अब काशी सीधा जुड़ेगी 4 – 4 जिलों से – Varanasi Ring Road Phase 3
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Varanasi Ring Road Phase 3 : विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर काशी व देश की धार्मिक राजधानी अर्थात वाराणसी के विकास का क्रम अभी रुकने वाला नहीं। मित्रों जैसा की आप जानते हैं कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में वाराणसी का कायाकल्प हुआ है जो नग्न आंखों से देखा जा सकता है। तथा वाराणसी के विकास में महत्वपूर्ण सभी परियोजनाओं की जानकारी हम आपतक पहुँचाते रहते हैं।

इसी क्रम में आज हम आपको वाराणसी रिंग रोड परियोजना के तीसरे चरण की जानकारी दे रहे हैं जो वाराणसी को चंदौली से सीधा संपर्क प्रदान करेगा और नगर की यातायात सुदृढ़ करेगा। पहले इस वाराणसी रिंग रोड के संपूर्ण मार्ग को अच्छे से समझाने के लिए आपको बता दें की यह रिंग रोड वाराणसी के हरहुआ से संदहा तक फेज़ 1, हरहुआ से राजातलाब तक फेज़ 2 पैकेज 1 तथा वाराणसी के संदहा से लेकर चंदौली के पचफेड़वा तक फेज़ 2 पैकेज 2 के अंतर्गत निर्माणाधीन है जिसे की फेज़ 3 के नाम से भी जाना जाता है जोकि रिंग रोड का वर्तमान में अंतिम भाग है।

बता दें की वाराणसी रिंग रोड फेज-3 की लागत 1355 करोड़ रुपये है जिसमें की सड़क के साथ गंगा पर एक पुल के साथ चार फ्लाइओवर, तीन आरओबी तथा 19 अंडरपास भी बन रहे हैं। आपको हम यहाँ पर हो रहे निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति का साक्षात अवलोकन कराते हुए बता दें कि 15 फरवरी 2019 को रिंग रोड यह कार्य स्वीकृत हुआ था। 36 महीने में प्रोजेक्ट पूर्ण करना था, परंतु बीच में कंपनी चेंज करने के कारण से तत्पश्चात में पुल के पिलर की डिजाइन चेंज करने के कारण से, इसमें 2 वर्ष अतिरिक्त लगे हैं। नहीं तो यह कार्य बहुत पहले पूरा हो जाना चाहिए था।
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यह कार्य अनेक समय विस्तार के समयावधि में 2024 फरवरी तक में होना निश्चित हुआ था, परंतु अब 2025 चल रहा है और पौने दो किलोमीटर गंगा पुल की एक लेन मार्च के पहले सप्ताह में आरंभ करने का लक्ष्य दिया गया था जोकि पुनः बीत चुका है। अभी गंगा पुल व दो स्थानों रेलवे ओवरब्रिज बनने में विलंब होने की आशा है। वैसे अच्छी बात यह है कि गंगा पुल का एक लेन अब लगभग अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर है इसके साथ ही चंदौली साइड की दोनों रेलवे ओवर ब्रिज का एक लेन भी तैयार हो चुका है एवं सड़क निर्माण का कार्य लगभग 99 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
वाराणसी रिंग रोड की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि इस पर वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटे की है। लगभग 1355 करोड़ की परियोजना है। इसमें लगभग साढ़े पांच सौ करोड़ लागत केवल पुल की है। इस पुल के बनने से 60.08 किलोमीटर लंबे रिंग रोड नेटवर्क को एक-दूसरे से जोड़ा जा सकेगा। वाहन रिंग रोड के माध्यम से नगर के बाहर से ही दूसरे जिलों की ओर जा सकेंगे। चंदौली की ओर से आने वाले वाहनों को लंबा फेरा लगाना नहीं होगा।

बता दें की लगभग 27 किलोमीटर लंबा वाराणसी रिंग रोड फेज थ्री का निर्माण कार्य संचालित है। गंगा पुल अब 1742 मीटर लंबा है इस पुल पर दो-वे होगा। इसमें एक से आना तो दूसरे से जाना होगा। पुल की चौड़ाई 25 मीटर है। वन-वे की चौड़ाई 12 मीटर है। इसके अतिरिक्त भूमि पर तीन-तीन मीटर चौड़ी दोनों ओर सर्विस रोड व ढाई मीटर चौड़ा डिवाइडर बनाया जा रहा है। डिवाइडर पर पौधे भी लगाए जा रहे हैं।
बता दें की बनारस और गाजीपुर से सटा यह क्षेत्र नगर से काफी दूर है। इन क्षेत्र के रहने वालों को चंदौली मुख्यालय अथवा DDU नगर जाने में अत्यधिक कठिनाई होती थी। पहले मात्र एक ही रास्ता था राजघाट पुल। बाद में बलुआघाट पुल बनने से बनारस और चंदौली की दूरी कम अवश्य हुई परंतु मुख्यालय से दूरी कम नहीं हो सकी। रिंग रोड बनने से चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही, मीरजापुर, सोनभद्र आदि जिलों से आने-जाने वाले भारी वाहनों को बहुत लाभ होगा।
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वहीं दूसरी ओर गंगा नदी में जहाज अर्थात क्रूज़ गुजारने के लिए दो पिलर के मध्य में 92 मीटर की दूरी भी रखी गई है क्योंकि वाराणसी से हल्दिया के मध्य वाटरवेज अर्थात जलमार्ग भी संचालित है जिसको की आगे बढ़ाते हुए प्रयागराज तक ले जाना है। जल परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाराणसी के ही रामनगर में बंदरगाह का निर्माण भी हो चुका है। इसी कारण से ब्रिज की डिजाइन इस प्रकार से बनाई गई है कि नीचे से जहाज को भी आराम से गुजारा जा सके।
गंगा पुल की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि बनारस की ओर 700 मीटर, जबकि चंदौली की तरफ 500 मीटर सड़क बनी है। केवल पुल की लागत करीब साढ़े पांच सौ करोड़ है। दोनों छोर को जोड़ने के लिए अप्रोच सड़क का निर्माण हो चुका है, जो कि फ्लाईएश और मिट्टी की भराई के पश्चात हुआ है, इसके लिए एनटीपीसी विंध्यनगर और रिहंद थर्मल पावर स्टेशन से फ्लाईएश मंगाया था। लगभग साढ़े चार लाख क्यूबिक मीटर फ्लाईएश व मिट्टी भराई गई है। अति शीघ्र गंगा पुल का एक लेन आरंभ हो जाएगा परंतु पुल की दूसरी लेन के निर्माण में अभी समय है। पुल पर 32 मीटर की दूरी पर प्रकाश के लिए एक पोल लगाया जा चुका है।

परियोजना के पूर्ण होते ही वाराणसी से चंदौली आवागमन में सुविधा होगी तथा ट्रैफिक का भार भी कम हो जाएगा। वही चंदौली के विकास में रिंग रोड मिल का पत्थर भी सिद्ध होगा। इस मार्ग से जहां चंदौली के लोगों को बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचने में समय की बचत होगी तो वहीं आजमगढ़ गाजीपुर के लोगों को बिहार जाने के लिए भी नगर में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
यही नहीं चंदौली के रेवसा में जहां यह रिंग रोड का काम समाप्त हो रहा है, वहीं से वाराणसी- कोलकाता एक्सप्रसवे के रूप में बनने वाले भारतमाला परियोजना का निर्माण कार्य भी आरंभ हो चुका है। जिसकी जानकारी हम आपको अपनी अगली वीडियो में देंगे। इससे दोनों सड़क कोलकाता तक के लिए जुड़ जाएंगे और आने जाने वाले लोगों को बड़ा लाभ होगा।
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Varanasi Ring Road से गाजीपुर और बनारस के गंगा इस पार के लोगों की दूरी 30 किलोमीटर घट जाएगी। चिरईगांव ब्लाक से बभनपुरवा तक सर्विस रोड मुख्य सड़क और कई जगहों पर अंडरपास भी बन चुका है। यह पुल बन जाएगा तो रिंग रोड (Varanasi Ring Road) के तीनों फेज को एक दूसरे से जोड़ेंगे।
महत्वपूर्ण है कि तीन जिलों के मध्य में बनने वाला वाराणसी का यह रिंग रोड पूर्वी भारत के गेटवे के रूप में पूर्वांचल के चार राष्ट्रीय राजमार्गों को भी जोड़ता है। जोकी इस रिंग रोड के महत्व एवं औचित्य को भी परिभाषित करता है।

मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको वाराणसी रिंग रोड परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में गांव अथवा जिले का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:-