PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और हिन्दू धर्म के प्रमुख आस्था केंद्र काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की Exclusive Ground Report

सर्वविद्या की राजधानी तथा देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में सजकर तैयार हो रहे काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण आगामी 13 दि‍संबर को स्वयं नरेंद्र मोदी जी के हाथो़ हो रहा है। ऐसे में यहां अत्यंत तीव्र गति से नि‍र्माण कार्य को अंति‍म रूप देने का प्रयास हो रहा है।

उत्तर प्रदेश की तीर्थ अयोध्या, मथुरा और काशी सनातन धर्म के संपूर्ण संदेश को बांचती है। उत्तर प्रदेश वालों का यह सौभाग्य है कि ये तीनों पुण्य-भूमि इस प्रदेश का भाग हैं। अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, जो सनातनधर्मियों के एक नए युग के प्रारंभ का साक्षी बनेगा, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से काशी में बाबा धाम को गंगधार से एकाकार करने का उपक्रम भी ऐसा ही युगांतरकारी अवसर है।

परिसर

काशी का अपना विशिष्ट महात्म्य है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की सुविधा और उपासना के लिए किए जा रहे कार्यो का लोकार्पण 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। महारानी अहिल्या बाई द्वारा वर्ष 1780 में बनवाया और सजाया गया काशीपुराधिपति का आंगन 240 वर्षो पश्चात पुन: अपने वास्तविक स्वरूप में विस्तार पा रहा है।

काशी ऐसा नगर है जहां देश के हर कोने से शिवभक्त आते हैं। इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए नगर के होटल 28 जनवरी तक फुल हो गए हैं। देश-विदेश से पर्यटक आ रहे हैं। लोकार्पण समारोह को स्मरणीय बनाने में प्रशासन ने हर स्तर पर तैयारी आरंभ कर दी है। इन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। जनसहभागिता बढ़ाने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं।

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श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में बनाई जा रही वीथिकाओं और पीठिकाओं में वेद-उपनिषद का ज्ञान, कर्मकांड और अनुष्ठान के दर्शन होंगे। परिसर में निर्मित वैदिक केंद्र में मंत्रोच्चार व पूजन पद्धति का ज्ञान देकर कर्मकांडी तैयार किए जाएंगे। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में अर्चकों द्वारा प्रशिक्षण देकर उन्हें दक्ष बनाने के उपरांत प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की ओर से कई दशक से प्रयास किए जा रहे हैं। परिषद की बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है। स्थान व न्यास में इसका विधान न होने से बात नहीं बन पा रही थी। अब मंदिर विस्तारीकरण-सुंदरीकरण परियोजना में भवन बन जाने के पश्चात इसका समाधान हो गया है। माना जा रहा है कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के पश्चात न्यास का पुनर्गठन होते ही इस दिशा में भी कदम बढ़ा दिए जाएंगे।

घाट

गंगा किनारे स्थित वैदिक केंद्र में सुबह से रात तक हवन की व्यवस्था होगी। परियोजना के आर्किटेक्ट डा. बिमल पटेल के अनुसार माँ गंगा से विश्वनाथ मंदिर तक की यात्रा आत्मावलोकन या आत्मदर्शन की यात्रा का एक वास्तुशिल्प बोध है। इसी सोच के साथ कि हर तीर्थयात्री और पर्यटकों को भी इसकी अनुभूति होगी।

काशीवासियों के साथ उद्योग जगत को भी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से बड़ी आशाएं हैं। ये आशाएं व्यर्थ भी नहीं। कारण कि जब पर्यटक आएंगे तो निसंदेह लगभग हर उद्योग-धंधे को बल मिलेगा। प्रदेश सरकार का धर्मार्थ कार्य विभाग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना अनुसार लाखों बाबा भक्तों की सुविधा की दृष्टि से बाबा धाम को पूरे मनोयोग के साथ सजा रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण और सुंदरीकरण परियोजना के अन्तर्गत लगभग 5,27,730 वर्ग फीट क्षेत्र को संवारने के साथ भव्य-दिव्य गलियारे का रूप दिया जा रहा है।

