बन रहा है माँ त्रिपुर सुंदरी का भव्य मंदिर कॉरिडोर

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समग्र विश्व में सनातन धर्म का पुनरुत्थान व आस्था के साथ धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार स्वरूप हम सबके समक्ष है। इसी क्रम में काशी अयोध्या महाकाल विंध्याचल कॉरिडोर आदि के साथ ही अब त्रिपुरेश्वरी मंदिर कॉरिडोर (Tripureshwari Mandir Corridor) का भी हो रहा है निर्माण।

Tripureshwari Mandir Corridor
Tripureshwari Mandir Corridor

Tripura : हिंदू धर्म में देवी ‘त्रिपुर सुंदरी’ को लेकर विशेष आस्था है। देवी त्रिपुर सुंदरी का उल्लेख देवी पुराण सहित कई अन्य पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। देवी त्रिपुरेश्वरी को समर्पित, एक ऐतिहासिक मंदिर भारत के त्रिपुरा राज्य की पूर्व राजधानी उदयपुर नगर में स्थित है। यह हिंदू मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और इसे माताबारी के नाम से भी जाना जाता है।

देवी के इस सिद्धपीठ को कूर्म पीठ नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यह मंदिर एक कछुए के उभार की तरह दिखाई देता है। लगभग 500 वर्ष पुराने इस मंदिर को लेकर स्थानीय लोगों में विशेष मान्यता है। कहा जाता है कि यहां देवी सती के बाएं पैर का अंगूठा गिरा था, इसलिए यहां शक्ति पीठ की स्थापना हुई।

सनातन धर्म में विशेष महत्व रखने वाले इस मंदिर का आकार एक कछुए के जैसा है। माता त्रिपुर सुंदरी के इस मंदिर को मूल रूप से महाराज धन्य माणिक्य ने 1501 में बनवाया था। इसके पश्चात सन् 1896 से 1990 में महाराजा राधा किशोर माणिक्य के बहादुर के शासनकाल में इस मंदिर को पुनर्जीवित किया गया। त्रिपुर सुंदरी मंदिर का मुख्य द्वार पश्चिम में बनाया गया है। मंदिर के चारों कोनों में चार स्तंभ बने हैं, जिन पर यह मंदिर टिका हुआ है। इन स्तंभों की ऊंचाई 75 फीट की है। तथा इस मंदिर के शीर्ष पर 1 झंडा और सात घड़े बने हैं।

मंदिर के महत्व व इतिहास की जानकारी देने के पश्चात आपको हम नवीन परियोजना त्रिपुरेश्वरी मंदिर कॉरिडोर की विशेष जानकारी देने हेतु बता दें कि 07 जून वर्ष 2018 को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री व राज्यपाल की उपस्थिति में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के द्वारा शिलान्यास किया गया था। और मंदिर कॉरिडोर की नवीन रूपरेखा सज्ज हुई।

Tripureshwari Mandir
Tripureshwari Mandir

तत्पश्चात मार्च 2022 में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को त्रिपुरा में गोमती जिले के उदयपुर में 51 शक्तिपीठों में से एक माता त्रिपुरेश्वरी मंदिर तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान अर्थात (प्रसाद) परियोजना का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव भी उनके साथ रहे। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने मंदिर में पूजा और प्रार्थना करने से पहले चांदी के दरवाजे को खोला था।

त्रिपुरेश्वरी मंदिर कॉरिडोर निर्माण की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने मंदिर परिसर में नवीनीकरण और सुविधाओं के निर्माण के लिए 44 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए हैं। इसमें राज्य सरकार ने 14.22 एकड़ भूमि दी है, जिसमें मंदिर और सभी 51 शक्तियों के विग्रह को स्थापित किया जाएगा। मंदिर प्रबंधन समिति के अधिकारियों और सदस्यों के साथ बैठक में शाह ने राज्य सरकार की अकेले परिसर में 51 शक्ति देवियों की प्रतिकृति के निर्माण की पहल की प्रशंसा की है। इस कार्य से राज्य में धार्मिक पर्यटन में वृद्धि होगी और भक्तों को सभी देवियों का आर्शीवाद एक स्थान पर मिल सकेगा।

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आपको हम कॉरिडोर में बनने वाली निर्माण व आकृति के साथ सुविधाओं की जानकारी देते हैं। बता दें कि इस कॉरिडोर में मंदिर हेतु 2 प्रवेश द्वार होंगे। इस संपूर्ण कॉरिडोर की आकृति कछुए जैसी है। इसका निर्माण सपनडे नामक अगरतला की कंपनी द्वारा किया जा रहा है।

प्रथम चरण में मंदिर के निर्माण की लागत लगभग 37 करोड़ रुपए है। जिसमें से 33 करोड़ रुपए सरकार द्वारा अलॉट किए जा चुके हैं। मुख्य मंदिर के अतिरिक्त इस नवीन परिसर में 50 नवीन मंदिरों का भी निर्माण किया जा रहा है जो कि 50 अन्य शक्तिपीठों को समर्पित होगा।

Tripura Sundari Mandir
Tripura Sundari Mandir

यही नहीं इस परियोजना में स्थानीय निवासीयों के साथ दर्शनार्थियों को ध्यान में रखते हुए 80 से अधिक दुकानों का निर्माण तथा लाॅकर कक्ष, व पुरोहित कक्ष, स्वचलित सीढि जैसी कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।

इसके अतिरिक्त यदि सुंदरता की बात करें तो यहां पर कमल पुष्प के प्रकार से पांच पंखुड़ियों की आकृति में कृतिम तालाब का निर्माण भी होना है। जैसा की आप जानते ही हैं की कमल कच्छप आदि माता की वंदना से जुड़े हुए हैं तो उन्हीं को ध्यान में रखकर सभी निर्माण किया जा रहा है।

अधिक जानकारी हेतु बता दें कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार ने उदयपुर में माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के विकास के लिए 37.8 करोड़ रुपये स्वीकृत करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए ट्विटर का सहारा भी लिया था।

Tripura Sundari Mandir
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महत्वपूर्ण है कि वर्तमान सरकार देश के वास्तविक संस्कृति को पुनर्जीवित करने का विशेष कार्य कर रही है तथा संभवतः रानी अहिल्याबाई होलकर के पश्चात यह पहला अवसर है की संपूर्ण भारत में इस प्रकार से सभी धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार व पुनरोद्धार कर सनातन आस्था का पुनरुत्थान किया जा रहा है। जो न केवल मंदिर परिक्षेत्र में रोजगार सृजन सुनिश्चित करता है अपितु नगर व देश का अर्थतंत्र को सुदृढ़ करने का कारक भी सिद्ध हो रहा है।

मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई त्रिपुरेश्वरी मंदिर कॉरिडोर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय माता दी अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें

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