PM मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी बुलेट ट्रेन पर आई नई खुशख़बरी
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देश के विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारत में वृहद High speed trains का जाल बिछ रहा है जिसमें कि काशी अर्थात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की भी महत्वपूर्ण भूमिका सामने आ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलेट ट्रेन को लेकर ड्रीम प्रोजेक्ट एक कदम और आगे बढ़ा है। दिल्ली के सराय काले खां ले चलकर वाराणसी पहुंचने वाली बुलेट ट्रेन के लिए एलिविटेड ट्रैक यमुना एक्सप्रेस-वे, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तथा गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे बिछाया जाएगा।
इस बुलेट ट्रेन में दिल्ली से बनारस के मध्य में 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं। दिल्ली के सराय काले खां से आरंभ होकर ट्रेन बनारस के मडुआडीह तक जाएगी। इस बीच दिल्ली के साथ नोएडा, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, मीरजापुर और वाराणसी स्टेशन होंगे। तथा एक स्पेशल लाईन का भी निर्माण होगा जो की लखनऊ से अयोध्या के मध्य में 135 किलोमीटर की बनेगी। तथा इसके बनने से बुलेट ट्रेन के स्टेशनों की सूची में अयोध्या भी सम्मिलित होगा।
जानकारी के लिए बता दें की दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन के लिए एक हाई स्पीड कारिडोर बनेगा जो उत्तर प्रदेश के 22 जिलों तथा दिल्ली के दो जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें बनारस की दो तहसीलों राजातालाब व सदर के 30 गांव प्रभावित होंगे। वाराणसी से दिल्ली के लिए बुलेट ट्रेन 810 किमी दूरी महज तीन घंटे 40 मिनट में तय करेगी।
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अब यदि इस बुलेट ट्रेन परियोजना में आए नवीन परिवर्तन व वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दें तो आपको बता दें की दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन के लिए इसी वर्ष फरवरी माह में लीडार सर्वे हुआ था तथा लगभग 8 महीने की परिश्रम के पश्चात भारतीय रेलवे के उपक्रम एनएचएसआरसीएल अर्थात नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने डीपीआर तैयार कर लिया है। तथा बीते नौ नवंबर को यह रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है। शासन से आदेश मिलते ही जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ कर देंगे।
वाराणसी की बात करें तो पूर्वोत्तर रेलवे के ज्ञानपुर ट्रैक के किनारे से बुलेट ट्रेन के लिए हाई स्पीड कारिडोर बनाया जाएगा। यह कारिडोर वाराणसी के 30 गांवों से 22 किलोमीटर गुजरेगा। इसके लिए कुल 100 हेक्टेअर भूमि की आवश्यकता होगी।
पूर्वोत्तर रेलवे के ज्ञानपुर ट्रैक के किनारे हाई स्पीड कारिडोर निर्माण के लिए भूमि की खोज पूरी हो गई है। अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया की जानी शेष है, जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ करने की प्रतीक्षा जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता के लिए प्रत्येक गांव में समितियां बनाई जाएंगी। किसानों की सहमति से भूमि को क्रय किया जाएगा। इससे पहले समाचार पत्र में अधिग्रहण की सूचना भी प्रकाशित होगी।
बता दें की ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुना तथा नगरी क्षेत्र में दो-गुना क्षतिपूर्ति दिया जाएगा। वाराणसी से दिल्ली तक हाई स्पीड कारिडोर से एक शाखा कारिडोर भी जुड़ेगा जिससे लखनऊ होते हुए भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या तक लगभग 135 किमी की यात्रा भी किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दिल्ली तक जिस बुलेट ट्रेन की परिकल्पना की गई है उसे अब धरातल पर उतारने को लेकर बड़ी सफलता मिल गई है।
