विंध्याचल मंदिर का मार्ग अब गलियों से नहीं सीधा हाईवे से
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भारतवर्ष के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक विंध्याचल के विंध्यवासिनी धाम पहुँचना होगा अब और भी सरल व सुविधाजनक, प्रशासन ने विंध्य कॉरिडोर के साथ साथ मंदिर तक पहुँच मार्गों को संवारने का कार्य आरंभ कर दिया है।
भारतवर्ष की धर्म नगरी काशी अर्थात वाराणसी (Varanasi) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम काॅरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के प्रथम चरण के उद्घाटन के पश्चात द्वितीय चरण का निर्माण कार्य तीव्र गति से संचालित है जिसकी जानकारी हम आपको समय समय पर देते रहते हैं एवं अब काशी के तर्ज पर ही प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट अर्थात विंध्याचल मंदिर पर विंध्य काॅरिडोर (Vindhya Corridor) का निर्माण भी हो रहा है।
बता दें की विंध्याचल पर्वत भारत के प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है तथा यहाँ स्थित विंध्यवासिनी माता मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है।
विंध्य काॅरिडोर की अधिक जानकारी के लिए आपको बता दें की 30 अक्टूबर 2020 को योगी कैबिनेट ने इसे स्वीकृति दी थी और नवंबर 2020 में अधिग्रहण और ध्वस्तीकरण का काम आरंभ हो गया था। तथा इस प्रोजेक्ट की लागत है लगभग 331 करोड़ रुपये जिसका उद्देश्य है विंध्याचल मंदिर का चहुमुखी विकास एवं श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान के साथ पर्यटन को बढ़ावा देना। इस परियोजना में यहाँ के गंगा तट व विंध्यवासिनी मंदिर से लेकर विंध्य पर्वत तक का विकास सम्मिलित है। जिसमें की विंध्यवासिनी मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ के निर्माण के अतिरिक्त मंदिर तक आने वाले सभी मार्गों को संवारा जाना है तथा गंगा घाटों का निर्माण आदि भी सम्मिलित है।
सबसे बड़ी बात यह है की अब इस विंध्य कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ ली है। आपको हम आगे इस वीडियो में मंदिर तक आने वाले पहुँच मार्गों पर हो रहे निर्माण व ध्वस्तिकरण आदि की विशेष जानकारी देने जा रहे हैं।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की काॅरिडोर के पहले चरण में मंदिर के चारों ओर 50 फीट का परिक्रमा पथ बनाया जा रहा है जिसके लिए मार्ग प्रशस्त हो चुका है। इसके अतिरिक्त मंदिर तक जाने वाले चार मार्गों को भी चौड़ा किया गया है। जिसमें की पुरानी वीआईपी गली का विस्तार 40 फ़ीट, न्यू वीआईपी गली का विस्तार 35 फ़ीट, गंगा घाट की ओर जाने वाले पक्काघाट मार्ग के दो सौ मीटर तक गली की चौड़ाई 35 फ़ीट बढ़ाई गयी है।
बता दें की परिक्रमा पथ के निर्माण के लिये मकान, दुकान समेत 92 सम्पत्तियां और चारों मार्ग के चौड़ीकरण के लिये 671 सम्पत्तियां क्रयकर ध्वस्त किया जा चुका है और उसका मलबा भी हटा दिया गया है।
यही नहीं वर्तमान समय में मंदिर परिसर के निकट अस्थाई निर्माण कार्य आदि तो चल ही रहा है तथा इसके साथ ही मुख्य सड़क से लेकर मंदिर के पहले मोड़ तक भी एक चौड़ी सड़क के निर्माण पर कार्य संचालित है। आप यदि मिर्जापुर की ओर से आते हैं तो जिस चौराहे से आप मंदिर आने के लिए मुख्य सड़क से दाईं ओर मुड़ते हैं वहाँ से लेकर इस पूरी सड़क को मंदिर के निकट तक कुल 800 मिटर तक की लंबाई में चौड़ा किया जा रहा है।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की NH 35 के अटल बिहारी चौराहे से जिसे की नानी चौक भी कहते हैं वहाँ से मंदिर के निकट वाली सड़क तक इस मार्ग को लगभग 70 फिट चौड़ा किया जाना है जिसपर की कार्य संचालित है।
बता दें की इस सड़क का निर्माण लंबे समय से लंबित था एवं बीते सप्ताह यहाँ के कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्र ने भी बन रहे सड़क के निर्माण कार्य का औचक निरिक्षण किया।
अधिक जानकारी के लिए बता दें की यह निर्माण कार्य अटल चौक से लेकर रेलवे पुल तक संचालित है एवं रेहड़ा पुल के आगे से चोड़ीकरण के लिए अतिक्रमण को हटाने का कार्य संचालित है एवं इसके आगे सड़क किनारे खुदाई व समतलीकरण का कार्य हो रहा है। हम आपको यह सभी कार्य के वर्तमान परिस्थिति की दृश्य विस्तार से दिखाने का प्रयास करते हैं।
अधिक जानकारी के लिए बता दें काॅरिडोर की सम्पत्ति क्रय करने के लिये शासन से अब तक तीन किस्तों में लगभग 150 करोड़ की धनराशि मिल चुकी है। विंध्य काॅरिडोर की लागत 331 करोड़ रुपये है परंतु परियोजना के विस्तार से इसकी लागत अभी और बढ़ेगी।
बता दें की कॉरिडोर में मार्ग के चौड़ीकरण के पश्चात गंगा घाट से श्रद्धालु सीधे मंदिर के शिखर का दर्शन भी कर सकेंगे। गंगा घाट से श्रद्धालु जैसे ही मंदिर के बड़े प्रवेश द्वार में आएंगे वैसे ही उन्हें सबसे पहले मंदिर का शिखर प्रदर्शित होगा। इसके अतिरिक्त विन्ध्य कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत मंदिर परिसर, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पार्क, हेलीपोर्ट, पर्यटक स्थल व पार्किंग आदि भी बनना है जिनके कार्य शीघ्र ही आरंभ होंगे। इनके अतिरिक्त एक वॉच टावर का निर्माण कराया जाना है।
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बता दें की विंध्य कारिडोर के अंतर्गत विंध्यवासिनी मंदिर के चारों ओर 50 फीट चौड़ा परिक्रमा पथ के साथ ही थाना कोतवाली गली, पुरानी वीआइपी, नई वीआइपी गली व पक्का घाट मार्ग भी चौड़ा होगा। एक अगस्त 2021 को गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विंध्य कारिडाेर का शिलान्यास कर निर्माण कार्य आरंभ कराने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। विंध्य कारिडोर का निर्माण कार्य राजकीय निर्माण निगम कराएगा। इसके लिए शासन की ओर से राजीव सिंह को प्रोजेक्ट मैनेजर नामित किया गया है। प्रोजेक्ट मैनेजर की देखरेख में ही निर्माण कार्य होगा। प्रथम चरण में परिक्रमा पथ के साथ थाना कोतवाली गली, पुरानी वीआइपी, नई वीआइपी गली, पक्का घाट मार्ग का निर्माण होगा। जिसके लिए कार्य आरंभ हो चुका है।
आपको बता दें कि, विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पश्चात विंध्य कॉरिडोर सरकार का बड़ा सपना है। मंदिर परकोटा अष्ट कोणीय बनेगा और इसके साथ ही तिरुपति बालाजी के तर्ज पर मुंडन संस्कार के लिए हाल बनेगा। यज्ञशाला और ध्यान केंद्र भी परिसर में होगा। जल व प्रकाश की उत्तम व्यवस्था होगी इसके साथ ही परिसर तक आने के लिए बैटरी रिक्शा चलाये जाएंगे।
इसमें यह भी बता दें की विंध्य कॉरिडोर के लिए तृतीय चरण में प्रस्तावित 1796 वर्गमीटर अतिरिक्त भूमि क्रय करने को आवश्यक भवनों, दुकानों, प्रतिष्ठानों की पैमाइश आरंभ हो चुकी है। पीडब्लूडी, नगरपालिका व राजस्व विभाग के कर्मचारी इस कार्य में लगे हुए हैं। जैसे जैसे यह कार्य आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे और संपत्तियों के अधिग्रहण व क्षतिपूर्ति कार्य को किया जा रहा है।
विंध्यवासिनी कॉरिडोर के लिए मंदिर तक जाने वाले चार प्रमुख मार्गों पर प्रवेश द्वारों के निर्माण तथा जनसुविधाओं के विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है। जिसके लिए चिह्नित भवनों व भूमि का सहमति के साथ अधिग्रहण हो रहा है।
1796 वर्ग मीटर भूमि में सबसे अधिक भूमि मंदिर के उत्तर पूर्व ओर, कोतवाली गली प्रवेश द्वार निर्माण के लिए तीन खंडों में से 270 – 270 वर्ग मीटर की आवश्यकता है। इसी प्रकार पुरानी वीआईपी मार्ग के पर प्रवेश द्वार के लिए 219 वर्ग मीटर की आवश्यकता बताई गई है। मंदिर परकोटा तथा कोतवाली गली से संलग्न प्रवेश प्रांगण के लिए 765 वर्गमीटर भूमि की आवश्यकता बताई गई है। मंदिर परकोटा से पश्चिमी में प्रवेश के लिए 122 वर्ग मीटर तथा परकोटा के दक्षिण की ओर 150 वर्गमीटर भूमि का अधिग्रहण होना है।
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मंदिर परकोटा से जुड़े दक्षिणी पूर्वी कोण पर यज्ञशाला का निर्माण होगा। 150 वर्गमीटर में बनने वाले विशाल यज्ञशाला में एक साथ कई लोग आहुति दे सकेंगे। इसी प्रकार ओल्ड वीआईपी रोड के समीप अतिविशिष्ट केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। 122 वर्ग मीटर का निर्माण कराया जाएगा।
डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार के अनुसार मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्यवासिनी कारिडोर के लिए आवश्यक भूमि के संबंध में शासन से प्राप्त पत्र के अनुसार ही कार्य संचालित है। जो आपके समक्ष स्क्रीन पर उपलब्ध है।
महत्वपूर्ण है कि शौर्य और संस्कार की धरती के रूप में विख्यात विंध्य क्षेत्र अब समृद्धि की नई कहानी लिखेगी। विंध्य कारिडोर के माध्यम से जहां विंध्यक्षेत्र की प्रगति को गति मिलेगी तो वहीं जिले का माडल संपूर्ण परिवर्तित भी हो जाएगा।
सरल शब्दों में कहें तो विंध्य धाम कॉरिडोर प्रोजेक्ट पूर्ण होने के पश्चात यहां पर आने वाले पर्यटकों को तंग बदहाल गलियों से नही गुजरना पड़ेगा। एवं मंदिर में श्रद्धालुओं के आवागमन में तो सुविधा होगी ही, साथ लंबी कतारें लगने से भी मुक्ति मिल जाएगी।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त विंध्य काॅरिडोर के निर्माण कार्य की जानकारी पसंद आई हो तो जय माँ विंध्यवासिनी कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें: