिलने की संभावना है। भारत का लक्ष्य है इस दशक के अंत तक सभी वाणिज्यिक कारों का 70 प्रतिशत, निजी कारों का 30 प्रतिशत, बसों का 40 प्रतिशत और दोपहिया व तिपहिया वाहनों का 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वेहिकल में परिवर्तित कर देना।
इसके अनुसार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, भारत को अगले नौ वर्षों में लगभग 30 लाख सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क की आवश्यकता होगी।
राष्ट्रीय स्तर की इलेक्ट्रिक वेहिकल योजना व उद्देश्य को समझाने के पश्चात अब यदि हम आपको उत्तर प्रदेश में इसके क्रियान्वयन की जानकारी दें तो बता दें की नगर परिवहन निदेशालय के अंतर्गत यूपी के 14 प्रमुख नगरों में नवनिर्मित 700 इलेक्ट्रिक बसें चरणबद्ध तरीके से संचालित करने की योजना है। जिस कड़ी में हाल ही में कुछ दिन पूर्व राजधानी लखनऊ में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने इस प्रकार की चार प्रोटोटाइप इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखायी थी।
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बताया गया था कि जब यह ट्रायल सफल हो जायेगा तो नियमित रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें चलायी जायेंगी। आपको हम बता दें की योजना के अंतर्गत लखनऊ में 100, गोरखपुर में 25, प्रयागराज में 50, वाराणसी में 50, आगरा में 100, कानपुर में 100, मेरठ में 50, गाजियाबाद में 50, मथुरा-वृन्दावन में 50, व शाहजहांपुर में 50 इलेक्ट्रिक बसें चलायी जानी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन 700 बसों को इस वर्ष के अंत तक संचालित कर दिया जाएगा। ये सभी इलेक्ट्रिक बसें पीपीपी मोड के आधार पर चलायी जानी हैं। परिवहन सुविधा से जुडे जानकारों के अनुसार लो फ्लोर की इन बसों के आने के पश्चात विशेषतः दिव्यांग व बुजुर्ग लोगों को यात्रा करने में विशेष सुविधा मिलेगी। तथा वर्तमान समय में प्रदेश के कई नगरों में इलेक्ट्रिक बसों के लिए स्टेशन बनाने का कार्य संचालित है जिनमें से एक वाराणसी भी है।
वाराणसी के इलेक्ट्रिक बस स्टेशन की जानकारी के लिए बता दें की उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की ओर से वाराणसी के मिर्जामुराद में बन रहे सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के लिए इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। लोहे की छड़ें लगा मोटी दीवार बनाने के साथ ही जेसीबी मशीन से मिट्टी भरने का काम हो रहा है। बता दें की यहां पर 50 इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग सुविधा व मेंटनेंस का काम होगा। बनारस में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने व ईंधन (डीजल) की बचत हेतु इलेक्ट्रिक बसे चलाई जाएंगी। बसे बन कर तैयार हैं। चार्जिंग डिपो बनते ही नगर की सड़कों पर बसे दौड़ने लगेंगी।
इस निर्माणाधीन इलेक्ट्रिक बस स्टेशन की विशेषताओं की अधिक जानकारी के लिए बता दें की यह वाराणसी में मिर्जामुराद के गौर गांव में लगभग 53 बिस्वा भूमि में बन रहा है। लागत है 12 करोड़ 30 लाख रुपये। निर्माण कार्य जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज द्वारा कराया जा रहा है। इस चार्जिंग स्टेशन की कुल क्षमता है 50 बसों की है। यहाँ पर ई-बसों को चार्ज के लिए सोलह-सोलह सौ केवीए के दो बड़े विद्युत ट्रांसफार्मर होंगे जिन्हें की गाजियाबाद से मंगाया गया है। तथा मिर्जामुराद के गौर गांव में ग्राम पंचायत द्वारा हाइवे किनारे इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग डिपो बनाने का प्रस्ताव वर्ष 2019 में बना था परंतु कई अड़चनों के कारण से निर्माण में विलंब हुआ।
