नए चरण में पंहुचा अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण कार्य
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500 वर्षों की अथक तपस्या का परिणाम स्वरूप, गुलामी की दिवारों से बाहर निकल कर भगवान श्री राम लला का मंदिर (Ram Mandir Ayodhya), समग्र विश्व में हिन्दूत्व की स्थापना व सनातन का परचम लहराने को अयोध्या में सज्ज हो रहा है।
Ayodhya : समस्त सनातनीयों की सबसे बड़ी आस्था का केंद्र भगवान श्री राम लला के भव्य मंदिर का निर्माण अब अत्यंत तीव्र गति से संचालित है। और श्री राम मंदिर के निर्माण का अगला चरण अब इसकी छत की बीम डालने के साथ आरंभ भी हो गया है। लगभग दो दर्जन से अधिक बीम पिलर्स के ऊपर रखी जा चुकी है। इसके पहले 166 पिलर्स 20 फीट ऊंचे खड़े हो चुके हैं।
आइए अब हम आपको सभी जानकारी विस्तार से देते हैं और बताते हैं कि कहां कहां क्या क्या बन चुका है अब तक। तो आरंभ करते हैं सीढियों से तो बता दें कि प्रवेश द्वार की 32 सीढ़ियों का निर्माण हो चुका है। गर्भगृह का परिक्रमा मार्ग का भी निर्माण हो चुका है, जिस पर केवल मंदिर के पुजारी ही परिक्रमा करेगें।
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इसके पश्चात श्रद्धालुओं के लिए परिक्रमा मार्ग का निर्माण मंदिर के परकोटा के क्षेत्र में किया जा रहा है। गर्भगृह के कपाट को स्वर्ण जड़ित किया जाएगा। तथा नृत्य मंडप और रंग मंडप का निर्माण भी पूरा हो रहा है। सिंह द्वार के दोनों ओर सीढ़ियों के निर्माण के साथ लिफ्ट भी लगेगी। मंदिर में बुजुर्गों और दिव्यांगों को दर्शन करवाने के लिए भी सुलभ व्यवस्था की जा रही है। मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार, मंदिर के सिंह द्वार से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करेंगे, जो बन चुका है।
वहीं बात करें प्रतिमा निर्माण की तो राम लला और अन्य 13 मूर्तियों का निर्माण भी अप्रैल में ही आरंभ होना है। मूर्ति विशेषज्ञ नेपाल, ओडिशा, कर्नाटक और राजस्थान से लाई गई शिलाओं से गर्भगृह में स्थापित की जाने वाली रामलला और अन्य देवी देवताओं के विग्रह को तराशेंगे।
इसके अतिरिक्त द्वार और खिड़कियों का निर्माण के लिए तकनीकी टीम ने आश्वस्त किया है कि अक्टूबर तक भूतल का निर्माण पूरा हो जाएगा। मंदिर के द्वार और खिड़कियों का निर्माण कार्य भी महाराष्ट्र में प्रगति पर है।
भगवान श्री राम लला के भव्य मंदिर निर्माण की अधिक जानकारी हेतु बता दें कि राम मंदिर के भूतल पर जितनी बीम लगनी है, वे सब नक्काशी करने के पश्चात मंदिर निर्माण स्थल पर लाई जा चुकी हैं। बीम का काम पूरा होने के पश्चात मंदिर के भूतल की छत का निर्माण आरंभ हो जाएगा, जिसे जून जुलाई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह भी बता दें कि रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन 161 फीट ऊंचे राममंदिर में 42 द्वार लगाए जाने हैं। दरवाजे, खिड़की व चौखट के लिए महाराष्ट्र के टीक वुड (सागौन) की लकड़ियां प्रयोग की जाएंगी। महाराष्ट्र में लकड़ियों की कटाई के पश्चात इन्हें सुखाने के लिए नागपुर भेजा गया है। इसके पश्चात हैदराबाद व राजस्थान में इनकी नक्काशी होगी। नक्काशी के पश्चात तैयार खिड़की-दरवाजे अयोध्या लाए जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो के अधिकारी समय-समय पर महाराष्ट्र के चंद्रपुर जाकर आवश्यकतानुसार लकड़ियों की कटाई करवाते रहेंगे। उन्हीं की देखरेख में हैदराबाद एवं राजस्थान में लकड़ियों की नक्काशी का भी काम संपन्न होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार आमतौर पर सागौन की लकड़ियों में 20 से 30 प्रतिशत तक की नमी होती है। परंतु लंबे समय तक टिकाऊ बनाने के लिए नमी को 10 प्रतिशत तक लाना आवश्यक होता है। जानकारी के अनुसार 1855 क्यूबिक फीट सागौन की लकड़ी की पहली खेप शीघ्र ही समस्त प्रक्रियाओं के पश्चात सीधे अयोध्या पहुंचेगी।