जानकारी के लिए बता दें की वाराणसी में बुलेट ट्रेन के ट्रैक निर्माण के लिए जिन गाँवों में भूमि अधिग्रहण होंगे उनके नाम हैं गुडिय़ा, पूरे, लच्छापुर, रायपुर, भंजनपुर, रखौना, चित्तापुर, कचनार, असवारी, जगतपुर, नरउर, हरदत्तपुर, बैरवन आदि।
यह भी बता दें की बुलेट ट्रेन के हाई स्पीड कारिडोर निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण कार्य होना है, परंतु अब तक इस बाबत कोई शासन का आदेश नहीं मिला है। नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही होगी।
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महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आपको बता दें की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को नई दिल्ली बुलेट ट्रेन से जोड़ने के लिए प्रस्तावित योजना का डीपीआर तैयार हो गया है। परंतु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड को सौंपी गई डीपीआर में अयोध्या फिलहाल सम्मिलित नहीं है। पूर्व में अयोध्याधाम को भी बुलेट ट्रेन के संशोधित डीपीआर का हिस्सा बताया गया था। क्योंकि, लिडार सर्वे में अयोध्या को सम्मिलित किया गया था। परंतु अयोध्यावासी आश्वस्त रहें आगे अयोध्या को बुलेट ट्रेन में अवश्य जोड़ा जाएगा ओर यह बीते दिनों उत्तर प्रदेश के प्रमुख विकास परियोजनाओं की सूची में लखनऊ अयोध्या बुलेट ट्रेन को भी बताया गया था।
अभी नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से डीपीआर के संबंध में इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। अधिकृत जानकारी के पश्चात ही अयोध्या को लेकर स्थिति साफ होगी।
बुलेट ट्रेन का प्रस्तावित मार्ग दिल्ली के सराय काले खान से आरंभ होकर गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ होते हुए प्रयागराज, संत रविदास नगर, मिर्जापुर होकर मंडुआडीह में समाप्त होगा। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र रायबरेली भी सम्मिलित है।
अब हम यदि इसके आगे की जानकारी दें तो आपको बता दें की NHSRCL द्वारा बनाए गए DPR को रेल मंत्रालय की ओर से स्वीकृत मिलने के पश्चात इसे कैबिनेट की स्वीकृति की भी आवश्यकता होगी। एवं कैबिनेट की स्वीकृति के पश्चात ही नई दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल मार्ग के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। एवं तभी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी आरंभ होगी।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें की बता दें की दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन लगभग 810 किलोमीटर लंबी हाई स्पीड रेल काॅरिडोर बनाने की परियोजना है जिसकी लागत लगभग 1 लाख 21 हजार करोड़ रुपये है। तथा अयोध्या को बुलेट ट्रेन मार्ग में जोड़ने के पश्चात अब इस परियोजना की लागत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये होगी। अयोध्या में एयरपोर्ट के ठीक सामने स्टेशन बनाया जाएगा। इसकी भूमि चिह्नित कर फाइनल कर दी गई है, साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी मांग ली गई है।
यह भी बता दें की इस परियोजना में ट्रेन चलाने के लिए अलग से पटरियां बिछाई जाएंगी जो 10 मीटर ऊँची होगी। साथ ही बड़े शहरों के ट्रैफिक को देखते हुए कुछ शहरों में भूमिगत लाइनें भी बिछाई जाएंगी। इसमें लखनऊ व आगरा सम्मिलित हैं।
जानकारी के लिए बता दें की दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम चार चरणों में पूरा किया जाएगा।
पहला चरण दिल्ली से आगरा तक,
दूसरा चरण आगरा से लखनऊ,
तीसरा चरण लखनऊ से प्रयागराज
और अंतिम व चौथा चरण प्रयागरात से वाराणसी तक का होगा।
पहले फेज को वर्ष 2024-25 में पूरा करने का लक्ष्य है।
मित्रों यदि वीडियो में दी हुई दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की जानकारी आपको पसंद आई हो तो विडियो को लाईक अवश्य करें एवं वीडियो के विषय में यदि कोई सुझाव हो तो वह भी अवश्य बताएं।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें:
बहुत सुन्दर है