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अब और मजबूत होगी अयोध्या राम मंदिर की नींव

बता दें की श्री काशी विश्वनाथ धाम में रानी अहिल्याबाई, भारत माता, कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्तियां भी स्थापित होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर में शिव भक्तों के लिए विश्वनाथ धाम की सौगात देंगे। विश्वनाथ धाम के विकास,विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण से दर्शन सुगम और सरल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का आठ मार्च 2019 को शिलान्यास किया था। जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने नेतृत्व में रिकॉर्ड समय में पूरा करने में सफल हो रहे हैं।

काशी में भगवान विश्वनाथ व माँ गंगा एक बार पुनः एकाकार हो रहे हैं। बाबा के धाम और अविरल निर्मल गंगा के मध्य राष्ट्रीयता की प्रतीक भारत माता की मूर्ति भी दिखेगी। कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्ति भी श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य प्रांगण में स्थापित की जाएगी। यही नहीं 1669 में बाबा के दरबार का पुनरोद्धार करने वाली रानी अहिल्याबाई की मूर्ति भी विश्वनाथ धाम में स्थापित होगी। धर्म और राष्ट्रीयता का एक साथ पूरी दुनिया में पताका फैलाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं और उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाया है। रानी अहिल्याबाई के पश्चात बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देने का काम हो रहा है।

मंदिर चौक

भगवान शंकर की त्रिशूल पर बसी मोक्ष की नगरी काशी में बाबा के प्रांगण की भव्य तस्वीर सामने दिखने लगी है। 50,200 वर्ग मीटर में लगभग 400 करोड़ रूपये की लागत से भव्य आनंद वन का निर्माण हो रहा है। सुरक्षा, म्यूजियम, फैसिलेशन सेण्टर,बनारस गैलरी, मुमुक्ष भवन, वैदिक केंद्र, मल्टीपर्पज हाल। स्प्रिचुअल बुक सेंटर, यात्री सुविधा केंद्र भोगशाला, गेस्ट हाउस, व्यावसायीक भवन जैसे 28 भवन का निर्माण हो रहा है। जिससे विश्व भर से आने वाले शिव भक्तों को श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन, जप-तप करने में सुरक्षा, सुविधा, सुगमता और स्वच्छ वातावरण मिल सकेगा। मंदिर चौक के व्यूइंग गैलेरी से बाबा और मां गंगा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वास्तुशिल्प का अद्भुत कारीगरी भी देखने को मिलेगी।

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यही नहीं काशीपुराधिपति के धाम को भक्तों को समर्पित करने के समयावधि में 18 राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे। पीएम मोदी के साथ भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता, अखंडता और एकता का संदेश देंगे।

काशी की सांस्कृतिक विरासत में भागीदार बनने के पश्चात 14 को काशी विश्वनाथ धाम में सभी मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन होगा। काशी की उत्सवधर्मिता में सहभागी बनने के लिए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, असम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, हरियाणा, गोवा, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, कर्नाटक, पुदुचेरी की सरकारों की ओर से 13 दिसंबर के कार्यक्रम में सम्मिलित होने की प्राथमिक सूचना शासन को भेज दी गई है।

व्यवसायिक केंद्र

बता दें की बीते दीनों श्रद्धालुओं के लिए तीन दिनों तक बंद करके मुख्य मंदिर के गर्भगृह का भी जीर्णोध्दार किया गया है एवं वर्तमान समय में मंदिर के स्वर्ण शिखर को चमकाने का कार्य संचालित है तथा लोकार्पण से पहले यह सभी कार्य पूरे हो जाएंगे।

यहां पहुंचने वाले भक्तों को शीघ्र ही श्री काशी वि‍श्‍वनाथ धाम का मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा। बता दें कि‍ गंगा से काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच में शिव का वन भी विकसित किया जा रहा है। गंगधार से विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने से पहले भक्तों को इस वन क्षेत्र से ही गुजरना होगा।