आप यदि यह जानना चाहते हैं कि कब से होगा मंदिर की छत का निर्माण तो आपको हम बता दें कि राममंदिर के भूतल (गर्भगृह) का काम अब अंतिम चरण में पहुंच रहा है। अभी पत्थरों पर मेहराब(आर्च) बनाने का काम चल रहा है। अगले महीने से रामलला के घर की छत ढालने का कार्य आरंभ हो जाएगा। राममंदिर के गर्भगृह का परिक्रमा पथ भी बन चुका है। मेहराब वास्तुकला का एक शानदार काम है जो किसी भी संरचना में लालित्य और सुंदरता जोड़ता है।
मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर कई स्थानों पर मेहराब बनाने का काम चल रहा है। बीम के भी सभी स्तंभ तैयार हैं। कुल 429 बीम लगाए जाने हैं। इनमें से अब तक 50 बीम लगाए जा चुके हैं। इसी माह यह काम पूरा होते ही मई माह से राममंदिर की छत ढालने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। राममंदिर में दो परिक्रमा पथ बनाए जा रहे हैं जिसमें से गर्भगृह का परिक्रमा पथ बन चुका है। गर्भगृह की परिक्रमा केवल पुजारी ही कर पाएंगे।
मंदिर परिसर के परिक्रमा पथ का काम अंतिम चरण में है। यह परिक्रमा पथ कीर्तन मंडप से शुरू होकर भजन मंडप तक है। मंदिर का सिंहद्वार पहला प्रवेश द्वार होगा। प्रवेश द्वार की 32 सीढ़िया भी लगभग बनकर तैयार हो चुकी हैं। मंदिर का गृह मंडप भी बनकर तैयार है।
गृहमंडप का द्वार मकराना के मार्बल से बनाया गया है। ऊपरी दीवारों पर मार्बल लगाने का काम चल रहा है। इसी क्रम में मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिहाज से 60 फीट ऊंचा परकोट बनाया जा रहा है। परकोटे के लिए अभी नींव खोदाई का काम चल रहा है। परकोटा 14 फीट चौड़ा होगा। इसमें देवी-देवताओं के छह मंदिर भी बनाए जाने हैं। गर्भगृह के मुख्य कपाट की जानकारी देने हेतु बता दें कि राममंदिर के गर्भगृह का कपाट 9 फीट ऊंचा और 12 फीट चौड़ा होगा।
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द्वार स्वर्ण मंडित होंगे। मूल गर्भगृह में श्रद्धालु नहीं जा पाएंगे, केवल पुजारी, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ही जाने की अनुमति होगी। राममंदिर के भूतल का 80 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। कार्य की गति बढ़ाने के लिए श्रमिकों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। दिसंबर 2023 तक भूतल बनकर तैयार करना है इसके लिए अब कारीगरों की नाइट शिफ्ट भी आरंभ कर दी गई है।
यदि इतनी जानकारी आपको अच्छी लगी तो हम आपको बता दें कि मंदिर निर्माण से जुड़ी अभी और बहुत जानकारी है आपको बताने को। निर्माणाधीन मंदिर के जलाभिषेक के लिए पाकिस्तान समेत 155 देशों व 7 महाद्वीपों के नदियों व समुद्रों का जल प्रवासी भारतीयों ने राम मंदिर जलाभिषेक के लिए भारत भेजा है।
प्रत्येक देशों के पवित्र जल को तांबे के लोटों में पैक व सील किया गया है। लोटों को भगवे रंग के रिबन से सजाया गया है और हर लोटों पर उस देश के नाम के स्टीकर चिपका दिए गए हैं। 23 अप्रैल 2023 को प्रात 10 बजे राम कथा सत्संग भवन, मणिराम दास छावनी के सभागार में होगा सामूहिक आयोजन। जिसमें संत महंत भी होंगे सम्मिलित। तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 155 देशों की नदियों के जल से भगवान रामलला की मूर्ति का भव्य जलाभिषेक करेंगे।
यही नहीं अयोध्या में 2024 में राम मंदिर को श्रद्धालुओं के खोलने की तैयारी है। राम मंदिर को जितना भव्य बनाया जा रहा है, उतना ही ध्यान यहां पर सुरक्षा को लेकर भी रखा जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने पुलिस की बजाय आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित 77 करोड़ रुपए का सिक्योरिटी सिस्टम तैयार करने का निर्णय किया है।
इसके अंतर्गत अयोध्या में कई वाच टॉवर बनाए जाएंगे। एक्स-रे मशीनें, सर्विलांस समेत हाईटेक उपकरण खरीदें जाएंगे जिससे पुलिस की तैनाती के बजाय टेक्नोलॉजी से सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सके। दर्शनार्थियों के लिए फैसिलिटेशन सेंटर की व्यवस्था की जाएगी। सरयू में मोटर बोट पर सवार पुलिस की संख्या बढ़ाई जाएगी।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई श्री राम मंदिर निर्माण की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में जय श्री राम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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