भारत की सबसे तेज़ ट्रेन ने पकड़ी नई दिशा
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भारत के विकास की गति का अनुमान विकसित होते भारत की यातायात प्रणाली से हो रहा है परिभाषित क्योंकि यातायात को नई गति प्रदान करती आधुनिक भारत की नमो भारत ट्रेन लिखने जा रही है विकास का नया अध्याय।
मित्रों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि विकास और गति का आपस में एक महत्वपूर्ण संबंध है। क्योंकि यदि विकास की गति मध्यम हो तो वह विकास देश को विश्व स्तर पर विकास की दौड़ में अग्रसर नहीं रख सकता।
और इसलिए वर्तमान सरकार देश की गति को प्रगति से जोड़ने के साथ ही देश में आधारभूत संरचनाओं का निर्माण व पुनरुद्धार तीव्र गति के साथ कर रही है। तथा भारतीय रेल का भी आधुनिकीकरण व भारतीय रेलवे को अधिक गति भी प्रदान करने पर कार्य संचालित है।
बता दें कि साधारण रेल और मेट्रो के मध्य का भी एक विकल्प अब एनसीआर क्षेत्र को मिल चुका है और इसी को रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम कहा जाता है। आरआरटीएस एनसीआर में क्षेत्रीय नोड्स को जोड़ने वाली एक नई, समर्पित, उच्च गति, उच्च क्षमता, आरामदायक कम्यूटर सेवा है। और इसका आधिकारिक नाम है नमो भारत ट्रेन।
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बात करें दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की (दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस) तो यह 82.15 किमी लंबा, सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर है जो वर्तमान में निर्माणाधीन है और इसका कुछ भाग का उद्घाटन भी हो चुका है और संचालन भी जारी है। जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को आपस में जोड़ेगा। यह लाइन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) द्वारा प्रबंधित क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत नियोजित तीन रैपिड रेल कॉरिडोर में से पहला है। 180 किमी/घंटा की अधिकतम गति के साथ, दिल्ली और मेरठ के मध्य की दूरी 60 मिनट से भी कम समय में तय की जाएगी।
82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर (Delhi-Ghaziabad-Meerut Corridor) में से 68 किलोमीटर का भाग उत्तर प्रदेश में है जबकि शेष 14 किलोमीटर का भाग दिल्ली में है। बता दें कि इस परियोजना की लागत लगभग ₹30000 करोड़ है।
और इस दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस लाइन में 22 स्टेशन हैं, जिसमें दुहाई और मोदीपुरम में दो डिपो सम्मिलित हैं। जिनके नाम आपके स्क्रीन पर उपलब्ध हैं।
1. सराय काले खां
2. न्यू अशोक नगर
3. आनंद विहार
4. साहिबाबाद
5. गाजियाबाद
6. गुलधर
7. दुहाई
8. मुरादनगर
9. मोदीनगर दक्षिण
10. मोदीनगर उत्तर
11. मेरठ दक्षिण
12. प्रतापपुर
13. रिठानी
14. शताब्दी नगर
15. ब्रम्हपुरी
16. मेरठ सेंट्रल
17. भैशाली
18. बेगमपुल
19. MES कालोनी
20. दौरली
21. मेरठ उत्तर
22. मोदीपुरम
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अब बात करते हैं इस RRTS परियोजना के नवीन अध्याय की तो वो यह है कि निर्माण एजेंसी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद के मध्य रैपिड रेल की कनेक्टिविटी देने के लिए डीपीआर तैयार कर बीते दिनों यमुना अथॉरिटी में सौंप दिया है।
और इस डीपीआर में बताया गया है कि पहले चरण में गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक 22 स्टेशन बनाए जाएंगे। सबसे बड़ी बात है कि हाईस्पीड रैपिड रेल, सामान्य रैपिड रेल और मेट्रो तीनों एक ही ट्रैक पर चलेंगी। तीनों की स्पीड अलग-अलग होगी और उसी के अनुसार इनके स्टॉपेज के लिए स्टेशन निर्धारित किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि अगले 6 वर्ष अर्थात 2030 तक पहले चरण को पूरा कर लिया जाएगा। इस रूट पर 13 अन्य स्टेशन भविष्य में बनाए जाएंगे। नोएडा एयरपोर्ट से अक्टूबर 2024 में उड़ान आरंभ होने की आशा है।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य नोएडा एयरपोर्ट और दिल्ली एयरपोर्ट (IGI) के मध्य की दूरी को कम समय में पूरा करना है। बात करें इस ट्रेन के समय की तो हाईस्पीड रैपिड रेल से यात्री सराय काले खां से नोएडा एयरपोर्ट तक 56 मिनट, दिल्ली एयरपोर्ट से नोएडा एयरपोर्ट तक 66 मिनट और मेरठ से जेवर एयरपोर्ट तक 72 मिनट में यात्री पहुंच सकेंगे। रैपिड रेल का यह ट्रैक ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए भी लाइफ लाइन जैसा होगा। यमुना अथॉरिटी इस डीपीआर को अगले कुछ दिन में शासन स्तर पर भेज देगी। ओर जून तक इस डीपीआर के स्वीकृत होने की आशा है।
बात करें तीनों ट्रेनों की गति की तो:-
हाईस्पीड रैपिड रेल- 114 किलोमीटर प्रति घंटा
नॉर्मल रैपिड रेल – 80 किलोमीटर प्रति घंटा
मेट्रो – 46 किलोमीटर प्रति घंटा
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अधिक जानकारी हेतु बता दें कि गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक 72.2 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रूट के निर्माण का लक्ष्य 2030 रखा गया है। इसके निर्माण पर लगभग 17,343 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें केंद्र सरकार की भागीदारी 20 प्रतिशत राज्य सरकार की 50 प्रतिशत व नायल की भागीदारी 30 प्रतिशत की रहेगी। सर्वे के अनुमानित, इस रूट पर वर्ष- 2031 में यात्रियों की संख्या 3.09 लाख और 2054-55 में यात्रियों की संख्या 7.04 लाख तक पहुंच जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट और गाजियााद के मध्य चलने वाली रैपिड रेल और मेट्रो का संचालन भी एनसीआरटीसी करेगा।
अब हम आपको इस नवीन अध्याय की जानकारी देने हेतु बता दें कि इसमें दो चरण होंगे और पहले चरण में जो स्टेशन बनेंगे उनके नाम हैं :
सिद्धार्थ विहार (गाजियाबाद), गाजियाबाद साउथ, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-16 सी, ग्रेनो वेस्ट-4, ईकोटेक- 12, सेक्टर-2, सेक्टर-3, सेक्टर -10, सेक्टर-12, नॉलेज पार्क- 5, पुलिस लाइन सूरजपुर, मलकपुर, ईकोटेक-2, नॉलेज पार्क- 3, अल्फा-1, ओमेगा-3, ईकोटेक-1ई, ईकोटेक- 6, दनकौर, यीडा नार्थ सेक्टर-18, यीडा सेक्टर- 21 व नोएडा एयरपोर्ट
बता दें कि इन दोनों फेज को मिलाकर 35 स्टेशन इस पूरे प्रोजेक्ट में बनाए जाने हैं। दूसरे चरण में 13 स्टेशन बनेंगे, परंतु प्रथम चरण का प्रोजेक्ट का संचालन आरंभ होने के पश्चात यात्रियों की आवश्यकता के अनुसार दूसरे चरण के 13 स्टेशन बनेंगे। कब तक दूसरे चरण का काम होगा इसकी कोई नीयत तिथि निर्धारित नहीं है।
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यह भी बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो (एक्वा लाइन) का सेकंड फेज और फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक लाइट मेट्रो का रूट भी इसी में सम्मिलित होगा। इससे लगभग चार हजार करोड़ रुपये की बचत होगी।
लागत की जानकारी देने हेतु बता दें कि फिजबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, गाजियबाद से कासना तक के पहले चरण के कॉरिडोर पर 9798 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरे चरण में कासना से एयरपोर्ट 6391 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
रैपिड रेल रूट के पूरे ट्रैक पर मेट्रो, सामान्य रैपिड रेल, हाईस्पीड रैपिड रेल चलने के साथ-साथ फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक 14.6 किलोमीटर के रूट में लाइट मेट्रो भी चलेगी। 14.6 किलोमीटर लंबे रूट को ट्रांजिट कॉरिडोर के रूट में डिवेलव किया जाएगा। 14.6 किलोमीटर के ट्रैक पर चार प्रकार की रेल चलेंगी। एनसीआरटीसी ने डीपीआर में बताया है कि सेक्टर-51 से चार मूर्ति गोलचक्कर (ग्रेटर नोएडा वेस्ट) तक ही अब एक्वा लाइन को बनाने की आवश्यकता होगी।
चार मूर्ति गोलचक्कर से नॉलेज पार्क-5 तक तक जो 10 किलोमीटर का मेट्रो ट्रैक एक्वा लाइन के लिए बनना था, वह रूट अब रैपिड रेल में ही सम्मिलित हो जाएगा। डीपीआर में बताया गया है कि चार मूर्ति गोलचक्कर पर रैपिड और एक्वा लाइन के यात्रियों के लिए इंटरचेंज स्टेशन बनेगा। यहां से यात्री नोएडा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, जेवर चारों तरफ आना जाना कर सकेंगे।
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एक और परिवर्तन की जानकारी देने हेतु बता दें कि फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक 14.6 किलोमीटर के रूट को कई सेक्टरों से होते हुए निकालने की प्लानिंग की गई थी। पहले इस रूट पर पॉड टैक्सी चलाने की तैयारी थी। इसके पश्चात शासन ने एनसीआरटीसी को इस रूट पर लाइट मेट्रो के प्रॉजेक्ट की संभावना देखने के लिए कहा। इसी के चलते अब एनसीआरटीसी ने अपनी डीपीआर में यह बताया है कि फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक रैपिड रेल के ट्रैक के साथ ही लाइट मेट्रो चलाई जाएगी।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको आरआरटीएस परियोजना के जेवर लाईन की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लियदे वीडियो देखें:-