देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना ने पकड़ी तूफ़ानी रफ़्तार
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Mumbai Ahmedabad Bullet Train : पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train project) को लेकर वर्तमान सरकारें अत्यंत तीव्रता के साथ कार्य कर रही है। अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना है। दोनों नगरों के मध्य 508 किमी लंबे बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है, जिसकी दायित्व नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को मिला है।
बता दें कि अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना का निर्माण कर रही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अनुसार बुलेट ट्रेन के सभी स्टेशनों पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 508 किमी मार्ग पर कुल 12 स्टेशन होंगे, जिनमें गुजरात में साबरमती, अहमदाबाद, आणंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलिमोरा और वापी से आरंभ होने वाले आठ (08) स्टेशन होंगे और महाराष्ट्र में चार (04) यानी बोइसर, विरार, ठाणे और मुंबई सम्मिलित हैं।
कहां तक पहुंचा स्टेशनों का निर्माण कार्य? यदि आप यह जानना चाहते हैं तो आपको हम बता दें कि गुजरात में सभी 8 स्टेशनों पर नींव का काम पूरा हो चुका है और सुपरस्ट्रक्चर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इनमें से वापी, बिलिमोरा, सूरत, आनंद और अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन स्टेशनों का रेल लेवल स्लैब पूरा कर लिया गया है। वहीं कॉनकोर्स के 9 स्लैब में से 3 भी पूरे हो गए हैं।
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बता दें कि इस कॉरिडोर पर स्थित स्टेशनों पर यात्रियों के लिए सभी आधुनिक और उन्नत सुविधाएं और सुख-सुविधाएं होंगी। यहां टिकट और प्रतीक्षा क्षेत्र, बिजनेस क्लास लाउंज, नर्सरी, शौचालय, धूम्रपान कक्ष, सूचना बूथ और सार्वजनिक सूचना और घोषणा प्रणाली की व्यवस्था होगी। इसके अतिरिक्त, कुछ स्टेशनों को ऑटो, बसों और टैक्सियों के साथ एकीकरण के माध्यम से एक परिवहन हब के रूप में भी विकसित किया जाएगा, जो स्टेशन से बेहतर, तेज और परेशानी मुक्त कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
गुजरात के 8 स्टेशनों के निर्माण कार्य की अधिक जानकारी हेतु एक एक स्टेशनों के कॉन्कोर्स लेवल स्लैब व रेल लेवल स्लैब स्थिति आपके स्क्रीन पर उपलब्ध है। भरूच वडोदरा व साबरमती पर ही निम्नलिखित कार्य शेष हैं। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र के मुंबई को लेकर भी अपडेट ये है कि स्टेशन का कार्य आरंभ हो गया है।
बुलेट ट्रेन स्टेशन कॉन्कोर्स लेवल स्लैब रेल लेवल स्लैब स्तिथि
वापी 425 मीटर 425 मीटर पूरा
बिलिमोरा 425मीटर 425 मीटर पूरा
सूरत 450 मीटर 450 मीटर पूरा
आनंद 425 मीटर 425 मीटर पूरा
अहमदाबाद 435 मीटर 435 मीटर पूरा
भरूच 425 मीटर 425 मीटर 350 मीटर पूरा
वडोदरा 425 मीटर 425 मीटर प्रथम तल स्लैब की ढलाई प्रगति पर
साबरमती 425 मीटर 425 मीटर पहली मंजिल: सभी 9 स्लैब पूरे हो गए
बता दें कि रेल मंत्री ने साबरमती में तैयार बुलेट ट्रेन स्टेशन की झलक दिखाते हुए एक वीडियो अपने एक्स अकाउंट से शेयर किया है, उसे देखकर यह स्पष्ट है कि इस स्टेशन को आधुनिकता के साथ ही गुजरात की विरासत के साथ ही तैयार और सजाया गया है। इस पोस्ट के कैप्शन में रेल मंत्री ने लिखा है, ‘भारत का पहला बुलेट ट्रेन टर्मिनल! साबरमती मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब, अहमदाबाद’। रात के अंधेरे में यह स्टेशन लाइट्स से सजा हुए बहुत सुन्दर दिख रहा है। स्टेशन की बाहरी सजावट गुजरात और साबरमती की थीम पर की गयी है परंतु स्टेशन के भीतर को देखकर पता चलता है कि आधुनिक भारत कितना विकसित हो चुका है।
