प्रयागराज रिंग रोड की मिली बड़ी सौगात
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भारत में सबसे तीव्र गति से गरीबी उन्मूलन करने के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में अगले कुंभ मेले से पहले बहेगी विकास की गंगा। क्योंकि संगम नगरी प्रयागराज की रिंग रोड (Prayagraj Ring Road) परियोजना डबल इंजन की गति से अब आगे बढ़ने लगी है।
Prayagraj Ring Road : महाकुंभ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक इनर रिंग रोड का प्रयागराज की जनता को अत्यंत प्रतीक्षा है। महाकुंभ से पहले इनर रिंग रोड के प्रथम चरण का काम किया जाएगा। इसके अंतर्गत 45 गांवों से होकर यह रिंग रोड गुजरेगी। जिसमें प्रयागराज-रीवा राजमार्ग के पालपुर से मीरजापुर मार्ग से होते हुए सहसों बाईपास तक लगभग 29.50 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। रिंग रोड के पहले चरण का कार्य वर्ष 2025 में लगने वाले महाकुंभ से पहले पूरा किया जाना है।
पहले आपको हम इस परियोजना की जानकारी देते हैं। बता दें की इस रिग रोड का निर्माण कौड़िहार ब्लाक में कानपुर-वाराणसी रोड से आरंभ होगा। गंगा पर ब्रिज बनाते हुए भगवतपुर के कई ब्लाक से होते हुए यह यमुना पार करेगा। यमुना पार रीवा रोड को पार करते हुए करछना तहसील के कई गांवों से गुजरते हुए गंगा पार झूंसी की ओर पहुंचेगा। फिर फूलपुर तहसील के कई गांवों से होते हुए वाराणसी रोड पर मिलेगा। यह रिग रोड कुल 65.066 किलोमीटर का होगा परंतु पहले चरण में रीवा रोड से वाराणसी रोड तक लगभग 29.50 किलोमीटर का ही बनेगा।
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प्रयागराज रिंग रोड परियोजना की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु बता दें कि महाकुंभ 2025 की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में सम्मिलित इनर रिंगरोड का निर्माण जुलाई अगस्त में आरंभ हो जाएगा। भूमि अधिग्रहण के प्रतिफल में क्षतिपूर्ति वितरण का कार्य पिछले तीन महीनों से चल रहा है।
भूमि अधिग्रहण की जानकारी हेतु बता दें कि पहले चरण में रिंग रोड बनाने के लिए लगभग 4500 किसानों की 221 हेक्टेयर अर्थात 884 बीघा भूमि का अधिग्रहण होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से दस्तावेज मांगे जा चुके हैैं। इसके अतिरिक्त किसानों को क्षतिपूर्ति देने का कार्य तेजी से चल रहा है। 195 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने के लिए राष्ट्रीय राज्यमार्ग प्राधिकरण द्वारा फूलपुर और करछना के किसानों को 250 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति दिया जाना है। जिसमें से अब तक 100 करोड़ रुपये दिया जा चुका है। क्षतिपूर्ति की शेष राशि भी अगले दो महीनों के भीतर सभी किसानों के खातों में हस्तांतरित कर दी जाएगी।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि महाकुंभ से पहले इनर रिंगरोड के प्रथम चरण का कार्य पूरा किया जाना है। और इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इसके लिए प्रशासन व एनएचएआई की ओर से अबतक लगभग 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहित किया जा चुका है।
इस परियोजना के अंतर्गत 29.50 किलोमीटर की रोड प्रथम चरण में तैयार होगी। इस समयावधि में गंगा नदी पर करछना से फूलपुर तक 3.2 किलोमीटर लंबा पुल तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त तीन फ्लाईओवर जिसमें ओल्ड जीटी रोड, मीरजापुर व रीवा रोड पर बनाया जाएगा। वहीं दो अंडर पास भी दिए जाएंगे।
