भारतवर्ष का पहले देविलोक सलकनपुर मंदिर कॉरिडोर परियोजना
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Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश के सीहोर (Sehore News) जिले के सलकनपुर में स्थित विजयासन देवी धाम (Vijayasan Devi Dham Salkanpur Devi Lok) देशभर में आस्था के एक बड़े केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर सीहोर जिले के सलकनपुर में देवीलोक का निर्माण कराया जा रहा है। देवी लोक में देवी के नौ रूपों तथा 64 योगिनियों को शास्त्रों में वर्णित कथाओं के साथ आकर्षक रूप दिया जाएगा। इसके साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की निर्माण एवं विकास के कार्य कराए जा रहे हैं।
भारत के पहले देवी लोक का निर्माण की जानकारी से पहले आपको हम इस मंदिर के इतिहास व महत्व से परिचित कराते हैं। बता दें कि सलकनपुर मंदिर मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले के बिजासन माता को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। जो प्रत्येक वर्ष नवरात्री के समय भारी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है।
आपको बता दें कि सलकनपुर मंदिर भोपाल से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है, जहाँ पर गर्भ गृह में बीजासन माता की एक प्राकृतिक रूप से निर्मित मूर्ति है। यहां पर मंदिर परिसर में देवी लक्ष्मी और सरस्वती, और भैरव के मंदिर भी स्थित है।
ऐसा बताया जाता है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण कुछ बंजारों द्वारा करवाया गया था। यह बात लगभग 300 वर्ष से अधिक पुरानी है, जब एक बार पशुओं का व्यापार करने वाले बंजारे यहां पर रुके थे तो उनके पशू एक दम से गायब हो गए थे। फिर जब बंजारे अपने पशुओं को ढूँढने के लिए निकले तो उन्हें यहां पर एक छोटी लड़की मिली। जब बंजारों ने लड़की से कहा कि उनके पशु गुम हो गए हैं तो उसने कहा कि यहां माता के स्थान पर मनोकामना मांग सकते हैं।
लेकिन बंजारों ने कहा कि हम नहीं जानते कि यहां पर माता का स्थान कहाँ पर है। तब उस लड़की ने एक पत्थर फेक कर संकेत दिया। उसने जिस स्थान पर पत्थर फेका था वहां पर माता के दर्शन हुए। इसके पश्चात बंजारों ने वहां माता की पूजा कि और कुछ समय के पश्चात उन्हें अपने गुमे हुए पशू मिल गए। अपनी मनोकामना पूरी होने के पश्चात उन बंजारों ने यहां पर मंदिर बनवाया था। इस घटना की खबर जब लोगों को लगी तो यहां बहुत से लोग मन्नत मांगने के लिए आने लगे।
बता दें कि सलकनपुर वाली बिजासन माता का मंदिर 1000 फीट ऊँची एक पहाड़ी पर बना हुआ है। पहले मंदिर तक जाने के लिए केवल सीढियां ही बनी हुई थी जिनकी संख्या एक हजार से अधिक है। परंतु अब मंदिर तक ऊपर पहुंचने के लिए वाहन मार्ग और रोपवे भी बना दिया गया है, जिसकी सहायता से भक्त सरलता से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
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आइए अब हम आपको सलकनपुर देवीलोक मंदिर कोरिडोर के निर्माण की जानकारी देने हेतु बता दें कि महाकाल लोक की तर्ज पर सलकनपुर में देवी लोक बनाया जा रहा है। यह धार्मिक अवधारणा के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पर्यटक सुविधाओं के साथ-साथ देवी विंध्यवासिनी के विभिन्न स्वरूपों का चित्रण पृथक-पृथक अधिसंरचनाए निर्मित कर किया जाएगा। समस्त कार्यों को हेरिटेज एवं धार्मिक स्वरूप के दृष्टिकोण से पत्थरों से सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
बता दें कि देवी लोक में 64 योगिनी प्लाजा वृत्ताकार निर्मित किया जाएगा। जिसमें 64 योगिनियों के विभिन्न आयामों को म्यूरल के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा, देवी के विभिन्न स्वरूपों को प्रदर्शित करने की इस कल्पना को मध्यप्रदेश के भेड़ाघाट तथा उड़ीसा के हीरापुर से लिया गया है।
