PM मोदी की काशी को मिलने वाला है वाराणसी का पहला आइलैंड प्लेटफार्म
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विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर काशी व देश की धार्मिक राजधानी अर्थात वाराणसी के विकास का क्रम अभी रुकने वाला नहीं। तथा मोदी जी वाराणसी का सांसद बनने के पश्चात संभवतः ये वाराणसी के नए युग का आरंभ है।
वाराणसी (Varanasi) की वैश्विक महत्ता के कारण पावन नगरी के जीवन का अनुभव करने के लिए समस्त संसार के कोने कोने से आने वाले यात्री एवं दर्शनार्थीयों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही रहती है जिसके कारण से वाराणसी के प्रमुख स्टेशन कैंट जंक्शन पर जन व रेल भार को कम करने के उद्देश्य से वाराणसी के अन्य रेलवे स्टेशनस् को भी अपग्रेड किया गया है जिसमें की मंण्डुआडीह स्थित बनारस रेलवे स्टेशन व वाराणसी सिटी रेलवे सम्मिलित है, परंतु उसके पश्चात भी जब मनवांछित समाधान नहीं मिला तो प्रशासन ने वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर और प्लेटफार्म बढ़ाने का निर्णय लिया किंतु पर्याप्त स्थान ना होने के कारण से कैंट रेलवे स्टेशन के नवीन प्लेटफार्मस् को मुख्य परीसर से दूरी पर बनाने का निर्णय हुआ। जानकारी के लिए बता दें की जब कोई रेलवे प्लेटफार्म अपने रेलवे स्टेशन से भिन्न अथवा अलग या दूरी पर होता है तो उस प्लेटफार्म को आधुनिक भाषा में आइलैंड प्लेटफार्म (Island Platform) या डॉक प्लेटफार्म (Dock Platform) कहते हैं।
बता दें की 80 के दशक में बना वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन का मुख्य भवन आज भी वाराणसी की पहचान में सम्मिलित है व मुख्य भवन के पूर्वी भाग के विस्तार के लिए भी यहाँ पर 568 करोड़ रुपये की लागत से upgrade और remodeling किया जा रहा है।
सैटेलाइट की माध्यम से आपको बता दें की नवीन आइलैंड प्लेटफार्मस् वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के मुख्य परीसर से लगभग 500 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित है अथवा ऐसे भी कह सकते हैं कि जहाँ पर कैंट स्टेशन के वर्तमान में उपस्थित रेलवे प्लेटफार्म की पश्चिमी सीमा समाप्त हो रही है उसके भी आगे से नवीन प्लेटफार्मस् अब आरंभ होंगे। आपको हम यह सभी दृश्य ड्रोन व्यू के सहायता से दिखाते हैं ताकि आपको समझने में सरलता हो।
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बता दें की सर्वप्रथम वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के आइलैंड प्लेटफार्मस् को बनाने का योजना 2016 में बनी थी तथा उस समय यहाँ पर 3 नवीन प्लेटफार्मस् को बनाने का निर्णय हुआ परंतु कार्य योजना पर सहमति केवल 2 प्लेटफार्मस् की बनी एवं अलकनंदा एसोसिएटस् को निर्माण कार्य का दायित्व जुलाई 2017 में प्रदान किया गया जिसकी अनुमानित लागत आँकी गई लगभग 10 करोड़ रुपये।
इसके अतिरिक्त यहाँ पर एक फुट ओवर ब्रिज व टिकट काउंटर का निर्माण किया जा रहा है जोकी दीक्षित कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा संचालित है।
बता दें की यहाँ पर अड़चन स्वरूप ट्रैक किनारे पर बसे अतिक्रमण भी थे जो की विकास कार्यों में बाधा बने हुए थे जिनमें की सड़क किनारे दुकानों व अवैध कब्जे के अतिरिक्त रेलवे के भी कुछ सम्पतियां थी जिनको हटाकर के अवरोध को दूर किया गया है जिसके पश्चात अब यहाँ इस क्षेत्र में निर्माण कार्य श्रमिकों व मशीनों की सहायता से किया जा रहा है जोकी आपके समक्ष स्क्रीन पर उपलब्ध है। जिसमें कि आप देख सकते हैं कि कुछ ध्वस्तिकरण तो निकट समय में ही हुए हैं। इसके अतिरिक्त आप देख सकते हैं की यहाँ पर भी इण्टरलॉकिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है।
