वाराणसी के सिग्नेचर ब्रिज ने पकड़ी रफ़्तार
Getting your Trinity Audio player ready...
|
विश्व की प्राचीनतम जीवित नगर काशी व देश की धार्मिक राजधानी अर्थात वाराणसी के विकास का क्रम अभी रुकने वाला नहीं। तथा मोदी जी वाराणसी का सांसद बनने के पश्चात संभवतः ये वाराणसी के नए युग का आरंभ है। मित्रों जैसा की आप जानते हैं कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में वाराणसी में सैकड़ों विकास परियोजनाओं पर कार्य संचालित हैं। तथा मोदी जी समय समय पर इन परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन भी करते रहते हैं।
इसी क्रम में आपको बता दें की वाराणसी में गंगा नदी पर राजघाट स्थित मालवीय पुल के समानान्तर एक और नया पुल बनेगा। तथा इसे सिग्नेचर ब्रिज की तर्ज पर बनाने की योजना है। यह पुल इंटर माडल स्टेशन काशी से जुड़ेगा जिसका निर्माण काशी रेलवे स्टेशन को केंद्र में मानकर किया जाएगा।
सिग्नेचर ब्रिज की अधिक जानकारी के लिए बता दें की जैसा की हमनें इस विषय पर पहले आपको बताया था वर्तमान समय में गंगा पर प्रस्तावित नए रेलवे पुल की ऊंचाई का आकलन किया जा रहा है जिसके आधार पर इसके डिजाइन को तैयार किया जाएगा। तो इसपर हम आपको नवीन जानकारी देने के लिए बता दें की गंगा में मालवीय पुल के समान शीघ्र ही सिग्नेचर ब्रिज तैयार हो जाएगा। प्रस्तावित ब्रिज की ऊंचाई से संबंधित अड़चनें दूर होने के पश्चात इस दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं।
बता दें की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने एनओसी जारी कर दिया है। और अब एनएचएआइ से डीपीआर फाइनल होना शेष है। इसके पश्चात परियोजना को मूर्त रूप देने का कार्य आरंभ हो जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें की वर्ष 2017-18 के अंतरिम बजट में गंगा नदी पर मालवीय ब्रिज के समानांतर एक नया ब्रिज बनाने की परियोजना स्वीकृत हुई थी। उद्देश्य यह है कि अपनी उम्र की अवधि पूरी कर चुके मालवीय पुल पर वाहनों का दबाव कम हो सके। परंतु गंगा में जल परिवहन की योजना और डिजाइन को लेकर कुछ अड़चनें आ रही थीं। इसके चलते तीन वर्षों की लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ी थी। परंतु शुभ समाचार यह है कि अब ये बाधा भी दूर हो चुकी है। जानकारी के अनुसार नए ब्रिज की ऊंचाई पुराने मालवीय ब्रिज के समान ही होगी। तथा दोनों पुलों के मध्य में 45 मीटर का फासला होगा।
बता दें की सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई तय होने के पश्चात अब काशी स्टेशन पर प्रस्तावित मल्टी मॉडल स्टेशन का मार्ग भी प्रशस्त हो चुका है। तथा सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई के आधार पर ही इस परियोजना की भी रूपरेखा तैयार की जाएगी। मल्टी मॉडल स्टेशन परियोजना के अंतर्गत यहां सड़क, रेल और जल मार्ग आपस में जुड़ जाएंगे। जिसकी जानकारी हमने अपने पिछले वीडियो में दी थी।
इस सिग्नेचर ब्रिज के लागत की जानकारी के लिए बता दें की इसके निर्माण में कुल 2005.147 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।
अब यदि इस पूरे परियोजना की अधिक जानकारी दें तो आपको बता दें की इसमें कुल चार चरण होंगे तथा पहले चरण में व्यासनगर- काशी स्टेशन की यार्ड रिमाडलिंग कार्य होगा। दूसरे चरण के अन्तर्गत डीडीयू – व्यासनगर आरओबी (डीएफसीसीआइएल) का निर्माण होगा। तीसरे चरण में वाराणसी -काशी – व्यासनगर रेलखंड पर तीसरी और चौथी लाइन बिछेगी तथा चौथे व अंतिम चरण के अन्तर्गत गंगा के ऊपर सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण व ऊपर सड़क से कनेक्टिविटी भी की जाएगी।
Also Read
संगम नगरी को बड़ी सौगात, प्रयागराज रिंग रोड ने पकड़ी रफ़्तार
अयोध्या के विकास ने पकड़ी रफ़्तार, ऐसे होगा अद्भुत कायाकल्प
बता दें कि इस कड़ी में पहले से ही कार्य संचालित है तीसरी व चौथी रेलवे पटरी बिछाने का कार्य किया जा रहा है जिसके अंतर्गत वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर काशी स्टेशन के मध्य में अधिकंश कार्य तो पूर्ण भी हो चुका है जिसमें की पूराने ट्रैक के अगल बगल दोनों छोर से एक एक पटरी बिछाई जा रही है तथा एक ओर गुड्स लाईन भी बिछाने का कार्य हो रहा है एवं साइड साइड में आवश्यकता अनुसार रिटेनिंग वाल का भी निर्माण हुआ है.
बता दें कि कैंट स्टेशन से लेकर चौकाघाट तक का कार्य तो अगले एक माह में पूर्ण भी हो जाएगा. यह स्थान नगर के मध्य में घनी जनसंख्या के बीच में है और यहीं पर रेलवे ट्रैक भी है, नीचे सड़क मार्ग भी है तथा बगल से चौकाघाट लहरतारा फ्लाईओवर भी गुजर रहा है.
अधिक जानकारी के लिए बता दें की वर्ष 2017-18 के बजट में मालवीय पुल के समानांतर रेल ब्रिज बनाते हुए वाराणसी से DDU के मध्य में लाइन बिछाने के लिए लगभग 2000 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे, जिसमें से एक करोड़ रुपया डीपीआर बनाने के लिए जारी किया गया था। रेलवे के लखनऊ मंडल के इंजीनियरिंग विभाग ने डीपीआर तैयार कर बोर्ड को भेज भी दिया था। परंतु इसी बीच काशी स्टेशन पर इंटर मॉडल स्टेशन का प्लान आया, जिसे एनएचएआई ही विकसित करेगा। इंटर मॉडल स्टेशन के प्लान के कारण रेल ब्रिज में परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया था। अब इंटर मॉडल स्टेशन से लगते हुए सिग्नेचर ब्रिज बनाया जायेगा। तथा इस सिग्नेचर ब्रिज पर मालवीय पुल की ही तरह ट्रेन के अतिरिक्त सड़क यातायात भी होगा। यही नहीं वाराणसी कैंट और DDU के मध्य बिछाई जाने वाली तीसरी व चौथी रेल लाइन सिग्नेचर ब्रिज से ही होकर के जायेगी जोकी DFC को वाराणसी से लिंक करेगी। भारतीय रेलवे के सबसे बड़े प्रोजेक्ट Dedicated freight Corridor से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को जोड़ने से पूरे वाराणसी मंडल को औद्योगिक दृष्टि से अत्यंत लाभ मिलेगा जो वाराणसी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
Also Read
वाराणसी हावड़ा बुलेट ट्रेन बिहार व झारखंड में यहाँ से हो कर के गुजरेगी!
काशी को अति शीघ्र मिलने वाली है नई पहचान
इसके अतिरिक्त आपको बता दें की वाराणसी में लगभग 2 किलोमीटर लंबा गंगा नदी पर एक और केबल स्टेड ब्रिज का निर्माण हो रहा है जो कि वाराणसी रिंग रोड परियोजना का भाग है एवं यह पुल वाराणसी से चंदौली व गाज़ीपुर आदि के यातायात में अत्यंत सुविधा प्रदान करेगा। जिसकी नवीन जानकारी हम आपको शीघ्र ही देंगे।
महत्वपूर्ण है कि बनारस में मालवीय पुल के पास ‘सिग्नेचर ब्रिज’ बनाया जायेगा। इसका निर्माण हावड़ा ब्रिज की तर्ज पर होगा। इसके डीपीआर का दायित्व एनएचएआई को दिया गया है। एनएचएआई के डीपीआर पर रेलवे काम करायेगा। इंटर मॉडल स्टेशन के कारण पूर्व में मालवीय पुल के समानांतर बनने वाले रेल ब्रिज में परिवर्तन कर इसे सिग्नेचर ब्रिज का रूप दिया गया है। इसके लिए अब भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने एनओसी भी जारी कर दिया है। आइडब्लूएआइ से सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई के बाबत एनओसी मिलने के पश्चात अब एनएचएआइ के डीपीआर की प्रतीक्षा है।
यह भी महत्वपूर्ण है कि इसी मालवीय पुल के नीचे राजघाट से लेकर भैंसासुर घाट व खिड़कीया घाट के भी सौंदर्यीकरण का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है तथा उद्घाटन भी अपेक्षित था परंतु पिछले दिनों विधानसभा चुनावों के तारीख़ की घोषणा के पश्चात किसी भी प्रकार के उद्घाटन व शिलान्यास के कार्यक्रमों को आदर्श आचार संहिता लगने के कारण से नहीं किया जा सकता है इसलिए अब खिड़कीया घाट का उद्घाटन भी अन्य कई परियोजना के शिलान्यास व उद्घाटन के साथ ही स्थगित हो गया है।
बता दें की खिड़कीया घाट अपने आप में सबसे विशेष है तथा यह भारत का सबसे आधुनिक घाट भी है इस घाट को कई अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है जिसमें कि CNG स्टेशन, पार्क, एम्पथिएटर, रेस्टोरेन्ट आदि का निर्माण हुआ है तथा इसके द्वितीय चरण में हेलीपोर्ट व पार्किंग आदि का निर्माण भी होना है जिसके पश्चात यह एक मात्र घाट होगा जो जल थल व नभ से जुड़ा हुआ होगा तथा काशी रेलवे स्टेशन के इण्टर मॉडल स्टेशन काशी में परिवर्तित होने के पश्चात इस खिड़कीया घाट को रेल से भी जोड़ने की योजना है। खिड़कीया घाट की भी विस्तृत जानकारी हमारे पिछले वीडियो में उपलब्ध है।
मित्रों यदि उपरोक्त वाराणसी सिग्नेचर ब्रिज की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बॉक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें: