अयोध्या राम जन्मभूमि पर बढ़ गयी मंदिर निर्माण की संख्या – Ayodhya Ram Mandir Nirman
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Ayodhya Ram Mandir Nirman : अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है। सदियों से यह भूमि करोड़ों हिंदुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र रही है। अयोध्या और राम मंदिर का संबंध हमारे धार्मिक ग्रंथों और कथाओं में भी बहुत महत्वपूर्ण है। और यहीं पर 500 वर्षों की तपस्या बलिदान समर्पण व संघर्ष के पश्चात अब हमें आराध्य को अपने जन्मभूमि पर देखने का अवसर मिला है।
सबसे पहले बात करते हैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य की तो आपको हम बता दें अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि परिसर में परकोटे के अंदर 6 मंदिरों के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। परकोटे के इन मंदिरों में भगवान शिव, सूर्य, हनुमान, गणेश, तथा मॉं अन्नपूर्णा व दूर्गा जी के मंदिर बनाए जा रहे हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि इनमें से 3 मंदिर लगभग बनकर तैयार हैं, जबकि 3 मंदिरों का काम तेजी से चल रहा है। इसके अतिरिक्त श्री राम मंदिर के मुख्य शिखर की लगभग 12 लेयर भी बनकर तैयार हो गई है। कुल 29 लेयर बनाई जानी है। ऐसे में अभी 17 लेयर और बनाई जा रही हैं।
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बता दें कि परकोटा में राजस्थान के 4 लाख घन फीट पत्थर लगे तथा राम मंदिर के मुख्य शिखर की कुल 29 लेयर बनाई जानी है। यह कार्य 4-5 महीने में पूरा होगा। शिखर की हर लेयर पर लगने वाली शिलाओं का आकर ऊपर की ओर घटता जाएगा। परकोटा में अब तक राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए 4 लाख घन फीट पत्थर लग चुके हैं।
ट्रस्ट का दावा है कि परकोटा का निर्माण काम अगस्त 2025 तक पूरा हो जाएगा। 800 मीटर लंबा राम मंदिर का परकोटा 14 फीट ऊंचा रहेगा। परकोटा का प्रयोग राम मंदिर के अंदर परिक्रमा पथ के रूप में किया जाएगा।
महत्वपूर्ण है कि रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 से लेकर अब तक लगभग 3 करोड़ से अधिक भक्त पहुंच चुके हैं। आम दिनों में यह संख्या 70 हजार से लेकर एक लाख होती है, जबकि मेले या विशेष पर्व के दिन एक से दो लाख लोग रामलला का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं। परकोटे के बाहर भी 7 मंदिर सप्त ऋषियों के बनाए जा रहे हैं। इनमें वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, शबरी, निषादराज और अहिल्या के मंदिर हैं। इसके साथ ही तुलसीदास का मंदिर भी बनाया जाना प्रस्तावित है।
आपको हम बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार मंदिर निर्माण को लेकर निर्धारित समय का दबाव तो है ही, परंतु गुणवत्ता का ध्यान भी रखा जा रहा है। परकोटे के अंदर के मंदिरों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। तीन मंदिरों का काम लगभग पूरा होने वाला है। शेष 3 मंदिरों का काम और शिखर निर्माण गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए तेजी से चल रहा है। इसके अतिरिक्त ट्रस्ट ने कहा है कि श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के शिखर निर्माण का कार्य भी पूर्णता की ओर है। निर्माण की प्रगति अब स्पष्ट परिलक्षित होने लगी है।
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इन सबके बीच राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र समय-समय पर निर्माण स्थल का दौरा कर रहे हैं। वर्तमान में, 22 जनवरी 2025 को श्रीराम मंदिर में विशेष आयोजन की योजना तैयार की जा रही है।
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि अबतक मंदिर निर्माण कार्य हुआ पूर्ण तो आपको हम बता दें कि राम मंदिर के शिखर निर्माण का 40 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। और जनवरी 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके साथ ही मंदिर के परकोटा में निर्माणाधीन पंचायतन मंदिरों के शिखर का भी निर्णय किया जा रहा है। इसे दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। तत्पश्चात मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिमा को स्थापित करने के साथ ही इन मंदिरों में भी देवी देवताओं को भी स्थापित कर दिया जाएगा। इसे लेकर तेजी से तैयारी की जा रही है।
