भारत की पहली बिजली उत्पादन करने वाली कानपुर मेट्रो का PM मोदी द्वारा उद्घाटन
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उत्तर प्रदेश के विकास व उड़ान को रोकना जैसे असंभव हो गया है तथा यहाँ नित्य लिखी है जा रही है विकास की नई गाथा।
योगी सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना कानपुर मेट्रो आज घरातल पर उतर रही है। यूपी में NCR व लखनऊ के पश्चात अब कानपुर को मेट्रो की सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर को कानपुर मेट्रो का लोकार्पण करने के लिए आ रहे हैं। मेट्रो को हरी झंडी दिखाने के पश्चात प्रधानमंत्री मेट्रो में बैठकर यात्रा भी करेंगे।
बता दें की कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में दो कॉरिडोर हैं तथा यह कुल 32.5 किमी लंबा है पहला कॉरिडार आपको बता दें कि आइआइटी कानपुर से नौबस्ता 23.8 किमी लंबा है, जबकि दूसरा कारिडोर चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा 8.6 किमी लंबा है।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की यूपी मेट्रो कार्पोरेशन ने 2 वर्ष में 09 किलोमीटर का ट्रैक तैयार किया है। मेट्रो कार्पोरेशन ने 2019 में निर्माण कार्य का आरंभ किया था। प्रॉयोरिटी सेक्शन में कानपुर आईआईटी से मोतीझील तक के ट्रैक को तैयार कर दिया गया है। आईआईटी कानपुर से मोतीझील तक 09 किलोमीटर के यात्रा में कुल 09 स्टेशन हैं। वहीं, कानपुर में मेट्रो के दूसरे चरण का काम तेजी से चल रहा है। इसमें चुन्नीगंज से नयागंज तक 4 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों के निर्माण के लिए भी कार्य सितंबर माह से ही आरंभ हो चुका है। मेट्रो के लिए अंडर ग्राउड खोदाई का काम चल रहा है। बता दें की प्रदेश सरकार ने कानपुर के लोगों से यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले मेट्रो देने का वादा किया था। इस काम को सरकार ने कर के दिखाया है। तथा इस कानपुर मेट्रो को 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जा रहा है।
कानपुर मेट्रो की विशेषताओं की जानकारी के लिए बता दें की कानपुर मेट्रो लखनऊ से भी अधिक एडवांस है। इसके साथ अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है। इसकी सबसे बड़ी जो विशेषता है वो यह है कि नगर की मेट्रो की ट्रेनें रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से लैस होंगी जिससे ट्रेन संचालन में 35 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत होगी। रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली की सहायता से मेट्रो ट्रेन ब्रेकिंग प्रक्रिया के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन करती है और उसे वापस सिस्टम में भेज देती है। इसके माध्यम से कानपुर की मेट्रो ट्रेने न केवल ऊर्जा की बचत करेंगी अपितु इसका उत्पादन भी करेंगी। इसके अतिरिक्त स्टेशनों और डिपो पर लगे लिफ्ट भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से ऊर्जा बचाने में सक्षम होंगे। इनमें 34% तक की ऊर्जा दक्षता होगी। ऊर्जा की बचत के लिए सभी मेट्रो परिसरों में 100% एलईडी लाइटिंग लगाई गई है। इसके अतिरिक्त मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने की भी योजना तैयार की गई है।
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जानकारी के लिए बता दें की कानपुर मेट्रो को खूबसूरती से डिजाइन किया गया है और इसे ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) के बजाय तीसरी रेल द्वारा संचालित किया गया है। इसमें मेट्रो ट्रेनों के नियमित रखरखाव के लिए डिजाइन किया गया एक ग्रीन डिपो भी है। मेट्रो की संरचना ‘ग्रीन बिल्डिंग’ अवधारणा पर विकसित की गई है जिसमें ऊर्जा की बचत के साथ-साथ वाटर रिचार्जिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। कानपुर मेट्रो नगर में सार्वजनिक परिवहन का सबसे सुरक्षित, सबसे आरामदायक और विश्वसनीय साधन होगा।
मेट्रो स्टेशनों की दीवारों पर नगर की संस्कृति को दर्शाया गया है। नगर के इतिहास को समझना हो तो मेट्रो की दीवारों के चित्रों को देखकर समझा जा सकता है। स्टेशनों की दीवारों पर बिठूर, गंगा, क्रांतिकारियों के बलिदान को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। बता दें की कानपुर मेट्रो में 974 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं।
