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Patna Metro Project : दिल्ली मेट्रो की ही तरह से पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) द्वारा बिहार की राजधानी और सबसे बड़े नगर पटना में 2 लाइनों और 26 स्टेशनों की एक नगरीय जन रैपिड ट्रांजिट सिस्टम अर्थात (MRTS) एक यातायात की आधुनिक सुविधा है जो की निर्माणाधीन है।

पटना मेट्रो परियोजना की संक्षिप्त काल चक्र की जानकारी देने के लिए आपको बता दें की पटना मेट्रो का DPR वर्ष 2016 में बिहार की राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किया था। इसके पश्चात पटना मेट्रो परियोजना को 6 फरवरी, 2019 को केंद्र सरकार की स्वीकृति मिली और पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 फरवरी 2019 को इसकी आधारशिला रखी थी। और दिसंबर 2020 में पाइलिंग का कार्य आरंभ हुआ था।
पटना मेट्रो परियोजना के दोनों कॉरिडोर के रूट स्टेशन व लंबाई आदि की जानकारी दें तो आपको हम बता दें कि इसमें कुल 26 स्टेशन होंगे। इसमें 13 अंडरग्राउंड और 13 एलिवेटेड होंगे। अंडरग्राउंड से लेकर एलिवेटेड तक सबका काम तेजी से चल रहा है।
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इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन की लिस्ट में दानापुर, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र, पटना बस टर्मिनल, जीरो माईल, भूतनाथ, खेमनीचक, मलाही पकड़ी, जगनपुरा, रामकृष्णानगर और मीठापुर सम्मिलित हैं।
अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन की बात करें तो इस लिस्ट में रुकनपुरा, राजाबाजार, पटना जू, विकास भवन, विद्युत भवन, आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना विवि, मोईनुल हक स्टेडियम, राजेंद्रनगर और पटना जंक्शन सम्मिलित हैं।

पटना मेट्रो के लिए वर्तमान प्रोजेक्ट के अंतर्गत कुल दो कॉरिडोर बनने हैं जिनमें उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर की लंबाई 14.45 किलोमीटर होगी। तथा पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर की लंबाई 16.94 किलोमीटर होगी।
पटना मेट्रो के लागत आदि की जानकारी के लिए बता दें की पटना मेट्रो रेल परियोजना की लागत लगभग 20 हजार करोड़ है। तथा इस परियोजना में 20 प्रतिशत बिहार, 20 प्रतिशत केंद्र और शेष 60 प्रतिशत जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी अर्थात (JICA) से आधिकारिक विकास सहायता के माध्यम से वित्तपोषित है।
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अब यदि बात करें परियोजना के निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की तो आपको हम बता दें कि ऐसे तो काम पूरे कॉरिडोर पर संचालित है परंतु प्रायोरिटी कॉरिडोर के अंतर्गत सबसे पहले मेट्रो का परिचालन बैरिया आईएसबीटी से मलाही पकड़ी के बीच होगा। इसकी लंबाई लगभग 6.5 किमी है और कुल 5 एलिवेटेड स्टेशनों का निर्माण हो रहा है।
सभी स्टेशनों का स्वरूप दिखने लगा है एक को छोड़कर। हमने इसपर जाकर स्वयं निरिक्षण भी किया और इसी रूट पर 15 अगस्त से मेट्रो का परिचालन आरंभ करने की योजना है।

बता दें कि पटना मेट्रो का पहला स्टेशन बैरिया स्थित न्यू आईएसबीटी होगा। यहीं पर 76 एकड़ में मेट्रो डिपो भी बन रहा है। डिपो को फिनिशिंग टच दिया जा रहा है। जिसकी हम आपको एक्सक्लूसिव ड्रोन व्यू दर्शा रहे हैं। इसी डिपो से मेट्रो निकलकर न्यू आईएसबीटी, जीरोमाइल, भूतनाथ, खेमनीचक होते हुए मलाही पकड़ी तक जायेगी। वहीं दूसरी ओर स्टेशन का काम भी लगभग पूरा होने की कगार पर है। परंतु फिनिशिंग टच पूरी तरह से बाकी है।
समयसीमा के अंदर पटना मेट्रो का काम पूरा कराने के लिए सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन की सहायता ली है। दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों की देखरेख में पटना मेट्रो का निर्माण कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। शीघ्र ही पहले रूट पर ट्रॉयल आरंभ हो जाएगा जिसके लिए मेट्रो ट्रेन सेट पटना पहुंच चुकी है।
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बता दें कि सबसे पहले प्रायोरिटी कॉरिडोर (ISBT से मलाही पकड़ी) पर मेट्रो चलाने की तैयारी है। यही कारण है कि पूरा फोकस पाटलिपुत्र बस स्टैंड से मलाही पकड़ी के बीच बन रहे इस कॉरिडोर पर है। इनमें सिविल का काम लगभग 90 प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया गया है। फिनिशिंग का काम तेजी से चल रहा है। बिजली के खंभे इंस्टॉल कर दिए गए हैं। ट्रैक को तैयार कर पटरियां बिछा दी गई हैं।
दिन-रात तीन शिफ्ट में कराया जा रहा है, ताकि काम समय पर समाप्त हो। कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों और अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। मशीनों की संख्या तीन गुना बढ़ा दी गई हैं। बरसात के मौसम में भी काम किया जा रहा है।

