PM मोदी ने दिया काशी को नई पहचान दशाश्वमेध भवन, देखें एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट
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वाराणसी अपने मनमोहक सुंदर घाटों के लिए जानी जाती है और इन्हीं गंगा घाट के किनारे अब एक ऐसा स्थान उपलब्ध होगा जो वाराणसी आने वाले सभी पर्यटकों व श्रद्धालुओं को एक ही छत के नीचे पूरी वाराणसी का अनुभव कराएगा।
मित्रों हम सभी जानते हैं कि मोदी सरकार ने देश की आधारभूत संरचना को नवीन जीवन प्रदान करने के लिए कितना कार्य किया है, तथा यदि वाराणसी के संदर्भ में बात करी जाए तो विगत 8 वर्षों में वाराणसी का कायाकल्प ही कर दिया गया है। यह हमें बताने की भी आवश्यकता नहीं है यदि आप 2014 से पहले कभी वाराणसी आए होंगे और पिछले एक वर्ष में आए होंगे तो अंतर स्पष्ट हो जाता है। जिसके लिए नगर में रिंग रोड, मल्टीलेवल पार्किंगस्, हाॅस्पिटल, पार्कों का जीर्णोद्धार, गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर का पुरस्कार, माॅडल घाट का निर्माण, स्वक्षता का ध्यान, जन सुविधाओं व सुरक्षा की व्यवस्था आदि पर अनेक कार्य हुए हैं तथा यह निरंतर जारी भी हैं।
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बता दें कि पर्यटन की दृष्टि से पूरे उत्तर प्रदेश में द्वितीय एवं धार्मिक दृष्टि सर्वाधिक महत्वपूर्ण नगर काशी अर्थात वाराणसी में पर्यटक ऐसे तो पूरे वर्ष ही आते हैं एवं वाराणसी में जिस स्थान पर सबसे अधिक पर्यटक व श्रद्धालु आते हैं वह स्थान है गोदौलिया, जहाँ से काशी विश्वनाथ मंदिर एवं पौराणिक दशाश्वमेध घाट का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
काशी के इस विशेष एवं हृदय स्थल के विशेष विकास के लिए वाराणसी के जन प्रतिनिधि श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में, क्षेत्रीय स्थान के उचित प्रयोग एवं विकास की दृष्टि से दशाश्वमेध घाट किनारे एक ऐसा कार्य हुआ है जो पर्यटकों के साथ काशीवासीयों को भी अनेक लाभ देगा।
अब यदि इस प्रोजेक्ट के अधिक जानकारी दें तो आपको बता दें की दशाश्वमेध घाट के पास एक भवन का निर्माण हुआ है एवं इस निर्माण कार्य में 49 प्रतिशत वीडीए व 51 प्रतिशत स्मार्ट सिटी की उत्तरदायीत्व है।
इस परियोजना पर वीडीए ने अगस्त 2020 से ही निर्माण कार्य आरंभ कराया था तथा निर्माण कार्य पूर्ण होने की निर्धारित तिथि 31 दिसंबर 2021 थी परंतु यह कार्य अब पूर्ण हो रहा है अर्थात 7 महीने की विलंब से।
बता दें कि इस परियोजना को पहले वाराणसी टूरिस्ट प्लाजा व दशाश्वमेध प्लाजा के नाम से जाना जाता था परंतु अब इसे दशाश्वमेध भवन का नाम दिया गया है। इस दशाश्वमेध भवन को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर हेल्प लाइन सेंटर के साथ पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।
बता दें कि इस कॉम्प्लेक्स में बनारसी खान पान के साथ ही बनारसी पहनावा समेत वाराणसी की विशेष वस्तओं की दूकानें होंगी। दशाश्वमेध घाट पुनर्विकास परियोजना में विस्थापित दुकानदारों को भी इस कॉम्प्लेक्स में समायोजित भी किया जाना है। इस स्थल का कुल भूखंड क्षेत्रफल 3082.04 वर्ग मीटर है।
यदि इस प्रोजेक्ट की विशेषताओं की बात करें तो आपको बता दें की दशाश्वमेध घाट पुनर्विकास योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन इस दशाश्वमेध भवन में लगभग 200 दुकानें बनीं हैं। इसमें कुछ दुकानें स्थानीय दुकानदारों को भी मिलेंगी। दशाश्वमेध भवन में काशी विश्वनाथ मंदिर का कार्यालय भी खुलेगा। यहां से श्रद्धालु टिकट और प्रसाद ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त फूड कियोस्क, हेल्थ डेस्क एवं पर्यटक लाउंज जैसी सुविधाएं भी होंगी।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की दशश्वमेध घाट की सीढ़ियां उतरने के ठीक पहले दशकों से बेकार पडी अर्धनिर्मित स्थान को योगी सरकार काम के लायक बना रही है। यहाँ तीन मंजिला काम्प्लेक्स बन गया है। जिससे लगभग 200 लोगों को दुकान और सैकड़ों लोगो को रोजगार मिलेगा। वाराणसी विकास प्राधिकरण के अनुसार इस तीन मंजिले काम्प्लेक्स के लोअर ग्राउंड फ्लोर पर 68 अपर ग्राउंड फ्लोर पर 42 फूड कोर्ट के लिए आरक्षित होगा। बेसमेंट का पुनर्विकास करते हुए 72 दुकानों के प्रावधान के साथ अन्य प्रयोजन के लिए स्थल आरक्षित किया गया है।
