मुंबई बुलेट ट्रेन पर दौड़ेगी नयी भारतीय रेल भी – Mumbai Ahmedabad Bullet Train Project Update
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Mumbai Ahmedabad Bullet Train Project Update : भारत की पहली बुलेट ट्रेन की प्रतीक्षा हर किसी को है। यह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के ड्रीम रूट पर फर्राटा भरेगी। वर्तमान समय में इस संपूर्ण मार्ग पर तीव्र गति से कार्य संचालित है।
बता दें कि बुलेट ट्रेन परियोजना की कुल लंबाई 508 किलोमीटर है और परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है। इस परियोजना पर पूरा काम जापानी तकनीक से किया जा रहा है। अब तक परियोजना का 212 किमी वायाडक्ट कार्य पूरा हो चुका है, शेष कार्य प्रगति पर है। बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 345 किमी नींव में से 333 किमी का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 245 किमी में से 212 किमी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। गर्डर कास्टिंग का काम भी पूरा हो चुका है।
आइए जानते हैं विस्तार से, बता दें कि अहमदाबाद और मुंबई के बीच 12 बुलेट ट्रेन स्टेशन बनाए जाने हैं। इनमें गुजरात के वापी, बेलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती में स्टेशन बनाए जाएंगे। जबकि मुंबई, ठाणे, विरार में स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी स्टेशन स्थानीय थीम पर आधारित होंगे। सभी रेलवे स्टेशनों के फाउंडेशन का काम पूरा हो चुका है और दिसंबर 2025 तक सभी बुलेट ट्रेन स्टेशन बनकर तैयार हो जाएंगे।
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इस बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 100 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। गुजरात में सूरत और आनंद के पास ट्रैक निर्माण बेस की स्थापना के साथ 35000 मीट्रिक टन से अधिक रेल की खरीद की जा चुकी है। परियोजना और ट्रैक निर्माण मशीनरी के चार सेट खरीदे गए हैं, जिनमें पार, पूर्णा, मिंधोला, अंबिका, औरंगा, वेंगानिया, मोहर, धाधर, कोलक, वात्रक और कावेरी नदियों सहित 11 नदियों पर पुल सम्मिलित हैं।
बुलेट ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगी। इसकी अधिकतम गति 350 किमी प्रति घंटे तक होगी। सूरत और बेलीमोरा के बीच एक ट्रायल रन का लक्ष्य वर्ष 2026 में है। महत्वपूर्ण बात यह है कि परियोजना के लिए सभी सिविल और ट्रैक मशीनरी भारत में बनाई जा रही है। यही नहीं बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर जितनी तेजी से काम चल रहा है, उतनी ही तेजी से कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त आपको हम यह भी बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर अब तक 87.5 किलोमीटर की लंबाई में गाड़ी चलने से होने वाले शोर को कम करने के लिए करीब पौने दो लाख नॉइज बैरियर लगाए जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में नॉइज बैरियर्स लगाने का कार्य प्रगति पर है। गुजरात में 1,75,000 से अधिक नॉइज बैरियर लगाए जा चुके हैं। एक किलोमीटर की दूरी में वायाडक्ट के दोनों ओर लगभग 2000 नॉइज बैरियर लगाए गए हैं। नॉइज बैरियर के निर्माण के लिए सूरत, आणंद और अहमदाबाद में इस मॉड्यूलर तत्व के लिए तीन प्रीकास्ट फैक्ट्रीज स्थापित की गईं हैं।
इन नॉइज़ बैरियर्स को परिचालन के दौरान ट्रेन और सिविल संरचना से उत्पन्न होने वाले शोर को कम करने के लिए वायाडक्ट के दोनों ओर लगाया जा रहा हैं। नॉइज बैरियर्स रेल स्तर से 2 मीटर ऊंचे और 1 मीटर चौड़े कंक्रीट पैनल होते हैं। प्रत्येक नॉइज बैरियर का वजन लगभग 830-840 किलोग्राम होता है। यह ट्रेन द्वारा उत्पन्न वायुगतिकीय ध्वनि और वह ध्वनि जो ट्रेन के निचले हिस्से, मुख्य रूप से पटरियों पर चलने वाले पहियों द्वारा उत्पन्न होती है, उसे परवर्तित एवं वितरित करने में सहयोग प्रदान करते हैं।