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जानकारी के लिए बता दें की इस स्थान पर कैंट रेलवे स्टेशन का पुराना गुड्स शेड था जिसके स्थान पर अब दो नए यात्री प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। एवं यहां ट्रेनों को स्थानांतरित किया जाएगा जिसके लिए यार्ड रिमॉडलिंग कर विकास किया जा रहा है। तथा पुराने गुड्स शेड को लोहता और चौखंडी पर स्थानांतरित अर्थात शिफ्ट कर दिया गया है।
बता दें की यह नवीन आइलैंड प्लेटफार्मस् पर washable approns लगेंगे अर्थात रेलवे ट्रैक को इस प्रकार से बनाया जाएगा की उनको सरलता से धूला भी जा सके और गंदगी ना रहे इसके लिए नवीन Sleepers भी प्राप्त हो गये हैं जिनको इन ट्रैक पर स्थापित किया जाएगा अर्थात नवीन रेलवे ट्रैक पर लगने वाले पत्थर भी यहाँ पर आ गये हैं।
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इसके अतिरिक्त बता दें की जिस स्थान से यात्री यहाँ पर प्रवेश करेंगे वहां पर अभी एक रेलवे फाटक अथवा रेलवे क्रॉसिंग है एवं वहाँ पर भी लोहे के गाटर को स्थापित करके एक फुट ओवर ब्रिज का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। एवं पास में ही भूमि पर निर्माण कार्य श्रमिकों के सहायता से संचालित है। बता दें की प्लेटफार्म पर उतरने के लिए फुट ओवर ब्रिज से सीढ़ी को भी बनाया जा चुका है तथा शेष कार्यों को किया जा रहा है।
बता दें की यहाँ पर सरिया बिछा कर कंक्रीट ढाला जा रहा है जिसमें कि कई स्थान पर हो चुका है तथा कुछ स्थान पर अभी भी संचालित है। एवं ऊपर में लोहे के गाटर को भी लगाया जा चुका है जिसपर की शेड डालना शेष है।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर अबतक नौ प्लेटफार्म थे परंतु शीघ्र ही 9 नहीं अब कुल 11 प्लेटफार्म होंगे। स्टेशन के लोहता की और में प्लेटफार्म संख्या 4 और 5 से जुड़ते हुए दो और डॉक प्लेटफार्म 10 और 11 बनाए जा रहे हैं। दोनों प्लेटफार्मों को बनाने में कुल दस करोड़ की लागत आएगी।
इन नवीन प्लेटफार्मस् के निर्माण कार्य पूर्ण होने की जानकारी के लिए बता दें की इस निर्माण कार्य को वर्ष 2023 तक बनकर के तैयार हो जाना है। जिसमें कि बेस वर्क लगभग हो चुका है, प्लेटफार्म की लंबाई को लेकर कुछ कार्य रह गए हैं। तथा इससे सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि कैंट स्टेशन पर ट्रेनों को आउटर पर प्रतिक्षा नहीं करनी पड़ेगी और ट्रेन समय से प्लेटफार्म तक पहुंच जाएंगी।
इस आइलैंड प्लेटफार्म की विशेषताओं की जानकारी के लिए बता दें की इन प्लेटफार्मों की निर्धारित लंबाई 686 मीटर और चौड़ाई 12 से 13 मीटर रखी गई है, जिससे की अधिकतम कोच वाली यात्री गाड़ी भी इन प्लेटफार्मों पर खड़ी हो जाएं और यात्रियों को कोई कठिनाई ना हो। इसके अतिरिक्त एक और जानकारी देते हुए बता दें की यह नवीन प्लेटफार्म एक छोर से बंद रहेंगे। इन प्लेटफार्मोें पर ट्रेन जिस दिशा से आएगी, उसे उसी दिशा में वापस लौटना होगा। उदाहरण के लिए समझें तो लखनऊ से बनारस आने वाली ट्रेनों को डॉक प्लेटफार्म संख्या 10 और 11 पर खड़ा कर उसी दिशा में वापस लौटा दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण है कि वाराणसी के इस नवीन आइलैंड प्लेटफार्मस् प्रोजेक्ट के पूर्ण हो जाने से जहाँ एक ओर इसका लाभ रेलवे ट्रैक के सुगमता से मिलेगा व रेलयात्रीयों को रेल के विलंभ होने से मुक्ति भी मिलने की संभावना है। तो वहीं दूसरी ओर यह नवीन प्लेटफार्मस् काशी की आधुनिक छवि को वैश्वीक स्तर पर ऊँचा कर देश की धर्म नगरी होने के नाते भारत के सम्मान में भी वृद्धि करेंगे।
मित्रों यदि आपको वीडियो में दी हुई वाराणसी के आइलैंड प्लेटफार्मस् की जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें: