मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन पर आई बड़ी खुशखबरी
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भारत में रेल यातायात को नई उड़ान देने की जबरदस्त तैयारी चल रही है। इसी कड़ी में देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (Mumbai Ahmedabad Bullet Train) से जुड़ी समस्त भारतवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train project) को लेकर वर्तमान की महाराष्ट्र सरकार अत्यंत तीव्रता के साथ कार्य कर रही है।
आपको हम बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने अधिकारियों को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य 30 सितंबर तक पूरा करने और प्रभावित लोगों को क्षतिपूर्ति देने का निर्देश भी दिया है। जो एक बड़ी बात है।
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बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर नरेंद्र मोदी सरकार की एक प्रमुख आधारभूत संरचना की परियोजना है जिसका उद्देश्य देश की वित्तीय राजधानी और गुजरात के वाणिज्यिक केंद्र के मध्य संपर्क में सुधार करना है। इस परियोजना पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के नवंबर 2019 में कार्यभार संभालने के पश्चात ही करोड़ों रुपये की लागत वाली इस परियोजना में बाधा उत्पन्न हुई खासकर महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण के काम में रुकावट आई थी।
परंतु इस वर्ष जून में राज्य में सरकार परिवर्तन के पश्चात भूमि अधिग्रहण परियोजना की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है।
बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पूरा होने के पश्चात दूसरे रूटों पर भी हाईस्पीड रेल परियोजना को आरंभ किया जाएगा। मुंबई से अहमदाबाद के मध्य 508 किमी की दूरी में कुल 12 स्टेशन होंगे जिनके नाम आपके स्क्रीन पर उपलब्ध हैं।
परियोजना की संक्षिप्त जानकारी हेतु बता दें कि हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलायी जाएगी। इसकी गति 320 किमी प्रति घंटे तक की होगी। ऐसे में दोनों नगरों के मध्य की दूरी मात्र तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार 10 हजार करोड़ रुपये, गुजरात सरकार 5 हजार करोड़ रुपये और महाराष्ट्र सरकार भी 5 हजार करोड़ रुपये नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) को भुगतान करेगी। शेष राशि जापान से 0.1 प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज के रूप में ली जाएगी।
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परियोजना में निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने से पहले हम आपको इस परियोजना के अंतर्गत महाराष्ट्र में आए अवरोधों की जानकारी देते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में अब हाई स्पीड ट्रेन प्रॉजेक्ट को गति मिलने की आशा है, क्योंकि केंद्र द्वारा वन विभाग से जुड़ी भूमि पर काम करने की सभी स्वीकृतियां मिल चुकी हैं। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा महाराष्ट्र में वन विभाग की 95.85 हेक्टेयर भूमि पर कार्य करने की अनुमति मिल चुकी है। यदि वन विभाग की भूमि को छोड़ दें, तो नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआरसीएल) के पास महाराष्ट्र में 42 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। ये भूमि लगभग 182 हेक्टेयर है।
आपको हम बता दें कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रॉजेक्ट के लिए केंद्र द्वारा अंतिम स्वीकृति मिलने के पश्चात अब महाराष्ट्र राज्य की वन्य भूमि को सामान्य भूमि में परिवर्तित कर दिया गया है। जिसके पश्चात यह भूमि एनएचआरसीएल को मिलनी है। इस स्वीकृति के पश्चात अब महाराष्ट्र में लगभग 300 हेक्टेयर भूमि एनएचआरसीएल को मिल चुकी है, जो लगभग 75 प्रतिशत है।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि एनएचआरसीएल को महाराष्ट्र में 433.82 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिसमें 80 प्रतिशत भूमि की डील हो चुकी है। इसमें से 75 प्रतिशत तो एनएचआरसीएल को मिल चुकी है। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होने के पश्चात मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन पर तीव्र गति से कार्य हुआ है। महाविकास आघाडी सरकार के समयावधि में भूमि अधिग्रहण का काम अटका हुआ था।