यही नहीं मंदिर पहुंचने के पहले माता विजयासन देवी के नौ स्वरूपों को पृथक-पृथक म्यूरल के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। देवी के नौ स्वरूपों को कहानी तथा श्लोक के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि मंदिर के मुख्य द्वार के पास सप्त मातृका को मूर्ति तथा म्यूरल आर्ट के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। वेटिंग हॉल के टेरेस पर महाविद्या थीम पर मां काली, तारा, छिन्नमस्ता, सुंदरी, बगुला मातंगी, भुनेश्वरी, सिद्ध विद्या, भैरवी एवं धूमावती की झांकियां मूर्ति एवं म्यूरल आर्ट के रूप में प्रदर्शित की जाएंगी।
माता विजयासन मंदिर के मुख्य द्वार को लाल पत्थरों से सौंदर्यीकरण कर मां दुर्गा के विभिन्न श्लोक म्यूरल एवं संकेतों से सुसज्जित किया जाएगा। प्रवेश द्वार के समीप फाउंटेन ऑफ लाइट बनाया जाएगा। सुंदर पार्क तथा पर्यटक के विश्राम के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं रहेंगी।
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बता दें कि इसके लिए देवी लोक महोत्सव मनाया गया। 29 मई से प्रारंभ होकर 31 मई तक के इस तीन दिवसीय महोत्सव के समयावधि में सलकनपुर देवी धाम में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। और महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान सलकनपुर देवी लोक की आधारशिला रखी।
आइए अब हम आपको सलकनपुर देवी लोक के अंतर्गत होनेवाले महत्वपूर्ण कार्यो और इसकी विशेषताओं के बारे में बताते हैं
एमपी में आस्था का प्रमुख केंद्र सलकनपुर देवी धाम सीहोर जिले में स्थित है। जिसका पुनर्निर्माण किया जा रहा है। मंदिर काॅम्प्लेक्स भी नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। नया रोप वे लगाया जा रहा है। यहां नवदुर्गा कॉरिडोर, चौसठ योगिनी प्लाजा भी बनाया जा रहा है। और सलकनपुर देवी लोक के अधिकांश काम दो वर्ष में पूर्ण कर लिए जाएंगे।
लागत की जानकारी देने हेतु बता दें कि सलकनपुर देवी लोक के अंतर्गत लगभग 3 सौ करोड़ के काम किए जाएंगे। नवदुर्गा कॉरिडोर,चौसठ योगिनी प्लाजा और अन्य सुविधाओं पर 97 करोड़ खर्च किए जाएंगे। मंदिर और काम्पलेक्स में 15 करोड़ रुपए लगाए जाएंगे। पाथ-वे, विजिटर काॅम्प्लेक्स (मणिदीप), पार्किंग, सामुदायिक काॅम्प्लेक्स आदि सुविधाओं पर 70 करोड़ खर्च किए जाएंगे। 70 करोड़ से नया और आधुनिक रोपवे बन रहा है जोकि 2025 तक चालू हो सकता है।
इसके अतिरिक्त यहां फाउंटेन ऑफ लाइट भी लगाया जाएगा। टॉयलेट ब्लॉक, प्रवेश द्वार, ड्राइवर डोरमेटरी भी बनाए जा रहे हैं। सलकनपुर पहाड़ी के नीचे दुकानें बनाई जा रही हैं। यहां 102 दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। इन सभी कामों पर लगभग 44 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं।
महत्वपूर्ण है कि देवीलोक के निर्माण के पश्चात जहां एक ओर धार्मिक स्थल का विकास होगा व श्रद्धालुओं को सुविधा के साथ धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। तो वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय लोगों रोजगार के नए अवसर के साथ इस क्षेत्र में पर्यटन पर आधारित आर्थिक गतिविधियों का भी विस्तार होगा। इनमें से अधिकांश कार्य 2025 में अप्रेल माह तक पूरे किए जाने हैं।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई सलकनपुर देवीलोक निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय माता दी अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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