बात करें मलाही पकड़ी स्टेशन का सिविल काम लगभग 95 प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया गया है। ढांचा तैयार है, फिनिशिंग का काम तेजी से जारी है। प्लेटफॉर्म के एरिया में भी ऊपर सिलिंग पर लोहा लगा दिया गया है अब बस इन पर शेड लगाने का काम बच गया है। इसके अतिरिक्त यहां लिफ्ट इंस्टॉल करने का काम भी बचा है। जो आपके स्क्रीन पर उपलब्ध है।
इसके पश्चात खेमनीचक इंटरचेंज स्टेशन होगा। यहां मलाही पकड़ी और पटना रेलवे स्टेशन की तरफ से आने वाली लाइन आकर मिलेगी। इस लिहाज से यह महत्वपूर्ण स्टेशन माना जा रहा है, परंतु यहां काम की गति अत्यंत धीमी है। अभी तक यहां स्टेशन का कोई स्वरूप दिखाई नहीं दे रहा है।
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पिलर तैयार कर लिए गए हैं, परंतु यहां अभी गार्डर और स्लैब दोनों रखा जाना बाकी है। भूतनाथ और जीरो माइल से ज्यादा बड़ा स्ट्रक्चर इसका तैयार होना है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस स्टेशन को स्किप कर दिया जाएगा।
अब बात करते हैं भूतनाथ स्टेशन की तो जीरो माइल से जब भूतनाथ की तरफ आगे बढ़े तो सिविल का पूरा काम लगभग तैयार दिखाई दे रहा है। सिविल के साथ फ्लोरिंग का काम लगभग 90 प्रतिशत से अधिक तक पूरा कर लिया गया है। अब यहां टाइल्स का काम चल रहा है। बिजली के खंभे भी इंस्टॉल हो गए हैं।

बता दें कि सिविल से जुड़े काम 90%-95% तक हो गया है। रेलवे लाइन बिछाने का काम भी लगभग 70% तक पूरा हो गया है। ट्रैक्शन (विद्युतिकरण) पर कार्य संचालित है।
राज्य सरकार ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को 115 करोड़ रुपये दिए। इससे प्राथमिक कॉरिडोर के लिए 3 डिब्बे वाली एक ट्रेन, मेट्रो लाइन के लिए पटरी, लिफ्ट एवं एस्केलेटर को खरीदा गया। और टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड की ओर से निर्मित ट्रेन का पटना के प्राथमिक कॉरिडोर में प्रयोग किया जाएगा।
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3 कोच वाली छोटी मेट्रो ट्रेन से यह भी लाभ होगा कि इसमें प्रति ट्रिप ऊर्जा की कम खपत होगी। इसे विशेष रूप से कम दूरी की यात्रा के लिए विकसित किया गया है। छोटी ट्रेनें दैनिक यात्रियों की पर्याप्त संख्या को समायोजित करते हुए बेहतर फ्रीक्वेंसी और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करेंगी। पटना मेट्रो के हर कोच की क्षमता 300 यात्रियों की होगी, ताकि कम खर्च के साथ पर्यावरण को भी नुकसान न हो। अर्थात 3 कोच में हर ट्रिप में लगभग 900 यात्री यात्रा खड़े होकर या बैठकर कर सकेंगे।
मेट्रो संचालन की जानकारी देने हेतु बता दें कि इस प्रायॉरटि कॉरिडोर में सुबह के 5 बजे से रात के 11 बजे तक ही मेट्रो चलाने की योजना है। और न्यूनतम किराया पटना मेट्रो में 15 रुपए रहेगा। पटना मेट्रो में 0 से 3 किमी तक 15 रुपए तो 3 से 6 किमी तक का किराया 30 रुपए होगा। रेडलाइन की पहली फेज की लंबाई करीब 6.50 किमी है। अर्थात मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक सफर करने पर यात्रियों को 30 रुपए किराया देना होगा। अब आप यह बताइए कि किराया सही है? और क्या आप पटना मेट्रो में यात्रा करने को उत्सुक हैं?

वैसे मेट्रो के बाकी के हिस्से अभी प्रायोरिटी नहीं हैं परंतु पटना मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट पर भी तेजी से काम चल रहा है। मेट्रो डिपो की ओर से न्यू आईएसबीटी होते हुए मलाही पकड़ी तक मेट्रो का रूट एलिवेटेड है। इसके बाद राजेन्द्रनगर पुल से ठीक पहले मेट्रो अंडरग्राउंड हो गई है, जो पटना विश्वविद्यालय से गांधी मैदान होते हुए पटना जंक्शन तक जाएगी।
इस अंडरग्राउंड रूट में राजेन्द्रनगर के मोइनुलहक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय और फिर पीएमसीएच तक मेट्रो सुरंग की खोदाई का काम पूरा हो चुका है। वहीं गांधी मैदान से आकाशवाणी के बीच 1450 मीटर का एक अन्य सुरंग भी पूरा हो चुका है।

अब पीएमसीएच से गांधी मैदान तक मेट्रो सुरंग की खोदाई का का काम आरंभ होना है। तत्पश्चात मलाही पकड़ी से मोइनुलहक स्टेडियम तक के भूमिगत रूट को जोड़ा जाएगा। और अगले वर्ष 2026 तक एलिवेटेड के साथ अंडरग्राउंड मेट्रो रूट को भी आरंभ करने की योजना है।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको पटना मेट्रो परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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