अति शीघ्र देश को मिलने वाला है नया संसद भवन, देखें Central Vista की Latest Update
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नये व आत्मनिर्भर भारत की पहचान बनने वाली भारत की सबसे प्रमुख परियोजना व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) का यह सबसे महत्वपूर्ण समय है क्योंकि कुछ ही समय में देश को नया संसद भवन मिलने वाला है।
अंग्रेजी शासनकाल में बने व बसे दिल्ली में लोकतंत्र के मंदिर व विभिन्न सरकारी कार्यालयों व आवासों को आधुनिक काल में समय के साथ आधुनिक बनाना अत्यंत आवश्यक था क्योंकि जब देश को चलाने वाला स्थान ही बूढ़ा हो तो उससे नवीन ऊर्जा की अपेक्षा नहीं की जा सकती। इसी कमी का पू्र्वाभास करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को एक बहुत बड़े व दूरगामी भविष्य की आवश्यकतानुसार एक वृहद विकसित सरकारी तंत्र के लिए नवीन परियोजना का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को किया गया था।
बता दें कि परियोजना में राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के मध्य 3 किमी लंबे राजपथ को पुनर्जीवित किया जाना है, तथा सभी मंत्रालयों को घर देने के लिए एक नया आम केंद्रीय सचिवालय बनाकर उत्तर और दक्षिण ब्लॉक को सार्वजनिक रूप से सुलभ संग्रहालयों में परिवर्तित करना है। उत्तर और दक्षिण ब्लाकों के निकट उप राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के लिए भविष्य के विस्तार, नए निवास आदि के साथ इस परियोजना में सबसे महत्वपूर्ण नवीन संसद भवन का निर्माण किया जाना है।
बता दें कि मोदी सरकार केंद्र में अपने 8 वर्ष पूरे होने पर्व मना रही है। इन 8 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा कई बड़े प्रोजेक्ट चलाए गए। जिनमें से कुछ ड्रीम प्रोजेक्ट भी हैं। उन्हीं ड्रीम प्रोजेक्ट का भाग है सेंट्रल विस्टा, जिसमें लोकतंत्र का एक विशाल मंदिर बनेगा। सेंट्रल विस्टा आज ना केवल दिल्ली, अपितु पूरे देश की पहचान बन गया है।
बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में जो सबसे महत्वपूर्ण है वह है नया संसद भवन जिसको तैयार होने में ही कुल 971 करोड़ की लागत लगेगी। आपको हम इसके कुछ दृश्य दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
जानकारी हेतु बता दें कि राजधानी दिल्ली में नये संसद भवन का कार्य टाटा प्रोजेक्ट्स ने लिया है जोकि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के देखरेख में कार्य कर रही है।
यह भी बता दें कि इस पूरी परियोजना के मुख्य आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं तथा आपकी जानकारी हेतु बता दें कि वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का डिजाइन भी इन्होंने ही सज्ज किया है।
जैसा कि हमने आपको बताया की इस पूरे परियोजना की लागत लगभग 20000 करोड़ रुपए है परंतु यह एक बार में खर्च नहीं हो रहा। बात यदि नवीन संसद भवन के निर्माण कार्य की लागत की करें तो अबतक लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है। और नवीन संसद भवन का अबतक निर्माण कार्य लगभग 60 प्रतिशत से अधिक किया जा चुका है, जबकि शेष तय समय में बन जाएगा।
अब यदि बात करें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अन्य भागों की तो विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक फैले सेंट्रल विस्टा एवेन्यू की पुनर्विकास परियोजना लगभग लगभग पूरी हो चुकी है। शीघ्र ही इसे आम जनमानस के लिए खोल दिया जाएगा। यहां पर आम लोगों की यातायात आरंभ हो जाएगी। बताया जा रहा है कि मंत्रालय की ओर से सेंट्रल विस्टा एवेन्यू को ओपन करने की तीथि पर विचार किया जा रहा है और शीघ्र ही तीथि की घोषणा कर दी जाएगी।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि सेंट्रल एवेन्यू एरिया में पहले के अपेक्षा हरित क्षेत्र को बढ़ाया गया है। यह पूरी परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। कोविड के समयावधि में कई आवश्यक सावधानियां बरती गईं और श्रमिकों के वैक्सीनेशन से लेकर उनके रहने की स्थान का पूरा ध्यान रखा गया। कुछ लोगों ने अफवाह फैलाई कि इस परियोजना में पेड़ काटे गए हैं। किसी ने कहा कि जामुन के पेड़ हटाए गए हैं, जबकि कोई जामुन के पेड़ नहीं हटाए गए हैं। पूरे प्रोजेक्ट में कुछ ही पेड़ों का प्रत्यारोपण किया गया है। कुल मिलाकर ग्रीन कवर बढ़ा है।
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सेंट्रल विस्टा एवेन्यू योजना में विजय चौक से इंडिया गेट तक के तीन किलोमीटर लंबे राजपथ की नई साज-सज्जा की गई है। आम लोगों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में लोगों के लिए चार पैदल पथ तैयार किए गए हैं। आठ जनसुविधा ब्लॉक तैयार किए गए हैं। इसके अतिरिक्त सीटिंग अरेंजमेंट हैं। यहां पर घूमने आने वालों के लिए 415 बेंच लगाए गए हैं। वहीं लाल ग्रेनाइट पत्थर लगे फुटपाथ जिसका क्षेत्र लगभग 1.10 लाख वर्ग मीटर है, इसके चारों ओर हरियाली है। राजपथ पर 133 प्रकाश स्तंभ, हजारों की संख्या में पेड़, 114 साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं।