कानपुर मेट्रो में सुरक्षा के उचित व्यवस्था किए गए हैं। सभी कोचों में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ये फुटेज डिपो में सिक्योरिटी कंट्रोल रूम में पहुंचेगे। जिसमें कि ऑडियो भी रेकॉर्ड होगा। इसके साथ ही फायर और कैश सेफ्टी मानकों का ध्यान रखा गया है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए मार्डन प्रॉपल्सन सिस्टम का उपयोग किया गया है। कानपुर मेट्रो में 56 USB चार्जिग पॉइंट बनाए गएं हैं। इसके साथ एलसीडी पैनल्स बनाए गए हैं। यात्री आपातकालीन स्थिति में टॉक बैक बटन से ऑपरेटर से बात कर अपनी समस्या बता सकता है।
कानपुर मेट्रो का किराया अत्यंत सस्ता है। किराये के मानकों को कानपुर वासियों की पॉकेट मनी को ध्यान में रख कर निर्धारित किया गया है। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक का किराया 10 रुपये है। वहीं, तीसरे स्टेशन का किराया 15 रुपये होगा। छठवें स्टेशन का किराया 20 रुपये और 09वें स्टेशन का किराया 30 रुपये होगा।
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रेलवे स्टेशनों की तरह कानपुर के 29 मेट्रो स्टेशनों का भी यूनिक कोड होगा। अर्थात जिस तरह कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन का कोड सीएनबी है तो उसी प्रकार से कानपुर मेट्रो के कानपुर सेंट्रल स्टेशन का कोड KNCM होगा। इसके लिए भारतीय रेल सम्मेलन ने जांच के पश्चात देशभर के स्टेशनों से अलग यूनिक आईडी कोड रखे जाने की स्वीकृति दी है। अब इसी कोड के माध्यम से मेट्रो ट्रेनों का संचालन होगा। तथा संचार प्रणाली में भी इसका प्रयोग होगा। बताते चलें कि अब इन स्टेशनों के कोड किसी भी रेलवे स्टेशन अथवा मेट्रो के लिए जारी नहीं होंगे। जो इस कानपुर मेट्रो को Unique बनाती है। जानकारी के लिए बता दें की 10 नवंबर 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कानपुर मेट्रो के ट्रायल रन का आरंभ किया गया था।
कानपुर मेट्रो के आइआइटी से मोतीझील तक प्राथमिक कारीडोर के सभी मेट्रो स्टेशन पूरी तरह से तैयार हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 दिसंबर को लोकार्पण करने नगर में आ रहे हैं।
आइआइटी से लेकर मोतीझील के बीच पडऩे वाले सभी नौ स्टेशनों में आकर्षक चित्रकारी की गई है। प्राथमिक कारीडोर में आइआइटी से मोतीझील तक नौ स्टेशनों के बीच मेट्रो रेल का संचालन आरंभ होगा। प्रधानमंत्री के लोकार्पण करने के दूसरे दिन अर्थात 29 दिसंबर से मेट्रो रेल सुबह छह बजे से आइआइटी मेट्रो स्टेशन और मोतीझील मेट्रो स्टेशन से प्रस्थान करेगी। आमजन सभी मेट्रो स्टेशनों पर सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। नगरवासी को अंतिम मेट्रो रेल रात 10 बजे तक मिलेगी। तथा आरंभ में छह जोड़ी ट्रेनों के साथ आरंभ होगा। पहले प्रत्येक स्टेशन पर 10 मिनट के अंतराल में ट्रेनें मिलेंगी। उसके पश्चात जैसे-जैसे ट्रेनें की संख्या बढ़ती जाएंगी, वैसे-वैसे समय कम होता जाएगा। इस कारीडोर में आठ जोड़ी ट्रेनें चलाई जाएंगी, तब प्रत्येक स्टेशन में पांच मिनट के अंतराल में ट्रेनें मिलेंगी।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर को कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पूर्ण खंड के साथ बीना-पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे।
बीना पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन की अधिक जानकारी के लिए बता दें की यह 356 किलोमीटर लंबी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना है जिसकी क्षमता लगभग 34.5 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। मध्य प्रदेश की बीना रिफाइनरी से लेकर कानपुर के पनकी तक फैली इस परियोजना को 1500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। यह कानपुर क्षेत्र में बीना रिफाइनरी से पेट्रोलियम उत्पादों को पहुंचाने में सहायता करेगी।
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महत्वपूर्ण है कि कानपुर मेट्रो के आरंभ होने से नगरवासियों को जाम से मुक्ति मिलेगी। साथ ही अति व्यस्त सड़कों से लोड भी कम होगा। तथा कोविड को ध्यान में रखते हुए सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा गया है। बता दें की एक विशेष तकनीकि से पूरी मेट्रो को केवल आधे घंटे में सैनिटाइज़ किया जा सकता है। सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया को रिमोट से किया जाएगा।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त कानपुर मेट्रो की जानकारी पसंद आई हो तो शहर अथवा जिले का नाम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
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