महाकुंभ के साथ प्रयागराज के नए युग का आरंभ – Prayagraj Ring Road
Getting your Trinity Audio player ready...
|
Prayagraj Ring Road : किसी भी देश को विकसित होने के लिए वहां की आधारभूत संरचनाओं का सुदृढ़ होना अत्यंत आवश्यक है। और इसकी महत्ता को समझते हुए देश की वर्तमान सरकार भारत के विभिन्न आधारभूत संरचना का अभूतपूर्व विकास कर रही है। इस समय संपूर्ण भारत में हर ओर कोई ना कोई विकास कार्य संचालित है जिसका अनुभव आप स्वयं भी अपने क्षेत्र में रहकर कर रहे होंगे। इसी क्रम में आज हम आपको भारत के एक और विकास कार्य की जानकारी देने जा रहे हैं जो उत्तर प्रदेश को और बल देगा।
सबसे पहले, जानते हैं महाकुंभ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक प्रयागराज रिंग रोड परियोजना के बारे में। बता दें प्रयागराज में रिंग रोड का निर्माण 65 किलोमीटर में किया जाना है। पूरी योजना को दो फेज में पूरा करना है। पहले फेज का निर्माण 29.50 किलोमीटर तक किया जाएगा। दूसरे फेज में 35.500 किलोमीटर रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।
इस रिंग रोड के प्रथम चरण के अंतर्गत 45 गांवों से होकर यह रिंग रोड गुजर रही है। जिसमें प्रयागराज-रीवा राजमार्ग के पालपुर से मीरजापुर मार्ग से होते हुए सहसों बाईपास तक लगभग 29.50 किमी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। रिंग रोड के पहले चरण का कार्य वर्ष 2025 में लगने वाले महाकुंभ से पहले पूरा किया जाने का लक्ष्य था और इसकी वर्तमान परिस्थिति आपके समक्ष प्रस्तुत है।
Read Also
विकास को मिली 130KMPH रफ़्तार – Prayagraj Jhusi New Railway Bridge
बदल जायेगा दर्शन अनुभव – Vaishno Devi Bhawan Ropeway Project
पहले आपको हम इस परियोजना की जानकारी देते हैं। बता दें की इस रिग रोड का निर्माण कौड़िहार ब्लाक में कानपुर-वाराणसी रोड से आरंभ हो रहा है। गंगा पर ब्रिज बनाते हुए भगवतपुर के कई ब्लाक से होते हुए यह यमुना पार करेगा। यमुना पार रीवा रोड को पार करते हुए करछना तहसील के कई गांवों से गुजरते हुए गंगा पार झूंसी की ओर पहुंचेगा। फिर फूलपुर तहसील के कई गांवों से होते हुए वाराणसी रोड पर मिलेगा। यह रिग रोड कुल 65.066 किलोमीटर का होगा परंतु पहले चरण में रीवा रोड से वाराणसी रोड तक लगभग 29.50 किलोमीटर का ही बन रहा है।
प्रयागराज रिंग रोड परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि महाकुंभ 2025 की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में सम्मिलित इनर रिंगरोड का निर्माण इस समय तीव्र गति से संचालित है और अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर है।
प्रथम चरण के अंतर्गत गंगा नदी पर करछना से फूलपुर तक 3.2 किलोमीटर लंबा पुल तैयार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त तीन फ्लाईओवर जिसमें ओल्ड जीटी रोड, मीरजापुर व रीवा रोड पर बनाया जा रहा है। वहीं दो अंडर पास भी दिए गए हैं।
परियोजना की संक्षिप्त जानकारी देने हेतु बता दें कि इस रिंग रोड का 29.5 किमी का भाग दांदूपुर (रीवा रोड) से आरंभ होगा और 195 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र को कवर करते हुए सहसों (एनएच-19) स्थित टोल प्लाजा से जुड़ जाएगा। इस रिंग रोड के निर्माण के लिए गंगा पर अरैल (नैनी) से आरंभ होकर अधवा (झूंसी) पर उतरने वाला 3.2 किमी लंबा छह लेन का पुल भी बनाया जाएगा।
बता दें कि संगम नगरी में रिंग रोड बनाने की योजना वर्ष 2018 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से बनाई गई थी। परंतु प्रथम चरण के लिए सितंबर 2023 में इसके लिए टेंडर जारी हुआ और अक्टूबर 2023 से ही परियोजना पर कार्य आरंभ हुआ और लगभग सवा साल में ही यह अभी की इस अविश्वसनीय अवस्था की प्रगति प्राप्त कर चुका है।
