भारत का सबसे गतिमान एक्सप्रेसवे अब होगा जनता को समर्पित
Getting your Trinity Audio player ready...
|
क्षत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र के सबसे महत्वकांक्षी परियोजना मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे (Mumbai Nagpur Expressway) 701 किमी लंबा और छह लेन का ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे है। एक्सप्रेसवे को आधिकारिक तौर पर हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग (Maharashtra Samruddhi Mahamarg) के रूप में जाना जाता है। यह लगभग 390 गांवों से गुजरता है और महाराष्ट्र के दस जिलों को पार करता है। यह मुंबई और नागपुर के मध्य यात्रा के समय को काफी कम कर देगा।
इस समृद्धि महामार्ग ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना के काल चक्र की जानकारी देने हेतु बता दें कि इसकी घोषणा 2015 में की गई थी, और भूमि अधिग्रहण 2017 में आरंभ हुआ था। एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2018 में मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे की नींव रखी थी।
Also Read
PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट वाराणसी रोपवे में अब भूमि अधिग्रहण
दिल्ली वाराणसी बुलेट ट्रेन पर आई दोहरी खुशखबरी
अधिक जानकारी हेतु बता दें कि महाराष्ट्र के विदर्भ की समृद्धि को बढ़ाने के लिए वर्ष 2015 में समृद्धि महामार्ग बनाने की घोषणा की गई थी तब प्रोजेक्ट को लेकर लोग उत्साह से भर गए थे। 36 माह में इसके निर्माण को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था। तथा इसकी लागत तब 30-35 हजार करोड़ आंकी गई थी। भूमि अधिग्रहण हुआ। निर्माण कार्य भी चला परंतु निर्माण कार्य की चाल कछुआ गति से होने लगी। जहां लोगों की अपेक्षाएं धुमिल हुई वहीं प्रोजेक्ट लागत बढ़कर अब 55,000 करोड़ तक पहुंच गया है। समृद्धि महामार्ग के उद्घाटन करने की घोषणा कई बार हो चुकी है और हर बार फेल भी हुई है।
आगे की जानकारी देने हेतु बता दें कि यह मार्ग 701 किलोमीटर लंबा है। तथा इस एक्सप्रेसवे की चौड़ाई 120 मीटर है। परंतु यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि इस 120 मीटर में से एक ओर के मार्ग की चौड़ाई है लगभग 15 मीटर तथा 15 मीटर के पश्चात पुनः दूसरी ओर का मार्ग 15 मीटर का बना है। शेष चौड़ाई ढलान व अन्य आवश्यकताओं के लिए है। यहां पर हम आपको यह भी बता दें कि वर्तमान में यह समृद्धि महामार्ग 6 लेन के अनुसार बन रहा है परंतु 8 लेन तक भविष्य में इसकी आवश्यकता अनुसार विस्तार किया जा सकता है।
आपको हम बता दें कि इस महामार्ग की कुछ विशेषताएं हैं जो इसको विशिष्ट बनाती हैं और वो यह है कि इस समृद्धि महामार्ग को 150 किमी प्रति घंटे की शीर्ष गति के अनुसार डिज़ाइन किया गया है।
यह एक्सप्रेसवे नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम, बुलढाणा, औरंगाबाद, जालना, अहमदनगर, नासिक और ठाणे जिलों को आपस जोड़ता है।
इसका मार्ग 3 वन्यजीव अभ्यारण्यों से होकर गुजरता है। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कई ओवरपास, अंडरपास और ऊंची पुलिया बनाई जा रही है जिनमें से अधिकांश बन चुकी हैं।
एक्सप्रेसवे में वर्धा नदी पर 310 मीटर का पुल है। इसके अतिरिक्त 33 प्रमुख पुल, 274 छोटे पुल, 65 पुल / फ्लाईओवर और पश्चिमी घाट के माध्यम से छह सुरंगें हैं। सबसे लंबी सुरंग कसारा घाट, इगतपुरी में है।
अब हम यदि आपको इस समृद्धि महामार्ग के निर्माण कार्य की जानकारी दें तो बता दें कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को 16 विभिन्न पैकेजों में विभाजित कर निर्माण कार्य संचालित है जिसमें की मेधा इंजीनियरिंग, एफ्कांस इंफ्रास्ट्रक्चर, एनसीसी, ऐपको इंफ्राटेक, रिलायंस इंफ्रा, लार्सन एंड टूब्रो, गायत्री प्रोजेक्ट्स व दिलीप बिल्डकॉन जैसे कई बड़ी कंपनियां इसका निर्माण कार्य कर रही है।
इसके अतिरिक्त अब यदि हम आपको इस समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य की वर्तमान परिस्थिति की जानकारी दें तो बता दें कि लैंड एक्विजिशन लगभग 91% हो चुका है तथा स्वयं फीलिंग लगभग 60% के ऊपर इसके अतिरिक्त अगर संरचनाओं के निर्माण की जानकारी दें तो बता दें कि 1699 में से 1286 संरचनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
Also Read
अयोध्या के श्री राम मंदिर में अत्यंत सुन्दर हो रहा है महापीठ का निर्माण
श्री कृष्ण के भक्तों को बड़ी सौगात- जगन्नाथ पूरी हेरिटेज प्रोजेक्ट
इस प्रोजेक्ट का शिर्डी तक का काम तीव्र गति से चल रहा है। कई पैच में कार्य पूर्ण भी हो चुके हैं। अमरावती रेंज का काम लगभग पूरा हो चुका है और फिनिशिंग टच दी जा रही है, वही अकोला रेंज व नागपुर रेंज के काम में विलंब होना सभी को आश्चर्य में डालता है।
आपको हम यह भी बता दें कि इस परियोजना में कुल 12.68 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। जिसमें से छोटे छोटे पौधे और झाड़ियाँ भी होंगी। यही नहीं 150 किलोमीटर तक की गति से यातायात का अनुभव करने के लिए आपको टोल टैक्स भी देना होगा। और टोल टैक्स कलेक्ट करने के लिए इस एक्सप्रेसवे पर 26 टोल नाकों का निर्माण भी किया गया है। जहां पर आपको टोल शुल्क का भुगतान करना होगा।
इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि इस परियोजना की इंप्लीमेंटिंग एजेंसी है महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) तथा इस परियोजना का निर्माण : ईपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) के माॅडल पर किया गया है।
इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी, और यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करेगी। एक्सप्रेसवे मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) और नागपुर (मिहान) में मल्टीमॉडल इंटरनेशनल हब एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
आपको यदि इस एक्सप्रेसवे के उद्घाटन की जानकारी दें तो बता दें कि नागपुर और शेलू बाजार, वाशिम जिले के बीच चलने वाले मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे का 210 किमी लंबा खंड सबसे पहले मई, 2022 में ही अन ऑफिशियली चालू हो गया। एक और खंड जो 310 किमी लंबा है और शेलू बाजार से शिरडी तक चलता है, अगस्त 2022 में खुलने की आशा तो थी परंतु नहीं हो सकी है एवं कोई नवीन तिथी भी निर्धारित नहीं हुई है।
परंतु हम आपको बता दें कि पूर्ण रुप से मुंबई से लेकर के नागपुर तक का यह एक्सप्रेसवे मार्ग संभावित है कि अगले वर्ष अर्थात वर्ष 2023 में किसी भी समय पूर्ण करके उद्घाटित कर दिया जाएगा तथा वर्तमान समय में इस एक्सप्रेसवे का समग्र रुप से निर्माण 85% से अधिक हो चुका है।
महत्वपूर्ण है कि यह समृद्धि महामार्ग शिरडी, वेरुल, लोनार, अजंता आदि में पर्यटन को बढ़ावा देगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के साथ नए नगरों का विकास भी होगा। ये नगर औद्योगिक उत्पादन, वाणिज्यिक सुविधाओं और व्यापार को बढ़ावा देंगे। नवीन कृषि आधारित उद्योग स्थापित भी हो रहे हैं। तथा सबसे महत्वपूर्ण मुंबई और नागपुर के मध्य यात्रा का समय घटाकर 8 घंटे हो जाएगा, जो कि वर्तमान में इसमें 16 घंटे लगते हैं।
मित्रों यदि उपरोक्त दी हुई समृद्धि महामार्ग परियोजना की जानकारी आपको पसंद आई हो तो कमेंट बाॅक्स में हर हर महादेव अवश्य लिखें।
अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें: