सोच से परे होगा अयोध्या श्री राम मंदिर का उद्घाटन समारोह
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Ayodhya Ram Mandir Nirman : सनातनीयों के 500 वर्षों की तपस्या का परिणाम समस्त विश्व के समक्ष भव्य रूप में प्रस्तुत होने वाला है। बता दें कि वो शुभ घड़ी होगी 22 जनवरी की जब राम मंदिर (Ram Mandir) का उद्घाटन होगा। और रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भी सम्मिलित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के एक हफ्ते पहले से पूजा आरंभ होगी।
Ayodhya Ram Mandir Nirman : बता दें कि राम मंदिर का समग्र रूप से 60% से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें भूतल अर्थात ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। वहीं, गर्भगृह पहले ही बन चुका है। इस समय मंदिर के भूतल का फर्श बनाने का कार्य संचालित है। यहां खंभों पर देव प्रतिमाओं को उकेरा जा रहा है। मंदिर के प्रथम तल अर्थात फर्स्ट फ्लोर में लगने वाले सभी 14 दरवाजे बनकर तैयार हो गए हैं।
यह कार्य हैदराबाद के कारीगर कर रहे हैं। जबकि द्वार की लकड़ी महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से खासतौर पर मंगाई गई है। खंभों पर नक्काशी को फाइनल टच दिया जा रहा है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि जहां एक ओर राम मंदिर के भूतल का निर्माण तीव्र गति से पूर्ण किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर प्रथम तल का भी निर्माण संचालित है। इसी क्रम में राम मंदिर के नृत्य मंडप का शिखर भी आकार लेने लगा है।
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बता दें कि राम मंदिर में 161 फीट ऊंचे मुख्य शिखर के साथ पांच उप शिखर का भी निर्माण होना है। शिखर और उप शिखर के नीचे मंडप निर्मित किया जा रहा है। मुख्य शिखर के नीचे गर्भगृह स्थापित होगा। जबकि मुख्य शिखर की सीध में सिंह द्वार की ओर बढ़ते हुए जो तीन उप शिखर होंगे, उसके नीचे क्रमश: गुण मंडप, रंग मंडप और नृत्य मंडप का निर्माण किया जा रहा है।
जिसमें कि रंग मंडप के दाहिने और बाईं ओर भी भजन एवं कीर्तन मंडप के नाम से दो और मंडप बन रहे हैं और इन मंडपों के भी ऊपर उप शिखर निर्मित किया जाएगा। सिंहद्वार से मुख्य शिखर की ओर आगे बढ़ते हुए उप शिखर क्रमश: ऊंचे होते जाएंगे।
जो उप शिखर सबसे कम ऊंचा होगा, वह नृत्य मंडप का उप शिखर होगा और इसी निर्माण नियोजन के चलते नृत्य मंडप के उप शिखर का निर्माण सबसे पहले आकार लेने लगा है। मध्य के तीन उप शिखर की ऊंचाई समान होगी, किंतु वे नृत्य मंडप के शिखर से ऊंचे होंगे। गुण मंडप का उप शिखर और ऊंचा होगा। यद्यपि निर्माण योजना की दृष्टि से सभी उप शिखर मुख्य शिखर की ऊंचाई से काफी कम होंगे।
अब हम आपको यदि रामलला के प्रतिमा की जानकारी दें तो बता दें कि मंदिर में स्थापित होने वाली मूर्ति का स्वरूप वाल्मीकि रामायण से लिया गया है। सितंबर तक रामलला के मंदिर का गर्भगृह और अक्टूबर तक रामलला की मूर्ति का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।
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अधिक जानकारी हेतु बता दें कि भगवान राम सूर्यवंशी हैं, इसलिए मूर्ति को विशेष प्रकार से सज्ज किया जा रहा है। भगवान सूर्य की पहली किरण प्रभु श्रीराम के मुख मंडल पर ही पड़ेगी। इसमें आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों का सहयोग लिया गया है। वैज्ञानिकों ने ललाट को 51 इंच पर स्थापित करने की सुझाव दी है । विग्रह का निर्माण कर्नाटक व राजस्थान के मूर्तिकार कर रहे हैं।
बता दें कि अयोध्या में भगवान रामलला के भव्य मंदिर के गर्भ गृह के मुख्य द्वार में सनातन धर्म से जुड़े हुए चिन्ह जिसमें चक्र, गदा, त्रिशूल और गणपति की आकृति उकेरी जा रही है। इतना ही नहीं, संपूर्ण मंदिर में नगर शैली पर नक्काशी की जा रही है जिसे देखने के पश्चात हर राम भक्त बस मंदिर को निहारते रह जाएंगे।
मंदिर के गर्भ गृह में महाराष्ट्र से लाई गई सागौन (टीक) लकड़ी के दरवाजे लगाए जाएंगे। महाराष्ट्र सागौन की लकड़ी से बने दरवाजे की उम्र कई सौ वर्ष होती है। इसलिए भगवान रामलला के हजारों वर्ष तक सुरक्षित रहने वाले मंदिर में अब द्वार की भी लंबी आयु हो इसलिए वैज्ञानिकों के सलाह पर महाराष्ट्र सागौन के द्वार लगाए जा रहे हैं।
मंदिर उद्घाटन की महत्वपूर्ण जानकारी हेतु बता दें कि तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य का जन्मदिन अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। ये कार्यक्रम 14 से 22 जनवरी तक चलेगा। इसके लिए पीएम मोदी को प्रमुख रूप से आमंत्रित किया गया है। रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा समारोह और अमृत महोत्सव एक ही दिन 22 जनवरी 2024 को होंगे।
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यह भी बता दें कि अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के विराजमान होने का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव संपूर्ण विश्व में आकर्षण का केंद्र बनेगा। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के उद्घाटन का प्रभु श्रीराम के भक्तों को घोर प्रतिक्षा है। बड़ी संख्या में लोग राम मंदिर के दर्शन के लिए वहां पहुंच सकते हैं। मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र की ओर से देश भर के धर्माचार्यों के अतिरिक्त विश्व के 160 देशों के प्रतिनिधियों को भी निमंत्रण भेजा जाएगा।
अयोध्या के सभी प्रमुख मठों के संतों को भी न्योता भेजा जाएगा। 25 हजार संत उन 10 हजार विशेष अतिथि से अलग होंगे, जो श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे। ट्रस्ट उद्घाटन के कार्यक्रम के समयावधि में बड़ी संख्या में लोगों को निशुल्क भोजन कराया जाएगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का जोर महोत्सव में आने वाले भक्तों की सुविधाओं पर है। ट्रस्ट की ओर से रसोई संचालित की जाएगी। इसके लिए 15 स्थानों का चयन किया जा चुका है। प्रवेश मार्ग, बाजार, मठ-मंदिरों के आस-पास सीता रसोई की स्थापना की जा रही है। एक रसोई पर सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा। लोगों के इलाज की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए 15 स्थानों पर मेडिकल कैंप लगेंगे जहां डॉक्टरों की टीम रहेगी।
इसके अतिरिक्त श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का सजीव प्रसारण करने की योजना भी बनाई। तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति से हाई सिक्योरिटी का मामला रहेगा। इस कारण मुख्य उत्सव में आम श्रद्धालुओं का पहुंचना संभव नहीं होगा। इसके कारण यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर मंदिर में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया जाएगा। यह स्क्रीन नगर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर भी लगाए जाएंगे।
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