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बता दें कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम के समयावधि में बुलेट ट्रेन परियोजना का अनावरण किया था। उस कार्यक्रम में जापान के तत्कालिन प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी सम्मिलित हुए थे। उस समय पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि इस परियोजना पर दोनों देश साथ मिलकर काम करने वाले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इस परियोजना का पूरा खर्च लगभग ₹1,08,000 करोड़ होने वाला है। भारत सरकार ने जापान से 81% का लोन लिया है। जिसे प्रतिवर्ष 0.1% के ब्याज दर से अगले 50 वर्षों में वापस लौटाया जाएगा। इसमें 15 सालों का ग्रेस पीरियड भी सम्मिलित होगा। भारत सरकार इस परियोजना के लिए ₹10,000 करोड़ खर्च करेगी। वहीं गुजरात और महाराष्ट्र सरकार ₹5,000-5,000 करोड़ दोनों देगी।
मिली जानकारी के अनुसार भारत के बुलेट ट्रेन परियोजना का पहला चरण वर्ष 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। अर्थात मुंबई-अहमदाबाद के मध्य चलने वाली पहली बुलेट ट्रेन वर्ष 2026 तक आरंभ होने की संभावना है। वहीं इस पूरी परियोजना का वर्ष 2028 तक पूरा होने की संभावना है। बता दें कि महाराष्ट्र के भाग के लिए पहला नागरिक अनुबंध मार्च 2023 में प्रदान किया गया था, क्योंकि महाराष्ट्र में परियोजना के लिए आवश्यक भूमि का एक महत्वपूर्ण भाग उपलब्ध नहीं था।
बता दें कि रेल मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि सूरत और बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर तक विस्तारित परियोजना का पहला चरण अगस्त 2026 तक समाप्त हो जाएगा। जो कि सबसे महत्वपूर्ण है।
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इस मुंबई कर्णावती बुलेट ट्रेन परियोजना की संक्षिप्त जानकारी हेतु बता दें कि बुलेट ट्रेन 320 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति से चलेगी, जो 508 किमी की दूरी तय करेगी। 2 घंटे 58 मिनट में ट्रेन मुंबई से अपनी यात्रा आरंभ करेगी और ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद और कर्णावती में रुकते हुए साबरमती में समाप्त होगी।
पूर्ण हुए निर्माण संरचनाओं की जानकारी देने हेतु बता दें कि यह प्रोजेक्ट अभी भी योजना के गणना अनुरूप ही चल रहा है। जिसमें कि 163 किमी लंबे पुल, 302 किलोमीटर लंबे खंभे और 323 किमी लंबी नींव का काम पूरा हो चुका है।एनएचएसआरसीएल (NHSRCL) के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र में भूमि की कठिनाई के कारण वहां के पहले भाग का निर्माण का ठेका मार्च 2023 में ही दिया गया। और अब तक पूरी प्रोजेक्ट के लिए भूमि का 100% अधिग्रहण हो चुका है।
यह भी बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन रूट पर नया विरार स्टेशन को जापान की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र और अत्याधुनिक सुविधाएं भी तैयार की जाएंगी। इससे वसई-विरार के लोगों को रोजगार मिलेगा और नगर के विकास-पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे (बुलेट ट्रेन) के चार स्टेशनों में से एक विरार स्टेशन का निर्माण नालासोपारा के सबसे बड़े स्लम क्षेत्र के वलईपाडा में किया जाना है। इस स्टेशन क्षेत्र को विकसित करने के लिए ‘प्रॉजेक्ट स्मार्ट’ बनाया गया है। यह विकास जापान की तर्ज पर किया जाएगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार इस स्टेशन परिसर को विकसित करते समय इसे और अधिक कनेक्टेड कैसे बनाया जा सकता है, इसे प्राथमिकता दिया गई है। इसके अतिरिक्त, अधिक से अधिक स्थान खाली छोड़ने और सरकारी स्थान का उपयोग करने पर भी जोर दिया गया है। बुलेट ट्रेन मुंबई-अहमदाबाद रूट पर है, इसलिए अधिक यात्रियों को आकर्षित करने के लिए ये योजनाएं लागू की जा रही हैं। यहां बिजनेस हब, एंटरटेनमेंट एरिया बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्टेशन क्षेत्र में अच्छी आधारभूत संरचना और अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जापान के बुलेट स्टेशन की तर्ज पर यहां विकास किया जाएगा। वसई में बड़े पैमाने पर नए रोजगार पैदा होंगे और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। वसई को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जाएगा।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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