अब वाराणसी की बदलेगी सूरत, Varanasi Airport New Terminal

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Varanasi Airport New Terminal : विकासपथ की नई परिभाषा लिख रही वाराणसी के लिए एक और शुभ समाचार आया है। और भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पश्चात अब एयरपोर्ट का होगा स्वप्न से परे कायाकल्प

Varanasi Airport New Terminal
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Varanasi Airport New Terminal : मित्रों हम सभी जानते हैं कि मोदी सरकार ने देश की आधारभूत संरचना को नवीन जीवन प्रदान करने के लिए कितना कार्य किया है, तथा यदि वाराणसी के संदर्भ में बात करी जाए तो विगत 10 वर्षों में वाराणसी का कायाकल्प ही कर दिया गया है। एवं वाराणसी बाबतपुर एयरपोर्ट हाईवे तो अपने आप में विकास का माॅडल है।

बता दें कि पर्यटक संख्या की दृष्टि से गोवा को पछाड़ चुकी वाराणसी एवं धार्मिक दृष्टि सर्वाधिक महत्वपूर्ण नगर काशी का पर्यटकों के इस नगर के प्रति आकर्षण के कारण से वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में लखनऊ एयरपोर्ट के पश्चात दूसरा सर्वाधिक व्यस्त हवाई अड्डा है।

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इसी को ध्यान में रखते हुए वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है। तथा इसके अंतर्गत एयरपोर्ट का स्वरूप अब पूर्णतया परिवर्तित होने वाला है।

नवीन योजना के अनुसार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) का नया टर्मिनल भवन 75,220 वर्गमीटर क्षेत्र में विस्तारित होगा। यह 8 एयरोब्रिज‌ अर्थात हवाई पुल, 72 चेक-इन काउंटर, 14 सुरक्षा जांच काउंटर और 6 बैगेज क्लेम बेल्ट से सुसज्जित होगा। इसमें 6 मिलियन वार्षिक यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी और यह 5000 पीक ऑवर यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा।

Varanasi Airport New Terminal
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अधिक जानकारी हेतु बता दें कि लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बनने वाले नए टर्मिनल पर श्रीकाशी विश्ननाथ धाम और बीएचयू के सिंह द्वार की झलक दिखेगी। टर्मिनल के भीतर काशी की संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियां बनाई जाएगी। टर्मिनल भवन के भीतर चेक इन काउंटर्स गंगा में संचालित अलकनंदा क्रूज की तर्ज़ पर होगा। बनने के साथ यहां एक समय में 5 हजार यात्रियों का आवागमन हो सकेगा। वर्तमान में जोकी 800 यात्रियों की क्षमता है।

इस परियोजना में 75 हजार वर्गमीटर में बनने वाले टर्मिनल पर लगभग 995 करोड़ रुपये खर्च होगा। वहीं, भूमि अधिग्रहण संग हवाई अड्डे का विस्तार होने के साथ बोइंग विमान भी सरलता से उतर सकेगा।

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जानकारी हेतु बता दें कि यहां वाराणसी एयरपोर्ट का नाम लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्ढा वर्ष 2005 में रखा गया था। तथा वर्ष 2010 नया टर्मिनल बनाया गया था जिसकी क्षमता आठ सौ यात्रियों हो गई। विमान यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए टर्मिनल बनाने की योजना बनी। काम भी आरंभ हुआ परंतु भूमि नहीं मिलने और विवाद के चलते कार्य आगे नहीं बढ़ सका।

परंतु श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने के साथ पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने हवाई अड्ढे के विस्तार में भूमि अधिग्रहण करने में सहयोग करने की बात कही। तत्पश्चात 550 करोड़ रुपये जारी करते हुए भूमि अधिग्रहण करने का निर्देश दिया है। इस भूमि अधिग्रहण के लिए 1015 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

Varanasi Airport New Terminal
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भूमि अधिग्रहण के पश्चात रनवे विस्तार, आइएलएस कैट-3 प्रणाली का इंस्टालेशन, नया एयरपोर्ट टर्मिनल, कार्गो टर्मिनल, विमान स्टैंड, नया रडार सहित अन्य कार्य होने हैं।

भूमि अधिग्रहण की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि वर्तमान में Varanasi Airport से सटे सात गांवों की भूमि की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है। चिन्हित गांवों में भूमि की रजिस्ट्री करने के लिए उप जिलाधिकारी पिंडरा से अनुमति लेनी होगी।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, वाराणसी एयरपोर्ट से सटे कई गांव हैं, जिनमें सगुनहा, घमहापुर, करमी, बैकुंठपुर, मंगारी, रघुनाथपुर और बसनी सम्मिलित हैं। इन सभी गांवों में भूमि क्रय विक्रय पर रोक लगा दी गई है।