बता दें कि इस परियोजना के प्रथम चरण को पुनः तीन भागों में बाटकर इस 30 किमी लंबी इनर रिंग रोड का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें दिल्ली की ज्वाइंट स्टॉक लिमिटेड और पश्चिम बंगाल की जीपीटी इंफ्रा आदि को कार्य आवंटित कर किया गया है।
Read Also
बन रहा है भारत का पहला मंदिर वाला पुल – Rishikesh Glass Bridge
महाकुम्भ से पहले प्रयागराज को बड़ी सौगात – Prayagraj Junction Redevelopment
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस परियोजना के प्रथम चरण के निर्माण कार्य में फूलपुर की ओर 10.50 किलोमीटर के अंतर्गत सड़क व छह अंडर पास, एक फ्लाईओवर व एक रेलवे पुल का निर्माण किया जा रहा है। इसका लगभग 65 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है।
महाकुंभ-2025 की परियोजना में सम्मिलित इनर रिंग रोड का काम 30 नवंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य था परंतु थोड़ा विलंब हो रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इस परियोजना की नोडल एजेंसी है। बता दें कि इसके पहले चरण का निर्माण कार्य जुलाई 2025 में पूरा होने की आशा है। फूलपुर से करछना के बीच 23 किलोमीटर लंबे इनर रिंग रोड में काम चल रहा है। फूलपुर की ओर से 10 किलोमीटर की दूरी में सड़क, छह अंडरपास, एक फ्लाईओवर और एक रेल पुल का निर्माण कार्य करीब 65 प्रतिशत पूरा हो गया है।
वहीं, करछना से गंगा-यमुना के बीच 13 किलोमीटर की दूरी में एक अंडरपास के साथ सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। इस परियोजना पर करीब 7000 करोड़ की लागत का अनुमान है। पहले चरण में 3100 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली हुई है। सवा साल पहले आरंभ हुए पहले चरण को शीघ्र ही पूरा करा लिए जाने की आशा है।
यह भी बता दें कि महाकुंभ-2025 की महत्वाकांक्षी इनर रिंगरोड परियोजना के अंतर्गत जिले में प्रदेश के सबसे लंबे पुल का निर्माण किया जाएगा। नैनी-झूंसी के बीच गंगा पर बनने वाले इस पुल की लंबाई 3.02 किमी होगी। परियोजना पर 3200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे पहले बलिया में गंगा के शिवरामपुर घाट पर 2.08 किमी लंबा जनेश्वर मिश्र सेतु प्रदेश का सबसे लंबे पुल के रूप में दर्ज था।
Read Also
PM Modi की काशी में अब भारत का पहला ‘महा ब्रिज’
भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना पर आई गुड न्यूज़ – Mumbai Ahmedabad Bullet Train
यह सेतु इनररिंग रोड के पहले चरण में ही सम्मिलित है। दो चरणों में पूरी कराई जाने वाली इनर रिंगरोड परियोजना के पहले चरण में 29.50 किमी सड़क का निर्माण कराया जाएगा। पहले चरण में नगर से गुजरने वाले तीन राजमार्गों को इनर रिंगरोड से जोड़ने की योजना है। दूसरे चरण में यमुना पर पुल निर्माण के अतिरिक्त इनर रिंगरोड के शेष भाग को पूरा कराया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के पूरा होने के पश्चात कानपुर होते हुए एमपी जाने वाले वाहनों को प्रयागराज में इंट्री नहीं करनी पड़ेगी। उधर, मध्य प्रदेश से कानपुर होते हुए वाराणसी जाने वालों लोगों को भी सुविधा होगी। इनर रिंग रोड बनने से नगर के लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के भारी वाहनों को आवागमन में सुविधा होगी।
महत्वपूर्ण है कि संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के साथ साथ विकास की वो परिभाषा लिखी जा रही है जो संभवतः आज से पहले कभी नहीं थी। ऐसे ही विकास को और गति मिलने की अपेक्षा है जो कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने के साथ ही नगर का मान भी बढ़ाएगा।
मित्रों यदि आपको दी हुई प्रयागराज रिंग रोड की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो आपने गाँव नगर अथवा जिले का नाम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:-