Exclusive: काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का द्वितीय चरण ले रहा है आकार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नव्य-दिव्य स्वरूप के भव्य लोकार्पण के पश्चात अति शीघ्र अब काशीवासियों तथा समस्त शिव भक्तों को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के द्वितीय चरण की सौगात मिलने वाली है।

काशी में भगवान विश्‍वनाथ का भव्‍य धाम बनकर तैयार हो गया है। अब बाबा धाम में आस्‍था का सागर नियमित उमड़ रहा है। जितनी संख्या कभी शिवरात्रि अथवा सावन माह में हुआ करती थी उससे भी अधिक अब प्रतिदिन देखने को मिलती है।

आपको हम विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के गंगा छोर पर बन रहे भव्य गंगा द्वार के Super Exclusive दृश्य दिखाते हुए बता दें की बाबा धाम में आस्था के जनसैलाब को देखते हुए,
उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल रविवार की दोपहर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। प्रदेश के दोनों उच्चाधिकारियों ने सबसे पहले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन पूजन किया। फिर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था और उनके आवागमन की जानकारी ली।

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मुख्य सचिव ने कहा कि पहले विश्वनाथ मंदिर आने के लिए कई गलियां हुआ करती थीं, परंतु अब यह परिसर काफी बड़ा हो गया है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को भी उसी प्रकार से व्यवस्थित किया जाना चाहिए। ऐसे में पुलिस और मंदिर प्रशासन साथ मिलकर एक व्यवस्थित रूपरेखा तैयार करें, ताकि श्रद्धालुओं को आने जाने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो। डीजीपी ने कहा कि पहले के सुरक्षा प्लान में अब परिवर्तन की आवश्यकता है इसलिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को सम्मिलित करते हुए एक नया रिवाइज प्लान तैयार करने और उसको पालन कराने की आवश्यकता है।

बता दें की काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पश्चात देश भर से श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है। शासन ने मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भीड़ प्रबंधन व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत अब मंदिर में झांकी दर्शन की व्यवस्था को स्थायी तौर पर लागू करने की तैयारी की जा रही है।

अधिक जानकारी के लिए बता दें की 13 दिसंबर अर्थात प्रधानमंत्री द्वारा भव्य उद्घाटन के पश्चात 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा धाम में हाजिरी लगाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ धाम में छह जनवरी को निरीक्षण के समयावधि भीड़ के व्यवस्था का निरीक्षण किया था। उन्होंने अधिकारियों से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भीड़ प्रबंधन का  व्यवस्था करने का निर्देश दिया था।

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इसके पश्चात मंदिर प्रशासन ने लगातार उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए बाबा के स्पर्श और गर्भगृह में प्रवेश पर स्थायी रोक पर विचार कर रहा है। इसके अंतर्गत अब भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन कराया जाएगा और जलाभिषेक के लिए गर्भगृह के पास विशेष पात्र लगाए जाएंगे। झांकी दर्शन के लिए शासन से अनुमति के लिए प्रस्ताव भी तैयार किया गया है।  मंदिर प्रशासन भक्तों के भार को देखते हुए इस व्यवस्था को स्थायी तौर पर लागू करने की तैयारी में है।

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अधिकारियों की मानें तो काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पश्चात सामान्य दिनों से पांच से आठ गुना अधिक भक्त पहुंच रहे हैं। फरवरी में पूरी तरह धाम खुलने के पश्चात निश्चित ही यह संख्या और बढ़ जाएगी।

बता दें की 1 जनवरी अर्थात नव वर्ष के का पहले दिन काशी के स्थानीय प्रशासन को चकित कर जाने वाला दिन था। वर्ष के पहले दिन 5 लाख श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे। वाराणसी प्रशासन के लिए ये अभूतपूर्व संख्या थी। उन्हें आशा थी कि बहुत अधिक भीड़ उमड़ी तो भी ये संख्या 1 लाख से अधिक नहीं बढ़ेगी। यहां तक कि महाशिवरात्रि के दिन जब लोगों का आना थम नहीं रहा था तब विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या ढाई लाख तक पहुंची थी। परंतु पहली जनवरी को पांच लाख से अधिक भक्तों ने बाबा के दर्शन किये थे और दो जनवरी को यह आंकड़ा दो लाख का था।

वाराणसी प्रशासन जनता है कि बिना किसी पर्व त्योहार के इतनी भीड़ का काशी विश्वनाथ धाम आना ये सिद्ध करता है कि पीएम मोदी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महादेव के जलाभिषेक ने देश भर में एक उत्साह जगा दिया है। इस लिए स्थानीय प्रशासन भक्तों से विशेष कर वीआईपी से बार-बार यही निवेदन कर रहा है कि अपनी काशी विश्वनाथ धाम की यात्रा को थोड़े समय के बाद करें, ताकि अभी उन्हें भीड़ को व्यवस्थित करने में थोड़ी सरलता हो जाए।