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बड़े विमानों के लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए वाराणसी एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई बढ़ाई जानी है। भूमि कम होने की कारण से रनवे की लंबाई नहीं बढ़ाई जा सकती है। ऐसे में एयरपोर्ट के आसपास किसानों की भूमि ली जानी है।

शासन की ओर से भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके लिए शासन ने 550 करोड़ रुपये की पहली किस्त से एक हजार किसानों से 61 हेक्टेयर भूमि का बैनामा पूरा हो गया है। शेष एक हजार किसानों से 56 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के लिए 426 करोड़ रुपये की डिमांड भेजी है।

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एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए 117 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण के लिए शासन ने 1093 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इसमें पहले चरण में जारी किए गए 550 करोड़ रुपये खर्च हो गए। रनवे एक्सटेंशन के साथ ही नई टर्मिनल बिल्डिंग, कार्गो टर्मिनल, विमान स्टैंड, विमान हैंगर, कैट थ्री प्रणाली के इंस्टालेशन सहित कई कार्य होंगे। विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।

एसडीएम पिंडरा प्रतिभा मिश्रा के अनुसार एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए घमाहापुर कर्मी के कुल 60 किसानों की भूमि की रजिस्ट्री की गई है। 426 करोड़ रुपये की डिमांड भेजी गई है।

यह भी बता दें कि भूमि अधिग्रहण 2015 में आरंभ हुआ था और कुछ वर्षों तक कागजी प्रक्रिया ही चलती रही। 2015 में फिर सीमांकन की प्रक्रिया आरंभ हुई, परंतु किसानों ने इसका विरोध किया। पिछले दिनों किसानों की सहमति के पश्चात सीमांकन का कार्य पूरा हो गया है।

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वहीं अब यदि बात करें नव्य टर्मिनल भवन निर्माण व टेंडर की तो हम आपको बता दें कि इस टेंडर प्रक्रिया में नौ कंपनियां सामने आई थी।

जिनके नाम हैं

1. Ahluwalia Contracts (India) Ltd. (ACI)

2. Kalpataru Projects India Ltd. (KPIL)

3. KPC Projects Ltd.

4. Larsen & Toubro (L&T)

5. NCC Ltd.

6. PSP Projects Ltd.

7. Rail Vikas Nigam Ltd. (RVNL)

8. Tata Projects Ltd. (TPL)

9. Uttar Pradesh Rajkiya Nirman Nigam Ltd.

जिसमें अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड (एसीआईएल) को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन के सिविल निर्माण कार्य के लिए 995.08 करोड़ के सापेक्ष में सबसे कम बोली ₹893.48 करोड़ लगाने वाली कंपनी घोषित किया गया। तथा इसपर निर्माण इस वर्ष अप्रैल से आरंभ होगा और समापन की समय-सीमा अवार्ड से 36 महीने में होगा।

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बता दें कि वाराणसी के बाबतपुर के लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के विस्तारीकरण के साथ उसके निजीकरण की भी तैयारी आरंभ हो गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय नीलामी का प्रक्रिया तैयार कर रहा है। सरकार यह कदम बाबतपुर को देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से उठाने जा रही है।

केंद्र सरकार ने देश के सभी एयरपोर्ट के विकास के लिए 2050 तक का विजन तय किया है। मंशा है कि हवाईअड्डे से आवागमन के साथ-साथ निर्यात को बढ़ावा दिया जाए।

Varanasi Airport New Terminal
Varanasi Airport

विस्तारीकरण परियोजना के अंतर्गत बाबतपुर एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ेंगी। न केवल अरब देश अपितु यूरोपीय देशों तक बनारस से विमान संचालित करने का लक्ष्य है ताकि वाराणसी के माध्यम से पूरे प्रदेश को जोड़ा जा सके। साथ ही स्थानीय उत्पादों के निर्यात को भी प्रोत्साहन मिले। पूर्वांचल घरेलू व स्थानीय उत्पादों की सम्पन्नता वाला क्षेत्र है। दूर देशों तक उत्पादों की पहुंच सरल बनाने में यह बड़ा कदम होगा।

मित्रों यदि दी हुई वाराणसी एयरपोर्ट एक्स्टेंशन की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:-

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