यह भी बता दें कि 70 एकड़ के परिसर में संपूर्ण निर्माण कार्य, अगले एक वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। राम मंदिर में भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल के पश्चात शिखर का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ मंदिर की भव्यता और सुरक्षा को लेकर बन रहे 800 मीटर की परिधि में परकोटा का निर्माण किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त आपको हम बता दें कि मूर्तिकार सत्य नारायण पाण्डेय ने बताया कि परकोटा में लगने वाले मूर्तियों का निर्माण दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ परिसर में बन रहे अन्य मंदिरों के लिए भी मूर्तियों को तैयार करने की दायित्व मिला है।
इस बीच यह भी जानकारी सामने आ रही है कि रामजन्मभूमि परिसर में मंदिरों की संख्या बढ़कर 19 हो सकती है। राममंदिर के दूसरे तल पर भी मंदिर स्थापित किए जाने की योजना है। 161 फीट ऊंचे तीन मंजिला राममंदिर के भूतल में रामलला विराजमान हैं। जबकि प्रथम व दूसरे तल का निर्माण कार्य अभी चल रहा है।
पिछली दिनों हुई श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में राममंदिर के दूसरे तल पर भी मंदिर स्थापित करने पर चर्चा हुई है। अभी राममंदिर के भूतल में बालकराम की भव्य मूर्ति विराजमान है, जिसके दर्शन देश-दुनिया के श्रद्धालु कर रहे हैं। प्रथम तल पर रामदरबार की स्थापना की जानी है। रामदरबार की मूर्ति जयपुर में संगमरमर के पत्थर पर निर्मित हो रही है।
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अभी तक मंदिर के दूसरे तल को खाली रखने का निर्णय हुआ था, परंतु इस बार हुई बैठक में चर्चा हुई है कि दूसरे तल पर भी मंदिर बनाया जाए। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दूसरे तल पर भी मंदिर की स्थापना होनी है।
ऐसे में परिसर में मंदिरों की संख्या बढ़कर 19 हो जाएगी। अभी रामजन्मभूमि परिसर में कुल 18 मंदिर बन रहे हैं। निकट भविष्य में श्रद्धालु इन सभी मंदिरों में दर्शन कर पाएंगे। हालांकि दूसरे तल पर किसकी मूर्ति स्थापित होगी, इसको लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
इसके अतिरिक्त हम आपको बता दें कि राम मंदिर के परकोटा में लगेंगे ब्रांज के 90 म्यूरल, 11 म्यूरल बनकर तैयार, 7×6 फिट है लंबाई और चौड़ाई, पांच शिल्पकार बना रहे हैं। परकोटा में लगने वाले म्यूरल, जून 2025 तक पूरा होगा।
यही नहीं राम मंदिर पर चार गेट भी बनेंगे जिनकी डिजाइन तैयार हो चुकी है और इन्हें राजकीय निर्माण निगम बना रहा है। जिसमें से उत्तरी गेट पर कार्य आरंभ हो चुका है। उसके पश्चात गेट नंबर 3 और गेट नंबर 10 भी बनाए जाएंगे, जून 2025 तक चारों गेट बनाकर हो तैयार जाएंगे।
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प्रतिमा की जानकारी देने हेतु बता दें कि राम दरबार की मूर्ति का परीक्षण आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा पूरा कर चुके हैं। तथा विख्यात शिल्पकार वासुदेव कामत बना रहे हैं। राम दरबार में भी दिखाई पड़ेंगे भगवान राम और उनके परिवार के चेहरे पर एक्सप्रेशन, 15 जनवरी तक राम दरबार की मूर्ति जयपुर से अयोध्या पहुंचेगी।
अन्य निर्माण की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि परिसर में यात्री सेवा केंद्र के निकट 3000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अपोलो हॉस्पिटल, दिल्ली द्वारा अत्याधुनिक हेल्थ केयर सिस्टम विकसित किया जाएगा। तथा गर्मी और वर्षा से यात्रियों को बचाने हेतु मंदिर परिसर में अस्थायी जर्मन हैंगर लगाए गए थे। अब यहां 9 मीटर चौड़े और लगभग 600 मीटर लंबे स्थाई शेड का निर्माण होगा।
आपको हम यह भी बता दें कि संतों से परामर्श के पश्चात यह तय किया गया कि जिस प्रकार सभी हिंदू उत्सव और पर्व हिंदी तिथि एवं पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं, उसी प्रकार प्रभु श्री रामलला सरकार की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को प्रति वर्ष पंचांग अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी अर्थात कूर्म द्वादशी को मनाया जाए। इस तिथि को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में जाना जाएगा। वर्ष 2025 में यह तिथि 11 जनवरी को होगी।
मित्रों यदि दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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