जलासेन घाट से मंदिर चौक के मध्य में बनाई गई गंगा व्यू गैलरी अपने भव्यतम रूप में दिखने लगी है, जहां से खड़े होकर भक्त बाबा विश्वनाथ के स्वर्ण शिखर और मां गंगा के दर्शन एक साथ कर सकते हैं। यही नहीं इस प्राचीन शिव नगरी का इतिहास, भूगोल और पौराणिक मान्यताओं के दर्शन बाबा के धाम में ही होंगे।

गंगधार से लेकर मुख्य मंदिर तक पूरा धाम अपनी अनेक विशेषताओं के लिए इन दिनो चर्चा में है। इन्हीं विभिन्न विशेषताओं में एक होगी बाबा के गले में मंदिरों की मणिमाला के वो पत्थर जो स्वयं शिव और काशी की पूरी कहानी सुनाएंगे। विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के बाहर परिक्रमा पथ से सटा नक्काशीदारों पत्थरों से सुशोभित एक गलियारा बनाया गया है, जिसे मणिमाला कहा जाएगा। इस गलियारे में उन देवी देवताओं को स्थापित किया जाएगा जो कि विश्वनाथ धाम के निर्माण में अधिग्रहित किए गए भवनों के अंदर से मिले थे।

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इस पूरे क्षेत्र को मंदिर चौक का नाम दिया गया है। जब ऊपर से आप इस तस्वीर को देखेंगे तो ऐसा लगेगा कि बाबा विश्वनाथ अपने गले में मंदिरों की पूरी मणिमाला धारण किए हुए हैं। हर मंदिर की दीवार पर संगममर के 42 पैनलों के माध्यम से शिव और काशी की कहानी सुनाई जाएगी। इसमे 20 पैनल चित्रात्मक अर्थात पिक्टोरियल हैं। इसके माध्यम से बताया गया है कि कैसे शिव काशी आए, फिर ढुंढिराज गणेश ने कैसे स्तुति गाई। यही नहीं, मां पार्वती के साथ कैलाश वास और मोक्षनगरी काशी में कैसे शिव तारक मंत्र देकर जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिलाते हैं, सभी का शास्त्र पुराण के पन्नों के अनुसार वर्णन किया गया है।

बता दें की पूरी मणिमाला में अष्ट भैरव, 56 विनायक और 64 योगिनियों तक के दर्शन और उनका प्रसंग सहेजा गया है। विश्वास मानिए कि जब आप श्रीकाशी विश्वनाथ के गर्भगृह से निकलेंगे तो इस गलियारे में जाकर काशी की महिमा स्वयं गुनगुनाने लगेंगे। इसके लिए काशी विद्त परिषद ने शास्त्र पुराण, वेद और उपनिषद से यह सभी जानकारियां जुटाई हैं।

मणिकर्णिका घाट

काशी नगरी के धार्मिक और सांस्‍कृतिक स्‍वरूप के दर्शन कराने वाले इस अनूठे विश्‍वनाथ धाम कॉरीडोर से आशा है कि निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात यह कॉरिडोर देश के सबसे भव्य स्थलों में गिना जाएगा तथा 13 दिसंबर को लोकार्पण स्वयं महादेव के भक्त श्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों होने पर धर्म-अध्यात्म का रंग और चटख हो जाएगा।

मित्रों यदि आपको वीडियो में दी हुई काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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One thought on “PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और हिन्दू धर्म के प्रमुख आस्था केंद्र काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की Exclusive Ground Report

  • December 6, 2021 at 3:54 pm
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    🙏🌹🙏हर हर महादेव भोले नाथ 🙏जय जय श्रीराम🙏 श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की जय हो 🙏योगी आदित्यनाथ जी की जय हो 🙏इतिहासिक कम 🙏भगवान शिव जी की कृपा बनी रहे श्री नरेन्द्र मोदी के काम बहुत बहुत अच्छा हुआ है 🙏🌹🙏हर हर महादेव 🙏हर हर महादेव 🙏हर हर महादेव 🙏जय जय श्रीराम🙏 जय जय श्रीराम🙏 जय जय श्रीराम🙏

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