तथा इस पूरे भाग के मध्य में पड़ने वाले मार्ग का अवरोध इस कॉरिडोर पर ना हो इस लिए प्रत्येक मार्ग के निचे से भूमिगत मार्ग बनाकर सेंट्रल विस्टा एवेन्यू को जोड़ा गया है। जिसके हम आपको विस्तार से सभी दृश्य दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।
सरकार का कहना है कि सेंट्रल विस्टा देश की राजधानी के केंद्र में एक विश्वस्तरीय सार्वजनिक स्थान होगा। लॉन, राजपथ के साथ पक्के मार्ग, बेहतर लैंडस्केप, पर्याप्त सार्वजनिक सुविधाएं, वेंडिंग क्षेत्र, सुरक्षित सड़क क्रॉसिंग आदि होगी। वहीं अब बात इस सेंट्रल विस्टा एवेन्यू केलागत व निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की करें तो आपको हम बता दें कि एवेन्यू के पुनर्विकास का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इस पर अब तक कुल 450 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। यह भी बता दें कि इस चरण की परियोजना को पहले दिसंबर 2021 तक पूरा करने के लिए निर्धारित किया गया था। जो की अब हो रहा है।
जानकारी हेतु बता दें कि इस पूरे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में और भी बहुत भाग हैं जिनका अभी कार्य आरंभ भी हो रहा है। जिसमें से एक है एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव। जी हां अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स इंडिया लिमिटेड ने सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) के इस भाग एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव (Executive Enclave) के निर्माण के लिए सबसे कम बोली लगाई है तथा इसके निर्माण कार्य का टेंडर ले लिया है। इस एन्क्लेव के अंतर्गत प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय का निर्माण किया जाना है।
दिल्ली में मुख्यालय वाली कंपनी ने लगभग 1,119 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जो केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) द्वारा अनुमानित 1,160 करोड़ रुपये की लागत से 3.50 प्रतिशत कम है। सीपीडब्ल्यूडी नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है।
जानकारी हेतु बता दें कि नए संसद भवन का निर्माण कर रही टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव के निर्माण के लिए 1,154 करोड़ रुपये की बोली लगाई। वहीं, एनसीसी लिमिटेड ने लगभग 1,158 करोड़ रुपये और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड ने लगभग 1,317 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।
बता दें कि उच्च सुरक्षा वाली लुटियंस दिल्ली में प्लॉट नंबर 36/38 में साउथ ब्लॉक के दक्षिण की ओर एक्जीक्यूटिव एन्क्लेव बनेगा। जिसमें नए प्रधानमंत्री कार्यालय में बेसमेंट और भूतल के अतिरिक्त तीन मंजिलें होंगी। नए कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय का ढांचा समान होगा।
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इसके अतिरिक्त इंडिया हाउस (India House) में बेसमेंट और भूतल के अतिरिक्त एक मंजिल होगी। इसका हैदराबाद हाउस (Hyderabad House) की तरह सम्मेलन सुविधा केंद्र के रूप में उपयोग किए जाने की संभावना है। सीपीडब्ल्यूडी के बोली दस्तावेज के अनुसार, निर्माण कार्य आरंभ होने के 24 महीने के भीतर परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा। अर्थात अभी से लगभग दो वर्ष पश्चात इसके निर्माण कार्य पूर्ण होने की आशा है। यह एन्क्लेव के भीतर और सेंट्रल विस्टा में अन्य कार्यालयों के साथ प्रमुख सुरक्षा और उत्कृष्ट इंटरकनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि वाइस प्रेसिडेंट एन्क्लेव के निर्माण पर अबतक 9 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि केवल तीन प्रतिशत भौतिक प्रगति ही पूरी हुई है। कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग 1, 2 और 3 के निर्माण पर अब तक 243 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और केवल तीन प्रतिशत ही पूरा हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने दी गई जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण पर होने वाली अनुमानित लागत 2,285 करोड़ रुपये है। और सेंट्रल विस्टा वर्ष 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा
परंतु सबसे महत्वपूर्ण है कि इस वर्ष शीतकालीन सत्र से पहले नवीन संसद भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। अर्थात कुछ ही महीनों में नवीन संसद भवन का उद्घाटन संभव है तथा वर्तमान समय में इसमें लकड़ीयों के प्रयोग हेतु गढ़चिरौली के सागौन लकड़ियां मंगवाई जा रही हैं।
यह भी बता दें कि अंग्रेजों द्वारा सज्ज वर्तमान की संसद भवन की आयु 100 वर्ष बताई गई थी परंतु वर्तमान में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आयु 250 वर्ष होगी।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
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