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साफ है कि आने वाले दिनों में भी प्रशासन को और चौकस रहना पड़ेगा, क्योंकि पीएम मोदी के काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के उद्घाटन ने ऐसी जनभावना जगाई है, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आना थमने वाला नहीं है।

इसके अतिरिक्त बता दें की श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण में कुल 23 भवनों का उद्घाटन किया गया है। इनकी सहायता से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिनमें यात्री सुविधा केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, सिटी म्यूजियम, व्यूइंग गैलरी और फूड कोर्ट सम्मिलित हैं।

Ganga Gate

वाराणसी के लोगों व समस्त शिव भक्तों को ये बात सुनकर अत्यंत गर्व की अनुभूति होगी कि जहां पहले मंदिर परिसर लगभग 3000 वर्ग फुट तक ही सीमित था, अब उसे इस प्रोजेक्ट की सहायता से लगभग 5 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में परिवर्तित कर दिया गया है।

यह भी बता दें की इस प्रोजेक्ट में मुख्य मंदिर के आसपास की 300 से अधिक संपत्तियों की खरीद और अधिग्रहण सम्मिलित है। तथा पीएम कार्यालय के अनुसार, लगभग 1,400 दुकानदारों, किरायदारों और मकान मालिकों को सौहार्दपूर्ण ढंग से स्थानांतरित किया गया है। जिसके पश्चात श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का वर्तमान स्वरूप दिख रहा है।

बता दें की 5 लाख वर्ग फुट के एक बड़े परिसर में बनाए गए इस कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है। इसमें 4 बड़े गेट हैं और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं, जिसमें काशी की महिमा के बारे में बताया गया है।

यह भी बता दें की श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के दूसरे चरण के प्रोजेक्ट का काम 70 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। पीएसपी के इंजीनियरों की मानें तो एक माह में इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके पश्चात श्रद्धालु काशी की पंरपरानुसार गंगा स्नान के पश्चात सीधे बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे।

अब यदि काशी विश्वनाथ धाम के घाट निर्माण कार्य बात करें तो सीढ़ियां बनाने के लिए स्लैब बनाया जा चुका है। तथा सीढ़ियों का स्टेप बनाना जा रहा है। ललिता घाट की ओर गंगा नदी में सीढ़ीयों का निर्माण तीव्र गति से संचालित है लाल पत्थर के चौक लग चुके हैं तथा सीढ़ी के स्टेप के लिए मोटे मोटे पत्थरों को लगाया जा रहा है तथा यहीं पर क्रेन व मशीन की सहायता से निर्माण कार्य से जुड़ी वस्तुओं को उतारने का कार्य इस समय हो रहा है। जैसे ही यह स्टेप बनकर पूरा होगा उसके पश्चात गंगा के रास्ते 80 सीढ़ियों को पार कर श्रद्धालु सीधे बाबा धाम में पहुंचेंगे। संभावित है कि इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

वर्तमान में गंगा द्वार के रास्ते अभी श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन के लिए गंगा से गंगा द्वार तक अस्थाई रास्ता बनाया गया था जिस पर अभी काम चल रहा है।

बता दें की धाम के लोकार्पण से पहले दिन-रात शिफ्टों में काम रहे श्रमिकों को कंपनी ने एक सप्ताह की छुट्टी दी थी। तथा अब पुनः तीव्र गति के साथ कार्य संचालित है जिसकी Exclusive दृश्य आपके समक्ष प्रस्तुत है।

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बता दें की सन् 1669 में औरंगजेब के आदेश के पश्चात मुगल सेना ने हमला कर आदि विशेश्वर का मंदिर ध्वस्त किया था। मुगल हमले के पश्चात पुजारियों ने ज्ञानवापी परिसर के बगल में दोबारा शिवलिंग की स्थापना कर पूजा पाठ आरंभ किया। तथा वर्तमान के काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होलकर ने सन् 1780 में कराया था जिनकी प्रतीमा गंगा द्वार के भीतर लगाई गई है। एवं आज भगवान श्री काशी विश्वनाथ धाम में पुनः अपने भव्यतम स्वरूप में विश्व के समक्ष प्रस्तुत हैं जो की माननीय प्रधानमंत्री के परिकल्पना का निर्माण है।

मित्रों यदि आपको उपरोक्त हुई काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो हर हर महादेव कमेंट बाॅक्स में अवश्य लिखें।

अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें:

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