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि मुंबई के बीकेसी में बुलेट ट्रेन के लिए टर्मिनस स्टेशन बनना है। इसकी 4 हेक्टेयर भूमि बनने के पश्चात अब स्टेशन की डिजाइन और निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगाए जा रहे हैं। ये बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का एक अंडरग्राउंड स्टेशन होगा। बीकेसी की 4.2 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार द्वारा शर्तों के साथ एनएचआरसीएल को 2018 में दी गई थी। महाराष्ट्र सरकार के अनुसार सितंबर के अंत तक बीकेसी की भूमि एनएचआरसीएल को सौंप दी जाएगी। इस भूमि पर कोविड सेंटर बना था, जिसे हटाया गया है।
मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी देने हेतु आपको बता दें कि अब तकभूमि अधिग्रहण में
1) गुजरात: 98.8%
2) डीएनएच: 100%
3) महाराष्ट्र: 75.25% हो चुका है
तथा निर्माण कार्यों की प्रगति में
1) 165 किमी पाइलिंग का काम पूरा
2) 80 किमी घाट का काम पूरा
3) साबरमती में पैसेंजर टर्मिनल हब का कार्य भी पूरा होने वाला है।
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महत्वपूर्ण यह है कि मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर मानसून में भी बिना रुके सैकड़ों कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। एनएचएसआरसीएल के अनुसार 40 मीटर फुल-स्पैन गर्डर कास्टिंग सेटअप के शीर्ष पर चल रेन शेड का उपयोग किया जा रहा है, ताकि मानसून में काम बिना अवरोध के जारी रह सके।
बता दें कि गुजरात और दादर नगर हवेली के आठ जिलों से गुजरने वाली पूरी लाइन पर निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। वापी से साबरमती तक आठ एचएसआर स्टेशनों पर भी विभिन्न चरणों में निर्माण कार्य संचालित हैं।
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के पाइल कास्ट कवर की लंबाई 170 किमी, 95 किमी से अधिक की नींव और 85 किमी की लंबाई में पियर्स का निर्माण किया गया है। लगभग 10 किमी से अधिक क्षेत्र में गर्डर डाले गए हैं और 3 किमी वायडक्ट बनकर तैयार हो गए हैं। प्रोजेक्ट में नर्मदा, ताप्ती, माही और साबरमती जैसी महत्वपूर्ण नदियों पर पुल का कार्य भी प्रगति पर है।
महत्वपूर्ण है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 508.17 किलोमीटर का है। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 14 सितंबर 2017 को पीएम नरेन्द्र मोदी और तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) द्वारा रखी गई थी। 1.10 लाख करोड़ रुपये की परियोजना के 2022 तक पूरा होने की आशा थी, परंतु इसे भूमि अधिग्रहण बाधाओं का सामना करना पड़ा।
वहीं यदि इस बुलेट ट्रेन के किराए की जानकारी दें तो आपको हम बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया था कि सरकार की ओर से यात्री सुविधाओं पर लगातार काम किया जा रहा है। इसके परिणाम भी आने आरंभ हो गए हैं। इस समयावधि में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन के किराये पर इशारा दिया। हालांकि उन्होंने कहा था किराये पर अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है। परंतु यह लोगों की पहुंच में ही होगा।
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उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन के किराये के लिए फर्स्ट एसी को आधार बनाया जा रहा है, जो बहुत अधिक नहीं है। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बुलेट ट्रेन का किराया फर्स्ट एसी के बराबर होगा। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि बुलेट ट्रेन का किराया फ्लाइट फेयर से कम होगा और इसमें सुविधाएं अच्छी मिलेंगी। हालांकि उन्होंने यह कहा कि प्रोजेक्ट पूरा होने के पश्चात ही किराये को फाइनली तय किया जाएगा।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई भारत सरकार की महत्वाकांक्षी और सबसे बड़ी परियोजना मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की जानकारी आपको पसंद आई हो तो अपने गांव अथवा जिला का नाम कमेंट बॉक्स।
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