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वहीं बात करें बुलेट ट्रेन स्टेशन की जिस नगर की जो विशेषताएं या पहचान है उसी थीम पर इन स्टेशन की डिजाइन तैयार की जा रही है। ताकि लोग इनसे जुड़ाव अनुभव कर सकें। वहीं स्थानीय लोग भी अपने नगरों गर्व कर सकें।
इस रेल कॉरिडोर के अंतर्गत बनने वाले सभी 12 स्टेशनों को अलग अलग डिजाइन पर तैयार किया जा रहा है। इन स्टेशनों की थीम की बात करें तो साबरमती में महात्मा गांधी का चरखा, आणंद में दूध और श्वेत क्रांति,अहमदाबाद में शहर की समृद्ध संस्कृति दिखाई जाएगी। स्टेशन पतंगों की डिजाइन से भी सजा होगा। बिलिमोरा में आम के बाग, वडोदरा में वट वृक्ष, सूरत में हीरे के आकार की झलक दिखाई देगी। भरूच स्टेशन को 150 साल पुरानी कला और इसके कलाकारों का सम्मान करते हुए कपास की बुनाई दिखाते हुए डिजाइन किया गया है। मुंबई स्टेशन में सागर की लहरें, जबकि विरार स्टेशन पर्वतीय हवाओं की तर्ज पर बनेगा। गुजरात में आठ स्टेशन और महाराष्ट्र में चार स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट जैसे बनाए जाने वाले बुलेट ट्रेन के सभी स्टेशन कुछ खास होंगे। बुलेट ट्रेन के सभी स्टेशनों को उस नगर की खूबियों को समेटते हुए इसलिए भी खास बनाया गया है ताकि यहां से जो भी यात्री आए-जाएं उन्हें नगर की खूबियों के बारे में भी जानकारी मिल सके। इसके लिए स्टेशनों में एक ओर नगरों के बारे में थोड़ी जानकारी भी दी जाएगी।
इन 12 स्टेशनों में केवल मुंबई स्टेशन अंडरग्राउंड बनाया जा रहा है। बाकी सभी 11 स्टेशन सामान्य स्टेशनों की प्रकार से ही होंगे। सभी स्टेशनों में मल्टीपल फैसिलिटी होंगी। जिनमें वेटिंग लाउंज, बेबी केयर रूम, रेस्ट रूम, साफ-सुथरे टायलेट, शॉप्स और बिजनेस लांउज समेत अन्य सुविधाएं दी जाएंगीं।
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इसके अतिरिक्त यह भी बता दें कि मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली हाई स्पीड ट्रेन (बुलेट ट्रेन) की पहली जापानी शिंकानसेन E5 ट्रेन के आने में कम से कम दो वर्ष लगेंगे। इसी बीच हाई स्पीड ट्रेन के नेटवर्क पर ही एक और ट्रेन का परीक्षण करने की बात हो रही है। इस ट्रेन की स्पीड 250 किमी प्रति घंटे की होगी, जिसका ट्रायल मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर पर होने की संभावना है।
वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों ने कहा कि पहले शिंकानसेन E5 के निर्माण आरंभ होने के दो वर्ष पश्चात आने की संभावना है। दूसरी ओर, NHSRCL सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनों को 250 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए भी सकारात्मक है। NHSRCL के अनुसार भविष्य में ऐसी पूरी संभावना है कि ये 250 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें भविष्य में प्रीमियम ट्रेनों जैसे राजधानी और शताब्दी को बदल देंगी। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने 5 सितंबर को दो चेयर-कार हाई-स्पीड ट्रेनों के निर्माण के लिए एक टेंडर जारी किया था। इन स्टेनलेस स्टील बॉडी वाली ट्रेनों की अधिकतम गति 280 किमी प्रति घंटा होगी और ऑपरेटिंग गति 250 किमी प्रति घंटा होगी।
वहीं जापानी शिंकानसेन E5 अर्थात बुलेट ट्रेन की संचालन गति 320 किमी प्रति घंटा, अनुमानित लागत प्रति ट्रेन 450 करोड़ रुपये होंगे तथा एक ट्रेन में कुल कोच 10 होंगें।
मित्रों हम आशा करते हैं कि आपको मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की जानकारी पसंद आई होगी, तो कमेंट बाॅक्स में अपने गांव अथवा जिला का नाम अवश्य लिखें एवं यदि कोई सुझाव हो वह भी बताएं।
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