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वाराणसी स्मार्टसिटी के अंतर्गत बनने वाले वाराणसी के पहले इलेक्ट्रिक चार्जिंग बस स्टेशन के निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी के लिए बता दें की इस प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य 1 नवंबर वर्ष 2020 से आरंभ हुआ था तथा इसके पूर्ण होने की निर्धारित तिथि है 31 अक्टूबर 2021 अर्थात इसी माह में निर्माण कार्य पूर्ण हो जाना है तथा सबसे महत्वपूर्ण की वर्तमान समय तक इस प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य आधिकारिक आंकणों के अनुसार लगभग 90% पूर्ण हो चुका है। परंतु जैसा हम देख पा रहे हैं मुख्य भवन का निर्माण तो लगभग पूर्ण ही होता प्रतीत हो रहा है परंतु इस स्टेशन का मुख्य उद्देश्य अर्थात 50 चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण कार्य अभी शेष हैं जिसमें की कुछ और समय लगना प्रतीत हो रहा है जिसका साक्षात अवलोकन आप कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें की वाराणसी को ग्रीन काशी-क्लीन काशी बनाने की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए नगर निगम वाराणसी ने शहर में ई-रिक्शों की भरमार के पश्चात अब इलेक्ट्रिक वाहनों को गति देने की कार्यवाही आरंभ कर दी है। नगर निगम ने इलेक्ट्रिक वाहनों में दो पहिया व चार पहिया से साथ साथ बस को चार्ज करने के लिए नगर में अन्य 11 चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारी आरंभ कर दी है।
बता दें की ये सभी 11 स्थान भी तय कर लिए गए हैं। शीघ्र ही तय स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज होने भी आरंभ हो जाएंगे। तथा इन इलेक्ट्रिक व्हीकल मोबिलिटी के लिए राजस्थान इलेक्ट्रानिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड से एमओयू भी साईन किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें की इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के लिए नगर के एक छोर से दूसरे छोर तक कवर किया गया है। इसके अतिरिक्त नगर के मध्य में कई स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन खुलेंगे। एवं इसके अगले फेज में 14 और स्थानों को चिह्नित करने की योजना है।
पहले फेज़ में बनने वाले चार्जिंग स्टेशन के लिए वे 11 स्थान हैं :
1. नगर निगम, सिगरा
2. नदेसर रामलीली मैदान के पास
3. सारनाथ स्टेशन के पास
4. डीडीयू हास्पिटल के पास
5. डीएलडब्ल्यू गेट के सामने
6. चितईपुर स्थित इंद्रा नगर कालोनी
7. धनेसरा तालाब पीलीकोठी
8. जौनपुर बाईपास के तरना के पास
9. उदया प्रताप कालेज के पास
10. रेलवे फाटक नक्खी घाट के पास
11. ईडीएच संक्रामक रोग हास्पिटल स्थित कूड़ा घर के पास
अब यदि आगामी इलेक्ट्रिक बसों की जानकारी दें तो आपको बता दें की इन स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस की विशेषता यह है कि बस पूरी तरह से वातानुकूलित होने के साथ सौ प्रतिशत एमिशन फ्री हैं अर्थात पर्यावरण को ठोड़ा भी हानि नहीं पहुंचेगा. तथा यह अन्य इलेक्ट्रिक बसों से भिन्न हैं क्योंकि इसमें फास्ट चार्जिंग सिस्टम लगा है. जो मात्र 45 मिनट में पूरी चार्ज हो जाती है. जो प्रति किलोमीटर लगभग एक यूनिट बिजली की खपत होगी. इसके अतिरिक्त इसमें 50 यात्री यात्रा कर सकते हैं तथा इन बसों में ऑटोमेटिक क्लच व गियर सिस्टम, अनांउसमेंट सिस्टम, जीपीआरएस सिस्टम समेत एडवांस ब्रेक सिस्टम लगे हुए हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में ऐसे 700 बसों को चलाने की तैयारी है।
वहीं इसके अतिरिक्त आपको बता दें की नगर में बस संचालन का रूट मैप व किराया भी निर्धारित हो गया है। रूट का चयन यात्रियों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर किया गया है। साथ ही नगरीय परिवहन निदेशालय ने किराया भी निर्धारित कर दिया है। जिनकी सूची कुछ इस प्रकार से है।
किलोमीटर – बस का किराया
03 – 10
06 – 15
10 – 20
14 – 25
19 – 30
24 – 35
30 – 40
36 – 45
42 – 50
अधिक जानकारी के लिए वीडियो को देखें :-
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