अब इन जिलों को भी जोड़ेगी गंगा एक्सप्रेसवे फेज 2 – Ganga Expressway Phase 2 in Varanasi
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Ganga Expressway Phase 2 : देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक तथा उत्तर प्रदेश की अति प्रतीक्षित परियोजना प्रवेश नियंत्रित मार्ग गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य ने तीव्रतम गति पकड़ रखी है।

बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश (यूपी) राज्य में एक महत्वाकांक्षी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना है। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रथम चरण में मेरठ जिले के बिजौली गांव को प्रयागराज जिले के जुदापुर दांडू गांव से जोड़ता है।
इस मार्ग को छह लेन का बनाया जा रहा है तथा इसे इस प्रकार से बनाया जाएगा की इसे आवश्यकता पड़ने पर 8 लेन तक बढ़ाया जा सके। परियोजना की कुल लंबाई 594 किमी है। Ganga Expressway (गंगा एक्सप्रेस वे) पर अधिकतम गति 120 किमी/घंटा तय की गई है।
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परियोजना में हुए परिवर्तन की जानकारी देने हेतु बता दें कि अब मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे को उत्तर दिशा में मुजफ्फरनगर और हरिद्वार से भी जोड़ा जाएगा। तथा दक्षिण दिशा में काशी तक होगा गंगा एक्सप्रेसवे सीधा जुड़ाव। अर्थात गंगा एक्सप्रेसवे से तीन तीर्थ स्थल एक साथ जुड़ जाएंगे। तथा लोग गंगा एक्सप्रेसवे से वाराणसी-प्रयागराज और हरिद्वार तक फर्राटेदार यात्रा कर सकेंगे।
बता दें कि मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है। पहले महाकुंभ में इसके आरंभ होने की संभावना थी, हालांकि निर्माण कार्य पूरा न होने के चलते इसे आरंभ नहीं किया जा सका। बताया जा रहा है कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 71 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो गया है। तथा नवंबर 2025 यह बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।

यह भी बता दें कि उप्र के यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिवटी को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। यह देश का पहला एयरपोर्ट होगा जो चालू होने से पहले तीन एक्सप्रेस वे से जुड़ा हुआ है।
इस एयरपोर्ट से गंगा और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को जोड़ने की तैयारी भी तेज कर दी गई है। इसे लेकर बनाए जाने वाले लिंक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक गलियारा भी विकसित किया जाएगा। उप्र एक्सप्रेस वे औद्योगिक प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित इस परियोजना को बोर्ड स्वीकृति मिल गई है।
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इसके अतिरिक्त इस ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। जिससे नई औद्योगिक इकाईकयों को भूमि उपलब्ध होगी। जेवर एयरपोर्ट, चोला रेलवे स्टेशन और गंगा के साथ यमुना एक्सप्रेस वे से निकटता के चलते निवेशकों और निर्यातकों को भारी सुविधा मिलेगी। इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित करने और आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने में सफलता मिलेगी।
परियोजना के द्वितीय चरण की जानकारी देने हेतु बता दें कि राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गंगा एक्सप्रेसवे को वाया मुजफ्फरनगर हरिद्वार तक जोड़ने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए सर्वे कराए जाने को लेकर सहमति प्रदान की है। कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि महाकुंभ 2025 त्रिवेणी तट पर हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़े निर्णय लिए हैं। बैठक में 320 किलोमीटर लंबाई वाले विंध्य एक्सप्रेसवे और 100 किलोमीटर लंबाई वाले विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण को भी सैद्धांतिक सहमति दी गई है।

बता दें कि सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना आवश्यक भी है। इसी के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रयागराज से मेरठ तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेसवे को मुज़फ्फरनगर को कवर करते हुए हरिद्वार से जोड़ने की मांग की गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने सर्वे कराए जाने की सहमति दे दी है।
बता दें कि वर्तमान में प्रदेश के पश्चिमांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेसवे से आच्छादित हैं और अब दूरवर्ती दक्षिणी-पूर्वी विंध्य क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना आवश्यक है। इस दृष्टि से प्रयागराज मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली एवं सोनभद्र को जोड़ते हुए 320 किलोमीटर लंबाई वाले नए नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना चाहिए। इस नए एक्सप्रेसवे का प्रारंभ बिंदु प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे होगा, जबकि सोनभद्र में एनएच 39 पर इसका समापन होगा। इस प्रकार से गंगा एक्सप्रेसवे और विंध्य एक्सप्रेसवे की सीधी कनेक्टिविटी होगी, साथ ही, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में झारखंड से भी अच्छा संपर्क स्थापित हो सकेगा। इसी प्रकार, विंध्य एक्सप्रेसवे पर चंदौली से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इसकी लंबाई लगभग 100 किमी होगी।

सरल शब्दों में कहा जाए तो महाकुंभ में आयोजित यूपी की योगी कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेसवे के एक्सटेंशन को स्वीकृति दे दी है। मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे अब मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी और चंदौली से होते हुए गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। इसके बनने से पश्चिमी यूपी और एनसीआर से बिहार के लिए नया रूट भी मिल जाएगा। गाजीपुर का बड़ा क्षेत्र बिहार से जुड़ा है। यही नहीं वाराणसी से चंदौली के रास्ते सोनभद्र को जोड़ा जाएगा। यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेस वे के रूप में जाना जाएगा।
पहले चरण में गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जा रहा है। यह दूरी 594 किलोमीटर है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ से हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होते हुए प्रयागराज तक जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 518 गांवों से होकर गुजर रहा है। इसके बनने से मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा 6 घंटे में पूरा होगा।
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दूसरे चरण में गंगा एक्सप्रेसवे के एक्सटेंशन पर काम किया जाएगा। इसमें 5 और जिलों को जोड़ा जाएगा। दूसरे चरण में 350 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। दूसरे चरण के निर्माण का काम पूरा होने के पश्चात यह सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा। अभी पहले चरण का काम चल रहा है। इस रूट पर कई जिलों में इंटरचेंजिंग और ओवरब्रिज का काम चल रहा है।
दूसरा चरण पूरा होने के पश्चात यह एक्सप्रेसवे 900 किलोमीटर से अधिक लंबाई का हो जाएगा। इसके बनने के पश्चात एनसीआर के इलाके सीधे बिहार से जुड़ जाएंगे।

अब यह देखना होगा कि यह स्वीकृति हमें धरा पर स्वरूप लेते हुए कब दिखेगी तथा कब तक गंगा एक्सप्रेसवे के द्वितीय चरण के अंतर्गत टेंडर व निर्माण कार्य आदि आरंभ होता है। हमारी दृष्टि इस पर बनी रहेगी और कोई भी नवीन जानकारी आते ही हम आपको अवगत कराएंगे।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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