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महत्वपूर्ण है कि अब पर्यटकों को बनारस के मशहूर खान-पान के लिए नगर में भटकना नहीं पड़ेगा। पूड़ी कचौड़ी, जलेबी, ठंडाई, लस्सी, मलइयो, और बनारसी पान सब एक ही स्थान पर मिलेगा। इसके अतिरिक्त आपको बनारसी साड़ी या बनारस का हैंडीक्राफ्ट जैसे लकड़ी का खिलौना, गुलाबी मीनाकारी, जरदोजी जैसी कोई भी वस्तु क्रय करना होगा तो वह सभी आपको यहाँ पर मिलेगी। तथा यहाँ पर पूजन सामग्रियों की भी दुकानें उपलब्ध रहेगी।
बता दें की काम्प्लेक्स में सीढ़ियों के साथ-साथ बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए लिफ्ट एवं ऐस्कीलेटर व रैंप का भी प्राविधान किया गया है। साथ ही सर्फेस डेवलपमेन्ट के अन्तर्गत भूतल पर पर्यटकों के आराम से बैठने के लिए स्टोन फ़्लोरिंग एवं पाथवे भी बनाया गया है। साथी ही पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए हरियाली पार्क भी है।
जानकारी के लिए बता दें की पूरे काम्प्लेक्स का निर्माण 3082.04 वर्गमीटर में हो रहा है। लोअर ग्राउंड फ्लोर 991.14 वर्गमीटर, अपर ग्राउण्ड फ्लोर 922.96 वर्गमीटर, प्रथम तल पर 922.96 वर्गमीटर क्षेत्रफल में है। इस परियोजना की कुल लागत रू. लगभग 28 करोड़ है। परियोजना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के वित्त पोषण के अन्तर्गत कराया जा रहा है।
अब यदि इस प्रोजेक्ट की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दें तो यहाँ का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है मात्र फिनिशिंग वर्क जो थोड़े बहुत बचे हैं वो ही चल रहे हैं जिनकी विशेष प्रस्तुति आपके स्क्रीन पर उपलब्ध हैं। जिसमें कि आप देख सकते हैं की कॉम्प्लेक्स को हेरिटेज लुक देने के लिए चुनार के गुलाबी पत्थर लगाए गए हैं।
महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में विकास के लिए संकल्पित है। इसकी छवि वाराणसी में देखने को मिल रही है। सरकार दशाश्वमेध घाट के पास दशकों से खाली पड़ी स्थान को मल्टीस्टोरी व्यवसायिक केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। जिसका की PM मोदी उद्घाटन कर रहे हैं।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इसके छत पर 2 किचन स्थित ओपन टैरस रेस्टोरेन्ट बनेगा। इसके अतिरिक्त 12 व्यक्तियों की क्षमता वाला लिफ्ट और 3 एक्सलेरेटर भी लगाए गए हैं। दशाश्वमेध घाट की संस्कृति को उकेरते हुए म्यूरल वाल का निर्माण किया गया है। अर्थात दश अश्व को दर्शाया गया है।
बता दें कि जनसुविधाओं के दृष्टिगत प्रत्येक तल पर पेयजल के लिए वाटर पॉइंट, तथा महिलाओं व पुरुषों के भिन्न भिन्न शौचालय भी बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त आम जनमानस को बैठने के लिए बेंच, स्टोन फ्लोरिंग, पाथवे, सार्वजनिक स्थलों का उच्चीकरण, पैदल चलने योग्य हरित स्थलों एवं मुक्त स्थानों का विकास आदि का भी निर्माण हुआ।
तथा परियोजना के संचालन एवं रख रखाव के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण व वाराणसी स्मार्ट सिटी का स्पेशल परपज वेहिकल (SPV) का गठन किया गया है।
महत्वपूर्ण है कि एक ओर इस परियोजना के मूर्तरूप लेने से काशी में हो रहे अभूतपूर्व विकास कार्यों की कड़ी में जहाँ एक और कड़ी जुड़े रही है, तो वही दूसरी ओर गंगा के किनारे एक अच्छी छवि भी निखरेगी। इसके बनने से गंगा किनारे आने वाले पर्यटकों एवं बाबा के भक्तों के साथ-साथ आसपास क्षेत्र के रहने वाले लोगों को भी निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई वाराणसी की दशाश्वमेध भवन की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
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