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परियोजना की संक्षिप्त जानकारी देने हेतु बता दें कि इस रिंग रोड का 29.5 किमी का भाग दांदूपुर (रीवा रोड) से आरंभ होगा और 195 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र को कवर करते हुए सहसों (एनएच-19) स्थित टोल प्लाजा से जुड़ जाएगा। इस रिंग रोड के निर्माण के लिए गंगा पर अरैल (नैनी) से आरंभ होकर अधवा (झूंसी) पर उतरने वाला 3.2 किमी लंबा छह लेन का पुल भी बनाया जाएगा। सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये का क्षतिपूर्ति देगी, जिसमें से लगभग 300 करोड़ रुपये निजी भूस्वामियों को दिए जाएंगे।
प्रयागराज रिंग रोड परियोजना के निर्माण की महत्वपूर्ण जानकारी हेतु बता दें कि एनएचएआई के अनुसार आगामी महाकुंभ मेले को देखते हुए इनर रिंग रोड का निर्माण जुलाई अगस्त से आरंभ होगा। इसके निर्माण के लिए टेंडर डाल दिया गया है, परंतु अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। प्रयास किए जा रहे हैं कि महाकुंभ से जुड़ी इस विशेष परियोजना को समय रहते पूरा करा लिया जाए।
परियोजना में क्यों हो रहा है विलंब यदि आप यह जानना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि इसमें भूमि अधिग्रहण में तकनीकी गड़बड़ी व कानूनी बाधा के चलते विलंब हुआ है। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने कहा कि प्रतिदिन की मॉनीटरिंग हो रही है। जो मामले कोर्ट में चल रहे हैं, टीम उसकी भी पैरवी हर तारीख पर करेगी। जिससे इस प्रोजेक्ट को समय से आरंभ किया जा सके।
यही नहीं रिंग रोड के निर्माण में विलंब होने के कारण पुराने बजट में संशोधन भी किया गया है। पहले फेज के लिए रिंग रोड का निर्माण अब 3000 करोड़ रुपये के बजट से किया जाएगा। वहीं पूरी परियोजना की लागत अब 7048 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
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बता दें कि संगम नगरी में रिंग रोड बनाने की योजना वर्ष 2018 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से बनाई गई। उस समयावधि में 2700 करोड़ रुपये का बजट पूरी परियोजना के लिए निर्धारित किया गया था। पहले फेज के लिए 1100 से 1500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित था, परंतु अब पहले फेज में तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट खर्च किया जाएगा।
प्रयागराज में रिंग रोड का निर्माण 65 किलोमीटर में किया जाना है। पूरी योजना को दो फेज में पूरा करना है। पहले फेज का निर्माण 29.50 किलोमीटर तक किया जाएगा। दूसरे फेज में 35.500 किलोमीटर रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के पूरा होने के पश्चात कानपुर होते हुए एमपी जाने वाले वाहनों को प्रयागराज में इंट्री नहीं करनी पड़ेगी। उधर, मध्य प्रदेश से कानपुर होते हुए वाराणसी जाने वालों लोगों को भी सुविधा होगी। इनर रिंग रोड बनने से नगर के लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के भारी वाहनों को आवागमन में सुविधा होगी।
महत्वपूर्ण है प्रयागराज के निकट काशी में बना नया रिंग रोड (Varanasi Ring Road) जिस प्रकार से यूपी में हो रहे विकास की आधारभूत संरचना सुदृढ़ कर रहा है तथा वर्तमान सरकार की परिकल्पना को साकार कर रहा है ठिक उसी प्रकार से संगम नगरी प्रयागराज में भी ऐसे ही विकास को गति मिलने की अपेक्षा है जो कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा देने के साथ ही नगर का मान भी बढ़ाएगा।
मित्रों यदि आपको उपरोक्त दी हुई प्रयागराज रिंग रोड की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो आपने गाँव नगर अथवा जिले का नाम कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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