अयोध्या को मिली उत्तर भारत की पहली बड़ी सौगात
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Ayodhya Water Metro : श्री राम मंदिर निर्माण के साथ ही साथ अयोध्या अपने आध्यात्मिकता व पौराणिकता को पुनः प्राप्त करते हुए आधुनिकता को भी अपने में समाहित कर रही है। तथा अब उत्तर भारत का पहला वॉटर मेट्रो भी होगा अयोध्या में।
Ayodhya Water Metro : इस समय यूपी समेत पूरे देश में अयोध्या के राम मंदिर के शुभारंभ की चर्चा है। आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी भी सम्मिलित होंगे। इस समयावधि में अयोध्या में बहुत कुछ परिवर्तित हो रहा है। नगर में संपर्क व यातायात के लिए जहां एक ओर सड़कों का वृहद विस्तार किया जा रहा है। तथा बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए नवीन रेलवे स्टेशन व नवीन एयरपोर्ट की सौगात मिल रही है। तो वहीं दूसरी ओर नगर भ्रमण के लिए सड़क मार्ग के विकल्प के रूप में सरयू जी की छटा निहारते हुए अब आप वॉटर मेट्रो का आनंद भी ले सकेंगे।
जी हां, उत्तर भारत में पहली बार अयोध्या को मिलने जा रहा है अपना वॉटर मेट्रो की सुविधा जो अयोध्या जी आध्यात्मिक छवि को आधुनिकता के साथ में जोड़ेंगी।
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परियोजना की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि अयोध्या मे 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। उसी दिन यूपी की पहली वाटर मेट्रो सेवा आरंभ करने की भी तैयारी चल रही है। यह सरयू नदी में नयाघाट और गुप्तारघाट के बीच में संचालित होगी। इस सेवा का जलावतरण (शुभारंभ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की भी तैयारी चल रही है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि यह वाटर मेट्रो कोलकाता से चलकर अयोध्या की नियमित सेवाएं देगी। विशेष यह है कि इस मेट्रो को अंदर से पूरी तरह सुविधाजनक बनाया जा रहा है, जिसमें घंटों का सफर भी आप बेहद सूकून से तय कर सकते हैं।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वॉटर मेट्रो के लिए जेटी अयोध्या पहुंच चुकी है। वाटर मेट्रो और घाट के बीच में जेटी करेगी बांध का काम, अयोध्या में हुई कैबिनेट बैठक में जल मार्ग प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव पास किया गया था।
22 जनवरी को अयोध्या को वाटर मेट्रो के रूप में बड़ी सौगात मिलने जा रही है। इस मेट्रो की खास बात होगी कि इसका किराया अत्यंत निम्न दर का होगा और सरलता से सरयू घाटों का दर्शन करने के साथ पूरी अयोध्या का भ्रमण किया जा सकेगा।
रामनगरी में अब जल पर्यटन को बढ़ावा देने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसी क्रम में कलकत्ता से वाटर मेट्रो अयोध्या पहुंच गई है। इसे संत तुलसीदास घाट पर रोका गया है। 16 नाविक इसे लेकर कोलकाता से आए हैं।
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संभावित हैे कि इसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को करेंगे। वे इस पर सवार होकर अयोध्या की आभा भी निहारेंगे। इस वाटर मेट्रो का शुभारंभ भव्य दिव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में यजमान बन कर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की तैयारी है।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की टीम भी अयोध्या पहुंच गई है। इस वाटर मेट्रो का निर्माण कोलकाता के कोचीन शिपयार्ड में किया गया है। वातानुकूलित वाटर मेट्रो 50 सीटर बताई जा रही है। इसी के लिए कोलकाता से लोहे की चादर लगी दो जेटी लाई गई है। जिसमें से एक अयोध्या के नयाघाट और दूसरी गुप्तारघाट पर स्थापित की जा रही है।
प्रधानमंत्री के हाथों शुरू होने वाली वाटर मेट्रो का संचालन भविष्य में प्रदेश सरकार कराएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले माह अयोध्या में हुई कैबिनेट की बैठक में जलमार्ग प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव पास किया गया था। सरयू नदी में जल परिवहन को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो भविष्य में एक और कैटामरैन बोट का संचालन अयोध्या में नयाघाट से गुप्तारघाट तक किया जाएगा।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट शिपिंग एंड वाटरवेज गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की ओर से दो फ्लोटिंग जेट्टी भेजे जा चुके हैं। भेजे गए ये दोनों फ्लोटिंग जेट्टी मंगलवार की शाम तक अयोध्या पहुंच चुके हैं। अयोध्या आने वाले इन दोनों जेट्टी में से एक संत तुलसीदास घाट रखा जाएगा तो दूसरा गुप्तारघाट की शोभा बढ़ाएगा। नाविक टुनटुन द्वारा दी जानकारी के अनुसार, इन दोनों नावों को जलमार्ग से अयोध्या पहुंचने में 14 दिन का समय लगा है। उन्होंने आगे बताया कि हाजीपुर से पहले ये दोनों जेट्टी 28 नवंबर को पटना आए और फिर यहां से निकलकर 12 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे है।
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इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि पर्यटन विभाग और यूपीनेडा की एक योजना के अंतर्गत अयोध्या को सोलर सिटी बनाने की तैयारी की जा रही है। इतना ही नहीं इस नगर में सोलर बोट का संचालन भी किया जाएगा। इसी को लेकर अयोध्या में दो जेट्टी मंगवाए गए हैं। अति शीघ्र वाटर मेट्रो और सोलर बोट की आरंभ करने की तैयारी की जा रही है।
यह भी बता दें कि इससे पहले भारत के पहले वॉटर मेट्रो का शुभारंभ कोचि में इसी वर्ष अप्रैल में हुआ था जिसका की उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही किया था। तथा इसका न्यूनतम किराया 20 रूपए तथा अधिकतम किराया 40 रूपए है। तो कुछ इसी प्रकार से अयोध्या में चलने वाले वॉटर मेट्रो का किराया भी होने की संभावना है।
यह भी बता दें कि वाराणसी में भी वॉटर टैक्सी चलाने की योजना बनाई गई थी तथा इसके अंतर्गत वाराणसी में वॉटर टैक्सी आई भी परंतु नाविकों के विरोध के कारण से काशी में इसका संचालन अभी तक अवरूद्ध है।
महत्वपूर्ण है कि भगवान श्री राम की पावन जन्मस्थली अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ ही अयोध्या को वायु सेवा और रेल सेवा के पश्चात अब जल सेवा की नई नवेली सौगात भी मिलने वाली है। केंद्र और प्रदेश सरकार के सौजन्य से सरयू नदी में वाटर मेट्रो गतिमान होगी। यह वाटर मेट्रो अयोध्या से गुप्तार घाट तक का यात्रा श्रद्धालुओं और यात्रियों को कराएगी। भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे। विशेष यह है कि अपने आप में पूरे प्रदेश में यह पहली वाटर मेट्रो सेवा होगी।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई वॉटर मेट्रो की जानकारी पसंद आई हो तो जय श्री राम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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